साथ सोए भाई-बहन की चुदाई की सेक्सी कहानी

ही दोस्तों, मेरा नाम विकी है(बदला हुआ नाम). ये कहानी जो मैं लिख रहा हू, दरअसल ये कोई कहानी नही बल्कि मेरी लाइफ का इन्सिडेंट है, जो मेरे और मेरी कज़िन सिस्टर के साथ तकरीबन 6-7 साल पहले हुआ था.

और हा, मैने इससे पहले कभी कोई कहानी नही लिखी है, तो कोई ग़लती हो जाए तो प्लीज़ माफ़ कर देना. और बताना ज़रूर की कैसी लगी कहानी अट मी एमाइल ईद पुंजबिमुंडा2712@याहू.कॉम

अब मैं अपने बारे में बता देता हू. मेरा नाम विकी है, और मैं पुंजब का रहने वाला हू. मेरी आगे उस टाइम 19 साल की होगी, रंग गोरा, हाइट 5.9 इंच, और बॉडी पतली है.

मेरी कज़िन सिस्टर का नाम रीना है, आगे 25 साल, उसका रंग गोरा तो नही पर गोरे से तोड़ा सा कम है. उसका फिगर होगा कुछ 34-30-34. उसका नेचर शुरू से ही बहुत नॉटी वाला रहा है. नॉटी बोले तो चालू टाइप.

अब मैं स्टोरी पर आता हू. बात उन दीनो की है, जब मैं 12त क्लास में स्टडी कर रहा था, और एग्ज़ॅम्स चल रहे थे. और बता डू की मेरा स्टडी में बिल्कुल मॅन नही लगता था.

रीनू दीदी मेरे कज़िन टाइया जी की बेटी है, और घर के पास ही रहती है. वो अक्सर हमारे घर आ जाती है, क्यूंकी मेरी सिस्टर्स भी उनकी सेम आगे की है. तो वो ज़्यादातर टाइम हमारे यहा ही बिताती थी.

मेरी मों मुझे बार-बार पढ़ने को बोल रही थी, और मैं लारे लगा रहा था की पढ़ लूँगा अभी पूरी रात पड़ी है. और जब रीनू दीदी ने ये सुना तो बोली-

रीनू: तू हमारे घर आजा. मैं भी रात को पढ़ती हू, तो हम इकट्ठे पढ़ेंगे.

और एक बात बता डू. मैं रीनू के बारे ग़लत सोच भी रखता था क्यूंकी मूठ मारने के वक़्त कोई ना कोई चेहरा चाहिए होता है. तो जैसे वो चालू किसाम की लड़की थी, तो मैं उसके बारे में सोच कर मूठ मारता था.

इसलिए मैने हा बोल दिया. खाना खाने के बाद मैने बुक्स ली, और रीनू दीदी के घर चला गेया. रीनू दीदी के घर उनके मों दाद और एक भाई था. मों अपने माइके गयी हुई थी और भाई का कमरा उपर वाले फ्लोर पे था, और दाद भी कही गये हुए थे. शायद वो भी उपर वाले फ्लोर पे ही सोते थे.

जब मैं दीदी ले घर पहुँचा, तो दीदी टीवी देख रही थी. उसने एक नाइट सूट पहन रखा था, जो नॉर्मल शर्ट जैसा उपर था, और नॉर्मल लोवर था. और साथ में दूध पी रही थी. जैसे ही दूध ख़तम हुआ, उन्होने टीवी बंद किया और बुक्स लेकर मेरे साथ पढ़ने के लिए बैठ गयी.

कुछ मिनिट्स हम दोनो पढ़े, और फिर बातें शुरू हो गयी इधर उधर की. बात करते-करते दीदी ने बुक्स साइड पे रखी, और बोली-

दीदी: सुबा जल्दी उठ कर पढ़ेंगे.

और फिर उसने सॉंग लगा दिया रेस मोविए का “ज़रा-ज़रा टच मे” वाला, आपने ज़रूर सुना होगा. मुझे नही पता की उन्होने क्यू लगाया था ये सॉंग, मतलब उनके दिमाग़ मैं कुछ ग़लत था या नही मेरे बारे में, मुझे नही पता था.

फिर मैने भी बुक्स साइड पे रखी, और लाइट्स ऑफ करके लेट गये. हम दोनो एक डबल बेड पे सोए थे, और कंबल भी 1 डबल बेड वाला ही था, और महीना शायद फेब का था. दीदी दूसरी तरफ मूह करके सो गयी, पर मुझे नींद नही आ रही थी.

मैं तो सोच रहा था की कैसे टच करू उसको क्यूंकी दर्र बहुत लग रहा था. कुछ देर सोचने के बाद मैं भी दूसरी तरफ फेस करके सो गया. तकरीबन 10 मिनिट बाद दीदी मुझे पीछे से हग करके सो गयी. मेरी तो नींद वैसे भी गायब थी.

दीदी ने पीछे से हग किया, और अपनी एक टाँग मेरे टाँगो पे रख ली, जैसे किसी को जाकड़ कर लेते है. मुझे सच मैं काफ़ी कॅसा हुआ महसूस हो रहा था, और दीदी के बूब्स मेरी बॅक पे प्रेस हो रहे थे.

मैं तो पानी-पानी हो रखा था नीचे. अब मैं सोच रहा था की आगे क्या करू. मैं वैसे भी सोने का नाटक कर रहा था, तो मैने अपना फेस ऐसे घुमाया उनकी तरफ, की उनका जो मेरे उपर हाथ और टाँग थी, वो उपर से हटते नही.

जब मैने उनकी तरफ फेस किया, तो मेरा फेस और उनका फेस बिल्कुल पास थे, और हमारी बॉडी भी एक-दूं चिपकी हुई थी, जैसे पति-पत्नी की सुहग्रात पे चिपकी हो.

मैने भी अपना दाया हाथ उनके उपर रख लिया. मुझे अब उनकी ब्रा की ट्रिप पीछे से टच और फील हो रही थी. हम 15-20 मिनिट ऐसे ही सोए. उसके बाद दीदी ने करवट ली, और सीधी लेट गयी. मतलब च्चत की तरफ मूह करके.

अब जो मेरा हाथ उनके उपर था, वो अब बिल्कुल उनके बूब्स पे आ गया. अब तो मैं जैसे पागल होता जेया रहा था, और मैने हिम्मत करके अपना हाथ बूब्स पे, और पेट पे फेरा. दीदी का टॉप तोड़ा उपर उठ गया था, और पेट और नाभि पे मेरा हाथ टच हो रहा था.

मैने धीरे से टॉप को तोड़ा और उपर किया, और नीचे से एक दो बोट्तों भी खोल दिए. इससे उनका टॉप जो की शर्ट की तरह था, वो बूब्स के नीचे तक खुल गया. अब मैने अपना हाथ पेट पे फेरना शुरू किया. मुझे बहुत दर्र भी लग रहा था, की कही कुछ घर में ना बता दे दीदी.

हाथ फेरा तो दीदी ने कुछ नही बोला. शायद वो गहरी नींद में सो रही थी. मैं दीदी के और करीब हुआ, और अपनी एक टाँग उनपे रख दी, और हग कर लिया. साथ ही मैं अपना हाथ उनके पेट पे फेर रहा था.

थोड़ी देर बाद जब दीदी की तरफ से कोई भी रिक्षन नही आया, तो मैने धीरे से उनका लेफ्ट वाला बूब प्रेस कर दिया. क्या बतौ, दोस्तों बूब्स का साइज़ जितना बाहर से दिखता है, उससे काफ़ी बड़ा होता है आक्चुयल में. और अब मैने बूब को पकड़ा, तो वो पूरा मेरे हाथ में फिट आ गया.

फिर मैने धीरे-धीरे बूब दबाया. उसके बाद मैने ब्रा के नीचे से हाथ डालना चाहा, पर दीदी हिली थोड़ी सी, और मैं दर्र गया की कही उठ तो नही गयी वो. पर उसने कुछ नही कहा.

जब उसकी तरफ से कोई भी रेस्पॉन्स नही आया, तो मेरी हिम्मत बढ़ी, और मुझे लगा की शायद ये भी सोने का ड्रामा कर रही थी. तो मैने उसको ज़ोर से अपनी तरफ खींचा, और अपने उपर लेके लिटा लिया. अब वो मेरे बिल्कुल उपर थी. अब वो जाग गयी, और मुझे कहने लगी-

दीदी: क्या कर रहा है ये? छ्चोढ़ मुझे.

उसने विरोध किया बुत मैने उसके मूह पे हाथ रख कर बंद किया, और चुप हो जाने को कहा.

मैने उसको बोल दिया: मैं तेरे से प्यार करता हू, और मेरे से नही रहा जाता तेरे बगैर.

वो 1-2 मिनिट चुप हो गयी, और कुछ ना बोली. जब वो चुप थी, तभी मैने अपने होंठ उसके होंठो पे चिपका दिए, और बोला-

मैं: सुन किसी को पता नही चलेगा. जब तक शादी नही होती तेरी, तब तक एंजाय करने दे प्लीज़.

पता नही दोस्तों मेरे अंदर कहा से इतनी हिम्मत आई थी, और ताज्जुब की बात ये है की वो मान गयी. मैने उसको लंबी सारी लीप किस की, जिसका अब वो भी रेस्पॉंड कर रही थी. और मेरे हाथ पीछे से उसकी गांद दबा रहे थे.

क्या बतौ कितनी सॉफ्ट गांद थी उसकी. फिर मैने अपने हाथ पीछे से उसके लोवर और अंडरवेर में डाल दिए, और ज़ोर-ज़ोर से उसकी गांद दबा रहा था. मैने उसका लोवर और अंडरवेर भी नीचे कर दिया था.

अब मेरा लंड जो भी लोवर में क़ैद था, वो भी मैने लोवर को नीचे करके आज़ाद कर दिया. फिर मैने रीनू दीदी को अपने उपर से उतरा, और अपने लोवर को पूरी तरह उतार दिया, और साइड में पड़ी चेर पे रख दिया.

मैने दीदी का लोवर और अंडरवेर भी निकाल दिया, और टॉप भी निकाल दिया. दीदी की ब्रा भी निकाल दी मैने. अब दीदी मेरे साथ बिल्कुल नंगी थी. मैं कुछ देख नही पा रहा था, क्यूंकी लाइट्स ऑफ थी.

दीदी ने मेरी त-शर्ट उतरी, और मुझे लिप्स पे किस करने लगी. हम दोनो जैसे कब के तरस रहे थे ऐसे एक-दूसरे से लिपट कर किस करते रहे. मैं साथ ही में बूब्स प्रेस करता, और लिप्स से किस करके बूब्स चूस्टा.

ई स्वेर दोस्तों, वो नज़ारा आज भी नही भूलता जब इतनी हॉट लड़की और वो भी आपकी बेहन आपके साथ सेक्स करती है. वो नज़ारा बहुत ही अनमोल होता है, और किस्मत वालो को ही नसीब होता है.

फिर किस करने के बाद और पूरी बॉडी को लीक करने के बाद, मैने दीदी की छूट पे हाथ लगाया, और उंगली डाली. छूट एक-दूं गीली हो चुकी थी, और दीदी तो मानो तड़प रही थी, पर बोली नही मुझे कुछ भी. पर मैं समझ गया था की अब दीदी से सहन नही हो रहा था, और वो जल्दी से जल्दी मेरा लंड लेना चाहती थी.

दीदी ने जब मेरा लंड पकड़ा, तो वो एक-दूं रोड जैसे खड़ा था, और मेरे लंड का साइज़ भी 6 इंच का होगा. मैने 1-2 मिनिट दीदी की छूट में उंगली की, और फिर छूट पे थूका बहुत सारा. अंधेरे की वजह से कुछ भी दिखाई नही दे रहा था, तो दीदी ने ही मेरा लंड पकड़ कर छूट पे रखा.

फिर मैने पहले धीरे-धीरे करके, फिर ज़ोर से धक्का लगाया, और मेरा लंड आधे से ज़्यादा छूट में चला गया. और फिर तो जैसे फ्लो में आ गया मैं. मैने तकरीबन 10 मिनिट तक छूट मारी, और छूट में ही झाड़ गया.

दीदी गुस्सा हुई की अंदर नही झड़ना था, बुत मैने उनको बोल दिया की कल एक टॅबलेट ला कर दे दूँगा. मेरा लंड अब भी दीदी के अंदर ही था, और मैं उनके उपर ही लेता रहा तकरीबन 1 घंटा, कॉज़ आँख लग गयी थी मेरी.

दोस्तों क्या बतौ उस रात क्या-क्या सपने पुर हुए मेरे. और हमे बहुत अछा बहाना मिल गया था रात बिताने का एक-दूसरे के साथ. ऐसा तकरीबन 1 साल चला. फिर रीनू की शादी हो गयी.

वो अब भी आती है यहा, बुत चुदाई ज़्यादा बार नही हुई. अब शादी के बाद हमने कैसे किया सब, वो मैं आपको अगली स्टोरी में बतौँगा. प्लीज़ बताना ज़रूर आपको ये स्टोरी कैसी लगी. और कोई लड़की या आंटी चूड़ना चाहती हो, तो एमाइल मे अट

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