ही रीडर्स, मैं फिरसे मेरी और मेरे समधी जी के बीच बने रिश्ते की दास्तान लेकर आई हू. जो नये है, उनको मैं अपना इंट्रोडक्षन फिरसे देती हू. मेरा नाम सुमन है. मेरी आगे 48 है. मेरा फिगर 36द-32-38 है. दिखने में 35-37 से उपर नही लगती.
मैं अपने आप को आचे से मेनटेन रखती हू, और रेग्युलर पार्लर जाती हू. घर पर हमेशा सारी ही पहनती हू. मुझे देख कर हर कोई मुझे पाने की इक्चा रखता है, और मेरे हुस्न के दीवाने तो मेरे बेटे के ससुर जी भी हो गये थे. उनसे मेरी अची दोस्ती हो गयी थी, और हमारा रीलेशन हग और गाल पर किस तक तो चला गया था. वो सब कैसे हुआ उसके लिए स्टोरी के आयेज के पार्ट्स पढ़ लेना.
मेरा और समधी जी का रोमॅन्स चालू ही हुआ था की घर की डोर बेल बाजी. हम दोनो दर्र गये.
मैं: किशन जी अभी कों हो सकता है?
किशन जी: मुझे क्या पता? ये आपका घर है.
मैं (अपनी सारी ठीक करते हुए): आप यही रुकिये. मैं देख कर आती हू. और जब तक वापस ना अओ, तब तक यही पर रहना.
मैने डरते हुए मैं डोर खोला, तो वाहा करियर बॉय था. घबराहट के कारण मेरी बॉडी पूरी पसीने से भीग गयी थी. मैं बहुत सेक्सी लग रही थी. वो लड़का मुझे उपर से नीचे तक घूर रहा था. मैने उसकी और देखा तो उसने मुझे एक स्माइल दी. फिर मैने भी उसको स्माइल के साथ रिप्लाइ किया. मैने पार्सल रिसीव किया, और अपने बेडरूम में वापस आ गयी.
समधी जी: कों था?
मैं: करियर बॉय था.
समधी जी (मेरा हाथ खींच कर गले लगा लेते है): सुमन जी चलिए मैं आपको प्यार देता हू.
मैं (उनसे तोड़ा डोर हो कर): अभी नही.
समधी जी (तोड़ा हाइपर होते हुए): अर्रे सुमन जी, अभी नही तो कब यार? इतना सही मौका है. हम दोनो अकेले है. ऐसा मौका बार-बार नही मिलेगा.
मैं: अर्रे समधी जी, पूरी बात तो सुनिए (मैने अपनी दोनो बाहे उनके गले में डाल कर बोली ). किशन जी मैं चाहती हू की हमारी पहली चुदाई यादगार रहे. और आज हम दोनो अकेले है, तो मैं उसको आचे से एंजाय करना चाहती हू. अब इतनी गर्मी से पसीना हो गया है, और मैं भीग भी गयी हू. मैं शवर लेकर तैयार हो जाती हू. आप भी शवर लेकर फ्रेश हो जाइए.
समधी जी (नॉटी होते हुए): चलिए ना एक साथ नहाने जाते है.
मैं (शरमाते हुए ): क्या आप भी! आप फ्रेश हो कर मेरा वेट करिए. मैने आपके लिए सर्प्राइज़ सोचा है.
मेरी बात सुन कर उनकी खुशी का कोई ठिकाना नही था. मैने उनको टवल दिया, और बेटे के बेडरूम में जो बातरूम था वाहा भेज दिया. किशन जी मुझे प्यार करने वाले थे ये सोच कर ही मैं ना जाने बहुत खुश हो रही थी. मुझे ये सब बहुत अड्वेंचर जैसा लग रहा था.
किशन जी से मेरी गहरी दोस्ती हो गयी, और मुझे प्यार हो जाएगा ऐसा मैने कभी सोचा नही था. मेरी लाइफ में पहली बार ऐसा पागलपन कर रही थी. मैने सोचा आज तो समधी जी को मस्त सारी पहन कर इंप्रेस करूँगी. मैने शवर लेकर उस दिन रेड सारी पहनी. रेड लिपस्टिक लगा कर तोड़ा मेक उप भी किया.
मेरा ब्लाउस डीप नेक था तो मेरी क्लीवेज मस्त दिख रही थी, और मैं सारी टाइट पहनती हू तो मेरी बॉडी का हर कर्व सेक्सी दिख रहा था. मैने उस दिन अंदर भी सब कुछ लाल ही पहना था. मैने ऐसा तो आज तक मेरे पति के लिए भी नही किया था. इतनी आगे में भी मुझे अब ये सब करने में अछा लग रहा था.
मैं जब तैयार हो रही थी, तब समधी मेरा वेट कर रहे थे. मेरी एग्ज़ाइट्मेंट और बढ़ गयी. फिर जैसे मैने डोर ओपन किया, किशन जी का मूह खुला रह गया. वो वाहा खड़े मुझे देखते ही रहे. मैने उनको अंदर बुलाया. उनको यकीन ही नही हो रहा था की मैं आज इस रूप में उनके सामने थी.
किशन जी: सुमन जी आज तो आप हुस्न पारी लग रही हो.
मैं: हा आज ये पारी आपकी है. आपकी जो इक्चा है सारी पूरी कर लीजिए. मैने भी सोच लिया है की अब से मैं आपकी लवर बन कर रहूंगी.
किशन जी: सच?
मैं: हा मेरे प्यारे बेटे के प्यारे ससुर जी. आपकी संधान आपके लिए इतना साज-धज कर तैयार हुई है. एक बात काहु?
किशन जी (मेरी कमर में हाथ डाल कर): हा बोलिए ना.
मैं: मैं ऐसे तो आपके समधी जी के लिए भी कभी तैयार नही हुई.
मैं तोड़ा एमोशनल हो गयी, तो उन्होने मेरे माथे पर किस किया. मैने उनको टाइट हग किया. मेरे बूब्स उनकी छ्चाटी के बीच डब गये. मैं आपको बता डू की समधी जी इस टाइम पर सिर्फ़ बनियान और टवल लपेट कर आए थे. उन्होने अंडरवेर नही पहना था. वो मेरी कमर और पीठ सहलाने लगे थे.
मैं मदहोश होने लगी. उन्होने मेरे गाल और नेक पर किस किया, और मुझे उल्टा घुमा कर मेरी पीठ पर चूमने लगे. वो बेड पर बैठ गये, और मुझे उनकी गोदी में बिता दिया. उनका लंड मुझे चुभ रहा था. अब किशन जी हाथ मेरी सारी के अंदर डाल कर मेरे पेट पर घुमा रहे थे. मुझे वो हॉर्नी कर रहे थे. अब उन्होने दोनो हाथ पीछे से सारी के अंदर डाल कर ब्लाउस के नीचे से सपोर्ट लेकर मेरे दोनो बूब्स पकड़ लिए.
किशन जी का हाथ मेरे बूब्स पर टच होते ही मैं झाड़ गयी. मैं अपने ही बेटे के ससुर जी के साथ जिस्म का खेल खेल रही थी. मेरे बूब्स इतने बड़े है की समधी जी के हाथ में नही आ रहे थे.
समधी जी: सुमन जी आपकी चुचिया तो कितनी मस्त और बड़ी है. कितने टाइम से सोच रहा था की कब मेरी संधान की चुचिया मेरे हाथो में होंगी.
मैं: अब से मेरे जिस्म पर जितना सेटुल के पापा का अधिकार है, उतना ही अधिकार आपका भी है. मैं तंन मॅन से अब आपकी हो चुकी हू.
मेरा इतना कहते ही उन्होने पीछे से मेरे ब्लाउस का हुक खोल दिया, और मेरी पीठ पर किस करने लगे. सच काहु तो दूसरे मर्द से संभोग करने में कुछ अलग ही मज़ा होता है. लंड और छूट का रिश्ता सबसे बड़ा होता है. मुझे अब कोई फराक नही पद रहा था, की मैं जिसके साथ बिस्तर गरम कर रही थी, वो मेरे बेटे का ससुर था.
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी जवानी वापस आ गयी हो. समधी जी भी मेरी जैसी हसीन औरत को पा कर जन्नत का मज़ा लूट रहे थे. जब उनके होंठ मेरे बॉडी पर टच होते, मेरे पुर जिस्म में करेंट दौड़ जाता. मैने अपना पल्लू गिरा कर ब्लाउस निकाल दिया. उन्होने मुझे खड़ा किया, और मेरी सारी निकाल दी.
मैं उनके सामने रेड ब्रा और सॅटिन रेड पेटिकोट में खड़ी थी. समधी जी मेरे मोटे बूब्स और लचकति कमर देख कर मेरे जिस्म के गुलाम बन गये थे.
समधी जी: श मी गोद. सुमन जी आपको जितना सोचा था उससे ज़्यादा खूबसूरत हो (मेरी कमर को पकड़ लिया, और मेरा एक पैर उठा कर उनकी कमर पर रख दिया ). अशोक जी को दिमाग़ ही नही है. मेरी ऐसी बीवी हो तो मैं रोज़ चुदाई करू.
मैं (शरमाते हुए): अब आप मुझे अपनी बीवी समझ लो.
मेरा इतना ही कहते ही वो मेरे लिप्स को चूसने की कोशिश करने लगे.
मैं (हम दोनो के लिप्स के बीच हाथ रख कर): किशन जी मुझे लिप्स किस करना पसंद नही है. मैं नही करती. मुझे गंदा लगता है.
किशन जी: एक बार ट्राइ करिए. आपको अछा नही लगा तो नही करूँगा.
मैने उनको इशारे में हा कहा. वो मेरी आँखों में देख रहे थे. मैं भी उनकी आँखों में देख रही थी. मुझे उनकी आँखों में मेरे लिए बहुत सारा प्यार दिख रहा था. उन्होने धीरे से उनके होंठ मेरे होंठो के करीब कर दिए. मुझे उनकी साँस महसूस हो रही थी. उसकी स्मेल मुझे मदहोश कर रही थी.
मेरे पति जब मेरे पास आते थे, तो मुझे वो थोड़ी बदबू देते थे. पर किशन जी की बात ही कुछ और थी. किस होने की बेचैनी में मेरे होंठ काँपने लगे. मैने अपनी आँखे बंद करी, और मेरा मूह हल्का खुला ही था, की किशन जी ने मेरे होंठ से होंठ मिला दिए.
वो धीरे-धीरे मेरे लिप्स को चूस रहे थे. मुझे वो बहुत अछा लग रहा था. उन्होने मेरा पैर नीचे किया, और गर्दन के पीछे हाथ रख कर मेरे लिप्स चूसने लगे. मुझे भी अछा लग रहा था. आप यकीन नही कर पाओगे, पर मेरी लाइफ की ये पहली लोंग किस थी.
किशन जी किस करते हुए एक हाथ मेरे बूब्स पर रख दिए, और वो उसको हल्का-हल्का दबा रहे थे. मैं भी मदहोश हो कर उनके गले में दोनो हाथ डाल कर उनके लिप्स चूसने लगी. उनकी थूक का टेस्ट मुझे अछा लग रहा था. हम दोनो की किस इतनी वाइल्ड हो गयी थी, की छाप-छाप की आवाज़ आने लगी.
किशन जी अब मेरे मूह के अंदर उनकी जीभ डाल कर घूमने लगे. मैं तो पागल ही हो गयी. मुझे ऐसा मज़ा पहले कभी नही आया था. मेरे पति किस करते थे, तो मुझे बदबू आती थी. तो मुझे लिप्स किस अछा ही नही लगता था. किस करते हुए हम दोनो इतने गरम हो गये, की मुझे मेरी पनटी में गीला-पन्न लगने लगा.
किशन जी का लंड भी हार्ड हो गया था. वो टवल में तंबू बन गया था. वो मेरी कमर पर हाथ घुमा रहे थे, साथ में मेरी जीभ को उनके मूह में लेकर चूस रहे थे.
अब उनका हाथ मेरे चूतड़ पर चला गया. सॅटिन पेटिकोट उनको बहुत अछा फील दे रहा था. मैं भी समधी जी की हरकत से इतनी गरम हो गयी थी, की शरम हया छ्चोढ़ कर मेरा हाथ उनके लंड के उपर रख दिया. मैने जब उनके लंड को च्छुआ तो मेरे जिस्म में अजीब सी लेहायर उठ गयी. उनका लंड काफ़ी सख़्त था, और लंबाई और मोटाई मेरे पति से ज़्यादा लग रही थी.
मैं समझ गयी थी की समधी जी मेरी छूट का भोंसड़ा बना देंगे. मेरे अंदर दर्र भी था और खुशी भी थी. ऐसे ही हम ने कुछ 10-15 मिनिट किस किया. जब हमारी किस टूटी, तब मैने धीरे से मेरी आँखें खोली. समधी जी मुझे बड़े प्यार से देख रहे थे. मैने उनको स्माइल दी, और मैं शर्मा गयी. फिर मैने उनको कस्स कर गले लगा दिया.
समधी जी: सुमन जी किस करके के कैसा लगा?
मैं (उनके कन में धीमे से): बहुत ही मस्त. आपने कमाल कर दिया. मुझे ऐसा मज़ा अशोक जी भी नही दिया.
मेरी बात सुन कर वो खुश हो गये. अब मैं फिरसे उनके होंठो को चूसने लगी. कुछ 2-3 मिनिट लगातार उनके लिप्स चूस्टी रही, और उनकी लार चाटने लगी. मेरे बदन में इतनी उर्जा तो कभी मेरे पति भी नही भर पाए थे.
समधी जी के सामने अब उनकी संधान नही पर एक प्यासी औरत थी. समधी जी मेरे पास आए और मेरे पेटिकोट का नाडा खोल दिया. मेरा पेटिकोट सरक कर नीचे गिरा. अब मैं उनके सामने रेड ब्रा और पनटी में थी. मुझे ब्रा पनटी में देख कर वो काफ़ी एक्शिटे हो गये. मुझे टवल के उपर तंबू बना हुआ दिख गया, और मैं शर्मा कर पीछे मूड गयी. वो मेरे पास आए और मेरी बॅक पर किस करने लगे.
किस करते हुए उन्होने मुझे बेड की साइड झुका दिया, और कमर पर किस करने लगे. उन्होने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया, और सीधा करके मेरी ब्रा निकाल दी. अब किशन जी ने पीछे से मेरे बूब्स पकड़ लिए, और दबाने लगे. उनका लंड मेरी गांद पर चुभ रहा था. मेरी तो आहह निकल रही थी.
मैं: किशन जी दर्द होता है. तोड़ा धीरे से करिए ना.
किशन जी: कैसे रोकू मैं अपने आप को? मेरे सपने में भी मैने इतनी हसीन औरत को नही देखा है. आप का शरीर दूध जैसा गोरा है. आपके बूब्स अफ ये गुलाबी निपल. मैं क्या काहु मेरी प्यारी संधान. जब आप शरुष्टि को देखने पहली बार हमारे घर पर आए थे, तब से मैं आपको देख कर आपका दीवाना बन गया था. और आज आपको पा कर मेरा जीवन सफल हो गया.
उनके मूह से मेरे जिस्म की तारीफ सुन कर मैं भी पूरी लाल हो गयी. किशन जी ने अब मुझे बेड पर बिता दिया और मेरे बूब्स चूसने लगे. वो मेरे निपल्स को हल्का काट रहे थे. मुझे वो दर्द होता पर मज़ा भी बहुत आ रहा था. मैं अपने हाथो से उनके सर को सहला रही थी.
वो छ्होटे बच्चे की तरह मेरे निपल्स चूस रहे थे. मेरे समधी जी मेरे निपल चूस रहे थे, ये सोच कर ही मैं गरम हो रही थी. जब कोई औरत अपने किसी रिश्तेदार से चुड़वति है, उसका नशा ही कुछ और होता है. मेरे पति ने हमएसा मुझे बस छोड़ा है, ऐसा प्यार मुझे पहली बार मिल रहा था.