हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम राहुल है. मैं बिलासपुर च्चत्तीसगर्ह से बिलॉंग करता हू. आपने मेरी इस स्टोरी के पहले पार्ट में पढ़ा हुआ है, की कैसे एक ऑटो वाले ने मेरे को अपनी रंडी बना रखा था.
तो जानिए इस पार्ट में की आयेज मामी किस-किस से चूड़ी. अगर आपने वो पार्ट नही पढ़ा है, तो पहले वो पढ़ ले.
मामी राकेश का लंड अपने मूह में लेके उसको लॉलिपोप की तरह चूस रही थी.
मामी: हाए राकेश इसको चूसने में इतना मज़ा आ रहा है. तो ये छूट को कितना मज़ा देगा?
राकेश: हा डार्लिंग, तुम्हारी छूट तो बहुत रसीली है. उसको कों नही छोड़ना चाहेगा?
फिर रमेश मामी को सीधा लिटा के उनकी बड़ी और मुलायम चूचियों को अपने मूह में डाल के चूसने लगता है. क्यूंकी मामी का बच्चा अभी छ्होटा था, तो मामी के बूब्स में दूध रहता था. उसी के मज़े राकेश ले रहा था.
मामी: आअहह कुत्ते, काट क्यूँ रहा है मेरी चूची को? आअहह.
राकेश: उम्म्म, कितनी मस्त माल है रे तू. तुझे तेरे पति के पास नही मेरे पास होना चाहिए रॅंड साली.
मामी: तू भद्वे अपना लंड मेरी छूट में डाल आहह.
फिर राकेश ने अपना 7 इंच ( अप्रॉक्स) का लंड मामी के छूट में डाल दिया.
मामी: आअहह, राकेश तेरा लंड तो बहुत बड़ा है. मैने कभी इतना बड़ा लंड अपनी छूट में नही लिया आआहह. मेरी छूट फाड़ दी.
मामी के चिल्लाना और चुदाई की छाप-छाप पुर घर में गूँज रही थी. और तभी मामी का बेटा नींद से उठ गया, और मामी को चिल्लाने लगा. तो मामी राकेश को छ्चोढ़ के गयी अपने बच्चे को सुलने.
मामी उसको सुलने के लिए बेड पे उसके साथ सो गयी. तभी राकेश पीछे से जाके चादर में घुस गया, और अंदर मामी के पुर बदन को छूने लगा. और मामी भी आँखें बंद करके सिसकियाँ लेने लगी.
फिर जैसे ही चिंटू सोया, मामी और राकेश दूसरे कमरे में जाके सेक्स करने लगे. 10 मिनिट बाद मामी झाड़ गयी, और राकेश भी झड़ने वाला था.
मामी: राकेश तुमने कॉंडम नही पहना है. तुम मेरी छूट में अपना पानी मत निकालना.
राकेश: हा मेरी जान, तू जो कहे. लेकिन तेरे मूह में निकालूँगा. और तू अची रंडी की तरह मेरे लंड का पानी पी जाना.
मामी: नही राकेश मैने कभी ऐसा नही किया. तुम मेरे चूचों में गिरा देना, पर मूह में नही.
फिर राकेश ने ज़बरदस्ती मामी का मूह खोला, और अपना लंड डाल दिया, और अपना सारा पानी निकाल दिया. मामी ना चाहते हुए भी उसका पानी पी गयी.
मामी: भद्वे, मदारचोड़, अपने लंड का पानी कही और नही गिरा सकता था कुत्ते?
राकेश: चल ना रंडी, अब पी ले ना. ज़्यादा चिल्ला मत.
फिर राकेश अपने कपड़े पहन कर जाने लगा.
राकेश: अब कब छोड़ने देगी बे? बड़ा मज़ा आया तुझे नंगा देखा कर.
मामी: राकेश मैं तो तेरे से रोज़ चूड़ना चाहती हू. बस मेरा पति बीच में आ जाता है. नही तो तू ही मेरी छूट का मालिक है.
राकेश: ठीक है, मैं चलता हू.
और राकेश ने मामी को किस किया, और चला गया. मामी जाके हॉल में बैठ गयी. मुझे लगा की अब मुझे अंदर जाना चाहिए, तो मैं फ्रंट गाते पर चला गया. राकेश जाते टाइम गाते खुला रख कर चला गया था. मैं तुरंत अंदर घुस गया.
मैने देखा मामी अंदर पूरी नंगी थी, और मामी पसीने से पूरी भीगी हुई थी. ओवरॉल एक रंडी की तरह मामी चुड-चुड के तक गयी थी. मुझे देख कर मामी शॉक हो गयी, और खड़ी हुई.
मामी अपने बूब्स पर हाथ रख कर अपने रूम में चली गयी. फिर शाम को मैं ऐसे ही घूमने के लिए चला गया, और तब तक मामी भी नॉर्मल हुई. फिर हम लोगों ने रत को डिन्नर किया, और सो गये.
नेक्स्ट दे:-
मैं सुबा उठा, मामी किचन में ब्रेकफ़स्ट बना रही थी. मैं पानी पीने किचन में गया, और मामी की गांद को अपने लंड से रगड़ते हुए मामी से बातें करने लगा.
मे: मामी कल शाम को वो राकेश यहा क्या कर रहा था? मैं जब आया तो उसको जाते देखा.
मामी: अछा वो, वो तो अपने पैसे लेने आया था.
मे: अछा, तो जब मैं अंदर आया तो.
मामी (मुस्कुराते हुए): नही, वो तो मुझे गर्मी बहुत लग रही थी करके. ऐसी कोई बात नही है.
मे: ठीक है मामी. अपने दोस्तों के साथ घूमने जेया रहा हू. रात तक अवँगा.
मामी: ठीक है राहुल, तुम जाओ, आराम से आना.
फिर मैं नहाने के बाद निकल गया. मुझे पता था की मामी आज भी राकेश को बुला के उससे चूड़ने वाली थी. मैं तोड़ा आस-पास ही घूम के लगभग 3 बजे घर के पास आया.
मैने देखा की पड़ोस के एक अंकल, जो की मामी के घर के थोड़ी ही डोर पे रहते थे, वो गाते पे खड़े थे. पहले तो मुझे लगा की वो मामा से मिलने या कुछ काम से आए होंगे. और शायद उनको पता नही होगा की मामा बाहर गये थे.
तो मैं वही सोच के गाते के पास गया. मैने बेल नही बजाई, और विंडो से देखने की कोशिश की. लेकिन विंडो पर परदा लगा हुआ था. मुझे कुछ दिखाई नही दिया. तो मैने सोचा की कही मामी फिर इसके साथ भी तो राकेश जैसा नही करेगी.
मैं फिर पीछे के दरवाज़े पर गया, और वाहा से अंदर गया. मैं किचन के गाते के पास पहुँचा. फिर मैने अंदर झाँका तो देखा, की वो अंकल और मामी हॉल में बैठ के कुछ बात कर रहे थे.
फिर मैने रूम की विंडो से अंदर देखा. चिंटू अभी सोया नही था. वो मोबाइल पे ग़मे खेल रहा था. फिर मैं किचन, में गया. मुझे हॉल से मामी की आवाज़ आई-
मामी: आप बैठो, मैं आपके लिए छाई बना के लाती हू.
ये सुन के मैं वापस गाते से बाहर चला गया, ताकि मामी को पता ना चले. फिर थोड़ी देर मैं बाहर ही रहा. कुछ टाइम बाद मैने गाते तोड़ा सा खोल के अंदर देखा.
मामी ने सारी पहनी हुई थी, और मामी ने छाई बनाई. फिर वो हॉल की तरफ जाने लगी. मैं भी किचन में चला गया.
फिर मैने देखा की, मामी जैसे ही छाई देने अंकल के सामने झुकी, तो उनका पल्लू गिर गया, और उनकी क्लीवेज अंकल के सामने थी. उसको देख के मेरा लंड खड़ा हो गया.
फिर मामी ने उनको छाई दी, और बैठ गयी. अंकल ने छाई पी. फिर मामी उठ के चिंटू के रूम में गयी. चिंटू सो गया था.
फिर मामी हॉल में आई, और मामी जाके अंकल की साइड में बैठ गयी. अंकल भी मामी से चिपक के बैठ गये.
फिर अंकल ने मामी से कहा-
अंकल: सपना, छाई में दूध कम डाला है तुमने.
मामी (हेस्ट हुए): हा जी, वो आज दूध वाला नही आया ना.
अंकल (हेस्ट हुए): तो तुम अपना डाल देती.
मामी: अर्रे भाई साहब, क्या मज़ाक कर रहे हो?
अंकल: नही सपना तुम्हारे पास ऑप्षन है ना. गाए का दूध नही मिला तो अपना डाल देती.
मामी: तो अभी भी देर नही हुई है. आधी छाई बाकी है. डाल डू?
अंकल (हेस्ट हुए): वाह, ये भी कोई पूछने वाली बात है.
फिर मामी ने अपना ब्लाउस खोल दिया.
मामी: ये लो, निकाल लो दूध. आपको कहा रोक सकती हू.
और मामी जाके अंकल के उपर बैठ गयी.
अंकल: क्या बड़े चूचे है सपना तेरे. आज तो तू मज़ा ही दिलवा देगी.
मामी: हा-हा लेलो मज़े. वैसे भी आपकी पत्नी के तो दिखते भी नही है.
फिर अंकल मामी के बूब्स को मसालने लगा.
मामी: उम्म, कितने दिन बाद तुम मेरे चूचों को दबा रहे हो. मज़ा आ रहा है.
फिर अंकल ने मामी के बूब्स को चूसना शुरू कर दिया.
अंकल: तभी तो तेरे घर आता हू सपना. तेरे चूचे मुझे खींच ले आते है.
मामी: आहह उम्म, ज़ोर से चूसो उम्म्म्म.
तो दोस्तों ये पार्ट यही तक रखते है. आपको अगर मेरी स्टोरी पसंद आ रही है, तो मुझे फेआड़बक्क दे, और अगले पार्ट का इंतेज़ार करे.