सहेली सीमा की मस्त चुदाई ट्रेन से होटेल तक

मेरा नाम सुदीप है. वडिषा के भुबनेस्वर मैं रहता हू. मैं 36 साल का साधी सुधा हूँ. मेरा गर्ल फ्रेंड का नाम सीमा है. वो मॅरीड है. उनकी हाइट 5.6 इंच, फिगर 34, 28, 32 है. उसकी 2 बचे भी है, और सरकारी स्कूल टीचर है. मई एक प्राइवेट कंपनी मई जॉब करता हूँ.

हम दोनो एक ही क्लास मैं पड़ते थे और हम दोनो बहुत आचे दोस्त भी थे. हम दोनो एक दूसरेको बहुत प्यार करते थे मगर दोस्ती टूट ना जाए इश्स डारसे हम एक दूसरएसे प्यार का इज़हार नही कर पाए थे.

ये तो लंबी कहानी है. कॉलेज के बाद उसकी साधी होगआय फिर कुछ साल बाद मेरा साधी होगआया. हम आप ने अपने लाइफ मैं खुश थे. मगर मेरा एक ही अफ़सोस था की मैं कभी उसको छोड़ नही पाया. हम सिर्फ़ फोन कॉंटॅक्ट मैं थे.

ये कहानी आज से 2 साल पहले की है जब मैं ऑफीस की काम से हयदेराबाद जेया रहा था. हयद्राबाद तो बहाना था गर्ल फ्रेंड को मिलने का चान्स जो मिल रहा था.

हम दोनो एक दिन फोन से बात करते करते वो बोली की हयदेराबाद मैं उसकी बेड की एग्ज़ॅम है और वो एक हफ्ते के लिए हयदेराबाद जाएगी. वो प्राइमरी स्कूल टीचर थी. बेड के बाद हाइ स्कूल टीचर बंजाएगी.

उसकी हज़्बेंड की ऑफीस की काम के बजे से वो सीमा के साथ नही जाएँगे. सीमा अकेली जेया रही थी. मेरे मान मैं लादू फूटा, अगर ये चान्स मिस कर दूँगा तो फिर कभी नही मिलेगा. मैं प्लान बनाया.

ऑफीस से पर्सनल प्राब्लम बहाना बनके लीव लेलिया और घर्मे बोला की ऑफीस की काम से हयदेराबाद कराची हूँ. मैं गर्लफ्रेंड को मेरे प्लान के बारे मैं बताया तो वो भी खुश हो गया और बोली बहुत दिन बाद मिलेंगे.

वो बालासोरे में रहती थी और मैं भुबनेस्वर से. गर्लफ्रेंड पहेले से ही अपनी ट्रेन टिकेट्स बुक कर्लति स्लीपर्स मैं. गर्मी की सीज़न था इसीलिए मैं एसी मेी टिकेट ले लिया. 3आ में टिकेट्स अवेलबल नही था मगर फर्स्ट क्लास एसी मैं मिल गया कन्फर्म टिकेट.

गर्लफ्रेंड बालासोरे से सुबा 11 बजे ट्रेन मैं बेती और मैं 3 बजे भुबनेस्वर से. भुबनेस्वर मैं हम दोनो मिले और उसको देखते ही मैं हेरान हो गया. पहले से ज़्यादा सेक्सी और हॉट लग रही थी.

बड़े बड़े चुचि और उसकी गोलाबी रसीली लिप्स को देख के तो मेरा पापु अंदर से ही छत पता ने लगा. दो बॉच की मा कोई नही बोलेगा उसको देख के. मैं उसकी तारीफ किया तो वो बोली इतना दिन के बाद मेरी सबसे खास दोस्त और मेरी जान से मिलूंगी.

तो पार्लर से टुमरे लिए इतना सिंगर होके आया हूँ. तुम भी तो पहले से ज़्यादा हंडसों लग रहे हो. मैं बोला ह्म तुमसे मिलूँगा तो तोड़ा तो बनता है. ऐसे कुछ देर बात करते करते साम को 5 बाज चुकी थी.

मेरा 1स्ट्रीट क्लास एसी का साइड लोवर सीट था और काउच मैं बहुत सीट्स खाली था. मेरे बगल वाला सीट भी खाली था तो मेरे मान मैं लादू फूटा. और सोचने लगा मेरा अधूरा प्यासा दिल को आज शांत करूँगा आज.

मैं सीमा से बोला तुम इतनी गर्मी मैं स्लीपर मैं मत जाओ. मैं त्क से बात करके उपेर बर्त तुम्हे दिला देता हूँ. तो मैं त्क के पास जाके उसकी स्लीपर टिकेट्स दिखके एक्सट्रा चार्जस देके मेरा सीट का साइड उपेर वाला सीट उसके लिए कन्फर्म करा लिया.

सीट में स्क्रीन तनदिए और मैं उससे चिपक के बेत गया और उसकी गाल मैं एक किस दे दिया. किस देते ही वो बोली क्या बात है कॉलेज के टाइम इतना हिम्मत अगर दिखाते तो आज मैं तुम्हारी होती.

मैं बोला कोई बात नही अभी मेरी बंजाओ. उसको कासके पकड़ लिया और लीप तो लीप एक दूसरे को स्मूच करने लगे. धीरे धीरे हम गरम होने लगे और मैं उसकी बूब्स को दबाने लगा.

उसके बूब्स इतना सॉफ्ट था की उसको देखने को इचा हुआ. वो सारी पहनी थी तो उसकी ब्लाउस और ब्रा को तुरंत उपर करके दोनो बूब्स को बाहर निकल दिए.

उसके सफेद बूब्स और ब्राउन निपल देख के खुद को रुक नही पाया, पूरा टूट पड़ा. एक बूब्स को दबाते हुए दूसरा बूब को मूह लेके चूसने लगा.

बूब्स चूस्ते ही बूब्स से दूध निकालने लगा. दूध निकलते ही चूसने का मज़ा और बढ़ गया. सीमा खुद को कंट्रोल नही कार्पाति थी. वो मेरा लंड को पकड़ने की कोसिस कर रही थी.

मैं पहले से ही ट्राउज़र पहें लिया था तो उसको जाड़ा तकलीफ़ नही हुआ मेरा लंड को पकड़ने को. मेरा लंड हाट मे पकड़ते ही वो हेरान होके बोली बप्रे इतना बड़ा और मोटा!

मैं बोला क्या तेरे पति का छोटा है क्या. वो बोली बहुत छोटा एक उंगली के बराबर. मैं बोला फिर तू खुश केसे होती है? वो बोली और क्या करे बाज़ खुद को समझा लेती हूँ.

बोली तुम्हारी बीवी कितनी खुश होगी टुमारा इतना बड़ा लंड जब अंदर लेती होगी!

मैं बोला ह्म पहले पहले बहुत दर्द होता था उसे, अभी वो आराम से ले लेती है. हफ्ते में 3-4 दिन तो होती है और मेरा लंड को मूह लेके चुस्ती भी है.

वो बोली मुझे भी चूसने को इचा होती है. मैं बोला कों रोका है चूसो ना. लेकिन मेरा मॅन था उसकी छूट देखने को. गोरा बदन को दो बचे की मा की छूट कैसी है देखने को बहुत इचा होता था.

मैं उसको बोला मेरा लंड तुम रात को चूस लेना अभी मुझे तेरी छूट देखना है. मैं उसको नीचे पटक दिया और उसकी सारी के नीचे से उसकी छूट पे उंगली डाला. तो उसकी छूट के उपर बाल था और छूट एकदम गीली थी और पानी निकल रहा था.

इचा हो रहा था की अभी उसको पटक पटक के छोड़ू. मगर अभी ये संभव नही था, क्यूँ की कोई आ ना जाए दर था. मुझे तो लाते नाइट की प्रतिख्या थी, अभी तो सिर्फ़ रात 8 बजे थे.

फिर भी मैं उसकी सारी और पेटीकोत को उपर करके छूट को को देख के मग पानी आ गया. गोरे रंग की छूट पे घने काले बाल और अंदर गीली गीली सी गोलाबी छूट देख के लंड दूं ताना टन.

मैं बस उसकी छूट मैं उंगली डाल के अंदर बाहर करने लगा. तो वो सिसकारी लेते हुए छूट से पानी की पिचकारी मारने लगी. बाप रे ऐसी गरम और गीली छूट अपनी बीवी की भी कभी नही देखा था.

उसकी छूट के पानी से मेरा हाथ पूरा भीग चुका था. तभी सीमा के फोन पे उसके पति का कॉल आया तो हम दोनो होश में आए. और सीमा बोली छोड़िए फोन को बाजने दीजिए मैं बाद मैं बात कर लूँगी.

मैं बोला नही तुम बात कार्लो अपने पति से हम रात को करेंगे. सीमा उसके पति से बात करने लगा और मैं टाय्लेट में जाके मुति पर लिया. फिर टाय्लेट से फ्रेश होके अपनी बीवी को कॉल करके बात कर लिया.

सीमा भी टाय्लेट जेया के फ्रेश होके आए. मैं ऑनलाइन इरक्तक से खाना ऑर्डर काइया. फिर हम दोनो एक दूसरे से बहुत पर्सनली बात किए. फिर नेक्स्ट स्टॉप मैं खाना भी आ गे .

खाना खाने के बाद करीब रात को 11 बजे हम फिरसे कामसूठरा की खेल मैं लग गये. काउच भी सुनसान था, जो भी पॅसेंजर थे वो भी सो गये थे.

हम साइड अप्पर बर्त में चले गये. शुरू से वो मेरा लंड चूसने को जिध करने लगी. वो चूस चुस्के वो मेरा लंड एकद्ूम गीला और हॉट कर दी थी.

फिर मैं उसकी छूट को चाट चाट के उसको गरम किया और उसकी छूट से पानी निकाला. जब वो पूरा गरम हुई तो मैने अपना लंड उसकी छूट में डाला.

पहले लगभग 40% बिना कुछ सीकायत की अंदर घुस गया मगर रेस्ट 60% अंदर जाने मे पसीना निकाल दिया. जब पूरा लंड अंदर जाके अपना काम शुरू काइया. तो सीमा दर्द के मारे तड़प्ते हुए बोली और ज़ोर से करो. जैसे दर्द में भी उसको मज़ा आ रहा था.

मैं तो टाय्लेट में मुति मार लिया था, इसीलिए ज़्यादा टाइम तक झटका मारते गया. सीमा बोली वा सुदीप तुम मुझसे शादी क्यू नही किए, तुम्हारी बीवी कितनी खुश होगी. मेरे पति का तो अंदर डालके एक दो झटके में पानी छोड़ देते थे. मगर तुम इतना होल्ड करके स्वर्ग का सुख देते हो. और करो और करो मेरी छूट को फाड़ दो…

कुछ देर बाद मैं उसकी छूट मैं ही झाड़ गया. मेरे पानी छोड़ते ही वो मुझे पागलो की तरहा चाटने लगी और किस करने लगी. और बोली रात भर ऐसे करते रहो.

लेकिन मैं तक चुका था, उसकी छूट में लंड डाल के उसके उपर लेता रहा. कब दोनो को नींद आ गयी पता ही नही चला. फिर रात को दूसरी बार दोनो सेक्स किए.

ऐसे सफ़र दोनो का काटा फिर हम हयदेराबाद पहॉंछे. हयदेराबाद में हम दोनो एक होटेल बुक करके पति पत्नी की तरहा रहे. एक भी दिन हम मिस नही किए हर रोज हम सेक्स किए.

हुमारे बचे को तो छोड़ नही सकते थे इसीलिए हम दोनो बीच बीच में एक दूसरे से मिलने का प्लान किए. जबही ह्यूम मिलने को इचा होती थी वो भुबनेस्वर आ जाती थी और मैं होटेल बुक करके हम प्रेम करते थे.

इसी प्रेम के चक्कर में वो फिरसे ग्रभबती बनी और अभी एक बेटा हुआ है. उसके 3 मेरा एक. आपको कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना.

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