सेक्सी मा को पाटने का पहला कदम

ही फ्रेंड्स, मेरी सेक्स स्टोरी के 1स्ट्रीट पार्ट को ढेर सारा प्यार देने के लिए बहुत शुक्रिया. तो चलिए अब आयेज बढ़ते है 2न्ड पार्ट की और. इसको शुरू करने से पहले मैं फिर डिसक्लेमर देना चाहूँगा, की ये मेरी कहानी है. मेरा पर्सनल एक्सपीरियेन्स है, और आपकी कहानी मुझसे भी अची हो सकती है. सब आपके प्रयासों के उपर निर्भर है.

तो उस दिन मों और रिंकू आंटी की बातें सुन कर मेरा लंड खड़ा हो गया. क्यूंकी उनकी बातें सुन कर मैं उन्हे इमॅजिन कर रहा था. मैने पिछले पार्ट में जो फिगर बताया था मों का (36-30-38), वो अभी करेंट्ली है. पर जब वो इन्सिडेन्स हुआ था, उस टाइम पे मों चब्बी थी. जैसे नॉर्मल हाउसवाइफ हुआ करती है.

थोड़ी चब्बी, मोटे बूब्स, और अपनी बॉडी को लेकर उतनी केर नही. क्यूंकी उनको पता है की उनको वहीं एक चीज़ ही रोज़ रात को मिलने वाली है. फिर आपका फिगर कैसा भी क्यूँ ना हो. और सेम मों के साथ हुआ था. भले ही बाइ डिग्री वो डॉक्टर थी, पर वो अब एक टिपिकल हाउसवाइफ बन गयी थी.

उस दिन जब मेरा लंड खड़ा हुआ, तो दिमाग़ में गिल्ट सा आया, की मैं अपनी मों को सोच कर ये क्या कर रहा था. पर मेरा मॅन मेरे दिल को समझने लगा की नही शाज़न, ये मों को नही, बल्कि रिंकू आंटी के लिए खड़ा हुआ है. क्यूंकी रिंकू आंटी ने अपने ब्फ रॉबिन को अपने सभी होल्स दे दिए थे, और वो उसके अलावा भी काई लोगों से चूड़ी थी.

वो अपने ज़माने की रंडी थी, और उसको छोड़ने में कोई हर्ज नही. मेरी मों ने कॉलेज लाइफ में सेक्स किया होगा, पर ये तो आज कल कामन है, और मों ने सिर्फ़ उसको एक ही होल दिया था. और बाकी अपने हब्बी के लिए रखा. सो वो एक संस्कारी टाइप की औरत है.

वो आज भी वो अपने हब्बी में ही हप्पयनेसस ढूँढ रही है. सो मेरा लंड रिंकू आंटी के लिए ही खड़ा हो रखा था. मैने अपने दिल को भले ही समझा दिया था, पर मुझे अंदर से कहीं कुछ अछा नही लग रहा था. और जब भी मों को देखता, तो कुछ अजीब सा लगता मुझे अपने अंदर. मानो की एक छ्होटी सी चिंगारी मेरे अंदर कहीं लगी हुई थी. और इस चिंगारी को हवा मेरे हरामी दोस्तों ने दी.

हुआ यू, की कॉलेज फ्रेंड्स में आपस में गाली देना कामन है. आपस में तेरी मा की, बेहन की, ये सब गालियाँ कामन है. तो एक बार ऐसी ही कुछ बात पे मेरे एक फ्रेंड हरीश ने मुझे बात-बात में कहा की तेरी मा को छोड़ दूँगा सेयेल.

मैं उसे कुछ बोलू उससे पहले मेरे दूसरे दोस्त केवल ने उसका कॉलर पकड़ लिया, “साले, मों के बारे में गाली मत दे. तुझे पता है ना की आंटी डॉक्टर है. सेयेल तेरा ऑपरेशन कर देंगी, तो फिर तेरा खड़ा भी नही होगा.” और केवल ने हरीश से मेरे को सॉरी बुलवाया. फिर माहौल नॉर्मल हो गया, और मैं वहाँ से जाने लगा.

मुझे केवल से कुछ काम था, सो मैं वापस आया. वो दोनो आपस में मेरी मों के बारे में बात कर रहे थे, जिसे सुन कर मेरे पैर वहीं पे थम गये.

हरीश: साले, तूने एक औरत के लिए मेरा कॉलर पकड़ा?

केवल: अगर तू मेरे माल को ऐसा वैसा बोलेगा, तो फिर यही होगा ना.

हरीश: मतलब?

केवल: हा बे. मुझे भी शाज़न की मों को छोड़ना है. क्या मस्त मोटा माल है. चब्बी बॉडी, मोटी गांद, और बड़े से बूब्स. इनकी कम्यूनिटी की औरतों में चुदाई की इक्चा ज़्यादा होती है, पर ये सॅटिस्फाइड नही होती. और आंटी उपर से डॉक्टर भी है. बॉडी का हर पार्ट जानती है. तो मज़ा भी मस्त देगी. मैं जब भी उसके घर जाता हू, तो आंटी की नज़रों में मुझे वो प्यास दिखती है, जिसे वो कहीं और से बुझाना चाहती है.

हरीश: हा यार, माल तो करारा है. अगर मेरी मों ऐसी होती, तो मैं ज़रूर छोड़ लेता.

केवल: सॅकी यार, मैं भी छोड़ देता. हर रोज़ पापा के बाद मैं मों की क्लास लेता. और इन लोगों में तो फॅमिली में चलता ही है. कुछ ज़्यादा ऑब्जेक्षन नही होता. काश मैं शाज़न की जगह होता, तो रोज़ आंटी को छोड़ता.

ये सुन कर मैं तो जैसे सुन्न पद गया. जो चिंगारी पिछले हफ्ते उठी थी, अब उसमे हवा लग गयी. और इसका प्रूफ था की उनकी बातें सुन कर आज फिर से मेरा लंड लास्ट टाइम की तरह पूरा तंन गया था. अब तो ये शुवर हो गया, की ये लास्ट टाइम भी रिंकू आंटी के लिए नही, पर मों के लिए ही खड़ा हुआ होगा.

मैं फिर शाम को घर आया, और अपने बेडरूम में जेया कर सोचने लगा की मैं ये क्या सोचने लगा था अपनी ही मों के बारे में. तभी मों बेडरूम में मुझे छाई देने आई, और मुझे कुछ सोचते हुए देख पूछा-

मों: क्या सोच रहे हो इतना बेटा, की मैं अंदर आ गयी, और तुमने नोटीस भी नही किया?

मे: अर्रे कुछ नही मों. वो कुछ दिमाग़ में क्वेस्चन्स थे, उनका आन्सर नही मिल रहे है.

मों: बस इतनी सी बात. बेटा ऐसा कोई सवाल नही जिसका जवाब इंटरनेट के पास ना हो. तू गूगले कर ले.

मों मुझे छाई देके चली गयी. फिर मैने फटाफट गूगले में सर्च किया ‘मों सोन सेक्स इंडिया’, तो वहाँ बहुत सारी वीडियोस, फोटोस, स्टोरीस आ गयी, और वहीं से मुझे ये साइट दिखी, और उसमे मुझे हज़ारों ऐसी स्टोरीस मिली, जिसमे मा बेटे की चुदाई की स्टोरी है.

उसे पढ़ कर मेरी आँखें खुली रह गयी, की आज-कल कैसे ये इंडिया में भी चल रहा है. और मेरी सिटी भी इंडिया में ही है, तो अगर में चाहु तो मेरे घर में भी ये हो सकता है.

इस साइट में मैने तरह-तरह की मों सोन वाली स्टोरीस पढ़ी, जिसमे काई आइडियास और स्ट्रॅटजीस और प्लॅनिंग को उसे करके लड़का अपनी मों की लेने में कामयाब होता है. और इन सब स्टोरीस को मैं और कुछ दीनो तक पढ़ता रहा, की कहीं मेरे जैसी किसी की सिचुयेशन हो स्टोरी में, तो कुछ आइडिया मिले.

नेक्स्ट वीक मेरे दोस्त के पापा जो नेटवर्क मार्केटिंग में है, वो मेरे घर पे आए. मैं उनके कॉल को अवाय्ड कर रहा था. सो वो मेरे घर पे ही आ गये, और मुझे बिज़्नेस पार्ट टाइम में शुरू करने के लिए माना रहे थे. पर अभी मेरा ध्यान कहीं और ही था, सो मैने उतना ध्यान नही दिया.

अब फ्रेंड के पापा थे, सो डाइरेक्ट नो भी नही बोल सकते थे ना. जब वो ज़्यादा ही पोक करने लगे, तो मैने बोल दिया-

मैं: अंकल बिज़्नेस मॉडेल अछा है, पर मुझे कस्टमर कहाँ से मिलेंगे? कौन सुनेगा मेरी बात?

तभी अंकल ने मुझे कहा: एक बात काहु? तुम्हे कहीं बाहर जाने की ज़रूरत भी नही है. तुम्हारा टारगेट तुम्हारे घर में ही है, तुम्हारी मों (ये सुन कर मैं शॉक हो गया, की अंकल को कैसे पता चल गया की मेरा टारगेट मेरी मों थी?). तुम्हारी मों को वेट लॉस की ज़रूरत है. और सच काहु, तो यशस्वी माँ भी पहले तुम्हारी मों के जैसे ही लगती थी, और आज-कल तो तुम्हे उनका पता ही है.

और फिर अंकल ने मुझे यशस्वी माँ की पुरानी फोटो दिखाई. बिल्कुल मों के जैसा मोटा फिगर, और चेहरे पे कोई चमक नही थी. मुझे देख कर लगा की जैसे मेरी मों ही थी.

फिर अंकल ने मुझे बोला: मैं तुम्हारी मों से बात करके उन्हे रेडी करता हू.

तब मैने उन्हे रोक लिया, और कहा: अंकल अभी मों कुछ टेन्षन में है पापा को लेकर, तो अभी नही. जब उनका मूड अछा होगा, तो मैं खुद ही बात करूगा. आप मुझे व्हातसपप पे टिप्स और तरीका भेजिएगा.

और अंकल को मैने अलविदा किया. क्यूंकी अगर अंकल मों से बात करते, तो फिर मों उनको ही अपना हेल्त कोच बनती. पर मुझे ही अपनी मों को ट्रेन करना था. सो मैने हिम्मत करके मों से इसके रिगार्डिंग बात की. यशस्वी माँ का पुराना फोटो और अभी का लेटेस्ट फोटो दिखाया. तो मों सर्प्राइज़्ड हो गयी.

उनको मैने पूरा संजया की उनकी लाइफ कैसे ट्रॅन्सफॉर्म हो सकती थी. मों की भी अंदर से इक्चा थी, पर लास्ट में उन्होने बोला-

मों: बेटा, वो सब तो ठीक है. बुत अब इस आगे में मुझे इसकी क्या ज़रूरत? और वैसे भी तुम्हारे पापा नही मानेंगे.

फिर मैने भी लास्ट में उनको अपने दिल की बात बता दी, की जो उन्हे दिल पे लगे.

मे: ठीक है, तुम्हारी मर्ज़ी. मैं तो बस चाहता था की आप भी वैसे ही दिखो, जैसा रिंकू आंटी दिखती है. आप दोनो की सेम आगे है, पर अगर वो मेरे साथ मार्केट में जाए, तो लोग बोलेंगे की मेरी गफ़ होगी, ऐसी दिखती है वो. वो तुमसे हर मामले में 3 गुना ज़्यादा है. फिटनेस ले लो, कॉन्फिडेन्स ले लो, पर्सनॅलिटी ले लो, हर चीज़ में तुम 1 हो तो वो 3 है (मैने उंगली से 1 और 3 इशारा करके बताया).

मे: और बात रही पापा मानेंगे की नही, ये मॅटर नही करता. मॅटर ये करता है की आप क्या चाहती हो? आपकी लाइफ है, ये आपकी बॉडी है (मैने हाथ के इशारे से उनका फिगर ड्रॉ किया, और कमर वाला हिस्सा बड़ा बताया). तो फिर डिसिशन भी आपका होना चाहिए. और मों, ऐसी ऑपर्चुनिटी बार-बार नही आती, आप सोचिएगा, ज़रूर इसके बारे में.

और फिर मैं बाहर चला गया.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा.

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