ही, मेरा नाम गौरव है, और मैं देल्ही का रहने वाला हू. मेरा लंड 7.5इंच का है, और मोटा भी है. मेरी नौकरानी का नाम ममता है. रंग हल्का गोरा है उसका, फिगर 36-30-34 है. मस्त चूचे और मस्त भारी हुए फिगर की है वो. वो मेरे कंधे तक आती है साली कुटिया. अब सीधा आपको कहानी पे ले चलता हू.
मेरे घर में सिर्फ़ मैं रहता हू. जॉब देल्ही में ही थी इसलिए वही पे मैने नौकरानी रखी थी. वो मेरा सारा काम करती थी. उसके घर में उसकी दो बेटियाँ और दारू-बाज़ पति था. 15 दिन ही हुए थे की मेरी कांवली को पैसे की नीड होने लग गयी थी हर नौकरानी की तरह. पर मैने माना कर दिया तो उसका मूह उतार गया.
फिर टाइम निकलता गया, और करीब 2 महीने बाद मेरा दिल उसपे आने लगा. उसको बिस्तर पे लाना मेरी ज़रूरत बन गयी थी. क्यूंकी वो रंडी चीज़ ही ऐसी थी. मैं अब मौका देखने लगा था. फिर एक दिन वो रोते हुए आई, और बोली-
ममता: भैया जी 10000 रुपय डेडॉ. बहुत ज़रूरत है.
मैने पूछा: क्या?
तो वो बोली: मेरे पति का उधर है, और वो लोग हम लोगों को परेशन कर रहे है.
मेरे दिमाग़ में प्लान आया. मैने उसको बोला-
मैं: अभी तो नही है. शाम को आओगी तो पति के साथ आना.
फिर शाम को वो और उसका पति आए. मैने कांवली को काम करने को बोला. काम ख़तम करके जब वो आई, तब तक उसके पति से बात हुई. फिर वो दोनो मिल के पैसे माँगने लगे.
वो बोले: एहसान होगा आपका.
उसका पति तो दारू के नशे में था. पर होश में भी था.
मैने बोला: मुझे इसके बदले में ममता चाहिए, हमेशा के लिए.
वो दोनो बोले: क्या मतलब?
मैने बोला: ममता को यही रहना होगा, और जो मैं चाहु वो कार्ओौनगा उससे. तुझे और तेरी बीवी को फराक नही होना चाहिए इससे.
उसका पति चुप रहा.
फिर ममता बोली: भैया कैसी बात कर रहे हो? मैं यहा अकेले आपके साथ कैसे रहूंगी? लोग क्या बोलेंगे?
मैने उसको बोला: तुझे मेरे पैसे चाहिए, और मुझे तेरा जिस्म.
वो शॉक हो गयी क्यूंकी उसको लग रहा था की मैं उसको काम के लिए घर रख रहा था. बुत अभी उसको क्लियर था.
फिर वो बोली: भैया आप से ऐसी उमीद नही थी.
मैने उसके पति को बोला: भोंसड़ी के, पैसे चाहिए तो बीवी दे जेया, और पैसे ले जेया.
वो गुस्से से बोला: नही ये मेरी है.
मैने सोचा की इसको आज हाथ से नही जाने देना है जब इतना बोला ही है तो.
फिर मैं बोला: तेरी दारू और हर महीने 10 हज़ार तुझे दूँगा. सोच ले, बस बीवी भूल जेया, और जेया के दूसरी शादी कर ले.
उसका पति सोच के बोला: भैया ये लो आपकी हुई. मुझे मेरा पैसा डेडॉ.
ममता बोली: भोंसड़ी के, तूने मुझे बेच दिया. मुझे पहले से ही लगता था तू मुझे बेच भी देगा एक दिन.
फिर उसका पति बोला: ममता तू आज से भैया की हुई. साहब पैसे दीजिए, और इसको रख लो अभी.
तभी मैने पैसे दे दिए, और उसको बोला: भोंसड़ी के, अब अगले महीने आना, और पैसे ले जाना हर महीने के हिसाब से.
मैने फिर ममता का हाथ पकड़ा, उसको अंदर कमरे में लाया, और उसको बेड पे फेंक दिया.
मैं: देख ममता, तुझे मैं अभी छोड़े बिना मानूँगा नही, और बाकी तू सोच ले.
ममता: भैया क्यूँ कर रहे हो ये सब?
मैं: साली तेरे जिस्म पे मेरा दिल आ गया है, और मेरी रखैल बन के रह, तुझे भी मज़ा आएगा, और मुझे भी आएगा.
ममता बोली: नही, मैं नही करूँगी.
मैने उसका मूह पकड़ा, और बोला: साली मदारचोड़, तुझसे पूच नही रहा हू. पैसे दिए है तेरे जिस्म के. तू मेरी रखैल है. बता रहा हू मैं.
तभी मैं उसको किस करने लगा. पर वो साथ नही दे रही थी. लेकिन मैं रुका नही, और उसके कपड़े फाड़ के नंगा कर दिया. वो माना करती रही, बुत मैने एक ना सुनी उसकी. फिर मैने उसको बेड पे धक्का दिया, और बूब्स दबाने लगा कस्स-कस्स के.
ममता: आ नही, मत करो.
मैं: साली रंडी, क्या दूध है तेरे. बहुत दीनो से नज़र थी मेरी इन पर, आज मिली है तू.
फिर मैं उसके बूब पे बैठ गया, और अपना लंड उसके होंठो पे रगड़ने लगा. फिर जैसे ही मुझे मौका मिला, मैने मूह में लंड डाल दिया, और बाल पकड़ के मूह को छोड़ने लगा उसके. लंड गले तक उतार दे रहा था, जैसे मानो उसकी साँस रोकनी हो.
ममता उहह उहह करके लंड को ना चाहते हुए भी चूस रही थी. मैने लंड बाहर निकाला, और उसको बोला लंड को जीभ से छाते. पर वो नही मानी.
तभी मैने कहा: साली बोला ना चाट, मतलब चाट.
फिर वो जीभ निकाल के मेरा लंड चाटने लगी. ऐसे ही 20 मिनिट निकल गये. फिर मैने उसको लिटाया, और गांद के नीचे दो तकिये लगाए. वो समझ गयी थी की क्या होने वाला था. तभी वो उठ के जाने लगी.
लेकिन मैने उसको कस्स के पकड़ के लिटा दिया. मेरा लंड फुल टाइट था. बिना किसी देर के मैने लंड को छूट पे रखा, और पूरी ताक़त से एक ही झटके में अंदर डाल दिया. वो झटपटा गयी.
ममता: आहह मा.
मैं बिना रुके लंड को अंदर-बाहर करने लगा और बोला.
मैं: आहह रंडी ममता, मेरी जान, मेरे बिस्तर की रानी बन के रह. मज़ा आएगा तुझे मेरी रंडी. मेरी रखैल, आज तेरी छूट को खोल के रख दूँगा. इतनी टाइट है वैसे ही.
ममता: आ सेयेल हरामी आअहह दर्द हो रहा है. जाने दो मुझे यार मैं.
मैं: भोंसड़ी वाली, तुझे समझ नही आ रहा है क्या, तेरे पैसे दिए है मैने रंडी, छिनाल.
और फिर मैं उसको कस्स के छोड़ने लगा.
मैं: ले रंडी, लंड खा मेरा लंड. और ले.
ममता: आ आह बचा ले मुझे, मैं नही झेल पौँगी इतना बड़ा लंड.
मैं: आअहह ममता, मान जेया ना. तेरे को पैसे दूँगा. तेरी दोनो बेटियों को भी संभाल लूँगा. तुम तीनो को ज़िंदगी भर अपने पास रखुगा, शादी नही करूँगा.
ममता: ओउ अयाया आई आ मा.
मैं: आअहह ममता जानेमन, मेरे सीने से लग जेया.
फिर मैं उसके उपर लेट गया, और लंड की स्पीड बढ़ा दी.
ममता आ आ श की आवाज़ से मुझे मज़े देने लगी, और मेरी पीठ को कस्स के पकड़ लिया, क्यूंकी उसका झड़ने वाला था.
मैं: जानेमन आहह आहा मैं झड़ने वाला हू.
ममता: आ उहह अफ आ मा मैं झाड़ गयी. मा ये मर्द मुझे पहले क्यूँ नही मिला?
मैं: आह ममता जानेमन, निकल गया तेरी छूट में मेरा बीज, आज से तू मेरी हुई रंडी.
ममता (रोते हुए): नही अभी जाने दो, एक बार कर तो लिया आपने.
मैं: अभी तुझे यहा नंगा ही रहना है मेरे साथ. मेरे साथ रहना है, मेरे साथ नहाना है, मेरे साथ सोना है, मेरा सब कुछ करना है.
ममता को समझ आने लगा था की वो अब यहा से नही जेया पाएगी. और शायद उसको भी घर और पैसा अछा लगा. मैं उठ के उसको बातरूम ले गया, फिर उसको नीचे बिता के उसके मूह पे टाय्लेट करने लगा. वो चौक गयी, लेकिन इस बार वो अची रखैल की तरह मज़े लेने लगी.
फिर हम दोनो नहा के बाहर आए, और मैने उसको बोला: देख तुझे यहा मेरे साथ मज़े करने है बस. ऐसे ही चुदाई के मज़े ले बस अब.
और वो बोली-
ममता: बीवी बना लो, बहुत मज़े दूँगी.
मैं हासणे लगा और बोला: बीवी बनेगी? रखैल बन कर रहेगी तू मेरी.
ममता: ठीक है.
और फिर हम दोनो सो गये. रात में आँख खुली, तो फिर चुदाई की.
सब लोग मैल करके बताए की कैसी लगी स्टोरी, और कोई भाभी या आंटी मेरे लंड के मज़े लेना चाहे तो मैल करे