सेक्सी आपी को चुदाई की सेज तक लेके आया

मेरा नामे वसीम आमेड है. मैं पाकिस्तान की सिटी मुल्तान में रहता हू. मेरी आगे 24 साल है. मेरी हाइट 5 फुट 11 इंच है. स्किन मेरी मिल्की वाइट है, और सिक्स पॅक बॉडी है. मैं जिम करता हू. मेरा लंड 8.7 इंच लंबा है, और 3.8 इंच मोटा है. लेकिन मुझे सेक्स का कोई शौंक नही. अपनी बॉडी बनाने का शौंक था.

मैं अपने घर वालो का इंट्रोडक्षन करवाता हू. हम घर में 4 लोग रहते है. मेरे अब्बू का नाम शकील अहमद है, आगे 52 है. वो आर्मी के मेजर ड्र. है. मेरी अम्मी गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज की प्रिन्सिपल है. बहुत सेक्सी और हॉट है वो. उनकी हाइट 5’6″ है, और फिगर साइज़ 36-30-38 है.

बड़ी आपी जिसका नामे सीरत है हाइट 5 फुट 5 इंच है. बिल्कुल कुबरा ख़ान जैसी है पाकिस्तानी आक्ट्रेस. वो मुझे प्यार से हेडर कहती है और आगे 26 है. म्बबस की स्टूडेंट है वो, और फिगर साइज़ 34-28-36 बहुत ही मस्त है, जो देखे उसका खड़ा हो जाएगा.

मैं बचपन से बहुत प्यार करता हू आपी से, लेकिन मेरे दिल दिमाग़ में कभी नही आया की आपी को छोड़ सकूँगा. तो आते है असल बात पर. दोस्तों मैं 1 दिन अपने रूम से निकला, और हॉल रूम में जाने लगा. आपी के रूम के आयेज से गुज़र कर जाना पड़ता है. तो मैं ने सोचा की आपी से मज़ाक करू.

लेकिन जैसे ही मैं डोर के पास गया, तो देखा आपी का डोर ओपन था. आपी ड्रेस चेंज कर रही थी. उफ़फ्फ़ क्या नज़ारा था दोस्तों, आपी के मिल्की वाइट जिस्म पर डार्क ब्लू पनटी और ब्रा थी. उफ़फ्फ़ मेरा तू देख कर खड़ा हो गया. 2 मिनिट के लिए देखा, और दिल में आया ग़लत बात है ये, सग़ी बेहन को ऐसे देखना.

फिर मैं अपने रूम में वापस चला गया. लेकिन वो मंज़र मेरे दिल और दिमाग़ से नही जेया रहा था. मैने फर्स्ट बार वॉशरूम में जेया कर आपी के नामे की मूठ मारी. बहुत अछा लगा मुझे. फिर रात हो गयी. मैं प्लान बनाने लगा कैसे आपी को छोड़ू. तो मैने सोचा की आपी से फ्रॅंक तो पहले से था, बुत छोड़ना बहुत बड़ी बात है.

आप तो जानते है, पाकिस्तान में ऐसा कुछ होता नही. लड़की को फसाना बहुत मुश्किल है. तो अपनी बेहन को कैसे? मेरे दिमाग़ में 1 प्लान आया की क्यूँ ना फेक ईद बनौ, और आपी की फ्ब ईद पर रिक्वेस्ट भेजू. यही सोच रहा था, की मेरे रूम का डोर नॉक हुआ.

मैने आवाज़ दी: कों?

आपी ने आवाज़ दी: मैं हू. अंदर आ जौ?

मैने कहा: कोई पूछने वाली बात है आपी?

फिर वो अंदर आई.

आपी ने कहा: हेडर मुझे तुम्हारी मदद चाहिए.

मैने कहा: आपी हुकुम करे.

अपनी ने कहा: मेरी कुछ फ्रेंड्स है. उन्होने पार्टी रखी है कल रात. बुत अब्बू जाने नही देंगे. अगर आप चलोगे तू इज़्ज़त मिल जाएगी. प्लीज़ मेरे साथ चलो.

पहले तू मैने इनकार किया, लेकिन फ़ौरन मेरे दिमाग़ में आया 1 प्लान.

मैने आपी से कहा: 1 शर्त है.

आपी ने फ़ौरन हा कह दी.

मैने कहा: मुझे कुछ चाहिए.

आपी ने कहा: क्या?

मैं: मुझे कोई गफ़ बना दो, मैं बहुत दिन से अकेलापन महसूस करता हू.

आपी मुझे कहने लगी: अर्रे ऐसा नही होता. मैं कैसे? मेरी कोई फ्रेंड्स ऐसी नही है.

मैने कहा: मेरी यही शर्त है, और हा, अगर 1 वीक में नही बनी कोई गफ़, तो आपको मुझे किस देनी पड़ेगी और गफ़ भी बनानी पड़ेगी.

आपी तोड़ा गुस्सा हुई तो मैने कहा: आपकी मर्ज़ी.

फिर आपी ने तोड़ा सोचा, और कहा: सोच के सुबा बतौँगी.

और वो चली गयी. सुहबा मेरी आँख खुली तो मेसेज देखा आपी का.

मेसेज: मुझे शर्त मंज़ूर है. मैं कॉलेज जा रही हू, तैयार रहना शाम को चलेंगे.

मैने रिप्लाइ कर दिया: ओक.

सारा दिन गुज़र गया. मैं काम वग़ैरा में बिज़ी रहा. आपी कॉलेज से आई, और हमने तैयारी की. मैने वाइट शर्ट और ब्लू डार्क जीन्स पहनी. आपी ने छुरिदार फिट पाजामा और कुरती पहनी. गाड़ी निकली, और हम 40 मिनिट बाद उनके फ्रेंड्स के फार्महाउस पहुँच गये. बहुत अची पार्टी थी. वाहा ऐसा कुछ ख़ास नही हुआ.

पार्टी ख़तम हुई. हम रवाना हुए वापस घर. मैने आपी से कहा-

मैं: आपका काम हो गया. अब मेरा काम?

तो आपी ने कहा: ओक घर पहुँचे.

उस रात दोबारा ज़िंदगी की दूसरी मूठ मैने लगाई आपी के नामे की. शर्त मैने इसलिए रखी थी, क्यूंकी मुझे पता था आपी ऐसा काम नही कर पाएँगी गफ़-ब्फ वग़ैरा वाला. वो इस चक्कर वाली नही थी. रात को मैं अंडरवेर में सो गया. सुबा मेरी आँख किसी के उठाने पर खुली. मैने आँख खोली तो आपी मेरे उपर झुकी हुई थी और कह रही थी-

आपी: हेडर, कब से जगा रही हू. ऐसे कों सोता है?

मैने कहा: आपी आपकी याद और ख्वाब मुझे ऐसे सोने पर मजबूर करते है.

फिर मैने उनको अपनी तरफ खींचा और किस करने लगा. आपी मुझसे अपने आप को चुधवा रही थी. लेकिन मैं छ्चोढ़ नही रहा था. आपी ने ज़ोर लगा कर आख़िर चुधवा लिया, और रूम से चली गयी. मैं उठा, फ्रेश हुआ, और नाश्ता किया. फिर देखा तो आपी कॉलेज जेया चुकी थी. मैने आपी को मेसेज किया-

मैं: डार्लिंग कैसी हो?

रिप्लाइ आया: हेडर मैं डार्लिंग भी हो गयी?

मैने कहा: सेक्सी गर्ल, बहुत स्वीट हो. आज बहुत मज़ा आया.

मुझे आपी का रिप्लाइ आया: हेडर, या सब ठीक नही है. आपकी शर्त ग़लत है.

मैं: नही मेरी जान, क्या ग़लत है? आज कल सब लोग कर रहे है.

आपी: फिर भी हुमको सोचना चाहिए, किसी को पता चल गया तो क्या होगा?

मैं: मेरी जान, किसी को पता नही चलेगा. क्यूँ इतना सोच रही हो? और हा, ड्राइवर नही आएगा, अपनी जान को लेने मैं अवँगा. हम शॉपिंग पर चलेंगे.

आपी: नही अम्मी-अब्बू क्या कहेंगे? की आज तुम लेने क्यूँ आए हो?

मैं: वो मैं हॅंडल कर लूँगा, तुम टेन्षन ना लो.

आपी: ओक हेडर.

मे: ओक मेरी जान, ई लोवे योउ.

आपी: ई लोवे योउ 2 हेडर.

मों को मैने कॅल की, की मैं जौंगा कुछ फ्रेंड्स के पास. वो आपी के कॉलेज के साथ रहते है, तो आपी को लेता अवँगा. आप ड्राइवर ना भेजना. मों ने ओक किया.

फिर मैं निकल पड़ा, आपी को लिया, और माल ऑफ मुल्तान पहुँच गये. वाहा से शॉपिंग की, और घर आ गये. आपी अपने रूम में गयी. मैं पीछे चला गया. वाहा आपी को पीछे से हग किया. मेरा तो खड़ा हो गया. आपी को महसूस हुआ तो च्चूदवाने लगी.

मैने घुमा कर किस्सिंग शुरू कर दी, और बूब्स दबाने लग गया. उफ़फ्फ़ क्या मज़ा आ रहा था. ऐसा लगता था असल दुनिया थे भी या नही. तभी डोर नॉक हुआ. मैने डोर ओपन किया त्ल सर्वेंट था.

उसने कहा: आपको अब्बू बुला रहे है.

मैं अब्बू के पास चला गया.

अब्बू ने कहा: मैं और तुम्हारी अम्मी कल कराची जेया रहे है. वाहा मेरी कज़िन की डेत हो गयी है. आप ख़याल करना, और हम 3 दिन तक आ जाएँगे.

दिल में तो बहुत खुशी हुई, और फेस पर उदासी दिखी की मुझे दुख हुआ था. फिर रात हुई, और सब सो गये. सुबा अम्मी-अब्बू निकल गये कराची, और मैं घुसा आपी के रूम में. आपी सो रही थी.

मैं उनसे चिपक गया, और किस्सिंग करने लगा. आपी जाग गयी.

आपी ने कहा: अम्मी अब्बू चले गये?

मैने कहा: मेरी जान, अब तुम और मैं किस्सिंग करेंगे.

करते-करते 20 मिनिट हो गये थे.

मैने आपी से कहा: मुझे बूब्स चूसने है आपके.

तो वो शर्मा रही थी. फिर मैने शर्ट उतार दी. अफ क्या नज़ारा था. मेरे सामने ब्लॅक ब्रा में 34″ के बूब्स बाहर आने को बेताब थे. नेवेल से चूसना शुरू हो गया, और उपर आ रहा था. आपी बहुत हॉट हो रही थी. मछली की तरह इधर-उधर होने लगी.

फिर उपर करके ब्रा का हुक खोल दिया. उफफफ्फ़ क्या चीज़ थी यार. फिर क्या था, मैं टूट पड़ा, और चूस-चूस कर रेड कर दिया. अब मैं जस्ट अंडरवेर में था. आपी की ट्राउज़र भी उतार दी. अब वो पनटी में थी, और मैं अंडरवेर में था. मेरा लंड बाहर आने को बेताब था. आपी शर्मा रही थी बहुत, बुत मैं कहा रुकने वाला था.

इतना मस्त माल मुझे मिला था आपी को उपर उठाया मैने अपनी गोद में, और नीचे मैं आ गया. अब नीचे पनटी में हाथ डाला तो महसूस हुआ आपी की फुददी पोरी गीली हो गयी थी.

आपी की फुददी पर छ्होटे-छ्होटे हेर महसूस हो रहे थे. मैने पनटी उतारनी चाही तो आपी ने कहा-

आपी: नही बस यही तक ठीक है.

बुत मैं कहा रुकने वाला था. पनटी को फुल ज़ोर लगा कर उतार दिया. उफ़फ्फ़ देख कर बस मदहोश हो गया मैं तो. लाइट पिंक फुददी, छ्होटे-छ्होटे हेर, क्यूट से लिप्स फुददी के. दोस्तों मैं लफ़ज़ो में बता नही सकता की क्या मंज़र था.

अब नेवेल से किस्सिंग करता नीचे आ रहा था. जब फुददी पर आया तो वाह क्या स्वीट स्मेल थी. मैं टूट पड़ा फुददी पर. मुझे पहले अछा नही लगा, जब आपी को देखा तो मछली की तरह तड़प रही थी. मैं चाटना शुरू हो गया. 10 मिनिट चाटने के बाद आपी मेरे मूह पर ही डिसचार्ज हो गयी.

उसकी बॉडी अकड़ने लगी, और आपी का माल कुछ मेरे मूह पर कुछ बेड पर गिरा. मैं फिरसे शुरू हो गया. अपनी पनटी उतार दी आपी ने. उन्होने लंड देखा तो दर्र गयी और बोली-

आपी: हेडर इतना बड़ा लंड मैं कैसे लूँगी. मैं नही ले सकती मुझे पाईं होगा.

नेक्स्ट पार्ट में बतौँगा आपी ने लंड लिया या नही. दोस्तों मेरी स्टोरी पसंद आई हो तो फीडबॅक देना. आपके एमाइल की वेट करूँगा.

यह कहानी भी पड़े  पति कर रहा था पत्नी की सोच बदलने की कोशिश


error: Content is protected !!