प्यारी भाभी की चुदाई

भभि ने मुझसे कहा, रज, दिखा तो सहि अपना औज़र। जरा मैन भि तो देखून कि ये बार बार कयोन तेरे औज़र को बहुत बदा कह रहि है। मैने कहा, भभि, मुझे शरम आति है। भभि ने कहा, मैन तो तेरि भभि हून, मुझसे कैसि शरम। अपना औज़र बहर निकल कर दिखा मुझे। मैने शरमते हुये अपनि खोल दि। मेरा लुनद पहले से हि खदा था। मेरा 9″ लमबा और खूब मोता लुनद फनफनता हुअ बहर आ गया। उस पर खून भि लगा हुअ तह। भभि ने जैसे हि मेरा लुनद देखा तो उनहोने अपना हाथ मुह पर रख लिया और बोलि, बाप रे, तेरा औज़र सच मुच बहुत हि बदा है। मैने भि ऐसा औज़र तो कभि देखा हि नहिन था। अब मेरि समझ मेन आया कि शलु कयोन इतना चिल्लति है।

मैने देखा कि भभि कि आनखेन भि मेरे लुनद को देख कर गुलबि सि होने लगि थि। उनहेन भि जोश आने लगा था कयोन कि मेरा लुनद देखने के बाद उनहोने अपना एक हाथ अपनि चुत पर रख लिया था। मैने कहा, भभि, तुम हि बतओ मैन कया करून। मैन अपना औज़र छोता तो नहिन कर सकता। भभि ने शलु से कहा, इसका औज़र तो सच मेन बहुत बदा है। तुमहेन दरद को बरदसत करना हि पदेगा नहिन तो बदि बदनमि होगि। भभि ने शलु को बहुत समझया तो वो मन गयि। भभि ने शलु से कहा अब तुम अपने कमरे मेन जओ। मैन इसे समझा बुझा कर तुमहरे पास भेज देति हून। शलु कमरे मेन चलि गयि।

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रात के 2 बज रहे थे। भभि मुसकुरते हुए मुझसे कहने लगि, देवर जि, तुमहरा औज़र तो वकयी बहुत हि बदा है और शनदर भि। मैने आज तक अपनि ज़िनदगि मेन ऐसा औज़र कभि नहिन देखा था। मेरा मन इसे हाथ मेन पकद कर देखने को कह रहा है, देख लून। मैने कहा, भभि, आप कया कह रहि हो। वो बोलि, तुमहरे भैया को गुजरे हुये 1 साल हो गये। आखिर मैन भि तो औरत हून और जवन भि। मेरा मन भि कभि कभि इधर उधर होने लगता है। तुम तो मेरे देवर हो। हर औरत अच्चहे औज़र को पसनद करति है। मुझे भि तुमहरा औज़र बहुत हि अच्चहा लग रहा है। अगर मैन तुमसे लग जति हून तो मेरि भि इच्चहा पुरि हो जयगि और किसि को कुछ पता भि नहिन चलेगा। इतना कह कर उनहोने मेरा लुनद पकद लिया और सहलने लगि। मैन भि आखिर मरद हि था। मुझे भभि का लुनद सहलना बहुत अच्चहा लगने लगा इसलिये मैन कुछ नहिन बोला। थोदि देर तक मेरा लुनद सहलने के बाद वो बोलि, तुमने अभि तक सुहगरात का मज़ा भि नहिन लिया है और मैन समझति हून कि तुम भि एक दम भूखे होगे। मेरि इच्चहा पूरि करोगे। मैने कहा, अगर तुम कहति हो भला मैन कैसे इनकर कर सकता हून। आखिर मैन भि तो मरद हून और तुमहरे सिवा मेरा इस दुनिया मेन और कौन है। वो बोलि, फिर तुम यहिन रुको, मैन अभि आति हून।

इतना कह कर भभि शलु के पास चलि गयि। उनहोने शलु से कहा, अब तुम सो जओ। रात बहुत हो चुकि है। मैन रज को सब कुछ समझा दूनगि। उसके बाद मैन उसे सुबह तुमहरे पास भेज दूनगि। मैन बहर से दरवज़ा बनद कर देति हून। शलु बोलि, थीक है, दिदि।

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भभि शलु के कमरे से बहर आ गयि और उनहोने शलु के कमरे का दरवज़ा बहर से बनद कर लिया। उसके बाद वो मुझे अपने कमरे मेन ले गयि। मेरे बदन पर कुछ भि नहिन था। लुनगि तो मैने पहले हि उतर दि थि। कमरे मेन पहुचते हि भभि ने कहा, देवर जि, तुमने अपना औज़र इतने दिनो तक कहन छुपा रखा था। बदा हि पयरा औज़र है तुमहरा। मैने कहा, मैने कहन छुपया था, यहिन तो था तुमहरे पास। वो बोलि, मेरे पास आओ। मैन उनके नज़दीक चला गया। उनहोने मेरा लुनद पकद लिया और सहलने लगि। वो कहने लगि, मैने आज तक ऐसा औज़र कभि नहिन देखा था। हर औरत अच्चहा औज़र पसनद करति है। मुझे तो तुमहरा औज़र बहुत पसनद आ गया है। आज मैन तुमसे लग जति हून। तुमसे लग जने मेन मुझे बहुत मज़ा आयेगा। लेकिन जैसे तुमने शलु के साथ किया था उस तरह मेरे साथ मत करना नहिन तो मुझे भि बहुत तकलीफ़ होगि और मेरे मुह से भि चीख निकल जयेगि। शलु पास के हि कमरे मेन है, इसका खयल रखना। मैने कहा, अच्चहा।

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