सेक्सी टीचर को पट्टाने की कोशिश की कहानी

स्टोरी स्टार्ट होती हा 17 सेप्टेंबर की 2023 की जब मैं पहली बार कॉलेज गया था. मेरा फर्स्ट दे था कॉलेज का. मैं किसी को नही जानता था. उस टाइम मेरे कॉलेज के ग्रूप में मेसेज आया की सभी को सेमिनार हॉल में आना था. फिर वाहा जाके मैं सीट में बैठ गया.

वाहा पर सभी फॅकल्टी आए और हमारे डाइरेक्टर सिर और डेप्युटी डाइरेक्टर भी आई. इन सब ना अपना इंट्रोडक्षन दिया. फिर हमारी डेप्युटी डाइरेक्टर ने अपना इंट्रोडक्षन दिया. उस वक़्त उन्होने अपना नाम बताया तरीका सिंग. मैं उनको देखता ही रहा क्यूंकी वो इतनी सुंदर थी, और उनका नाम उन पर एक-दूं फिट होता था.

उनकी आँखें, और उनके सुंदर लंबे बाल कमाल थे. पर वो काफ़ी बोल्ड लेडी लग रही थी. काफ़ी ज़्यादा स्ट्रिक्क. फिर जब मैं बाहर आया तब मैने उनको देखा काफ़ी करीब से. उनका फिगर हॉट था. ऐसा लग रहा था की वो काफ़ी एक्सर्साइज़ करती थी, क्यूंकी उनकी बॉडी काफ़ी फिट थी. उनका फिगर होगा 34-36-38.

फिर मैं घर आ गया और तरीका सिंग का बारे में सोचने लगा. जब भी मैं सोचता, मेरा पेनिस हार्ड हो जाता. मैने भी सोच लिया की कुछ तो करना होगा, पर काफ़ी सेफ्टी से. क्यूंकी तरीका सिंग बहुत ज़्यादा तेज़ थी.

फिर कुछ दीनो का अंदर मैने सब पता कर लिया तरीका सिंग कहा रहती है, उनका हज़्बेंड क्या करता है, सारी इन्फर्मेशन पता कर ली. लेकिन अभी भी मेरा काम नही हो पा रहा था. फिर एक दिन कॉलेज में काफ़ी क्राउड था कॉरिडर में, और सामने से तरीका सिंग आ रही थी. क्राउड काफ़ी था तो मैने उनके पीछे गांद पर हाथ फिरा दिया.

जब मैने हाथ लगाया, उस टाइम जो मेरी हालत हुई अंदर से! मैं पागल हो गया. फिर मैने सोच लिया अब तो मुझे सेक्स करना था.

मैं घर जेया रहा था. पार्किंग की तरफ तब मैने देखा तरीका सिंग आज अकेले आई थी, ड्राइवर के साथ नही आई. तो मैने उनकी कार के पहिए की हवा निकाल दी. पूरी नही, थोड़ी बचा दी, क्यूंकी मैं चाहता था की बीच रास्ते में उनकी कार रुके, और रास्ता काफ़ी सुनसान था.

फिर प्लान के हिसाब से चीज़े हुई. तरीका कॉलेज से निकल गयी, और रास्ते में गाड़ी रुक गयी, क्यूंकी हवा मैने निकाल दी थी. तभी तरीका कॉल कर रही थी, लेकिन नेटवर्क नही आ रहा था किसी के फोन का. ये मेरे लिए बहुत अछा हो गया. मैं फिर तरीका का पास जाने लगा.

तभी मैने देखा 2 लड़के बिके पे थे, और गाड़ी को देख कर रुक गये. तरीका को देख कर उनकी हवस बढ़ गयी. उस वक़्त तरीका ब्लॅक कलर का चिकन कुर्ता और प्लाज़ो पहनी थी. उसमे वो बहुत सुंदर लग रही थी, तो उन दोनो ने गाड़ी का गाते खोला, और तरीका पकड़ने लगे.

दोस्तों मेरी तो हालत खराब हो गयी, और मैं च्छूप गया. मैं देखा पा रहा था की वो लड़के तरीका के उपर चढ़ रहे थे. वो उसके पुर जिस्म को दबा रहे थे. तभी एक ने उसका कुर्ता उपर से फाड़ दिया. अब उसकी ब्रा दिख रही थी. दूसरे ने उसका प्लाज़ो नीचे कर दिया, जिससे उसकी पनटी दिखने लगी.

मुझे लगा की ये ग़लत हो रहा था, और यही सही मौका था तरीका का दिल जीतना का. मैने हिम्मत की और उन लड़कों को जाके भगा दिया. फिर मैने तरीका को देखा. उसकी हालत थोड़ी खराब थी, और वो घबराई हुई थी. वो सिर्फ़ ब्रा-पनटी में थी. फिर मैने अपनी शर्ट उसको पहनने को दी. उसने अपना प्लाज़ो पहन लिया.

वो उपर से शर्ट पहनने लगी पर कुर्ते की वजह से पहन नही पा रही थी. फिर मैने कहा की कुर्ता उतार कर पहनो. फिर एक मिनिट शांति हो गयी. मुझे लगा मैं गया अब. लेकिन कुर्ता पूरा फटत गया था. तरीका माँ का पूरा गोरा बदन दिख रहा था, और उनकी वाइट कलर की ब्रा भी. फिर उन्होने अपना कुर्ता उतरा, और मेरी शर्ट पहनी.

मैने उनको बोला: जल्दी चलो यहा से, कही वो फिर ना आ जाए.

तरीका माँ ने बोला: गाड़ी में हवा नही है.

मैने कहा: आयेज दुकान है.

वाहा से माँ का घर भी ज़्यादा डोर नही था, और ये मुझे पता था.

लेकिन मैं फिर भी पूछे लगा: आपका घर कहा है?

तो उन्होने बोला: ज़्यादा डोर नही है.

मैने बोला: ऐसे ही गाड़ी को ले जाते है. आयेज जो होगा देखा जाएगा.

उन्होने कहा: ठीक है.

फिर मैने जल्दी से गाड़ी चलाई, और माँ से पूछने लगा: आपके घर के लिया कों सी डाइरेक्षन से चलना है.

फिर उन्होने रास्ता बताया, और फाइनली उनका घर आ गया. उनके घर का आस-पास कोई और घर नही था. वो सिटी के बाहर रहती थी, जहा पा काफ़ी रिच लोगों के फार्महाउस और प्रॉपर्टी है. फिर गाड़ी से बाहर निकले, तो तरीका माँ ना मुझे कहा-

तरीका: अंदर चलो.

मैं उपर से शर्टलेस था, क्यूंकी अपनी शर्ट तो माँ को डेडी थी. फिर तभी हम अंदर गये. मुझे सोफा पर बिता दिया उन्होने और तरीका माँ अपने कमरे से चेंज करके बाहर आई. वो पानी लाई, साथ मेरी शर्ट भी. फिर मैने शर्ट पहनी और पानी पिया.

माँ अब मेरे सामने बैठी थी. तब उन्होने मेरा से बात की, और मेरा नाम पूछा. मैने उनको अपना नाम देवंश बताया, और उन्होने पूछा कों सा कोर्स कर रहा हो. तो मैने बोला ब.कॉम. उन्होने गुड कहा.

फिर वो बोली: बेटा तुम आज नही होते तो क्या होता? वो दोनो तो बिल्कुल मेरे उपर चढ़ गये थे.

वो काफ़ी एमोशनल हो गयी तो मैं उनके पास गया और बोला-

मैं: आप चिंता मत करो, देखो भगवान ने मुझे आपके पास भेज दिया ना. अब आप रेस्ट करो, और फिर कंप्लेंट कर देना उनकी.

तरीका माँ ने बोला: नही-नही, मैं ये बात किसी को नही बतौँगी. अपने हज़्बेंड को भी नही बतौँगी. वैसे भी मेरी लाइफ अची नही चल रही है. ये एक और टेन्षन हो जाएगी.

इसके आयेज मैं कुछ बोला नही.

फिर उन्होने मुझे बोला: तुम ये बात प्लीज़ कॉलेज में किसी को मत बताना, नही तो मुझे बहुत दिक्कत होगी.

मैं: कभी नही माँ, मैं किसी को नही बोलूँगा. आप चिंता मत करो.

उन्होने कहा: थॅंक योउ.

फिर थोड़ी देर बाद मैं वाहा से चला गया, और मेरी और तरीका माँ की काफ़ी अची दोस्ती हो गयी. इससे मैं बहुत खुश था. फिर कॉलेज में जब वो मेरे सामने से निकलती, तो मुझे स्माइल देती. मैं उनको स्माइल देता. कभी कॉलेज में प्राब्लम आती, तो मैं उनका पास चला जाता.

फिर वो मेरी प्राब्लम का सल्यूशन कर देती थी. मैं उनकी वजह से काफ़ी टेन्षन फ्री रहता था. जब वो अपने घर जाती थी, तभी मैं भी जाता था, उनकी गाड़ी के पीछे-पीछे. वो सेल्फ़ ड्राइव ही करती थी, ड्राइवर नही आता था उनके साथ. लेकिन एक दिन वो कोई और रास्ते से जेया रही थी, तो मैं भी उनके पीछे-पीछे चला गया.

फिर मैने देखा की एक शराब की दुकान का पास जाके गाड़ी रुकी. तो मैने मॅन में सोचा ये क्या पागल हो गयी है? अभी कुछ दिन हुए ही है इतनी बड़ी घटना हुई थी, और ये ऐसी जगह रुकी है. फिर कोई आ गया तो?

तभी मैने देखा मिरर नीचे करके माँ ने एक बच्चे को बुलाया, और वो गया. फिर माँ ना उसको पैसा दिया. वो दुकान से कुछ लाया और माँ को दे दिया. उसके बाद वो अपने घर के रास्ते चली गयी. तभी मैं उस लड़के का पास गया, और उसको पैसे दिए. फिर पूछा-

मैं: गाड़ी वाली को क्या दिया तूने?

तो उसना कहा: उन्होने मुझे पैसे दिया एक रॉयल स्टॅग की बॉटल लाने को. फिर मैं वो ले आया और मुझे अलग से 100 रुपय दिए उन्होने. वो महीने में 2-3 बार आती है.

मैने सोचा ये तो बहुत अची बात पता चली थी. माँ से फ्रेंडशिप तो हो गयी थी, लेकिन उनसे बात क्या करता. जब भी उनके पास गया था, कॉलेज से रिलेटेड ही गया था. वैसे परसोनल बात तो अभी तक हुई नही थी.

2 महीने हो गये थे. ऐसा चलेगा तो बात कभी आयेज नही जाएगी. ये काफ़ी मुश्किल सिचुयेशन थी मेरे लिए, क्यूंकी दोस्ती तो थी, लेकिन स्टूडेंट आंड टीचर वाली. और अगर कुछ अलग करने गया तो कही सब खराब ना हो जाए. फिर कुछ दिन बाद एक आइडिया आया मेरे पास, की क्यूँ ना माँ के साथ ही कॉलेज जौ और वापस. क्यूंकी इससे बात करना का टाइम मिलेगा, और क्या पता क्लोज़ आ जाए हम. फिर मैं कॉलेज में तरीका सिंग का कॅबिन में गया.

उन्होने पूछा: बैठो, बताओ क्या काम से आए हो?

मैने कहा: मैं प्राब्लम में हू. मेरी गाड़ी कल चोरी हो गयी है, तो मुझे घर से कॉलेज तक काफ़ी चलना पड़ता है. तो आप मुझे लिफ्ट दे सकती हो?

उन्होने कहा: इतनी सी बात? तुम अब से मेरे साथ चलना, और तुमने पहली क्यूँ नही बताया? मैं तुम्हे तुम्हारे घर से ही पिक कर लेती.

फिर मैने बोला: नही माँ, आप तो अब मुझे अपने घर तक छोढ़ देना. वाहा से घर पास में है.

उन्होने कहा: ठीक है, चलना मेरा साथ.

तो मैने बोला: मैं आपको कॉलेज के बाहर मिलूँगा. क्यूंकी फिर ये सब देखेंगे की मैं आपके साथ जा रहा हू. 4 बातें करेंगे. तो मैं बाहर मिलूँगा. वैसे भी जब आप लोग जाते हो, तब तक सब अपने घर चले जाते है.

उन्होने ठीक है कहा फिर.

इसके आयेज कैसे मैं तरीका सिंग के क्लोज़ आ गया, अगले पार्ट में कंटिन्यू होगा.

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