सेक्सी आंटी की गंदे तरीके से चुदाई

आपने पिछले पार्ट को इतना प्यार दिया, उसके लिए धन्यवाद. अब आयेज:-

आंटी: अंदर बेड पर जेया कर बैठ.

मैं उनकी बात सुन कर अंदर रूम में चला गया. आंटी भी रूम में आ गयी, और उन्होने मेरी आँखों पर पट्टी बाँध दी. 2 मिनिट बाद आंटी फिरसे रूम में आई, और मेरी पट्टी खोल दी.

मैं एक-दूं से शॉक रह गया. आंटी मेरे आयेज बिल्कुल नंगी थी. उनके बूब्स, चिकनी छूट, गांद सब नंगी थी. आंटी एक-दूं बॉम्ब लग रही थी. उनको ऐसे देख मेरे लंड में और तनाव आ गया था.

आंटी: तुझे अब सबक सीखना ही पड़ेगा.

ये बोल कर आंटी ने मुझे लिटा दिया, और अपनी गांद मेरे मूह पर रख दी और बोली-

आंटी: चाट कुत्ते चाट!

मुझे पहले अजीब लगा, लेकिन बाद में मज़ा आने लगा. अब मैं भी पुर मॅन से गांद चाटने लगा.

आंटी: ओह चाट बहनचोड़! चाट मज़ा आ रहा है. ऑश सस्स्सस्स ओह.

तोड़ा सा गांद में थूक, और फिर चाट मदारचोड़. मैने 20 मिनिट तक आंटी की गांद छाती. अब आंटी खड़ी हुई, और बोली-

आंटी: इधर आ कुत्ते, अपनी गांद दे.

आंटी ने मुझे उल्टा किया, और मेरी गांद में बुरी तरह थूका और गांद चाटने लगी. अबकी बार आंटी ने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया, और आयेज-पीछे करने लगी. मुझे बहुत मज़ा आने लगा. 10 मिनिट बाद आंटी ने मुझे छ्चोढा.

मैं: आंटी मज़ा आया.

वो मेरी तरफ देखने लगी और बोली-

आंटी: कुत्ते असली मज़ा तो अब आएगा.

ये बोलते ही आंटी ने मेरा मूह अपनी छूट में दे दिया और मैं भी मज़े से छूट चाटने लगा.

आंटी: अहह ऑश ब्स्दक! मस्त जीभ है तेरी कुत्ते. ऐसे ही चला श.

मैं: आंटी.

आंटी: बोल ब्स्दक.

मैं: आंटी मूह पर बैठो ना.

आंटी: कुत्ते रुक तू.

अब आंटी ने मेरे को बेड पर लिटाया, और मेरे मूह पर अपनी छूट रख दी, और छूट को दबाने लगी. मुझे साँस भी नही आ रही थी. मैं तेज़-तेज़ आंटी को हाथ मारने लगा. लेकिन आंटी फिर भी कुछ देर बाद हटती, और मुझे साँस आई.

आंटी: कुत्ते चाट, और चाट, थूक मेरी छूट पर.

मैं: आंटी नही आ रहा थूक.

आंटी ने गुस्से में मुझे 2 छानते मारे और बोली-

आंटी: मदारचोड़ अब बना थूक कुत्ते.

मैं: नही आंटी सही में नि आ रहा.

आंटी: मूह खोल ब्स्दक.

उन्होने मेरे मूह में थूक दिया और बोली-

आंटी: अब आ गया ना, चल अब थूक मेरी छूट पर.

इसके बाद आंटी ने कम से कम 20 मिनिट तक छूट चटवाई.

आंटी: मज़ा आया कुत्ते?

मैं: हा आंटी आया.

आंटी: अभी तो और आएगा.

मैं: कैसे?

ये बोलते ही आंटी ने मेरा लंड मूह में ले लिया. मुझे अलग ही मज़ा आया, और ऐसा लगा जैसे मैं जन्नत में था. आंटी कुटिया की तरह लंड को चूस रही थी.

मैं: ओह आंटी! मज़ा आ रहा है. वाउ श हूऊ हू!

आंटी ने लंड को मूह से निकाला, और अपने मूट से उसको गीला कर दिया. मुझे आंटी का मूट गरम फील हुआ.

आंटी: कुत्ते चाट मेरी छूट को.

मैने आंटी की छूट छाती, और उन्होने मेरा लंड. इसके बाद आंटी बोली-

आंटी: कुत्ते असली मज़ा देती हू तेरे को.

ये कहते ही उन्होने मेरे लंड को मसला, और उस पर छूट रख दी. छूट रखते ही मेरे लंड ने तो ज़ोर से झटका मारा, जिससे आंटी की चीख निकल गयी.

आंटी: ह! ब्स्दक मार दिया कुत्ते. बेहन के लंड, कुत्ते.

मैं: आंटी आप ही एक-दूं खुद कर लंड पर चढ़ गयी.

आंटी: ज़ुबान मत चला, लोड्‍ा चला.

मैं: ये लो आंटी ये लो.

आंटी: औट तेज़ ओह और तेज़.

मैं: आहह ह मज़ा आ रहा है. एक नंबर की छूट हो आप.

आंटी: ऐसे ही मज़ा आ गया आज. श श उंगलियों में वो मज़ा कहा है, जो लंड में है ऑश.

मैं: ओह आंटी मैं आने वाला हू. मूह खोलो जल्दी

अब मैने अपना माल आंटी के मूह के अंदर डाल दिया.

मैं: बेहन की लोदी मेरे को माल चाताया था ना. पी अब मेरा माल रंडी.

आंटी: असली कुत्ता है तू कुत्ते.

मैं: आंटी मज़ा आ गया. सोचा नही था आपकी छूट छोड़ने को मिलेगी.

आंटी: छोड़ता तो तू अछा है.

मैं: गांद मारूँगा आपकी घोड़ी बन जाओ.

आंटी: ना, गांद नही.

मैने फिर आंटी को घोड़ी बनाया, और लंड गांद में दे दिया

आंटी: उफफफ्फ़, मॅर गयी! मदारचोड़ कुत्ते, बेहन के लंड.

मैं: रंडी मेरे से थूक चटवाया था ना. ले रॅंड लोड्‍ा चक गांद में.

आंटी: श मॅर गयी. ओह आ आ मज़ा आ गया कुत्ते ऑश.

मैं: रॅंड मूह खोल.

अब मैने आंटी के मूह में अपनी उंगलियाँ दे दी, और आंटी ने मेरी उंगलियाँ चूसी.

आंटी: आह आ तेज़ और तेज़ बेबी, और तेज़, मज़ा आ रहा है.

मैं: ले-ले कुटिया ले.

आंटी: छोड़ बहनचोड़ छोड़, मज़ा आ रहा है. ह! तोड़ा सा गांद में थूक, और फिर मज़े से छोड़ मदारचोड़. ऑश अहह!

मैं: आ आह ह आंटी ह.

आंटी: ऑश ऑश ओह

मैं: मज़ा आआ रहा है आह मज़ा.

आंटी: अहह ह उईईई उईईईईईई.

मैं: आप इस उमर में ऐसे चुड रही हो ऑश.

आंटी: आह छोड़ भद्वे छोड़. भौंक मत कुत्ते, छोड़ता रह बस.

मैं: ले आ आंटी लोड्‍ा ले, पूरा ले.

आंटी: आह आह ह.

मैं: आंटी अहह अहह बहुत मस्त हो आप अहह.

आंटी: और कितनी देर करेगा ह ह?

मैं: आह आह तक गयी क्या?

आंटी: बड़क! औरत हू, मशीन थोड़ी ह आह, बस कर अब.

मैं: चुप रह बहनचोड़! छोड़ने दे बस ह ह ह.

आंटी: ह ह ह.

मैं: बेहन की लोदी चुप होज़ा, अहह तेरे चूचे.

आंटी: ब्स्दक! दर्द करने लगे है.

मैं: बस थोड़ी देर और

आंटी: ह उईईईई श मा मॅर गयी. बिल्कुल तक गयी आज तो मैं. ह ह अहह.

मैं: कोई नही, मैं तेल लगा दूना आ ह.

आंटी: कुत्ते, बस कर ह ह.

मैं: ऑश ऑश आंटी आ गया बस.

मैने आंटी को लगातार 25 मिनिट तक छोड़ा, और अपना माल आंटी की गांद में निकाला. हम दोनो की साँसे बहुत तेज़ थी. उनकी पूरी बॉडी पर पसीना ही पसीना था. आंटी के चेहरे पर चूड़ने के बाद एक अलग ही खुशी थी, और इस खुशी का कारण मैं था. आंटी उठ कर नहा कर आई, और मेरे लिए पानी लेकर आई.

मैने और आंटी ने स्मूच करी, और बात करी सेक्स को लेकर. मैने उन्हे बताया की मुझे कैसी छूट और गांद पसंद है. इसके बाद अचानक आंटी ने मेरे को पास खींचा और बोली-

आंटी: अछा छोड़ा तूने मुझे.

मैं: आप भी लोड्‍ा मस्त चूस्टी हो, और गांद भी आचे से चाट-ती हो बिल्कुल रंडी की तरह.

आंटी: तू भी कम नही है, गांद का कचुंबर बना दिया तूने बिल्कुल.

मैं: आपको मज़ा आया ना?

आंटी: बहुत, आज मेरी सालों की प्यास शांत हो गयी.

तो ये थी मेरी और आंटी की चुदाई. बात करके जैसे ही मैं उठा मुझे कुछ सुनाई दिया. ऐसा लगा जैसे रूम के बाहर कोई था. अगले पार्ट में पता लगेगा की कोई था या नही, और अगर कोई था तो कों था?

ई होप आपको ये कहानी पसंद आई होगी. प्लीज़ मुझे कॉमेंट्स में और मैल करके रिप्लाइ दे.

कामदेवबबा996@गमाल.कॉम

अगर मुझसे इस कहानी में कोई ग़लती हुई हो तो माफी चाहूँगा.

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