डॉक्टर को लगा कि कहीं बात बिगड़ न जाए इसलिए वो बोला- ठीक है.. अब आप सीधी लेट जाएं।
भाभी अब सीधी हो गईं।
डॉक्टर ने पूछा- वैसे आप अपने वक्षों की नियमित जांच तो करती ही हैं न..?
‘ओह्ह.. हाँ डॉक्टर..’
‘हाँ.. ये आपके लिए आवश्यक भी है.. क्या आप मुझे करके दिखा सकती हैं.. मैं आश्वस्त होना चाहता हूँ कि आप ठीक तरह से जांच करती हैं।’
सविता भाभी को एकदम से शर्म आने लगी कि अब इसके सामने मुझे अपने मम्मों को दबा कर दिखाना होगा कि मैं कैसे जांच करती हूँ।
‘ठीक है डॉक्टर.. बताती हूँ..’ ये कहते हुए सविता भाभी ने अपने हाथों को अपने गुदाज मम्मों की तरफ बढ़ाए।
सविता भाभी ने अपने हाथों से मम्मों को दबाया और अपने चूचुकों को मींजते हुए डॉक्टर से कहा- पहले मैं अपने ‘इन्हें’ नीचे से ऊपर तक दबा कर देखती हूँ कि कहीं कोई गाँठ तो नहीं बन रही है, फिर अपने निप्पलों को उंगलियों से मसल कर देखती हूँ।
ये देख कर डॉक्टर की वासना भड़क गई और वो खुद सविता भाभी के मम्मों पर हाथ फेरने के लिए सोचने लगा।
‘न न भाभी जी ऐसे नहीं.. मुझे लगता है कि मुझे खुद करके बताना होगा।’
अब डॉक्टर ने सविता भाभी के हाथ पर अपना हाथ रखा और उनके हाथ से मम्मों को दबाते हुए बताने लगा- ये देखिए.. इस तरह अपनी उंगलियों को निप्पल पर रख कर हल्का दवाब डालते हुए नीचे की तरफ लाएं.. ऐसे आहिस्ता आहिस्ता.. अब दोनों हाथों से इस तरह अपने दोनों स्टोन के चारों ओर गोलाई में संभावित ग्रंथि को टटोल कर देखने का प्रयास करें।
सविता भाभी अब गरम होने लगी थीं।
तभी डॉक्टर ने कहा- शायद आपने लम्बे समय से सही तरीके से अपने स्तनों की जांच नहीं की है। मुझे लगता है कि मैं खुद ही विधिवत जांच कर लूँ.. अब आप अपना गाउन थोड़ा नीचे कीजिए ताकि जांच ठीक से कर सकूँ।
भाभी ने सोचा अब इस डॉक्टर से मजा ले ही लेना चाहिए.. वैसे भी इसने मेरी आग को भड़का ही दिया है।
सविता भाभी ने ये सोचते हुए अपना एक चूचा गाउन से बाहर निकाल दिया।
डॉक्टर की मन ही मन में ‘आह्ह..’ निकल गई.. उसने सविता भाभी की चूचियों की जांच शुरू कर दी। फिर तो आप जानते ही हैं कि अपनी सविता भाभी एक बार गरम हो जाएं तो किसी भी मर्द को छोड़ती नहीं हैं।
डॉक्टर ने उनकी ‘पूरी’ जांच कैसे की और क्या सविता भाभी वास्तव में डॉक्टर से चुदाई करवा पाई थीं या नहीं ये सब आपको ‘सविता भाभी और डॉक्टर डॉक्टर’ नामक कड़ी में देखने को मिलेगा।