नयी सेक्सी ऑफीस कोलीग के साथ फ्लर्टिंग की कहानी

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम है कारण. मैं पुंजब से हू. मेरी उमर 30 साल है, और मैं मॅरीड हू. मेरा एक बच्चा भी है. मेरी हाइट 5’9″ है, और लंड तकरीबन 6.5 इंच का है. मेरा लंड लंबे टाइम तक टिकता है, और जिस लड़की/औरत के साथ भी मैने सेक्स किया है, वो हमेशा संतुष्ट हुई है. तो चलिए अब मैं अपनी कहानी पर आता हू.

ये बात 6 महीने पहले की है. मैं एक मंक में जॉब करता था. वाहा काफ़ी अची पोस्ट थी मेरी. एक दिन शाम को जब मैं घर आया, तो मेरा पड़ोसी मेरे घर आया हुआ था.

हम पड़ोसी थे, तो अक्सर हमारी ही-हेलो होती रहती थी. जब मैने उससे पूछा की वो क्यूँ आया था, तो उसने मुझे बताया की उसकी बीवी की जॉब जेया चुकी थी. फिर वो मुझसे रिक्वेस्ट करने लगा की मेरी कंपनी में अगर कोई वेकेन्सी हो, तो मैं उसकी बीवी को वाहा जॉब दिलवा डू.

मुझे लगा की उसकी हेल्प कर देनी चाहिए, तो मैने उसको कहा की वो अपनी बीवी को अगले दिन मेरे ऑफीस भेज दे. उसने मुझे थॅंक योउ बोला, और वापस अपने घर चला गया. मेरे लिए ये एक नॉर्मल इन्सिडेंट था, क्यूंकी लोग अक्सर मेरे घर आते ते किसी को जॉब लगवाने के लिए.

फिर अगले दिन जब मैं ऑफीस था, तो मुझे ध्यान भी नही था पिछले दिन की बात का. तभी मेरे कॅबिन का डोर हुआ. मैने “कम इन” बोला तो सोनिया भाभी अंदर आ गयी. सोनिया भाभी मेरे पड़ोसी की बीवी थी, जिसने पिछली शाम मुझे उसको जॉब लगवाने के लिए बोला था.

मैने पहले भी आते-जाते उन्हे देखा था, लेकिन आज तो वो कुछ अलग ही लग रही थी. टाइट ब्लॅक ट्राउज़र्स, और ब्लू शर्ट पहनी हुई थी उसने. फिटिंग वाले कपड़ों में भाभी की गांद मस्त लग रही थी, और बूब्स भी एक-दूं खड़े हुए लग रहे थे.

उसको देखते ही मेरे दिमाग़ मैं आया, की यार ये इतनी सेक्सी कब से हो गयी. फिर मुझे लगा क्यूंकी वो घर पर हमेशा ढीले-ढाले कपड़ों में रहती थी, इसलिए उनका सेक्सी फिगर मुझे कभी दिखा ही नही.

भाभी की हाइट तकरीबन 5’6″ थी, और रंग सावला था. फिगर उसका 36-30-38 के आस-पास होगा. सीधे शब्दों में बोलू तो वो ब्लॅक ब्यूटी थी. एक दूं चॉक्लेट टाइप, जिसको हर मर्द देखते ही छोड़ना चाहेगा.

फिर मैने उसको चेर पर बैठने के लिए कहा, और हमारी बात शुरू हुई.

मैं: जी भाभी, कैसी है आप?

सोनिया: सिर मैं ठीक हू.

मैं: सिर! अर्रे भाभी इतना फॉर्मल होने की ज़रूरत नही है. हम पड़ोसी है यहा भी.

सोनिया: सिर मैं यहा जॉब के लिए आई हू, पड़ोसी बनने नही.

मुझे उसका जवाब बड़ा अजीब सा लगा. ऐसा लग रहा था जैसे वो झगड़ा करने के मूड में थी.

फिर मैने कहा: ओक माँ, तो आप बाहर मिस टीना होंगी, उनसे मिल लीजिए.

फिर सोनिया उठी, और चली गयी. जब वो कॅबिन के बाहर जेया रही थी, तो उसकी मस्त गांद मटक रही थी. मुझे उसकी ट्राउज़र्स के उपर से उसकी पनटी की लाइन नज़र आ रही थी. पता नही क्यूँ उसको देख कर एक अलग ही उत्तेजना हो रही थी, और उसकी बदतमीज़ी पे भी मुझे गुस्सा नही आया था.

थोड़ी देर बाद मुझे टीना की कॉल आई, और उसने कहा की सोनिया जॉब के लिए सही कॅंडिडेट थी, और उसको जॉब पे रख लिया गया था. फिर उसी दिन शाम को जब ऑफीस क्लोज़ होने का टाइम हुआ, तब मैं गाड़ी लेकर बेसमेंट से बाहर निकल ही रहा था, की सोनिया मुझे फुटपॅत पर खड़ी नज़र आई. वो शायद ऑटो या कॅब की वेट कर रही थी.

मैने गाड़ी उसके आयेज खड़ी की, और मिरर ओपन करके उसको बोला-

मैं: अब घर तक लिफ्ट लेने के लिए तो पड़ोसी होना ज़रूरी नही है.

मेरी ये बात सुन कर उसके होंठो पर थोड़ी स्माइल आई, और वो गाड़ी में बैठ गयी. ऑफीस से लेके घर तक का रास्ता आधे घंटे का था. सोनिया गाड़ी में बैठने के 5 मिनिट तक कुछ नही बोली. फिर मैने ही बात शुरू की-

मैं: वैसे अब मुझे समझ आया, की हमारी गली में इतनी गर्मी क्यूँ है?

सोनिया: क्यूँ है?

मैं: अर्रे जब इतने गरम स्वाभाव वाले लोग रहते हो गली में, तो गर्मी तो होगी ही ना.

और मैं हासणे लगा. वो भी खिलखिला के हासणे लगी. फिर उसने बात शुरू की.

सोनिया: आक्च्युयली मैं घर दे लड़ के आई थी.

मैं: ह्म, मैं समझ गया था.

सोनिया: मुझे जॉब नही करनी है, लेकिन मेरे हज़्बेंड ज़बरदस्ती मुझसे जॉब करवाना चाहते है.

मैं: क्यूँ ऐसा क्यूँ?

सोनिया: वो जो कमाते है, सब शेर्स में उड़ा देते है, और घर के खर्च के लिए मुझ पर डिपेंड हो जाते है. ये सही बात नही है.

मैं: ह्म.

सोनिया: वैसे आपने मेरी बदतमीज़ी क्यूँ बर्दाश्त की?

उसका ये सवाल सुन कर मैने सोचा तोड़ा फ्लर्ट कर ही लेता हू. फिर मैं बोला-

मैं: आक्च्युयली खूबसूरत लड़कियों पर मुझे गुस्सा नही आता.

ये सुन कर उसने एक स्माइल की, और दूसरी तरफ देखने लगी. मेरा ध्यान उसके मोटे-मोटे चोकॉलती बूब्स पर ही था. दिल तो कर रहा था, की मैं पकड़ कर चूसने शुरू कर डू. लेकिन अभी सही वक़्त नही आया था. फिर मैने उससे पूछा-

मैं: वैसे भाभी आपको एन्वाइरन्मेंट कैसा लगा ऑफीस का?

सोनिया: मुझे भाभी मत कहो, सोनिया कहो.

मैं: ठीक है सोनिया.

सोनिया: ऑफीस का एन्वाइरन्मेंट बहुत अछा है. ऐसा लगता ही नही की काम करके आई हू. ऐसा लग रहा है, जैसे एंजाय करके आई हू.

मैं (मॅन में): तो मुझे भी तोड़ा एंजाय करवा दो मेरी जान.

मैं: हमने बड़ा सोच समझ कर ऐसा माहौल बनाया है, जहा रिलॅक्स होके सब काम कर सके.

अब बस घर आने में 5 मिनिट का रास्ता रह गया था. तभी मैने बोला-

मैं: सोनिया आप आराम से जॉब कंटिन्यू करो. भाई साब से मैं बात करूँगा उनकी शेर्स की आदत के बारे में.

सोनिया: कारण आज तक हमारी बात नही हुई कभी. मुझे नही पता था की तुम इतने समझदार हू.

ये सुन कर मैने शाइ फील करने का ड्रामा किया. फिर मैं बोला-

मैं: सोनिया, जो खुद आचे होते है. उनको सब आचे ही लगते है.

सोनिया ने फिरसे स्माइल पास की. तब तक घर आ गया. फिर उसने मुझे थॅंक योउ बोला, और जाने लगी. मेरी नज़र उसकी बॅक पर ही थी. तभी उसने अचानक से पीछे मूड कर देखा, और एक स्माइल पास की. मैने सोचा की मेरा काम जल्दी ही हो जाएगा.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो आप मुझे गुलाटी.गुलाटी555@गमाल.कॉम पर मैल करके फीडबॅक दे सकते है. पॉर्न वीडियोस, वेब सीरीस, और मूवीस के लिए भी कॉंटॅक्ट करे.

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