Savita Bhabhi- Manoj Ki Malish

सविता भाभी ने मुस्कुराते हुए मनोज की तरफ देखा और चहकते हुए कहा- क्या तुम सच कह रहे हो.. मिसेज गुप्ता उसी से सामान खरीदती हैं.. कभी उसे बुलाओ मैं भी उसको ट्राई करूँगी।

सविता भाभी की मुस्कुराहट मनोज को घायल कर गई, वो सविता भाभी की कमनीय काया का शिकार हो गया और सोचने लगा कि सविता भाभी बाल काढ़ते वक्त कितनी मस्त लग रही हैं।

भाभी के बदन की मालिश
मनोज ने भाभी को प्रसन्न देखा तो उसने उत्तर देते हुए कहा- ठीक है भाभीजी.. मैं उसको आपके लिए बुला लाऊँगा.. मिसेज गुप्ता मुझे बहुत पसंद करती थीं.. मेरा मतलब मेरे कामों को..
‘अरे वाह.. तुम मिसेज गुप्ता के लिए ऐसा क्या करते थे?’

‘भाभीजी मैं उनके लिए घर के सभी कामों को करता था, लेकिन वो मुझसे तेल मालिश करवाना बहुत पसन्द करती थीं। तेल मालिश करना मैंने गाँव में सीखा था।’

‘हम्म.. नाइस.. मतलब तुम मालिश भी करना जानते हो?’
‘हाँ भाभीजी.. मैं पूरे बदन की मालिश बहुत अच्छे से करना जानता हूँ।’

सविता भाभी ने पूरे जिस्म की मालिश का नाम सुना तो उनकी चूचियां फड़क उठीं और वे अपनी मदमस्त चूचियों को दिखाती हुई मनोज की तरफ घूमीं।

‘मैं तो कब से तेल मालिश कराने के लिए बेचैन हूँ मैंने सुना है कि तेल मालिश से त्वचा भी एकदम चिकनी हो जाती है। क्या तुम कर सकते हो?’
‘हाँ हाँ.. क्यों नहीं भाभी जी, जब आपकी इच्छा हो बता दीजिएगा मैं आपकी मस्त मालिश कर दूँगा। वो आज जरा मुझे देर हो गई है मुझे और भी घरों में काम निबटाने जाना है वरना आज ही..’

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‘मगर.. थोड़ा सा वक्त ही तो लगेगा.. मैं भी आज फ्री हूँ और दो दिन के बाद जब तुम्हारे अशोक सर आ जाएंगे तो फिर हम लोगों को मालिश के लिए समय ही नहीं मिलेगा।’

‘ठीक है भाभी जी, जब आप इतना कह रही हैं तो कुछ समय के लिए ही सही.. मैं आपकी मालिश करने को तैयार हूँ।’

इतना सुनते ही सविता भाभी की बांछें खिल गईं और वे पलंग की ओर बढ़ गईं।

पलंग पर बैठते ही उन्होंने पास रखी तेल की शीशी मनोज को पकड़ा दी- लो मनोज.. यह तेल की शीशी लो और मेरे पूरे जिस्म पर लगा कर अच्छी सी मालिश कर दो.. मेरी पीठ.. जांघें.. सब जगह जरा ढंग से मालिश होनी चाहिए।

मनोज ने तेल की शीशी से थोड़ा तेल निकालते हुए कहा- अब मैं आपके पैरों से तेल मालिश शुरू करता हूँ।

‘ज़रा देख कर करना मनोज.. कहीं मेरी साड़ी खराब न हो जाए।
‘जी भाभी जी आप बेफिक्र रहिए..’

अब मनोज ने सविता भाभी के पैरों से तेल मालिश करना शुरू की और वो पिण्डलियों से होता हुआ भाभी की जाँघों तक अपने हाथों को फेरने लगा।

सविता भाभी को मजा आने लगा- वाह मनोज तुम्हारे हाथों में तो जादू है.. बहुत अच्छा लग रहा है।

मनोज भी पूरा घाघ था.. उसने भी सविता भाभी को मस्त होते देखा तो उसने अपनी शर्ट उतारनी शुरू कर दी।

सविता भाभी चौंक गईं और उससे बोलीं- ये क्या कर रहे हो तुम.. शर्ट क्यों उतार रहे हो?

मनोज ने कहा- वो तो मैंने इसलिए उतारी कि मेरी शर्ट तेल लगने से खराब न हो जाए.. यदि आपको ठीक नहीं लग रहा हो तो मैं इसे वापस पहन लेता हूँ।
सविता भाभी ने उसकी चौड़ी छाती और मर्दाना भरा पूरा जिस्म देखा तो उनकी चूत में पानी आ गया, उन्होंने झट से कहा- नहीं.. ठीक है..

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