रेल के डिब्बे में गंगबांग की कहानी

कोमल 30 साल की एक शादी-शुदा औरत थी. शादी के बाद पति के साथ रहते हुए 5 साल हो गये और लाइफ बहुत अची चल रही थी. शादी के बाद कोमल का बदन भी भर गया था.

कोमल का फिगर साइज़ 34-32-38 था. कोमल की गांद को देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. वो खुले विचारो वाली थी, पर सेक्स में पहले ज़्यादा रूचि नही रखती थी.

लेकिन शादी के बाद पति के साथ धीरे-धीरे सेक्स में मज़ा आने लगा. अब दोनो खूब मस्ती करते थे. कोमल को जॉब करने का बहुत मॅन था, और उसके पति ने उसका साथ दिया. फिर ऐसे ही पढ़ लिख कर कोमल रेलवे में त्क बन गयी.

कोमल जॉब से बहुत खुश थी, पर बहुत टाइम से पति से अलग रहने की वजह से सेक्स के लिए तड़प रही थी. कभी-कभी सेक्सी वीडियो देख कर छूट में उंगली करके मॅन बहला लिया करती थी.

एक दिन वो जब जॉब पर थी, तब पॅसेंजर्स की टिकेट चेक करते हुए वो एक कोच में पहुँचती है.

वाहा 3 लड़के बैठे थे. दिखने में कॉलेज स्टूडेंट लग रहे थे. कोमल तीनो को देखती है. वो तीनो हॅंडसम थे. कोमल भी वाइट शर्ट और ब्लॅक शॉर्ट स्कर्ट में बहुत सेक्सी लग रही थी. उसकी उभरी हुई गांद को वो तीनो घूर रहे थे. और ये कोमल पहले ही समझ चुकी थी.

कोमल तीनो की टिकेट्स चेक करती है. चेक करते हुए वो तीनो के नाम और आगे देखती है, विनय 23, ऋषभ 22, आरूष 23. वो चेक करके बाहर जाने लगती है, तभी वो तीनो को धीरे से बातें करते हुए सुन लेती है.

“वाउ यार, क्या गांद है इस भाभी की. काश एक बार दबाने को मिल जाए”. कोमल बिना मुड़े स्माइल करती हुई बाहर निकल जाती है. पहली बार कोमल को सेक्स की इतनी तड़प हो रही थी, की उसका मॅन कर रहा था उन लड़को के साथ अभी छुड़वा ले.

कोमल का कॉमपार्टमेंट जुड़ा हुआ था, तो वाहा जाके आराम करने लगती है. पर उसके दिमाग़ में सेक्स चढ़ चुका था. वो उन लड़कों के बारे में सोच के छूट रब करने लगती है, और मोन करने लगती है. उसी टाइम विनय टाय्लेट जाता है, तो उसको मोनिंग सुनाई देती है.

फिर वो धीरे से पास वाले कॉमपार्टमेंट में झाँकता है. कोमल आखें बंद करके छूट रब कर रही थी कपड़ों के उपर से. विनय का लंड ये देख के खड़ा हो जाता है. कोमल आँखें बंद की हुई नीचे से पंत खोल के पनटी निकाल के छूट मसालने लगती है. छूट एक-दूं क्लीन और गीली हो चुकी थी.

विनय ये देख के अपना लंड निकाल लेता है, और हिलने लगता है. कोमल आँखें बंद करके बड़बड़ा रही थी. “आह, कोई छोड़ दो मुझे, आहह”.

विनय धीरे से कोमल के पास आ कर दोनो पैरों के बीच में बैठ जाता है. वो छूट को एक-दूं पास से देखने लगता है. उसकी छूट बहुत गीली थी. वो छूट की खुसबु लेने लगता है. कोमल खुद के बूब्स प्रेस कर रही थी.

विनय एक नज़र कोमल के फेस पर डालता है, और अचानक अपना मूह कोमल की गीली छूट पे रख के चाट लेता है. कोमल हड़बड़ा के आँखें खोल के बैठ जाती है. उसकी और विनय की धड़कने तेज़ हो जाती है. दोनो एक-दूसरे की आँखों में देखने लगते है.

फिर थोड़ी देर के बाद कोमल कुछ ऐसा करती है, जो विनय ने सोचा नही था. कोमल विनय के बाल पकड़ के उसका सर अपनी छूट पे दबा देती है, और छूट उसके मूह पे रगड़ने लगती है.

कोमल: आहह, छातो, ससस्स.

विनय भी समझ चुका था. वो भी ज़ोर-ज़ोर से कोमल की गीली छूट चाटने लगता है. जीभ अंदर घुसा के पूरा रस्स चाट रहा था. कोमल उसके बालों में हाथ फेरती है, और नीचे से गांद उठा-उठा के उसके मूह पे छूट रग़ाद रही थी.

दोनो भूल चुके थे, की दरवाज़ा खुला था. ट्रेन फिर एक क्रॉसिंग पे रुकती है. दोनो की आवाज़ पास के कॉमपार्टमेंट में बैठे उसके दोस्त भी सुन सकते थे.

कोमल और विनय दोनो अपनी मस्ती में गुम थे, की ऋषभ और आरूष वाहा आ जाते है. दोनो को इस हालत में देख के उनका लंड खड़ा हो जाता है. वो दोनो भी नंगे हो जाते है, और कोमल के पास आ जाते है.

पहले तो कोमल थोड़ी शॉक होती है. पर दोनो को नंगा देख उसकी वासना फिरसे जाग जाती है. कोमल लेती हुई थी. विनय उसकी छूट चाट रहा था. ऋषभ और आरूष कोमल के फेस के पास खड़े थे. दोनो के लंड कड़क हो चुके थे, और कोमल के फेस के पास थे. कोमल से रहा नही जाता और बारी-बारी दोनो का लंड मूह में लेके चूसने लगती है.

एक हाथ से एक लंड हिलती हुई, और एक लंड चूस्टी हुई, और नीचे से छूट चत्वती हुई कोमल. इतनी सेक्सी भाभी को देख के तीनो पागल हो चुके थे. तीनो के लंड फुल हार्ड हो चुके थे.

कोमल ऋषभ और आरूष का लंड चूस ही रही थी, की तभी विनय उसकी छूट में लंड घुसा देता है.

कोमल मोन करती हुई विनय की आँखों में देखती है. विनय का लंड पूरा उसकी छूट में घुस चुका था. विनय अब कोमल को छोड़ रहा था. छूट काफ़ी गीली होने की वजह से पच-पच आवाज़ भी आ रही थी.

ऋषभ कोमल की कुरती खींच के निकल देता है. कोमल के बूब्स खुल के सामने आ जाते है. निपल्स हार्ड हो चुके थे. ऋषभ से रहा नही जाता, और वो झुक के एक बूब हाथ से दबाने लगता है, और एक चूसने लगता है. कोमल फिर दोबारा से ऋषभ और आरूष का लंड चूसने लगती है.

कोमल को एक साथ इतना मज़ा कभी नही आया था. वो बहुत जोश में बारी-बारी लंड चूस रही थी, और गांद उछाल-उछाल के विनय का लंड ले रही है. विनय ज़्यादा देर टिक नही पाता, और उसका पानी कोमल की छूट में गिरने लगता है.

कोमल भी एक बार झाड़ चुकी थी. विनय अपना लंड बाहर निकाल के साइड में खड़ा हो जाता है. ये देख के आरूष कोमल के पैरों के बीच आ कर छूट में लंड डाल देता है.

कोमल एक बार उसके सामने देख कर स्माइल करती है. फिर जैसे ही उसका लंड छूट में घुसता है, कोमल आँखें बंद करके मोन करने लगती है. उसके एक हाथ में ऋषभ का लंड था, जिसको वो हिला रही थी.

थोड़ी देर बाद आरूष कोमल को घोड़ी बना देता है, और पीछे से छूट में लंड डाल देता है. कोमल मोन करने लगती है. और ऋषभ फिरसे कोमल के मूह में लंड दे देता है. दोनो तरफ से कोमल मज़े लेती हुई चुड रही थी. विनय का लंड ये देख के फिरसे खड़ा हो जाता है.

जैसे ही आरूष का पानी निकलता है, ऋषभ पीछे आ कर कोमल की छूट में लंड पेल देता है, और विनय इस बार कोमल के मूह में लंड दे देता है. कोमल की चलती ट्रेन में लगातार चुदाई होती रहती है.

उस रात कोमल बारी-बारी तीनो से छुड़वा रही थी. सुबा तीनो ने फिरसे एक-एक बार कोमल को छोड़ा, और फिरसे मिलने का वादा करके चले गये. कोमल बहुत खुश थी. थे एंड.

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