Vasna Aur Sex me Sirf Chut Chudai ka Rishta Hai

प्यारे दोस्तो, आज आपके लिए पेश है मामा भांजी के सेक्स की एक काल्पनिक कहानी जो सिर्फ आपके मज़े के लिए लिखी गई है।

मेरा नाम संजय सिंह है, लखनऊ में रहता हूँ। हम 6 भाई बहन हैं, सबसे बड़ी बहन दिल्ली में रहती हैं, मैं सबसे छोटा हूँ।
बड़ी दीदी की शादी जब हुई तो मैं सिर्फ एक साल का था। दो साल बाद दीदी के भी एक बेटी हुई, नाम रखा प्रिया।
प्रिया मुझसे सिर्फ तीन साल छोटी थी, बचपन में हम साथ खेले, बड़े हुये, मगर फिर भी हम दोनों में वो मामा भांजी वाला फर्क हमेशा रहा।
बेशक वो मुझे नाम लेकर ही बुलाती थी, मगर मैंने इस बात का कभी भी बुरा नहीं माना।

पढ़ाई पूरी करके मैंने अपना काम धंधा ढूंढना शुरू किया मगर कोई नौकरी नहीं मिल पा रही थी।
एक बार दीदी जीजाजी हमारे पास आए तो बोले- तुम दिल्ली आ जाओ, वहाँ कोई काम ढूंढ देंगे।
मैं उनके साथ अपना सामान लेकर दिल्ली चला आया।

23-24 साल के नौजवान जो पढ़ाई में कुछ खास नहीं था, उसके लिए क्या नौकरी हो सकती थी, जो मिल रही थी उस से मैं खुश नहीं नहीं था।
खैर ऐसे ही वक़्त बीतता रहा, 6 महीने हो गए मगर मुझे कोई काम न मिला इस लिए दीदी के कहने पर घर के ही बहुत सारे काम करता रहता था।

एक दिन दीदी ने कहा- ऊपर वाले कमरे की पड़छत्ती साफ करनी है।
मैं ऊपर वाले कमरे में गया, यह कमरा प्रिया अपनी पढ़ाई के लिए इस्तेमाल करती थी।
अब क्योंकि उसकी छुट्टियाँ थी तो इस कमरे में कोई भी आता जाता नहीं था।

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कमरे में एक डबल बेड, मेज़ कुर्सी लगी थी, साथ में एक बाथरूम भी अटैच था।
बेड के बिल्कुल सामने ऊपर कमरे के अंदर ही एक और लेंटर डाल कर पड़छत्ती बना रखी थी जिसमें घर का काफ़ी पुराना सामान भरा पड़ा था, पड़छत्ती के सामने एक पुरानी साड़ी लगा रखी थी पर्दे के लिए, मगर साड़ी थी पतली सी थी तो उसमें से भी आर पार दिखता था, मगर इस ऊपर वाले कमरे में प्रिया के सिवा कोई आता ही नहीं था।

मैं ऊपर कमरे में गया और पड़छत्ती पे चढ़ गया, पहले तो मैंने इधर उधर देखा, सारा पुराना बेकार समान ठूँसा हुआ था।
उसी सामान में मुझे एक किताब मिली, कहानियों की किताब, जैसी कहानी आप यह वाली पढ़ रहे हैं, वैसी वाली कहानियों की किताब। मैंने सोचा क्या यह किताब प्रिया पढ़ती होगी? ऊपर यहाँ यह किताब आई कैसे?

मगर फिर मैंने सोचा पढ़ती है तो पढ़े… अब वो भी जवान है, हो सकता है यह किताब पढ़ के वो हाथ से करती हो।
फिर सोचा, चल छोड़ जो मर्ज़ी करे, अपना मज़ा तो ले, और वैसे भी कौन सा काम करने की जल्दी है, क्यों न थोड़ी देर किताब पढ़ के मज़ा लिया जाए।

मैंने किताब को उलट पुलट कर देखा, उसमें बहुत सारी नंगी तस्वीरें भी थी, मगर थी सब अंग्रेज़ी। गोरी चिट्टी मेमें और गोरे, सब के सब साले नंगे, कोई गान्ड मार रहा है, कोई चूत चोद रहा है, कोई लंड चूस रही है तो कोई कुछ।
मैंने पहले तो तस्वीरें देखी, फिर कहानी पढ़नी शुरू की।
कहानी में मज़ा आया तो अपना लंड भी सहलाना शुरू कर दिया, और बस लिंग देव भी तन कर अकड़ गया।

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अभी मैं कहानी पढ़ ही रहा था कि तभी कमरे का दरवाजा खुला और प्रिया अंदर आ गई।
उसने अपनी नाइट ड्रेस ही पहनी थी, सफ़ेद टी शर्ट और सलवार!
कमरे में आ कर उसने कुंडी लगा ली और अपनी सलवार का नाड़ा खोल कर सलवार उतार दी और कोई गाना गुनगुनाते हुये बाथरूम में घुस गई।

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