Savita Bhabhi Aur Bra Salesman

अगले ही पल उनकी उंगली ने चूत की आग को और भड़का दिया। अब उन्हें उंगली से कोई लम्बी और मोटी चीज की जरूरत होने लगी।

उन्होंने बुदबुदाते हुए सोचा कि मुझे मालूम है कि वो लम्बी और मोटी चीज कैसे मिलेगी।

बस अब सविता भाभी ने अपना कामबाण चलाने का जतन किया। उन्होंने अपनी बड़ी चूचियों पर लाल रेशमी ब्रा को पहना और उसके हुक न लगने की बात को बनाते हुए दरवाजे से अपना सर निकाल कर उस सेल्समेन से कहा- सुनिए.. क्या आप मेरी थोड़ी मदद कर सकते हैं।

सेल्समेन तो इसी इन्तजार में बैठा था कि कोई मौका कैसे मिले.. वो दौड़ कर पास आया और बोला- हाँ हाँ.. बताइए क्या काम है?
‘जरा ये हुक लगा दीजिए न..’
सेल्समेन से अन्दर आकर ब्रा का हुक लगा दिया।

‘अब कोई तकलीफ तो नहीं है?’
भाभी कहने लगीं- ओह ये तो बहुत टाईट है लगता है हुक अटक गया है.. जरा जल्दी कीजिए.. मेरी ‘वो’ दुःख रही हैं।

सविता भाभी ये कहते हुए उससे ब्रा को खोलने की कहने लगीं।

सेल्समेन ने ब्रा का हुक खोल दिया.. तो भाभी ने उसे धन्यवाद देते हुए ब्रा उतार कर दे दी। अब सविता भाभी ऊपर से अपनी चूचियों को अपने हाथ से ढकने का नाटक करने लगीं।

सेल्समेन बोला- रुकिए मैं देखता हूँ कि कोई और बड़े साइज़ का सैट हो।
वो जाने लगा तो भाभी ने उसका हाथ पकड़ लिया और कहा- अरे रुको तुम किधर जा रहे हो?
सेल्समेन भाभी को देखने लगा। भाभी ने अपनी चूचियां उसके सामने खुली कर दी थीं।

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सविता भाभी ने अपनी चूचियां उसकी तरफ करते हुए कहा- अरे पहले इनका ठीक से नाप तो ले लो..
सेल्समेन की तो मानो मन की मुराद पूरी हो गई।
वो ठिठक कर कुछ सोचने लगा इतने में सविता भाभी ने उसे फिर टोका- क्या वहीं खड़े रहोगे?

इस तरह का खुला आमंत्रण पा कर सेल्समेन की आंखें फ़ैल गईं। वो ललचाई नजरों से सविता भाभी की चूचियों को देखने लगा।

सविता भाभी ने अपनी चूचियों को अपने हाथों में लेकर उसकी तरफ उठाते हुए कहा- आओ न.. इनको ठीक से नाप लो ताकि अगली बार सही साइज़ ला सको।

सेल्समेन आगे बढ़ा और उसने सविता भाभी के निप्पल को अपनी उंगली से छुआ.. भाभी की चूत गनगना उठी।

सेल्समेन ने भाभी की दोनों चूचियों को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और उनको दबा-दबा कर भींचने लगा।

सेल्समेन का लवड़ा उसकी पैन्ट फाड़कर बाहर आने को आतुर हो उठा था।

सविता भाभी बड़बड़ाने लगीं- आह्ह.. ये तुम क्या कर रहे हो.. मैंने तो तुमसे नाप लेने के लिए कहा था।

पर सेल्समेन सविता भाभी की मदमस्त उठी हुई चूचियों का मर्दन करने लगा।

‘प्लीज़ मेरी चूचियां मत दबाओ.. आह्ह..’
‘सॉरी मैडम मैं अब अपने आपको रोक नहीं पा रहा हूँ।’

ये कहते हुए सेल्समेन ने सविता भाभी की चूचियों को चूसना और चूमना शुरू कर दिया। वो भाभी एक निप्पल को अपनी उंगलियों के बीच दबा कर मींजता और दूसरे निप्पल को अपने मुँह में लेकर चूसता रहा।

भाभी के निप्पल कड़े होने लगे थे।

वो कहने लगीं- रुक जाओ.. मत करो, मेरे पति आते ही होंगे।

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लेकिन अब सेल्समेन पूरी तरह से कामोत्तेजित हो चुका था। उसने भाभी के साथ मनमानी करना शुरू कर दी, जो कि खुद सविता भाभी की चाह थी।

वो उसका साथ देते हुए उससे कहने लगीं- आह्ह.. जरा प्यार से करो न.. लगती है।

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