रोज़ी ने मैड शोभा के साथ किया सेक्स

सुबह का वक़्त था. मैं अपने हॉल में अपने ऑफीस जाने के लिए रेडी हो रही थी. मैने एक वाइट कलर का शर्ट और ब्लॅक कलर की टाइट जीन्स पहनी थी. मैं सोफा पे बैठ कर अपने शूस पहन रही थी. तभी मेरी मैड आती है.

मेरी मैड का नाम शोभा है. उसकी आगे लगभग 23 होगी, और उसकी शादी होके एक ही साल हुआ है. वो दिखने में एक-दूं मस्त दिखती है. उसने एक ब्लॅक कलर की सारी पहनी थी, और एक रेड कलर का ब्लाउस पहना था. फिर उसने मुझे बुलाया. मैने शोभा को देखा और बोला-

रोज़ी: कैसी हो शोभा? कैसा गया गाओं का ट्रिप?

शोभा: हा दीदी, सब ठीक-ताक ही है. मैं भी कल शाम को ही हमारे गाओं से आई हू.

रोज़ी: हा ठीक है. मैं ऑफीस जेया रही हू, घर का काम देख लेना तुम.

करके मैं सोफा से खड़ी हुई, आंड अपना ऑफीस बाग पकड़ा. फिर फ्लॅट से बाहर निकालने लगी. तभी मुझे शोभा ने बुलाया, और मैं पीछे घूमी. फिर मैने उससे पूछा-

रोज़ी: क्या है शोभा, जल्दी बोलो ना. मुझे निकलना भी है. शोभा: दीदी मेरा पति गाओं से नही आया अभी तक. उनको वापस इधर पहुँचने में दो दिन का टाइम लगेगा. तब तक मैं रात को इधर सो जौ क्या?

मैं डोर से बाहर निकलते हुए बोली-

रोज़ी: हा ठीक है. अपना समान ले आना, ठीक है. और शाम को कुछ अछा बनाना, ठीक है.

और मैं अपने ऑफीस के लिए निकल गयी. जब मैं मेरे ऑफीस के कॅबिन में एंटर हुई, तो सब लोग मुझे देख कर बाजू से हस्स कर जेया रहे थे. शायद सब मुझे अभी कोई स्लट समझ रहे थे. फिर मैने तभी शरत को देखा. वो अपने कॉलीग्स से कुछ बात कर रहा था.

मैं सीधा अपने कॅबिन में चली गयी, और मेरा वर्क करने लगी. तभी मेरे पास कुछ ऑफीस की फीमेल कॉलीग्स आई और मुझको पूछी-

कॉलीग्स: क्या हुआ शरत के साथ?

मैने सिर्फ़ जो आख़िर में हुआ था, वो बताया. सब लोगों ने ची-ची बोला और सब लोग चले गये वाहा से. अब शाम का वक़्त हो गया था, और मैं ऑफीस से मेरे घर आ गयी. फिर जब मैने अपना फ्रंट डोर ओपन किया, तभी मेरे सामने शोभा फ्लोर को पोछा लगा रही थी.

उसके चेहरे पे पूरा पसीना दिख रहा था, और उसकी सारी भी गीली हुई पड़ी थी. उसकी क्लीवेज भी दिख रही थी. मैं हॉल के अंदर गयी और सोफा पे बैठी और शोभा को बोली-

रोज़ी: शोभा क्या तुम शाम को थोड़ी बॉडी मसाज कर डोगी?

शोभा: हा दीदी, ठीक है. काम करने के बाद कर दूँगी. रोज़ी: नही पहले मेरी मसाज कर दो. बाद में नहा लेना.

शोभा: ठीक है दीदी.

फिर मैं सोफा से उठी, और अपने रूम के अंदर आ गयी. मैने अपनी शर्ट और जीन्स उतरी, और बाजू में रखा हुआ एक बेदिंग रोब पहन लिया. फिर मैं मिरर के सामने खड़ी हुई और मुझे तभी शरत की याद आई. मैने फिर अपने आप को देख कर छूट को मास्टरबेट करना शुरू कर दिया, और मेरे बूब्स के निपल्स को भी मसालने लगी.

तभी शोभा ने डोर नॉक किया और मैने जल्दी से अपने आपको तैयार किया और डोर खोल दिया. फिर शोभा अंदर आके पोछा मारने लगी और तभी मैने शोभा को बुलाया और कहा-

रोज़ी: शोभा जल्दी से ये रूम में पोछा मार के, बॉडी आयिल लेके बातरूम आ जाओ. ठीक है?

शोभा: हा दीदी.

मैने बाजू में रखे सेक्स टाय्स को उठाया, और बातरूम में जाके बात्ट्च्ब के नीचे च्छूपा दिए. फिर अपना रोब उतरा, और मैं फ्लोर पे लेट गयी. तभी शोभा एक आयिल की बॉटल लेके बातरूम में आई, और मेरे बाजू में बैठ गयी.

वो एक दूध से भरा हुआ ग्लास भी लेके आई थी नहलाने के लिए. उसके बाद मेरी पीठ पर उसने आयिल डाला, और अपने हाथो से मसालने लगी. कुछ देर बाद शोभा ने कहा-

सोभा: दीदी, आपका बदन देखती हू तो मेरा भी मूड बन जाता है. पर मेरा पति मुझे कभी सॅटिस्फाइ करता ही नही है.

मैं तभी बैठ गयी. मुझे भी उससे कुछ ऐसा ही सुनना था. तभी मैने उसका गला पकड़ा, और उसको एक होंठो के उपर लिपलोक्क दे दिया. शोभा को भी मज़ा आ रहा था, और हमारा सेक्स आक्षन शुरू हो गया.

पहले तो हम दोनो लिप्स पर ही किस कर रहे थे. बाद में मैने अपनी टंग उसके मूह में डाल दी, और वो भी चूसने लगी. फिर शोभा ने मुझे किस देते ही अपने सारे कपड़े उतार दिए, और उसके बदन को मेरे बदन से चिपकाने लगी. अब हम दोनो एक-दूसरे की छूट को मसल रहे थे अपनी उंगली से.

उसके बाद शोभा मेरी कमर तक गयी और मेरी नाभि को अपनी जीभ से चाटने लगी. अब वो उसके हाथ की उंगलियाँ मेरी छूट में डाल आयेज-पीछे कर रही थी, और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर वो वापस मेरे मूह के पास आई, और हम वापस किस करने लगे.

थोड़ी देर बाद मैं वेस्टर्न टाय्लेट के उपर बैठी थी, और शोभा मेरी छूट को अपनी जीभ से चाटने लगी. फिर मैने बॉक्स से एक डिल्डो (जिसका दोनो बाजू से लिंग के जैसे निकला हुआ था) निकाल कर शोभा को दिया. वो धीरे-धीरे उसको मेरी छूट में डाल कर आयेज-पीछे करने लगी.

बाद में हम दोनो वापस फ्लोर पर लेट गये, और शोभा के पीछे से उसके बुट्तोल के अंदर मैने बट प्लग डाला. उसने तोड़ा ज़ोर से चिल्लाया, और मैं उसकी छूट को चूस कर मेरे हाथो से अपनी छूट को भी मसल रही थी.

कुछ देर बाद हम दोनो शवर के नीचे बैठ गये, और वो डिल्डो दोनो मूह में लेके एक-दूसरे के मूह को ज़ोर से दबा रहे थे. वो डिल्डो हम दोनो के गले तक पहुँच रहा था और मैं शोभा के निपल्स को बहुत ज़ोर से मसल रही थी.

कुछ देर बाद शोभा ने एक ज़ोर का मुझे धक्का दिया, और डिल्डो को मूह से निकाला और खाँसने लगी. मैं बाद में उसके पास गयी और शवर को बंद किया. फिर मैं उधर ही लेट गयी.

शोभा ने दूध अपने मूह में डाला, और लगभग 2 मिनिट तक कुल्ला किया. फिर मेरी चीन पकड़ के मेरे मूह को ओपन किया, और उसने पूरा दूध मेरे मूह में डाल दिया. मैने भी दूध को पी लिया.

बाद में हम दोनो बात टब के अंदर बैठ गये, और फिरसे एक-दूसरे की छूट को चूस कर शांत करने लगे. कुछ देर बाद हम दोनो का पानी साथ में निकल गया. हम दोनो ने एक-दूसरे का पानी पी लिया. उसका बाद हम दोनो बातरूम से बाहर आ गये.

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