पार्किन में लुंगी वाले मजदुर ने मेरी गांड मारी

shabana-aunty-ko-chod-ke-paise-kamayeदोस्तों आप सभी को मेरा सलाम. ये मेरी पहली कहानी हे और मैं इस साईट का बड़ा फेन हूँ. मेरा नाम नावेद हे और यूपी के लखनऊ का रहनेवाला हूँ. ये जो कहानी हे वो एक सच्ची घटना हे जो मेरी लाइफ में घटी थी. मेरी उम्र अभी 29 साल हे और जब ये घटना घटी तो मैं 20 साल का था. मेरा लंड 6.5 इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा हे.

मेरे एक अंकल युएसए में सेट हे और उन्होंने वहां पर अपना कारोबार अच्छा सेट कर लिया हे. अंकल की उम्र 48 साल हे और उनकी वाइफ शबाना आंटी हे वो सिर्फ 29 साल की हे. शबाना आंटी का फिगर  36-28-38 था. शबाना आंटी के बूब्स और गांड सब से ज्यादा अच्छे लगते हे मुझे. जब भी वो चलती हे तो उसकी गांड ऐसे बाउंस करती हे की पीछे से उसे देखते रहने को मन करता हे बस.

शबाना आंटी मेरे अंकल की दूसरी वाइफ हे. पहली वाली आंटी मर गई उसके बाद अंकल ने अपने से उम्र में छोटी शबाना के साथ निकाह किया था. पहली वाइफ से अंकल की एक बेटी हे जो 15 साल की हे. और शबाना आंटी का एक बेटा हे. वो सब लोग युएसए में ही रहते हे. लेकिन अंकल से उम्र में इतनी छोटी होने की वजह से शबाना आंटी सटिसफाई नहीं होती हे सेक्स में.

अंकल ने उन दिनों में कंस्ट्रक्शन का बिजनेश भी शरु किया था. उस टाइम मैं फ्री था तो उन्होंने मुझे बुला के एक साईट का जिम्मा दे दिया मुझे. अंकल ने कहा की साइट्स ज्यादा हे और मैं सब जगह 100% कंसन्ट्रेट नहीं कर पाता हूँ तो तुम मेरी मदद करो. वो साईट अंकल के घर के करीब थी तो अंकल ने कहा की शबाना आंटी को कुछ काम हो तो मैंने उसे तुम्हे कॉल करने के लिए कहा हे. देख लेना और कुछ लान ले जाना हो तो प्लीज़ आंटी की मदद करना.

मैं सुबह 8 बजे जाता था साईट पर और शाम को 6-7 बजे तक वापस आता था. अंकल तो लेट हो जाते थे और कभी कभी साईट के ऊपर से कहीं बहार भी चले जाते थे सीधे ही. और उन्हें कंस्ट्रक्शन के साथ अपने दुसरे बिजनेश भी देखने थे जिसके लिए वो युएसए में अलग अलग स्टेट की टूर भी करते रहते थे.

एक दिन घर में मैं और शबाना आंटी ही थे. मैं लिविंग रूम में बैठ कर चाय पी रहा था. तो शबाना आंटी ने बोला की मैं अभी आती हूँ. मैंने कहा की ठीक हे आंटी. और शबाना आंटी अपने रूम में चली गई. मेरे इल में कुछ ऐसा वैसा ख्याल भी नहीं था उस वक्त आंटी के बारे में. कुछ देर बाद रूम का डोर ओपन हुआ और मैं देखता ही रह गया.

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शबाना आंटी ने ड्रेस चेंज कर लिया था. उन्होंने उस वक्त ऐसा ड्रेस पहना था जिसमे उसकी गांड एकदम सेक्सी लग रही थी. उस ड्रेस का कमर का भाग एकदम संकरा था और गांड को जैसे कपड़ो में भींच दी गई थी. मैंने आंटी से पूछा की क्या आप कही जा रही हो आंटी?

आंटी ने कहा नहीं बस ऐसे ही चेंज किया हे और ये कह के वो मेरे सामने सोफे के ऊपर टाँगे रख के बैठ गई. यार क्या बताऊँ की वो कितनी सेक्सिओ लग रही थी उस ड्रेस में. फिर आंटी ने पूछा की कंस्ट्रक्शन का काम कैसे चल रहा हे तुम्हारा?

मैं बोला जी आंटी सब ठीक ही चल रहा हे. मैं अपनी सलवार के निचे अंडरवेर नहीं पहनी थी. और शबाना आंटी का ये सेक्सी बदन देख के मेरी हालत खस्ता सी हो रही थी. मैंने सोचा की ऐसा कुछ देर और चला तो मेरा लंड सलवार को फाड़ के बहार आ सकता हे.

मैं खड़ा हुआ और बोला मैं आता हूँ आंटी. जैसे ही मैं बोल रहा था तब शबाना आंटी किया आँखे मेरे लंड के ऊपर थी. वो बोली की अभी तो साथ में बैठे हे हम और एकदम निकल भी लिए? लेकिन मैं रुका नहीं और वहां से निकल गया.

कुछ दिन एसे ही गुजर गए. मैं शबाना आंटी से बचने के लिए कम ही उसके सामने जाता था. एकाद महिना ऐसे ही निकल गया. मैं देखता की आंटी घर पर अकेली हे तो बहार हो जाता अपनेआप से ही.

फिर एक दिन मैं साईट पर था तब आंटी का कॉल आया और उसने मुझे कहा की मुझे कुछ काम हे तो तुम घर आ जाओ. मैंने कहा की मैं आया. जब मैं घर गया तो शबाना आंटी ने बोला की मुझे पार्लर जाना हे, ड्राईवर छुट्टी पर हे. उसने कहा की मुझे पार्लर ले चलो. मैंने बोला की आप को क्या जरूरत हे भाई पार्लर की आंटी जी, आप तो ऐसे ही इतनी खुबसुरत लगती हो. मेरे ऐसा कहते ही वो शर्मा गई. मेरे पास बाइक थी उस वक्त कार नहीं थी. शबाना आंटी मेरे बाइक के पीछे बैठ गई और रस्ते में स्पीड ब्रेकर की वजह से बार बार उसके बूब्स मेरे से टकरा रहे थे. उसने मुझे कस के पकड़ा हुआ था. मुझे बहुत ही मजा आ रहा था आंटी को ऐसे बिठा के.

जब पार्लर पहुंचे तो मैंने बोला की जब आप फारिग हो जाओ तो मुझे फोन कर देना मैं आकर ले जाऊँगा आप को. आंटी ने बोला की ठीक हे, लेकिन इतने भाग क्यूँ रहे हो किसी लड़की को टाइम दिया हे क्या. मैना कहा नहीं तो. तो उसने कहा फिर कुछ देर वेट कर लो ना.

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जब वो बहार आई पार्लर से तो एकदम सेक्स बम लग रही थी. घर जाते वक्त मेरी चेस्ट पर हाथ रब किया आंटी ने. घर पहुँच के मैं साईट पर जाना चाहता था लेकिन आंटी ने कहा की अंदर आ जाओ. मैंने कहा की साईट पर जाना हे तो उसने कहा की नहीं अंदर आओ ना प्लीज़.

मैं चला गया और सोफे के ऊपर बैठ गया. आंटी मेरे साथ वाले सोफे के ऊपर आ के बैठ गई. ऐसे ही बातें करने लगे हम दोनों. आंटी ने कहा और सुनाओ कैसे जा रही हे लाइफ तुम्हारी कोई एन्जॉयमेंट भी हे की नहीं. मैंने पूछा क्या मतलब? तो आंटी ने कहा की कोई गर्लफ्रेंड वगेरह हे की नहीं. मेरा चहरा सुर्ख पड़ गया था. मैंने बोला की नहीं आंटी अभी तक कोई लड़की नहीं मिली हे.

शबाना आंटी हंसने लगी और बोली, गर्लफ्रेंड चाहिए तुम को? मैंने बोला की कोई अच्छी, सेक्सी और सुन्दर लड़की हे आप के ध्यान में! शबाना आंटी जोर जोर से हंस के बोली, मैं ढूंढ दूँ? मैं शर्मा कर वहाँ से उठ गया और साईट पर चला गया. रात को मैंने शबाना आंटी के हुस्न के बारे में सोच सोच के अपने लंड को हाथ से हिलाया.

ऐसे ही शबाना आंटी मुझे फोन करती कभी किसी काम के लिए और कभी किसी और काम के लिए. दिन गुजरते गए. फिर मेरी और आंटी की फोन पर बातें और चेटिंग भी होने लगी रही. एक दिन आंटी का टेक्स्ट आया की क्या कर रहे हो. मैंने रिप्लाय दिया की कुछ ख़ास नहीं लेटा हुआ हूँ. आंटी ने कहा मुझे भी नींद नहीं आ रही हे. मैंने पूछा की क्यूँ? तो वो बोली, तुम नहीं समझोगे वो सब. मैंने हिम्मत कर के पूछा ही लिया की ऐसी क्या बात हे आंटी?

कुछ देर के बाद उसका जवाब औया की बताओगे तो नहीं ना किसी को? मैंने कहा नहीं बताऊंगा आप मेरे ऊपर ट्रस्ट कर सकती हो. फिर उसने बोला की मुझे कमपनी चाहिए. मैंने जानबूझ कर बोला की क्या मतलब? तो वो बोली की तुम्हारे अंकल बहुत दिनों से मेरे करीब ही नहीं आये हे. वो अपने काम में ऐसे बीजी हे की फेमली लाइफ की बलि चढ़ा दी हे उन्होंने. मैं समझ गया था.

आंटी ने फिर कहा, तुम भी एक गर्लफ्रेंड की तलाश में हो, अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड बन सकती हूँ! लेकिन अगर तुम्हे मैं पसंद हु और तुम मेरे पर भरोसा करते हो तो.

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