आंटी की चूत को लंड से धोया

हैल्लो दोस्तों, कहानी मेरी आंटी और मेरे बीच की है. दोस्तों में रात में आंटी के घर पहुँचा, जब यही कोई 11 बजे का समय हुआ था. अब बच्चे सोने में मशगूल थे. अब में उनकी पीठ पर बाम लगाने के लिए तैयार था. फिर मैंने देखा कि आंटी अपनी पीठ पहले से खोलकर अपने पेट के बल लेटी थी. अब मेरे हाथ उनकी पीठ पर बाम के साथ-साथ फिसलने लगे थे.

अब में उनकी पीठ पर बाम मलता जा रहा था और उत्तेजित होता जा रहा था. अब आगे में आंटी का नाम लेकर स्टोरी लिख रहा हूँ, उनका नाम शिवानी था, में उन्हें सिन्नी बोलता था. अब सिन्नी की गोरी-गोरी पीठ को देखकर में मस्त होता जा रहा था. अब में मन ही मन कल्पना कर रहा था कि कब सिन्नी की प्यारी सी चूत के दर्शन हो? वो चूत जो सिन्नी की जाँघो के बीच में क़ैद है, उसकी चूत में कितनी खुशबू होगी? उसकी चूत पर बाल भी होंगे? उसकी चूत पर धीरे-धीरे अपना हाथ फैरता रहूँगा, उसकी गोरी-गोरी जाँघो के ऊपर दाँत से काटूँगा, कभी बीच-बीच में उसकी चूत के अंदर उंगली भी डाल दूँगा, जिससे सिन्नी चिल्ला उठेगी.

अब यह सब सोच-सोचकर में पागल हुए जा रहा था, लेकिन अभी में मसाज कर रहा था कि जल्द ही वो वक़्त आ जाएगा. अब मुझको उसकी ब्रा के हुक की वजह से दिक्कत हो रही थी तो मैंने उसकी ब्रा के हुक को खोल दिया. अब सिन्नी की पीठ मुझे मदहोश कर रही थी. अब में बाम लगाता-लगाता सिन्नी की कमर के नीचे पहुँच गया था. अब उसकी कमर पर सलवार का नाड़ा टाईट होने की वजह से मेरे हाथ नीचे नहीं जा रहे थे. फिर में सिन्नी को बोला कि डार्लिंग, सिन्नी थोड़ा अपनी कमर उठाना.

उसकी कमर उठाते ही में अपना एक हाथ सिन्नी के आगे ले गया और उसकी सलवार के नाड़े को खोल दिया और उसकी चूत को भी अपने हाथ से दबा दिया. अब उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी और सिन्नी के मुँह में से भी आँहे भरने की आवाज़ आ रही थी. अब सिन्नी बीच-बीच में उहह, आहह की आवाजे निकाल रही थी. फिर मैंने उसके सलवार के नाड़े के ढीले होते ही उसके सलवार को नीचे सरका दिया, तो उसकी सलवार सरकते ही में पागल हो गया.

सिन्नी ने सलवार के नीचे कुछ नहीं पहन रखा था और अब में उसके गोरे-गोरे चूतड़ देखकर ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा था और बीच-बीच में उसके चूतड़ पर अपने दाँत भी चुबा देता था. फिर मेरे दाँत चुभते ही वो कहती राहुल आई लव यू, तुम पहले क्यों नहीं मिले? अब में तेरी हो चुकी हूँ, कई सालों के बाद मेरी चूत की गर्मी बाहर आने को बैचेन हो रही है, तुमने मुझे फिर से मस्त कर दिया है और फिर वो झटके में उठी और मेरी बनियान और पेंट खोल दी. अब मैंने भी अंडरवेयर नहीं पहन रखा था.

अब सिन्नी मेरे लंड को पकड़कर प्यार से चूमने लगी थी. सिन्नी को कमर में दर्द तो था, लेकिन थोड़ा दर्द था. अब वो सिर्फ़ बहाना बनाकर मुझको पास लाना चाहती थी और अब में सिन्नी को दबोचने लगा था. फिर मैंने कब सिन्नी के शरीर से उसके सलवार को खोलकर फेंक दिया? मुझे पता भी नहीं चला.

अब हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह किस करने लगे थे. अब हम भूल गये थे कि शरीर में लंड और चूत भी होते है और शरीर के सारे अंगो को चूस-चूसकर लाल कर दिया था, कभी में चूत चूसता और उसकी चूत में अपनी मूंछे चुबा देता, जिससे सिन्नी को गुदगुदी सी लगती थी और वो अपने पूरे बदन को करंट की तरह हिलाकर रख देती थी और बोलती कि राहुल तुम बहुत अच्छे हो और तुम तो मुझे पागल बनाकर ही छोड़ोगे, में तुम्हारी हरकत की दीवानी हो गयी हूँ, तुम्हारे अंकल ने कभी भी मेरी चूत को नहीं चाटा और तुमने तो चूत, गांड, चूची सभी को चाट-चाटकर लाल कर दिया है, मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा प्यार मिलेगा, काश तुम पहले मिलते तो में इतना बैचेन नहीं होती और फिर सिन्नी मेरा लंड चूसने लगी.

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अब वो भी मेरे लंड को पूरा अपने मुँह के अंदर तक लेकर खा जाती थी. अब मैंने उसकी चूची को चूस- चूसकर बहाल कर दिया था और वो बीच-बीच में मेरे लंड के बाल को भी खींच देती थी, जिससे में चिल्ला पड़ता था. मेरे लंड पर लंबी-लंबी झाटें उगी हुई थी, जिसे सिन्नी बड़े प्यार से सहला रही थी और मौका मिलते ही बालों को खींच भी देती थी. सिन्नी की चूत पर भी काली घने घुँगराले बाल उगे हुए थे. फिर में उसकी चूत के बालों को सहलाता रहा और सिन्नी चिल्लाती, अरे बहन के लंड सिर्फ़ सहलाएगा ही या अपनी तीसरी टांग भी मेरी चूत के अंदर डालेगा.

तभी में भी जोश में आकर बोला कि साली चुप रह, पहले में तेरी मखमल जैसी चूत का तो मज़ा ले लूँ, तेरे इस गदराये से बदन में छोटी-छोटी झाटें बड़ी प्यारी लग रही है और उसकी चूत में अपनी एक उंगली डालकर सिन्नी को उतेज्ज़ित करने लगा. अब उसकी आवाज पूरे रूम में गूँज रही थी. अब वो कभी ऊवू, आहह तो कभी आहह राहुल धीरे, प्लीज डाल दो, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है, जल्दी करो, अपने मोटे से लंड को मेरी चूत का मज़ा दे दो और कब सिन्नी ने मेरे लंड को अपनी चूत पर लगाया मुझे पता ही नहीं चला. अब में तो अपने होश खो चुका था तो तभी मुझे अचानक से गर्म-गर्म सा रस महसूस हुआ, तो पता चला कि मेरा लंड तो सिन्नी की चूत में आधा जा चुका है.

सिन्नी की कई सालों से चुदाई नहीं होने की वजह से उसकी चूत टाईट हो गयी थी इसलिए अब मुझको थोड़ा ज़ोर लगाना पड़ रहा था. अब सिन्नी उहह, आह, उउन्न, उईईई किए जा रही थी. अब में भी पागल हो चुका था.

मैंने अपना लंड थोड़ा बाहर निकालकर एक जोरदार धक्का मारा तो मेरा लंड आधे से ज्यादा उसकी चूत में घुस गया. अब सिन्नी की आँखों में से आसूं निकल पड़े थे और बोली कि साले बहन के लंड जल्दी से डाल दे, साले ये तेरी माँ की चूत नहीं है जो प्यार से डाल रहा है, साले घोड़े जैसा लंड है, चोद जल्दी से, चोद पूरा लंड डालकर, चोद दे मुझे आज, में तेरी हूँ, जी भरकर चोद, फाड़ डाल मेरी चूत को.

तभी में बोला कि साली चूत हो तो तेरी जैसी एकदम मस्त, डालने में जब तक परेशानी ना हो तो चोदने का मज़ा भी नहीं आता है, बहन की लोड़ी कैसा लग रहा है मेरे लंड का स्वाद? अब हम दोनों एक दूसरे को गंदी-गंदी गालियाँ देते जाते और चोदते जा रहे थे. अब पूरा माहौल चुदाई का हो गया था.

फिर मैंने एक और जोरदार धक्का मारा तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया. फिर तभी वो बोली कि साले बहन के लंड चोद, फाड़ डाल मेरी चूत को. तो में बोला कि अरे कुत्तियाँ चुप रह अभी तेरी गर्मी निकाल देता हूँ, ज्यादा चिल्लाएगी तो आज तेरी गांड भी मार लूँगा. फिर वो बोली कि साले पहले चूत की तो गर्मी निकाल, तब तुझको गांड देती हूँ.

मैंने 4-5 जोरदार झटके सिन्नी की चूत पर मारे तो इसके साथ ही उसकी चूत से रस निकल पड़ा, तो ठीक उसी समय मेरा लंड भी ज्वालामुखी की तरह लावा उगलने वाला था. अब सिन्नी भी झड़ने वाली थी, झड़ने का ऐसा जबरदस्त आनंद सिन्नी को कभी नहीं मिला था, शायद यह मेरे मोटे और मजबूत लंड का ही कमाल था जिसकी मदद से उसकी चूत को बुरी तरह से चोद डाला था और मुझे सुख की असीम ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया था और फिर में वापस से 15 मिनट तक बिना रुके उसके ऊपर अपने चूतड़ को उछाल-उछालकर चोदता रहा और वो मुझे गालियाँ देती रही साले बहन के लंड फाड़ डालेगा क्या? में मर गयी, कुत्ते अपने मूसल लंड को बाहर निकाल. फिर मैंने कहा कि निकालने वाला लंड नहीं है.

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अब तब तक वो दो बार झड़ चुकी थी. फिर में साली सिन्नी बहन की लोड़ी से बोला कि साली कुतिया बन जा और अपने घुटनों पर बैठ जा. तो वो झट से अपने घुटनों के बल पर बैठ गयी, तो मैंने पीछे से अपने लंड को उसकी चूत में डाल दिया और उसकी एक टांग उठाकर चोदता रहा और वो चिल्लाती रही उन्न्ञणणन, साले फाड़ डाली, हरामी छोड़ दे और में पागलों की तरह उसको चोदता रहा और वो बस भी कर में थक चुकी हूँ बोलती जा रही थी. अब तब तक वो एक बार और झड़ चुकी थी. फिर तभी में बोला कि साली आज रात में अपनी गांड देगी या नहीं. अगर नहीं देगी तो तेरी बेटी की चूत मार लूँगा. तो वो बोली कि साले कुत्ते बहन के लोड़े तेरा लंड झड़ता क्यों नहीं है? तो मैंने अपना धक्का और तेज किया और बोला कि ये ले और ले साली और ले और तेज-तेज धक्के मारता गया.

फिर थोड़ी देर के बाद में झड़कर अपने लंड का पूरा रस उसकी चूत में डालकर सिन्नी के ऊपर ही सो गया, तो तभी सिन्नी बोली कि साले पूरे महीने की चुदाई एक ही दिन में कर डाली, अब में ना चल सकती हूँ और ना खड़ी हो सकती हूँ, साले तेरा लंड मूसल है, फाड़ डाला मेरी चूत को, देख राहुल कितना खून निकाल दिया है? तो तब में बोला कि गांड मरवा ले नहीं तो तेरी बेटी को चोद कर आता हूँ.

तभी वो बोली कि राहुल प्लीज आज छोड़ दे, आज में थक गयी हूँ और मेरी बेटी को छोड़ दे, लेकिन में वादा करती हूँ की अपनी बेटी की पहली चुदाई तेरे से ही करवाऊंगी. फिर तब में बोला कि एक राउंड और हो जाए, तो वो बोली कि नहीं, अब बस और फिर सिन्नी बाथरूम में चली गयी. फिर में भी उसके पीछे से बाथरूम चला गया और उससे बोला कि तुम मेरे लंड पर पेशाब करो और में तेरी चूत पर पेशाब करता हूँ.

वो बोली कि नहीं, तो तब में बोला कि तो आज गांड मरवा. फिर तब जाकर उसने मेरे लंड को अपनी चूत के पानी से धो दिया और मैंने सिन्नी की चूत को अपने लंड के पेशाब से घुमा-घुमाकर धो दिया और अब गंदे होने की वजह से हम लोग नहाने लग गये थे.

फिर हम दोनों शॉवर के नीचे जैसे ही खड़े हुए तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और जैसे ही साबुन लगा तो मैंने सिन्नी की चूत में अपना लंड फिर से डाल दिया.

तब वो गाली देती हुई बोली कि साले मादरचोद कितना चोदेगा? साले अभी तक तेरा मन नहीं भरा है क्या? मेरी चूत फाड़ दी और अब क्या चाहिए तेरे को? बहन के लंड और मुझको जमीन पर पटक दिया और अपनी चूत में मेरा लंड डालकर उछलने लगी और बोल रही थी बोल और दूँ और दूँ, साले बोल और चोदगा, ले और ले, चोद फाड़ साले, मेरी चूत फाड़कर रख दी, ले मार ले और मार ले. अब पूरे बाथरूम में पच-पच की आवाज और उह, उह, आह की आवाज आ रही थी.

वहाँ पर 10 मिनट तक चुदाई हुई और फिर हम दोनों नहाकर अपने- अपने कमरे में सोने चले गये और फिर में दूसरे दिन दोपहर के 2 बजे जगा. अब मेरी कमर में दर्द हो रहा था, लेकिन मैंने चुदाई का पूरा-पूरा आनंद लिया था. फिर कुछ दिनों तक हम दोनों की ऐसे ही चुदाई होती रही. अब में जब भी जयपुर जाता हूँ तो तब में सिन्नी की भरपूर चुदाई करता हूँ.



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