हेलो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है. ये स्टोरी तब की है, जब मैं 18 साल का था. उस छ्होटी सी आगे में भी मेरा लंड काफ़ी लंबा और मोटा था. वैसे तो स्कूल में सभी फीमेल टीचर्स बहुत ही हॉट थी.
पर मेरी नज़र सिर्फ़ इंग्लीश वाली मेडम पर आ कर रुकती थी. अपनी इंग्लीश वाली मेडम के बारे में क्या बतौन, उसकी वो मोटी गांद मैं आज तक नही भूल पाया.
मुझे लगता था की वो सिर्फ़ छोड़ने के लिए ही बनी थी. उसके लिप्स और बूब्स जिसे देख कर कोई भी पागल हो जाए, और उसको अपने मॅन में ही छोड़ डाले. जब भी उसकी क्लास होती थी, तो मैं सबसे आयेज बैठता था, की उसको आचे से देख साकु.
ज़्यादा बातें ना करते हुए मैं सीधा स्टोरी पर ही आता हू. बात तब की है जब स्कूल में गर्मी की छुट्टियाँ थी. मेरा स्कूल हमारे गाओं में ही था. स्कूल ज़्यादा बड़ा नही था, और स्कूल में ज़्यादा टीचर भी नही थे.
गर्मियों के कारण स्कूल में लगे हुए फ्लवर्स खराब ना जाए, इसलिए सभी टीचर्स ने आपस में बात की, और डिसाइड किया की सब बारी-बारी आ कर किसी स्टूडेंट को साथ लेकर सभी प्लॅंट्स में पानी डालेंगे.
मेरी ड्यूटी इंग्लीश वाली मेडम के साथ लगी थी सभी प्लॅंट्स में पानी डालने की. इस बात से मैं बहुत खुश था, की चलो अभी छुट्टियों में भी उसकी गांद को देख कर अपने लंड को हिला कर पानी निकाल लिया करूँगा.
फिर वो दिन आ गया जब स्कूल में जाना था, पानी डालने के लिए प्लॅंट्स में. मैं उस दिन पहले ही स्कूल में पहुँच गया. मेरे पहुँचने के कुछ देर बाद ही इंग्लीश वाली मेडम भी वही आ गयी. उसने पिंक सूट पहना हुआ था, जिसमे वो बहुत ही ज़्यादा सेक्सी लग रही थी.
मेडम के आने के बाद मैने उनको गुड मॉर्निंग बोला, और फिर स्कूल स्टोर से लंबी पीपे निकाल कर ले लाया. पीपे को नाल के साथ कनेक्ट करने के बाद मैं फ्लवर्स में पानी डालने लग गया. इंग्लीश वाली मेडम भी मेरे पास आ गयी.
अब मैं पानी डाल रहा था, और वो मेरे पास खड़ी थी. थोड़ी देर बाद उन्होने मुझसे पीपे ले लिया, और पानी डालने लग गयी खुद फ्लवर्स में. उनके हाथ में पीपे देख कर मैं तोड़ा पीछे हॅट कर खड़ा हो गया. अब वो मेरे आयेज थी, और पानी डाल रही थी.
पीछे से उनकी गांद देख कर मुझसे रहा नही गया. मैने अपनी जेब में हाथ डाला, और अपने लंड को मसालने लग गया. फिर एक-दूं वो पीछे मूड गयी, और उसने मुझे अपना लंड मसालते हुए देख लिया, और एक-दूं से बोली-
मेडम: राहुल तुम यहा क्या कर रहे हो? मैने तुम्हे शरीफ समझा, और तुम!
मैं (मैं बहुत दर्र गया था): कुछ, कुछ नही, बस मैं तो ऐसे ही.
मेडम: क्या कुछ नही? सब समझती हू मैं. सच बता दो अब क्या कर रहे थे?
मैं: नही कुछ नही. सॉरी मेडम, आयेज से मैं ऐसा कुछ नही करूँगा.
मेडम: और अभी जो किया उसका क्या?
मैं: सॉरी मुझसे ग़लती हो गयी. मुझसे रहा नही गया.
मेडम: क्यूँ, क्यूँ नही रहा गया तुमसे? ऐसा क्या है मुझमे?
मैं: आप मुझे आचे ही इतने लगते हो की मैं खुद को रोक नही पाया.
मेडम: अछा ऐसी बात है क्या?
उसने इतना बोल कर हाथ में पकड़ी हुई पीपे से मेरे उपर पानी गिरा दिया. मैं पूरा गीला हो गया, पर वो हासणे लगी और बोली-
मेडम: क्यूँ हो गयी तेरी गर्मी ठंडी?
मैं समझ गया की वो भी मुझसे चूड़ना चाहती थी. मैने ना शरमाते हुए बोला-
मैं: गर्मी तो मेरे अंदर बहुत है. ऐसे नही ठंडी होगी. ये तो किसी और तरीके से ठंडी होगी.
मेडम (अपने लिप्स के उपर जीभ घूमते हुए): चलो फिर आज कर देती हू तुम्हारी गर्मी ठंडी. तुम भी क्या याद करोगे.
इतना बोल कर उसने मेरी पंत के उपर से मेरे लंड को पकड़ा, और खींच कर मुझे क्लासरूम में ले गयी. वाहा पहुँच कर उसने मुझे दीवार से लगाया, और मेरे लिप्स पर किस करते करते हुए मेरी पंत के अंदर हाथ डाल कर मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया.
मुझे बहुत मज़ा आने लगा. मैने भी बिना कुछ सोचे उसके लिप्स चूसने शुरू कर दिए. लिप्स चूस्टे-चूस्टे मैने उसकी गांद को पीछे से पकड़ा, और इतनी ज़ोर से उसको नोचने लगा, जैसे मुझे बस उसकी गांद ही चाहिए थी.
कुछ देर ऐसे ही करने के बाद वो धीरे से नीचे घुटनो पर बैठ गयी, और मेरी पंत खोल कर मेरे लंड को बाहर निकाल कर चूसने लग गयी. वो ऐसे चूस रही थी, जैसे बच्चा लॉलिपोप चूस्टा है. लंड चूस्टे-चूस्टे उसने मेरी पंत को निकाल दिया, और मैने उपर से शर्ट भी निकाल दी.
फिर मैने उसको उपर उठाया, और उसके सूट को उपर से निकाल दिया. उसने अंदर रेड कलर की ब्रा पहनी हुई थी, जिसमे से उसके बूब्स बाहर आने को तरस रहे थे. मैने ना देर करते हुए उसकी ब्रा को ऐसे ही उपर से निकाल दिया, और उनके दोनो गोरे-गोरे बूब्स को पकड़ कर चूसने लग गया.
मेरे बूब्स चूसने की वजह से वो और भी ज़्यादा बेचैन हो गयी. उसने खुद मेरा एक हाथ पकड़ कर अपनी सलवार के अंदर उसकी छूट तक पहुँचा दिया. उसकी छूट पर हल्के-हल्के बाल थे. मैने छूट के अंदर थोड़ी सी उंगली डाली, और वो पूरी तरह गीली हो चुकी थी.
मैने छूट के अंदर सबसे बड़ी वाली उंगली डाल दी, और आयेज-पीछे करने लग गया. थोड़ी देर ऐसा करने के बाद वो मेरे सामने डॉगी स्टाइल में आ गयी. मैने देर ना करते हुए अपना पूरा लंड एक ही बार में ही छूट के अंदर डाल दिया.
लंड डालते ही वो पागल सी हो गयी, और मुझे गलियाँ देने लग गयी.
मेडम: बहनचोड़, मुझे ज़ोर से छोड़. ऐसा छोड़ की मेरी छूट ये चुदाई कभी भूल ना पाए.
मैं आँखें बंद करके उसको ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लग गया. मैने उसके बालों को अपने हाथ से पकड़ा, और जैसे किसी रंडी को छोड़ते है वैसे ही छोड़ा. कम से कम 15 मिनिट मैने उसको ऐसे ही छोड़ा.
फिर मेरा पानी निकालने वाला था, तो मैने जल्दी से अपना लंड छूट से बाहर निकाला, और अपने हाथ से उसको आयेज-पीछे करने लग गया. मैं ऐसा कर रहा था, और इतनी ही देर में वो मेरे लंड के सामने घुटनो के बाल बैठ गयी.
मेरे लंड से एक ज़ोर की पिचकारी निकल कर उसके फेस पर गिरी. अपनी जीभ को अपने लिप्स पर घुमा कर वो पानी को चाटने लग गयी. मेरे अंदर की गर्मी अभी शांत नही हुई थी. पर हमारे पास टाइम कम था, और वो स्कूल था. तो मेडम ने मुझसे कहा-
मेडम: मुझे पहले ऐसे किसी ने नही छोड़ा, तुम बहुत आचे हो राहुल.
तुम ये सोचो की ये अभी ट्रेलर है. पिक्चर अभी मैं तुम्हे दिखौँगी अपने घर बुला कर. इतना बोल कर उसने अपना सूट और सलवार पहने, और मैने भी फिर अपनी पंत शर्ट पहन ली. फिर हमने एक लंबी किस की, और वो अपने घर चली गयी.
इसी के साथ मेरी स्टोरी ख़तम होती है. आपको मेरी स्टोरी कैसी लगी आप मुझे मैल करके बता सकते हो