‘हाँ हाँ.. उसके भी बड़े हैं।’
‘क्या मुझसे बड़े हैं?’
राज ने मम्मों को घूरते हुए कहा- मैं अभी कैसे कह सकता हूँ..
‘मतलब अगर मैं तुमको ठीक से दिखाऊँ तो शायद तुम ठीक से बता पाओगे कि किसके मम्मे बड़े हैं?’ ये कहते हुए सविता ने अपने ब्लाउज के गले को कुछ इस तरह से किया कि उनके मम्मे आधे से अधिक बाहर को झलने लगे और राज की हालत खराब होने लगी।
‘राज ज़रा नजदीक से देखना चाहोगे?’
राज ने सविता भाभी के मम्मों पर हाथ डाल दिया.. और उनका एक रसीला आम जैसा चूचा ब्लाउज से बाहर कर लिया.. और उनके निप्पल को छूने लगा।
‘ये क्या कर रहे हो राज.. मेरे पति अभी दूसरे कमरे में हैं..’
राज ने सविता भाभी की बातों को अनसुना करते हुए कहा- सच में सावी.. तुम्हारे मम्मे बहुत फूल गए हैं.. मुझे इनको ठीक से देखना होगा।
‘अरे मैं तो यूं ही मजाक कर रही थी राज..’
राज ने सविता भाभी के एक निप्पल को उमेठते हुए कहा- प्लीज़ सावी दीदी..
अब सविता भाभी ने मूड में आते हुए उससे कहा- ओके राज.. मैं अपना ब्लाउज खोलती हूँ पर मुझसे वादा करो कि तुम इससे आगे नहीं बढ़ोगे।
दोस्तो.. आप समझ सकते हैं कि जिन सविता भाभी की सील उसके भाई राज ने ही तोड़ी हो.. वो उनके मद भरे यौवन कलशों को खुला देख कर कैसे रुक सकता है।
सविता भाभी के ब्लाउज उतरने के बाद राज और सविता भाभी.. मतलब इन दोनों भाई-बहन ने क्या-क्या किया इस सबका सजीव चित्रांकन आप सविता भाभी की कार्टून कथा के माध्यम से देख सकते हैं।