भैया के शादी में बुआ की ननद को चोदा और उसकी चूत चाटा

हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम हरीश है और मै रायपुर का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र लगभग 20 साल होगी। मै का बहुत बड़ा प्रसंसक हूँ। मैंने बहुत सी कहानियो को पढ़ा है और मुझको  सेक्स कहानिया पढने के बाद मेरा मन भी किसी की चुदाई करने को कर रहा था लेकिन मै किसको चोदता। मै अपने चाचा के लड़की को चोदना चाहता था लेकिन वो मुझे ज्यादा भाव नही देती थी इसीलिए मै उसकी नही चोद पाया लेकिन मैंने एक बार उसकी चूची दबा दिया था जब वो मेरे घर पर लेटी हुई थी। वो रात को जब सो गई तो मैंने धीरे से अपने हाथ को उसकी चूचियो पर रख दिया था और फिर कुछ देर बाद मैंने उसकी चूचियो को दबाना सुरू किया। मैंने बहुत देर ऊपर से और फिर कुछ देर बाद मैंने अपने हाथ को उसकी कपड़ो के अंदर डाल दिया और फिर उसकी चूचियो को दबाने लगा। मेरा मूड तो उसको चोदने का था लेकिन मै उसको नही चोद सकता था क्योकि मै वहां अकेला नही सोया था। मैंने उस रात मुठ मार कर काम चलाया था मुझे ठीक से याद है की जब मैंने अपने हाथ को उसके ब्रा के अंदर डाल दिया तो उसकी नीद हलकी हलकी खुलने लगी थी लेकिन बहुत देर के तक जब मैंने उसकी चूची नहीं दबी तो वो फिर से सो गई थी फिर मैंने बहुत देर तक उसकी चूची को दबाया था। उसके बाद मुझे फिर कोई मौका मिला की मै उसकी चुचियो को दबा सकू।

कुछ दिनो पहले ही बात है, मेरे भाई की शादी थी और घर में बहुत से महमान आये हुए थे। शादी के एक हफे पहले ही मेरी बुआ घर आ गई थी और उनके साथ में उनकी ननद भी आई हुई थी। वो देखने में बहुत ही हॉट और काफी सुंदर थी। जब मैंने उसे पहली बार देखा था तो मैंने अपने सपने भी नही सोचा था की मई उसको चोद पाउँगा। लेकिन जब भगवन भी यही चाहता थी की मै उसको चोदुं तो इसमें मै क्या कर सकता था। मैंने उसको पहली बार बुआ के घर देखा था जब मै उनके घर गया था। वो मुझे पानी और चाय देने आई थी। वैसे मै भी देखने में काफी स्मार्ट हूँ, इसलिए मई तो उसे देख ही रहा था लेकिन वो भी मुझे देख रही थी। मैंने मन में सोचा अगर मुझे एक भी मौका मिलेगा तो मई इसको जरुर चोदुंगा लेकिन बहुत दिन तक कोई मौका ही नही मिला। मुझे लगा तब लगा की मै इसको नही चोद पाउँगा। भैया के शादी के एक हफ्ते पहले कुछ ही महमान आये थे इसलिए मुझको ज्यादा कम नही रहता था। जिससे मुझे अपनी बुआ की ननद शिवानी से बात करने का मौका मिल जाता था। एक दो दिन तो वैसे बात होती रही तीसरे दिन मैंने उससे कहा – मै एक बात कहना चाहता हूँ और ये मेरे मन में बहुत दिनो से है। मैंने उससे कहा – तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और हाँ जब से तुमको मैंने देखा है केवल तुम्हारे बारे ही सोचता हूँ। मेरी बात सुनकर शिवानी पहले कुछ देर कुछ नही बोली लेकिन कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा – ये बात मै भी कहना चाहती थी लेकिन डर लगता था कहीं तुम गुस्सा न हो जाओ। जैसे ही उसने मुझसे कहा मई भी ये कहना चाहती थी मैंने उसके हाथ को पकड़ा और उसको अपनी तरफ खीच लिया और गले लगा लिया। उसने कहा – कोई देख न ले छोड़ो। मैंने कहा – जिसको देखना है देखने दो मुझे कोई डर नही है ज्यादा से ज्यादा क्या होगा मेरी भी शादी हो जयेगी। कुछ देर बाद शिवानी वहां से चली गई। लेकिन मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था उसे पता चल गया था कि चूत मिलने वाली है। मुझे उस दिन भी मुठ मर कर काम चला पड़ा, लेकिन पता था कुछ दिनों में चूत तो मिल ही जाएगी।

यह कहानी भी पड़े  सेक्सी हिंदी कहानी भाभी को चुदाई के लिए मनाने की

loading…

इस बीच भैया की शादी हो गई और एक दिन और भी बीत गया। धीरे धीरे सब महमान जाने लगे, लेकिन मेरी बुआ को और कुछ दिन रहना था इसलिए शिवानी भी नही जा सकती थी क्योकि वो बुआ के साथ ही आई थी। मैंने उससे एक दिन कहा – यार मेरा मन बहुत कुछ करने को करता है तुम्हारा मन कुछ नही करता है की हम लोग और भी कुछ करे किस के साथ साथ। तो शिवानी ने कहा – वो तो ठीक है लेकिन मुझे डर लगता है कि कहीं कुछ गलती हो गई और मै प्रेग्नेंट हो गई तो?? मैंने उससे कहा – यार कंडोम है न तुम उसकी चिंता मत करो मै कोंडोम ले आऊंगा। मैंने किसी तरह से उसको चुदने के लिए मन लिया।मैंने उससे कहा – तुम चुपके से रात को छत पर आ जाना मई तुम्हारा इंतजार करूँगा। मैंने छत पर एक चादर पहली ही रख दिया और रात को मै चुपके से छत पर चला गया और फिर कुछ देर बाद शिवानी भी वहां आ गई और फिर मैंने उसके साथ में पहले तो चादर बिछाया और फिर हम दोनों लेट गए। मैंने अपने हाथ को शिवानी के पेट पर रख कर उससे चिपक कर उसको किस करने लगा। मैंने उसको कास कर अपने बाहों में भर लिया जिससे उसकी बड़ी और मुलायम चूचियां मेरे सिने में दबी हुई थी। मै धीरे धीरे और भी जोश में आने लगा था और शिवानी भी धीरे धीरे मुझसे चिपकने लगे और वो भी मेरे होठो को चूमने लगी। मै उसके होठो को चूमने के साथ अपने हाथो को उसकी चुचियो पर रख कर धीरे धीरे दबा भी रहा था। लगभग 20 मिनटों तक हम एक दुसरे से होठो को पीते रहे। शिवनी के होठ पीने के बाद मै और भी जोश में आ गया था, जिससे मैंने जल्दी से शिवानी के टॉप को निकल दिया और अपने हाथ को उसके ब्रा के अंदर डाल कार उसकी चूचियो को दबाने लगा। कुछ ही देर में बहुत ही ज्यादा जोश में आ गया, इसलिए मैंने जल्दी से उसकी लैगी को निकाल दिया और उसकी पैंटी भी निकाल दिया और फिर मै उसको चोदने के लिए अपने लड को बाहर निकाला और उसकी चूत को चोदने के लिए उसकी चूत में लगाने लगा।  तो उसने कहा – “यार तुम मेरे चूचियो को नहीं पियोगे?? तो मैंने कहा – “हाँ क्यों नही लेकिन पहले चुदाई क्योकि मै बहुत जोश में हूँ और मेरे दिमाग में केवल चुदाई के बारे ही चल रहा है, इसलिए पहले चुदाई फिर बाद में और सब”। मैंने मैंने उसके टांगो को उठा दिया और अपने अपने लंड को उसकी चूत के छेद में लगा कर पहले धीरे से डालने लगा। उसकी चूत काफी टाइट थी जिससे उसको दर्द हो रहा था, तो वो अपने मुह से थोडा सा थूक लगा कर अपने चूत में लगाने लगी और मै अपने लंड को उसकी चूत में डालने लगा। मेरा मोटा लंड कुछ ही देर में उसकी चूत के गहरे में जाते हुए उसकी चूत को ढीली करने लगा। मै उसको धीरे धीरे तेजी से चोदने लगा मै जल्दी जल्दी अपने लंड को उसकी चूत में डालता और निकालता जिससे उसकी चूत बार बार खुल और बंद हो रही थी और शिवानी जोश में एक हाथ से अपने मम्मो को दबा रहा थी और उसके दूसरे हाथ से अपनी चूत को मसल रही थी क्योकि मेरे मोटे लंड से उसकी चूत फैलती जा रही थी। फिर मै अचानक जोर जोर से इतनी जोर से धक्के देने लगा की मुझे लगा की जमीन ही खिसक जाएगी। छत पर चट चट चट का शोर बजने लगा।

यह कहानी भी पड़े  शादीशुदा औरत की चुदाई का निमंत्रण

“…अई.अई..अई..अई..इसस्स्स्स्स्स्स्स्..उहह्ह्ह्ह…ओह्ह्ह्हह्ह…चोदोदोदो…मुझे और कसकर चोदोदो दो दो दो” वो कहने लगी। और वो अपने कमर को उठाते हुए मुझसे चुदवाने लगी। उसे मेरी चुदाई से काफी मज़ा मिल रहा था। जब मै उसको चोदने के लिए अपने लंड को उसकी चूत में डालता तो वो भी अपने गांड को मेरे कमर में लड़ा देती थी जिससे मेरा लंड उसकी चूत के अंदर तक जा रहा था, और सिसक रही थी। ये उसकी चुदाई और गहरी ठुकाई का मीठा शोर था। इस ध्वनि से पूरा घर पवित्र हो गया था। लेकिन जब कुछ देर बाद मै और तेजी से उसकी चुदाई करने लगा तो वो चीखने लगी। लेकिन मैंने अपनी चुदाई नही रोकी मै लगातार उसको चोदा रहा था जिससे वो अपनी चूत को मसलते हुए जोर जोर से.आआआआअह्हह्हह..ईईईईईईई.ओह्ह्ह्हह्ह.अई..अई..अई..अई..मम्मी…मम्मी.मम्मी..सी सी सी सी.. हा हा हा …ऊऊऊ ..ऊँ..ऊँ.ऊँ.उनहूँ उनहूँ…ही ही ही ही ही…अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह.. उ उ उ..प्लीसससससस….प्लीसससससस, उ उ उ उ ऊऊऊ ..ऊँ..ऊँ.ऊँ. माँ माँ..ओह माँ…” इतनी भी तेज चोदने को नही कहा था। आराम से बहुत दर्द हो रहा है। ऐसा लाग रहा था की उसकी चूत फट जायेगी लेकिन मै कुछ ही देर में झड़ने वाला था, इसलिए मैंने अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और तेजी से मुठ मारने लगा। और कुछ ही देर में मेरे लंड से मेरा माल निकलने लगा। जब मेरा माल निकल गया तो कुछ देर में मेरा लंड भी ढीला हो गया। मेरा जोश तो कम हो गया था लेकिन शिवानी का जोश अभी भी कम नही हुआ था।

चुदाई के बाद मैंने उसके चिकने जांघ को चुमते हुए उसके चूत तक पंहुचा और फिर मैंने अपने खुरदरी जीभ से उसकी फुद्दी को चाटने लगा और धीरे धीरे मै अपनी जीभ उकी चूत के अंदर डालने लगा और उसकी चूत के लाल गुलाबी दाने को बार बार अपने जीभ से चाटता और कभी कभी तो अपने दांतों से से काटने भी लगता जिससे वो जोर जोर से ..आह आह उफ़ उफ़ हम्म्म्म हम्म्म्म उनहू उनहू उनहू सी सी .. करके चिखने लगती। कुछ देर बाद मैंने अपने उंगलियो को उसकी बुर के अंदर डालने लगा, जिससे शिवानी को काफी मज़ा आ रहा था लेकिन जब मैंने अपने उंगलियो को उसके चूत के अंदर डालने के बाद अपनी उंगलियो को हिलाने लगता तो वह तड़प जाती। कुछ देर बाद ऐसा करने से उसकी चूत से पहले सफ़ेद पदार्थ निकलने लगा और कुछ देर बाद फिर जब मै तेजी से उंगली करने लगा तो उसके बुर से पानी भी निकने लगा। जब उसकी चूत से पानी निकलने लगा शिवानी तो पागल हो रही थी और जोर जोर से चीख रही थी।
चूत से पानी से निकालने के बाद मै धीरे धीरे ऊपर उसकी चूचियो की तरफ बढ़ने लगा और फिर मैंने उसके ब्रा को निकाल कर उसकी चूचियो को भी पीने लगा। मैंने उसके मम्मो के निप्पल को चुमते हुए उसको अपने मुझ में ले लिया और पीते हुए उसकी चूची को काटने लगा। उसकी चूचियो को पिने काफी मज़ा आ रहा था और शिवानी को भी मज़ा आ रहा था। उसकी चुचिओ को पीते हुए मेरा लंड धीरे धीरे फिर से खड़ा हो गया।
मैंने शिवानी से कहा – यार मेरा मन एक राउंड और चोदने को कह रहा है अगर तुम कहो तो एक राउंड और हो जाये। तो शिवानी ने कहा मन तो मेरा भी है लेकिन बहुत तेजी से मत चोदना बहुत दर्द होता है।

error: Content is protected !!