खूबसूरत प्रज्ञा मैडम की क्लास में ही चुदाई की

हेल्लो दोस्तों मैं आप सभी का antarvasnahd.com में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से इसका नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।मेरा नाम सुधीर है। मै दिल्ली में रहता हूँ। मै अभी 18 साल का हूँ। लेकिन मैं देखने में 24 साल तक का लगता हूँ। मेरा कद 6 फ़ीट है। मेरी बॉडी फिट है। ना ही ज्यादा मोटी और ना ही पतली।

मेरे क्लास की सारी लकड़किया मरती हैं मुझपे। लेकिन मैं किसी का लाइन एक्सेप्ट करता। पहले मैं एक लड़की पर मरता था। मैंने उसे पटाया और अंत तक उसकी चुदाई करके छोड़ दिया। उसके बाद मुझे कोई लड़की पसंद ही नहीं है। पसंद भी कोई आया तो वो थी मेरी प्रज्ञा मैडम। प्रज्ञा मैडम मेरी क्लास में पढ़ाती थी। उनका बहुत ही बॉम्ब फिगर था। पहली बार जब वो मेरी क्लास में आयी। तब मैं 11th में था। मैडम को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। मैडम के उछलते चुच्चो को देखकर मेरे लंड पर प्रेशर बढ़ता जा रहा था। मैडम को मैं पहले दिन ही देख कर पसंद करने लगा। मेरे कॉलेज के कई लड़के भी मैडम पर मरते है। दोस्तों मै आपका समय बरबाद ना करके। मै अपनी कहानी पर आता हूँ।
दोस्तों ये मेरी जीवन की सच्ची घटना है। मै एक मीडियम घर का लड़का हूँ। मैं घर में अकेला लड़का हूँ। न मेरा कोई भाई है और न ही कोई बहन। मेरे पिताजी मोहल्ले के डॉ है। उसी से हमारा खर्चा चलता है। गांव में भी जमीन है। लेकिन मैं अभी अपने गांव नहीं गया हूँ। पापा ने बताया था। दोस्तों मै दिल्ली में AIMS स्कूल में पढता था। क्लास में प्रज्ञा मैडम का पहला दिन था। मै मैडम को देखते ही फ़िदा हो गया। कोई भी लड़का मैडम के बारे में बुरा बोलता। तो मैं उससे लड़ जाता था। मैडम के सामने कई बार ये बात आई। मैडम कुछ न बोलती। बाद में मुझे समझाती। जो भी मुझे कुछ कहे कहने दिया करो। किसी के कहने से कुछ नहीं होता। मैडम का फिगर बहुत ही जबरदस्त था। मैडम अभी 28 साल की थी। उनकी जवानी की लहरें हिलोरे मार रही थी। एक दिन मैं टिफिन नही लाया था। मैडम ने मुझसे पूंछा- “नीलेश आज तुम टिफिन नही लाये’। मैं-“मैडम जी वो मैं जल्दी जल्दी में भूल आया’।

प्रज्ञा मैडम- अच्छा ” तुम मेरे साथ आओ’। मै प्रज्ञा मैडम की पीछे पीछे चलने लगा। प्रज्ञा मैडम मुझे अपने केबिन में ले गई। मैडम- “तुम मेरे साथ मेरे में टिफिन कर लो’। मै- “नहीं मैडम मुझे भूख नहीं है’। प्रज्ञा मैडम मुझे ज़बरदस्ती खाना खिलाई। फिर हम दोनो एक दूसरे से अच्छी तरह से परिचित हो गए। मैडम भी अब पूरे क्लास में ज़्यादा मुझे ही देखती थी। मैं मैडम का सबसे प्यारा स्टूडेंट बन गया। मैडम भी मुझे बहुत मानती थी। सारे लड़के मेरा खूब मजा लेते थे। एक दिन मैं स्कूल जल्दी आ गया। अपने क्लास में बैठा था। खूब तेज बादल थे। पानी बरसने वाला था। प्रज्ञा मैडम भी आ गई थी। एक दो बच्चे हमारे क्लास के और आये। लेकिन उस दिन छुट्टी हो गई थी। मैं अकेला ही क्लास में बैठा था। प्रज्ञा मैडम उधर से जा रही थी। मेरे पास आयी और बोली- ” तुम अभी तक घर क्यूँ नही गये’। मैंने कुछ नहीं बोला। प्रज्ञा मैडम मेरे पास आकर बैठ गई। प्रज्ञा मैडम-” गर्लफ्रेंड का इंतजार कर रहे हों’। मैने कहा नहीं मैडम ” मेरी कोई गर्लफ्रेंड ही नहीं है’। मैडम ने पूंछा- ” फिर तुम यहाँ बैठ कर क्या कर रहे थे’। मैंने सोचा आज बेटा मौक़ा है। बोल डाल अपने दिल की बात। मैंने मैडम से बड़ी हिम्मत करके कहा-“मैडम मै आपका इंतजार कर रहा था’। प्रज्ञा मैडम चौंक गई। बोली- क्या??? मैंने कहा हाँ मैडम जी।

मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो। मैडम ने कुछ नहीं बोला। लेकिन कही ना कही मैडम जी भी मुझे पसंद कर रही थी। मैं मैडम के और ज्यादा पास जाकर। मैंने मैडम को ” आई लव यू’ बोल डाला। मैडम को बहुत बड़ा सदमा लग रहा था। मैडम कुछ देर तक खामोश रही। फिर मैडम ने भी “लव यू टू’बोल दिया। प्रज्ञा मैडम ने बताया कि मै भी उनको बहुत पसंद हूँ। मैंने मैडम से कहा। अभी तक बताया क्यूँ नहीं की तुम भी मुझसे प्यार करती हो। मैडम ने कहा- “हम दोनों की न तो उम्र बराबर है। न जी हम लोगों के बीच संबंध ही कुछ ऐसा हो सकता था। तुम मेरे स्टूडेंट हो” इसीलिए मैंने तुमसे ऐसा नहीं बोला। मैंने कहा- प्यार के लिए “उम्र और सम्बन्ध कोई मायने नहीं रखते’। प्रज्ञा मैडम कहने लगी-“बड़ा नॉलेज है प्यार के बारे में’। मैंने कहा हाँ है। प्रज्ञा मैडम उस दिन साडी पहन कर आयी थी। प्रज्ञा मैडम का गाल लाल लाल लग रहा था। मैडम उस दिन कुछ ज्यादा ही ब्लश करके आयी थी। मैडम ने खूब जबरदस्त काजल लगाया था। मैडम की आँखे बहुत ही अच्छी थी। तिरछी नजर से वो हमें देख रही थीं। मै मैडम के आँखों में देख रहा था।

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मैडम ने अपने होंठो को खूब अच्छी तरह से सजाया था। दोनों होंठ गुलाब की पंखुडियों जैसे लग रहे थे। मै मैडम को ऊपर से लेकर नीचे तक ताड़ रहा था। मैडम भी मुझे बडी कातिलाना नजरो से देख रही थी। मैंने मैडम की दोनो चुच्चो की तरफ देख रहा था। धीऱे धीऱे मैडम के करीब चला गया। मैडम भी कुछ मेरी तरफ खिसक रही थी। मैं और प्रज्ञा मैडम सबसे ऊपर के रूम में थे। कोई भी नहीं आ रहा था। पानी बहुत तेज बरस रहा था। सारे कैमरे ऑफ थे। मैंने मैडम के ऊपर हाथ रख् दी। मैडम से बात करने लगा। कुछ ही देर में मैडम को मैंने अपनी बाहों में जकड लिया। मैडम ने भी मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया। मैंने मैडम की होंठो की तरफ अपनी होंठ कर रहा था। मैडम जी ने धीऱे धीऱे अपनी आँखे बंद कर ली। मैंने मैडम जी की बंद आंखो बाकी तरफ देख कर मैंने मैडम की होंठ पर अपनी होंठ लगा दिया। मैडम की होंठ को चूमने लगा। मैडम चुप थी। मैं मैडम की होंठों को आराम आराम से मजे ले ले कर चूस रहा था। मैडम भी अपनी अपनी होंठ को धीऱे धीऱे चलाने लगी। मैंने मैडम के होठ पर कपनी होंठ जोर जोर से चलाकर चूमने लगा। मैडम की होंठ बहुत ही नाजुक थी।

बिल्कुल गुलाब की तरह होंठ। मैंने मैडम के होंठो की सारी लिपस्टिक छुडा दी। मैडम की लिपस्टिक मेरे होंठ में लगे थे। मैडम ने अपनी आँखे खोली और मेरा होंठ देखी तो हँसने लगी। मैंने पूंछा तो मैडम ने बताया किं हमारे होंठो की सारी लिपस्टिक तुम्हारी होंठ पर लगी है। मैडम ने भी मेरी होंठो को चूसने लगी। मैंने भी मैडम के होंठो की जबरदस्त चुसाई करने लगा। मैडम भी चकरा गई। इतनी कामुकता से मैडम की होंठ चूस रहा था। मैडम की होंठ को चूस चूस कर लाल कर दिया। मैडम भी मेरी होंठ जोर जोर से चूस रही थी। मैंने मैडम के मुँह में अपनी होंठ डालकर मैडम की जीभ को चूसने लगा। मैडम के होंठो से लगी मेरे होंठ की लिपस्टिक मैंने मैडम की जीभ में लगाईं। मैडम भी अपनी जीभ निकाल कर चुसवा रही थी। मैंने मैडम की चुच्चो पर अपना एक हाथ बड़ी हिम्मत करके रख दिया। मैडम ने काले रंग की ब्लाउज पहन रखी थी। मैंने मैडम के ब्लाउज के ऊपर से ही मैडम की चुच्चो को मसलने लगा।

मैडम गई ने कोई विरोध नहीं किया। मैंने मैडम होंठो को चूसना बन्द कर दिया। अब मेरा ध्यान सिर्फ मैडम के चुच्चो पर था। प्रज्ञा मैडम अब भी मेरे होंठो को चूस रही थी। मैं मैडम की चूंचियों को ब्लाउज के अंदर तक हाथ डाल कर दबा रहा था। मैडम जी साँसे धीमी तेज कर रही थी। मैडम की साँसे बहुत ही अच्छी लग रही थी। मैडम अपनी साँसे ठीक मेरे नाक के सामने छोड़ रही थी। मैंने मैडम के बूब्स को ब्लाउज के नीचे और ब्रा के ऊपर से ही दबा रहा था। मैडम ने बहुत ही टाइट ब्रा पहन रखी थी। प्रज्ञा मैडम की ब्रा में मेरा हाथ ही नहीं घुस रहा था। मैंने मैडम की ब्लाउज की हुक खोल दी। मैडम ने कहा पहले दरवाजा बंद कर दो। मैंने आगे का दरवाजा बंद कर दिया। कैमरे के ऊपर अपनी शर्ट बाँध दी। मैंने मैडम की हुक को खोलकर उनकी ब्लाउज को निकाल दिया। मैडम ने कुछ नही कहा। मैडम भी चुदाई की प्यासी लग रही थी। मैंने प्रज्ञा मैडम की ब्रा के ऊपर से ही मैडम के मम्मो से खेलने लगा। मैडम की ब्रा सहित मैं उनकी चूंचियो को काट रहा था। मैडम ने मुझे अपनी चूंचियो से चिपका लिया। मैने मैडम की ब्रा को निकाल दिया। मैडम के चुच्चो को देखकर मैं हैरान हो गया। मैडम ने मुझे अपनी बाहों से जकड कर दबा रखा था। मैंने मैडम के निप्पल को अपने मुँह में रख कर पीने लगा।

मैडम का दूध मै निचोड़ कर पी रहा था। मैडम की सिसकारियां निकल गई। मैडम उफ्फ्फ.. उफ़्फ़.. सी..सी.सी.सी..ई.ई..इस्स्स .इस्स्स!!! कह रही थी। मैंने मैडम की चुच्चो को खूब दबा दबा कर पिया। मैडम को भी अपनी चूंचियों को पिलाना बहुत अच्छा लग रहा था। मैडम का दूध मै बच्चो की तरह पी रहा था। मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने मैडम को खड़ा किया। मैडम ने खुद ही अपनी साडी उतार दी। मैडम जी पेटीकोट में मेरे सामने खड़ी थी। मैडम को मैं ताड़ रहा था। मैडम ने मेरे पैंट का हुक खोला और अंडरवियर सहित मेरे पैंट को निकाल दिया। मैडम भी मेरे लौड़े को देखकर चौक गई। मैडम ने कहा-” उफ्फ्फ!!!! नीलेश तेरा लौड़ा तो बहुत बड़ा है। लग रहा की किसी जवान मर्द का लौड़ा है”।

मुझे अपने गोर लंड पर मैडम की अंगुलियां बहुत ही अच्छी लग रही थी। मैडम ने कई अंगुलियों में अंगूठी पहनी थी। मैडम की नाखूनों पर लगा नेल पॉलिश बहुत ही रोमांचक लग रहा था। मैडम ने मेरे लंड को बड़े अजीब ढंग से पकड़ रखा था। मेरे लंड को मैडम आगे पीछे कर रही थी। मैडम ने मेरे लंड को आगे पीछे करके अपने मुँह में मेरा लौड़ा रख़ लिया। मेरे लंड को चूसने लगी। मै मैडम के मुँह में ही झड़ गया। मैंने मैडम की मुह से अपना लंड निकाला। मैडम को खड़ी करके मैंने मैडम की पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। मैडम का नाड़ा खुलते ही पेटीकोट नीचे सरक गया। मैंने मैडम को टेबल पर बैठाया। मैडम की दोनों टांगो को खोलकर मैडम की चूत के दर्शन किया। मैडम की चूत के दर्शन कार्ये हुए। मैंने अपना मुँह मैडम की चूत में लगा दिया। मैडम की चूत को मै अच्छे से चाट रहा था। मैडम की चूत के दाने को काटते ही मैडम की चीख निकल जाती थी। मैडम “..अई. अई.. .अई…अई… इसस्स्स्स्स्स्स्स्…उहह्ह्ह्ह…ओह्ह्ह्हह्ह!! की चीख निकल गई।

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मैडम की चूत के अंदर अपनी जीभ डाल डाल कर उनकी चूत साफ़ कर दिया। मैडम की चूत अंदर तक गीली थी। मैंने मैडम के चूत का सारा पानी चाट कर। मैंने मैडम की चूत को गीले से सूखा कर दिया। मैडम अब बहुत ही गरम हो चुकी थी। मैडम की चूत एक दम लाल लाल टमाटर की तरह दिख रही थी। मैडम जी की चूत अपना गर्म गर्म उबला पानी भी छोड़ रही थी। मैंने मैडम की चूत से अपनी जीभ निकाली और अपना लंड मैडम की चूत के दोनो टुकड़ो के बीच रगड़ने लगा। मैडम जी अब चुदवाने को तड़प रही थी। मैं मैडम को खूब तड़पा रहा था। मैडम की चूत में आखिर कर अपना लुल्ला साल दिया। मेरे लौड़े का टोपा ही मैडम की चूत में घुसा था की मैडम की चीख निकल गई। मैडम ने जोर से “.मम्मी.-मम्मी…सी सी सी सी. हा हा हा …ऊ ऊ ऊ ..-ऊँ.ऊँ.ऊँ..उन हूँ उन हूँ.” की आवाजें निकालने लगी। मैंने चूत में फिर एक बार धक्का मारा। मेरा पूरा लंड मैडम की चूत में घुस गया। मैडम और जोर जोर से चिल्लाने लगी। मैडम की आवांजो को दबाने के लिए। मैंने अपना होंठ मैडम की होंठ पीकर रख दिया। मैडम के ऊपर लेट कर मैं मैडम की चुदाई कर रहा था। मैडम की आवाज अब बहुत धीऱे धीऱे निकल रही थी। मैडम की चूत में अपना लंड पेल रहा था। मै अपनी कमर उठा उठा कर मैडम की चूत में अपना लौंडा डाल रहा था। मैं मैडम के ऊपर से उठा मैडम की थोड़ी तेज आवाज बाहर निकल रही थी। मैडम “आऊ.आऊ..ह म म मम अहह्ह्ह्हह.सी सी सी सी.हा हा हा..!! की आवाज निकाल रही थी।

मैंने मैडम की चूत में अपना लंड डाले रहा। मैडम अपनी कमर उठा उठा कर चुदवाने लगी। मैंने मैडम को नींचे उतार कर झुका दिया। मैडम नीचे झुकी हुई थी। उनकी दोनों चूंचियां भी लटक रही थी। मैंने पीछे से मैडम की चूत में अपना लौड़ा दाल दिया। मैडम की कमर को पकड़ कर अपना लौडा मैडम की चूत में लपा लप डाल रहा था। मैडम की चूत में जल्दी जल्दी अपना लंड अंदर बाहर अंदर बाहर कर रहा था। मैडम की चूत चूत की जान निकल रही थी। मैडम जोर जोर से “आई
.आई..आई..अहह्ह्ह्हह.सी सी सी सी.हा हा हा.” चिल्ला रही थी। मैं मैडम की चूत में अपना लंड लगातार पेलता रहा। मैडम की दोनों टांगो को उठाकर मैंने अपने कमर में फंसाकर मैडम को चोदने लगा। मैडम की चूत को मैं आगे पीछे होकर चोद रहा था मैडम को मैंने नीचे किया। मै कुर्सी पर अपना लंड खड़ा करके बैठ गया। मैडम भी अपनी चूत मेरे लंड से लगा कर बैठ गई। मैडम की चूत को मैं मैडम को उठा उठा कर चोद रहा था। मैडम बहुत ही गर्म हो चुकी थी।

मैडम खुद ही चिल्लाते हुए ऊपर नीचे होकर चुदवाने लगी। मैडम की चूत का हलुआ बन गया। मैंने अपने लंड पर थूक लगाया। मैडम को मैंने अपने लंड पर गांड रख कर बैठने को कहा। मैडम मेरे लंड पर अपनी गांड का छेड़ सटाकर बैठ गई। धीऱे धीऱे बैठ कर मेरा पूरा लंड अपनी गांड में घुसा ली। मैडम की गांड बहुत तेज तेज से दर्द होने लगी। मैडम ने मेरा लंड अपनी गांड से निकालना चाहा। मैंने को धीऱे धीऱे ऊपर नीचे होने को कहा। मैडम धीऱे धीऱे ऊपर नीचे होने लगी। कुछ देर बाद मैडम की गांड का दर्द आराम हुआ। मैडम धीऱे धीऱे से चिल्लती रही। “..अई. .अई.अई.. अई..उहह्ह्ह्ह..-ओह्ह्ह्हह्ह..” की आवांजो के साथ जोर जोर से ऊपर नीचे होने लगी।

मै झड़ने वाला हो गया। मैंने मैडम को बताया मैडम मै झड़ने वाला हूँ। मैडम ने अपनी गांड से मेरा लंड निकाला। मैडम नींचे बैठ गई। मेरा लंड अपने मुँह में लेकर जोर जोर से मुठ मारने लगी। मै मैडम की मुँह में झड़ गया। मैडम ने मेरा लंड चाट कर साफ कर दिया। हम दोनो ने एक दूसरे को साफ किया। मैडम ने अपना कपड़ा पहना और मुस्कुराती हुई चली गई। अब जब भी मौका मिलता है। मैडम को जरूर चोदता हूँ। मैडम को हर रोज किस करके उनकी चूंचियां दबा देता हूँ।



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