‘आह्ह.. कितना सुखद था..’
वे अभी फर्श पर पड़ीं ये सोच ही रही थीं कि अचानक घर के मुख्य दरवाजे पर घंटी बज उठी।
सविता भाभी ने जल्दी से अपने कपड़े पहने और बाहर आ गईं।
‘ओह्ह राज भैया.. तुम्हें देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा.. प्लीज़ अन्दर आओ।’
उधर राज की कामुक निगाहों ने सबसे पहले सविता भाभी उफनते मम्मों को नजर भरके देखा.. जिन्हें सविता भाभी ने एक झीने से आँचल से अपने गहरे गले के ब्लाउज में और अधिक उभारते हुए राज की तरफ उठा दिया।
फिर..
‘ओ हैलो.. मैं इधर हूँ ऊपर..!’
‘ओह्ह.. सॉरी सावी.. इतने दिनों बाद तुम्हें देखा.. तुम वाकयी बहुत बदल गई हो..’
‘ओह.. कम ऑन.. अब अन्दर भी आओ..’
सविता भाभी ये कहते हुए मुड़ीं और चूचों से कहीं अधिक उठे हुए सविता भाभी के मदमस्त चूतड़ों ने तो मानो राज के ऊपर बिजलियाँ ही गिरा दीं।
राज ने सविता के ‘अन्दर भी आओ..’ वाले वाक्य पर मन में सोचा कि चिंता मत करो सविता.. मेरे पास बहुत ‘अन्दर’ तक आने के कई प्लान हैं।
फिर देर रात सविता भाभी उनके पति अशोक और राज ने डिनर किया। राज ने डिनर की तारीफ़ की, जिस पर सविता भाभी ने कहा- अरे बस बस.. ये तो कुछ नहीं था.. अभी तुम दोनों टीवी देखो जब तक मैं ये सब समेटती हूँ।
वे दोनों टीवी देखने लगे। तभी सविता भाभी ने अपना काम खत्म किया और उन दोनों को आवाज लगाते हुए पूछा- मैंने अपना काम खत्म कर लिया है.. तुम दोनों कोई ख़ास चीज देख रहे हो क्या..?
‘अरे नहीं यार.. मैं तो सोने जा रहा हूँ.. मुझे सुबह जल्दी उठना है..’ अशोक ने उठते हुए कहा।
अशोक के उठते ही सविता भाभी राज के बगल में बैठते हुए बोलीं- ओके डियर.. तुम सोओ.. मैं कुछ देर राज के साथ बैठती हूँ।
अशोक बेडरूम में चला गया.. और सविता भाभी राज के बाजू में बैठ कर पूछने लगीं- और सुनाओ अमेरिका में कैसा चल रहा है.. तुम्हारी मम्मी मुझसे शिकायत कर रही थीं कि तुम शादी नहीं कर रहे हो.. क्या बात है?
‘अरे यार.. मेरी मम्मी भी बस.. मेरी गर्लफ्रेंड है.. मैं कोई ‘गे’ टाइप का नहीं हूँ।’
सविता भाभी ने जैसे ही गर्लफ्रेंड के बारे में सुना तो वे पूछने लगीं- ओह्ह.. गर्लफ्रेंड.. मुझे उसके बारे में कुछ बताओ।
‘वेल.. उसका नाम मिशेल है वो 24 साल की है.. बहुत सुन्दर है..’
‘क्या मुझसे भी सुन्दर?’
‘हा हा हा..’
राज ने टीवी का चैनल बदलते हुए ‘एफ टीवी’ लगा दिया और टीवी पर नंगी-पुंगी मॉडल्स को देखने लगा।
सविता भाभी ने राज की पैन्ट में उसका लौड़ा फूलता हुआ देखा तो वे समझ गईं कि इन नंगी मॉडल्स की तरफ देखने से इसका खड़ा होने लगा है।
उन्होंने उसके लौड़े की तरफ इशारा करते हुए उसको छेड़ा- मुझे लगता है तू इस वक्त किसी लड़की की जरूरत महसूस कर रहा है।
‘ओह.. नो यार.. ऐसा कुछ नहीं है..’
‘कम ऑन राज.. तुम मेरे सामने खुल कर बात सकते हो।’
‘हाँ सावी, मुझे पुराने दिन याद हैं।’
अब सविता भाभी को मौका मिल गया था, उन्होंने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया।
‘हम्म.. इन मॉडलों की चूचियां बहुत छोटी-छोटी हैं।’
राज एकदम से इन खुले शब्दों को सुन कर हड़बड़ा गया- आ.. हाँ हाँ..
‘तुम्हारी गर्लफ्रेंड के मम्मे कैसे हैं राज?’ ये पूछते हुए सविता भाभी ने अपने भाई के सामने अपने मम्मों को उभार दिया।
सविता भाभी के बड़े मम्मों का नजारा करते ही राज की आँखें फट सी गईं।