‘अरे नहीं ये तो एकदम नए किस्म की इलास्टिक की बनी है, ये इम्पोर्टेड इलास्टिक से बनी है।’
सविता भाभी ने जब ये सुना तो वे बोलीं- ठीक है आप इधर ही बैठो.. मैं इसे पहन कर देखती हूँ।
सविता भाभी के ड्राइंगरूम बगल में ही उनका बेडरूम बना था। उन्होंने बेडरूम में घुस कर उसकी ड्रेसिंग टेबल के पास खड़े होकर अपना ब्लाउज उतारा और उसके बाद अपनी तनी हुई चूचियों को बिना ब्रा के देखा तो वे सोचने लगीं- हाय राम.. आज तो मैंने ब्रा पहनी ही नहीं थी और शायद इसी वजह से इस सेल्समेन को मेरी चूचियों के तने हुए निप्पल दिख गए होंगे। कोई बड़ी बात नहीं है कि उसने इन्हीं को देख कर प्यास लगने का बहाना बनाया होगा।
सामने शीशे में अपनी तनी हुई चूचियों को ब्लाउज से निकलते ही उछलते हुए देखा तो उनको कुछ देर पहले वाली अन्तर्वासना की सेक्स स्टोरी की याद आ गई और वे अपनी चूचियों से खेलते हुए सोचने लगीं कि शादी के बाद से कितनी बड़ी हो गई हैं। ये रेशमी ब्रा निश्चित रूप से मुझे फिट नहीं होगी।
तभी उनकी निगाह शीशे पर पड़ी तो उन्होंने देखा कि बेडरूम का दरवाजा थोड़ा सा खुला रह गया था, जिसमें से शीशे के प्रतिबिम्ब से सेल्समेन उनकी तरफ देख रहा था।
एक पल के लिए तो वे कुछ सोचने लगीं और फिर वासना के वशीभूत होकर उन्होंने अपनी चूचियों को दबाते हुए ब्रा को पहनने की कोशिश की।
ब्रा छोटी थी पर उसकी इलास्टिक अच्छी थी, तब भी भाभी सोचने लगीं कि क्या करूँ.. इसको देखने दूँ या दरवाजा बंद कर दूँ।
फिर उनकी चुदासी चूत ने अंगड़ाई ली और उन्होंने मन में सोचा कि बहुत दिन हो गए कोई नया लण्ड नहीं लिया.. क्यों न आज इसका..
उधर बाहर वो सेल्समेन भाभी का मदमस्त हुस्न देख कर पागल हो उठा था।
अन्दर भाभी शीशे के सामने अपनी उंगलियों से अपने निप्पलों को मसल-मसल कर उस सेल्समेन को दिखाने लगीं और सोचने लगीं कि आह.. कितने कड़े हो गए.. काश इन उंगलियों की जगह इस लौंडे की जीभ होती.. तो ये और भी अधिक कड़े हो जाते।
अब सविता भाभी अपनी भरपूर जवानी की चुदास से भर उठी थीं और अपनी चूचियों को भींच भींच कर उस सेल्समेन को शीशे के माध्यम से दिखाने लगी थीं।
उधर उस सेल्समेन ने अपनी कामुक निगाहें सविता भाभी के चूचों पर लगा रखी थीं और वो लगातार अपने लौड़े को सहलाता हुआ सोच रहा था कि आज ये औरत पता नहीं क्या करने वाली है।
सविता भाभी सोच रही थीं कि साले हरामी को मेरी चूचियां देख कर कितना मजा आ रहा है.. साला अपना लौड़ा हिला रहा है।
उधर वो सेल्समेन बदस्तूर सविता भाभी की चूचियां निहार रहा था।
तभी सविता भाभी सोचने लगीं कि आज इसको अपने जाल में लेना ही होगा सविता.. और तुझे पता है कि मर्दों को कैसे रिझाया जाता है.. और मर्दों को गरम कैसे किया जाता है।
अब सविता भाभी उस सेल्समेन को अपने जाल में फंसाने को आतुर हो उठीं।
पहले भाभी ने खुद के चूचों को पूरी तरह से नंगा करते हुए शीशे के माध्यम से दिखाया और फिर अपने पेटीकोट का नाड़ा ढीला कर दिया। वे पैन्टी को अपनी उंगलियों में फंसा कर सोचने लगीं कि क्या पैन्टी को भी उतार दूँ। तभी उनकी उंगली चूत पर चली गई और चूत को कामरस से भीगी देख कर वो मचल उठीं और उन्होंने अपनी उंगली को चूत में घुसेड़ लिया।