Vasna Aur Sex me Sirf Chut Chudai ka Rishta Hai

अब वक़्त था जब मैं अपने आप को उसके सामने प्रकट कर सकता था मगर इसकी नौबत ही नहीं आई।
अचानक उसका ध्यान ऊपर चला गया, उसने मुझे पतले से पर्दे के पीछे बैठा देख लिया।

मगर वो डरी नहीं, घबराई नहीं, वो उठा कर खड़ी हुई और पर्दा हटा कर बोली- संजू, तुम यहाँ क्या कर रहे हो?
मैं थोड़ा हकला कर बोला- वो जीजी ने सफाई के लिए कहा था, तो…
‘तो क्या?’ वो बोली- नीचे उतरो।

मैंने एक बात और नोटिस की के वो चाहे बेड के ऊपर बिल्कुल नंगी खड़ी थी मगर वो नंगी होने के बावजूद बड़े आराम से खड़ी थी, ऐसे खड़ी थी जैसे मेरे सामने नंगी होने से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता।
मैं नीचे उतरने लगा तो मेरे खुले पाजामे में उसने मेरा तना हुआ लंड भी देख लिया।

नीचे उतर कर मैं उसके सामने ही खड़ा हो गया और अपना पाजामा मैंने जानबूझ कर अपने हाथ से छोड़ दिया। मेरा पाजामा नीचे गिरा तो तना हुआ लंड एकदम से उसके सामने प्रकट हो गया।
वो बेड पे खड़ी मुझे देख रही थी और मैं नीचे खड़ा उसे नंगी को देखा रहा था।
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दोनों के दिल में तूफान, दोनों के दिल में कशमकश, तूफान सेक्स का और कशमकश रिश्ते की कि रिश्ता रखा जाए या तोड़ दिया जाए। फिर न जाने क्या हुआ, हम दोनों एक दूसरे की तरफ बढ़े और एक दूसरे से चिपट गए।
करीब एक मिनट हम एक दूसरे से लिपटे रहे, कस के, जैसे एक दूसरे में समा जाना चाहते हों, फिर हम दोनों ने अपनी अपनी गर्दनें पीछे की एक दूसरे की आँखों में देखा, मेरा तना हुआ लंड उसके पेट से सटा हुआ था और मेरे आँड उसकी चूत को छू रहे थे, मैंने आगे बढ़ कर उसके होंठ अपने होठों में ले लिए, मैंने चूसे तो उसने भी सहयोग दिया।

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दोनों एक दूसरे के होंठ चूसते रहे, एक दूसरे का चेहरा चूमते रहे, फिर प्रिया ने अपनी पतली सी जीभ बाहर निकाल कर मेरी तरफ बढ़ाई, मैंने उसे अपने मुँह में ले लिया और चूसा, वैसे ही उसने भी मेरी जीभ चूसी।
वो मुझे चूमते चूमते खींच कर बेड पे ले गई और मेरी भी कमीज़ बानियान उतार दी, नीचे लेट कर उसने अपनी टांगें फैला दी और मुझे अपनी टाँगों की गिरफ्त में ले लिया।

मैंने उसके दोनों चूचे अपने हाथों में पकड़ के दबाये, बहुत ही कोमल, मुलायम चूचे थे।
मैंने उसके हल्के भूरे गुलाबी से निप्पल भी अपने मुँह में लेकर चूसे, तो प्रिया के मुख से सिसकारियाँ निकल गई- उफ़्फ़ संजू, ऐसे मत करो, मैं मर जाऊँगी, चूची चुसवाने में तो मेरी जान निकल जाती है।

मगर मैंने उसे तड़पाने के लिए और ज़ोर से उसकी चूची चूसी और काटा भी, फिर नीचे कमर पे भी अपनी जीभ और होंठों से उसके बहुत सी गुदगुदी की।
वो बहुत खिलखिला के हंस रही थी और तड़प भी रही थी।

फिर मैंने अपना लंड अपने हाथ से उसकी चूत पे सेट किया, उसने अपने दोनों हाथ मेरी कमर पे रखे और मैंने थोड़ा सा ज़ोर लगाया, मेरे लंड का सुपारा उसकी चूत में समा गया।
‘पहले कभी कुछ लिया है क्या?’ मैंने पूछा क्योंकि मुझे लगता था कि अगर पहले से न चुदी हुई तो इसे दर्द होगा।
वो बोली- बस एक लंड छोड़ के सब लिया है, तभी तो इतने आराम से गया।

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