गे सेक्स कहानी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मैं पड़ोसी अज़हर अंकल के पास टुटीओन पढ़ता था. फिर एक दिन मैने उनको उनके भाई की बीवी को छोड़ते देखा. फिर जिस दिन मैं होमवर्क करके नही गया, वो मुझे सज़ा देने लगे. अब आयेज-
उन्होने मुझे अपने पास बुलाया और मेरे पिछवाड़े पर एक थप्पड़ मार दिया.
मैं: सॉरी, आयेज से पूरा काम कर लूँगा.
अज़हर: अभी तो सज़ा बाकी है.
अज़हर अंकल मुझे अपनी दोनो जांघों पर उल्टा लिटा कर, मेरा कुर्ता उपर करके, मेरी गांद पर थप्पड़ मारने लगे.
मैं: अंकल आप तो कभी ऐसे नही करते, आज क्यूँ?
अज़हर: काम भी तो तुम्हारे ऐसे ही है.
मैं: मतलब?
अज़हर: हमारे घर की दीवार गंदी करोगे और हमे पता भी नही चलेगा. बोल क्या देखा कल तूने, बोल?
मुझे कुछ समझ नही आ रहा था क्या बोलू. लेकिन वो बार-बार पूच रहे थे.
फिर मैने बोला: सिर्फ़ आपको पीछे से नंगा देखा था. आप करीम की अम्मी के साथ कर रहे थे. बस और कुछ नही.
अज़हर: सोच ले, यही बात है ना?
मैं: जी-जी बस यहीं बात है. अब जौ मैं?
अज़हर: जाने कैसे डू? ग़लती की सज़ा तो मिलेगी. वरना तेरे अब्बू को बता दिया तो सोच क्या होगा तेरा.
मैं उनको सॉरी बोलने लगा. लेकिन वो मान नही रहे थे.
अज़हर: इतना बड़ा हो कर भी अंडरवेर नही पहनता, हरंखोर.
मैने ब्लॅक कुर्ता और क्रीम सलवार पहनी हुई थी, और मैं जब कुर्ता पहनता हू, तब अंडरवेर नही डालता. अज़हर अंकल अपना एक हाथ नीचे करते हुए मेरा नाडा खोल रहे थे. उनका हाथ मेरे लंड को चू रहा था. मेरे बदन में करेंट सा दौड़ने लगा.
मैं: आप मेरे कपड़े क्यूँ उतार रहे हो?
अज़हर: देखे तो मार का कितना असर हुआ है. या कोई और सज़ा देनी होगी.
अज़हर अंकल ने एक झटके में मेरी गांद नंगी कर दी, और अपना हाथ मेरे चुततादों पर फेरने लगे. वो फिर से मेरी गांद पर थप्पड़ मारने लगे. फिर धीरे-धीरे मेरी दोनो टाँगें फैला कर मेरे च्छेद पर भी हाथ फेरने लगे. अब मेरा लंड खड़ा हो चुका था, जो अंकल को उनकी जांघों पर फील हो रहा था.
अज़हर: ग़ज़ब चुतताड फूला रखे है. किसी को गांद देता है क्या?
मैं: कसम से आज तक नही किया है.
अज़हर: हमे क्या पता? चेक करके ही पता चलेगा आज तो.
अंकल ने दोनो हाथो से मेरी गांद के च्छेद को फैला कर उसमे अपना बहुत सारा थूक डाल दिया. मुझे छेड़ पर बहुत ठंडा फील हो रहा था. फिर अचानक से एक उंगली उन्होने मेरे अंदर डाली.
मैं: एयाया, दर्द हो रही है.
लेकिन वो करते रहे और धीरे-धीरे एक हाथ से मेरी कमर को सहलाते हुए मेरा कुर्ता उपर कर दिया. फिर मैने खुद कुर्ता उतार कर साइड कर दिया.
अज़हर: लगता है मज़े आ रहे है.
तभी उन्होने 2 उंगलियाँ डालना शुरू कर दिया.
मैं: कोई आ जाएगा.
अज़हर: घर पर अनमी और अब्बू के अलावा कोई नही है. अकरम भी नदी पर गया. बोल कुछ और ट्राइ करे?
मैने कोई जवाब नही दिया. लेकिन वो समझ गये थे. मुझे सीधा खड़ा करके अज़हर अपने कपड़े खोल कर मेरे सामने नंगे हो गये. अपना 8 इंच का लोड्ा हिला कर मुझे इशारा करने लगे.
मैं: क्या करू?
अज़हर: अछा बच्चू, ज़्यादा नाटक मत कर. चल चूस इसे. फिर गांद की बारी है.
मैं घुटने के बाल बैठ कर उनका लोड्ा चूसने लगा. इतना बड़ा लोड्ा मेरे मूह में नही आ रहा था, तो गांद में कैसे आएगा? बड़ी मुश्किल से आधा लोड्ा चूस पा रहा था. तभी अज़हर ने मेरे सर पर हाथ रख कर पूरा घुसा दिया. मेरी तो साँस ही रुक गयी. लेकिन वो बहुत हार्ड मेरे मूह को छोड़ रहे थे. मेरी आँखें गीली हो थी.
अंकल मूह की चुदाई के साथ साथ अपनी उंगलियों से मेरी गांद के भी पुर मज़े ले रहे थे. 5 मिनिट ऐसे ही मूह की चुदाई करते हुए मेरा मूह अंकल के प्रेकुं से भर गया. उनका पूरा लोड्ा मेरी थूक और उनके प्रेकुं से गीला हो गया था.
अज़हर: अब मेरा लोड्ा और तेरी गांद दोनो रेडी है. चल बेड पर.
उन्होने मुझे बेड पर घोड़ी बना कर, मेरे पेट के नीचे 2 पिल्लो लगा कर, मेरी टाँगें फैला दी. अब मेरा गांद का च्छेद अंकल के लोड की बिल्कुल सामने था. फिर अंकल ने लोड पर कॉंडम लगा कर मेरी गांद और अपने लोड पर बहुत सारी क्रीम लगाई. अज़हर मेरे च्छेद पर अपना खंबे जैसा लोड्ा बहुत तेज़-तेज़ मार रहे थे.
अज़हर: ढीली कर ले दर्द कम होगा.
बस ये बोलते ही अंकल ने अपना टोपा मेरी गांद में घुसा दिया. मेरी तो जान ही निकल गयी.
मैं: आआआआअ बाहर निकालो, मॅर जौंगा मैं.
मैं बहुत तेज़ चिल्ला कर बोला.
अज़हर: रंडी के बीज. ज़ोर से चिल्ला-चिल्ला कर मोहल्ले को बता दे की तू यहाँ गांद फदवा रहा है.
मैं: सॉरी, लेकिन बहुत दर्द हो रहा था.
तभी अंकल ने थोड़ी कॉटन से मेरी गांद सॉफ करके कॉटन साइड में फेंकी. उसको देख कर मेरी साँस ही रुक गयी. उसमे मेरा खून था. फिर अज़हर अंदर रूम से एक सेक्स टूल (वाइब्रटर) लेकर आए, और उसमे कॉंडम और क्रीम लगा कर मेरी गांद पर रख कर मेरे च्छेद पर वाइब्रट करने लगे.
इससे मुझे बहुत मस्त फील रहा था. तभी अंकल ने टूल को मेरे च्छेद में डाल दिया. मेरा पूरा बदन अंदर से क्या वाइब्रेशन महसूस कर रहा था. धीरे-धीरे मैं इतना मदहोश हो गया की मेरा सारा माल अंकल के बेड पर ही निकल गया.
अंकल टूल को बार-बार बाहर निकालते, फिर अंदर डालते. ये वो बार-बार कर रहे थे, और अंदर डाल कर भी बहुत देर तक अंदर पूरा घुमाते. वाह क्या चरमसुख था.
मैं: एयाया बहुत मज़े आ रहे है.
अज़हर अंकल ने टूल को बाहर निकाला, और मेरी बॉल्स पर रख कर वाइब्रेशन करने लगे. तभी मुझे मेरी गांद में कुछ फील हुआ. मैने पीछे च्छेद पर हाथ लगा कर देखा तो अंकल अपना आधा लोड्ा मेरा अंदर डाल कर झटके दे रहे थे.
मान गये अंकल को, क्या कला है! जो लोड्ा अभी जेया भी नही रहा था, अब वो आधा डाल भी दिया, और मुझे पता भी नही चला.
अब मैने अंकल से टूल लेकर अपने हाथ से टूल अज़हर अंकल की बॉल्स पर रख कर फुल पवर में ओं कर दिया.
अज़हर: आआआ मॅट च्चेड़ मुझे, फाड़ दूँगा सेयेल.
ये बोलते ही अंकल एक झटके के साथ पूरा लोड्ा अंदर डालने लगे. लेकिन मेरी दर्द से हालत खराब होती देख वो रुक गये. फिर आधे लोड को ही अंदर-बाहर करने लगे.
अज़हर: बोला था ना मत पंगे ले सेयेल. अब तो जब मेरा मॅन करेगा तेरी गांद फाड़ुँगा. एक दो दिन में पूरा लेने लायक हो जाएगा. तब सोच तेरी गांद का क्या होगा?
ये बोलते ही वो अपने झटके को फुल स्पीड में ले गये. मैं दर्द से पागल हो गया था. तभी एक गरम लावे की धार मुझे मेरे अंदर महसूस हुई. 1 मिनिट तक वो लोड्ा अंदर डाल कर ही रुके रहे.
जैसे ही लोड्ा बाहर निकाला, मेरी गांद से जैसे कोई अंकल के माल की नदी ही बहने लग गयी थी. पता नही कितना माल बरा हुआ था. 30 मिनिट की चुदाई से मेरी गांद और टाँगें दोनो सुन्न हो गये थे. खड़ा होना भी बहुत मुस्किल था. अंकल ने मुझे कपड़े पहना कर मेरे घर अपनी कार में छ्चोढ़ दिया, और नेक्स्ट रौंद के लिए रेडी होने का बोल कर बाइ करा.