फिर से जवानी आ गई

phir se jawani aa gai मैं और मेरे पति पिछले पच्चीस सालों से इस छोटे से शहर में रहते हैं. शादी के बाद पंद्रह -बीस साल तक तो हम सेक्स में बहुत मजा करते थे. मगर बाद में धीरे धीरे हम सेक्स के मामले में ठन्डे होते गए. हमारे एक बेटी हुई. जिसकी हमने तीन साल पहले शादी कर दी. अब अकेलापम हमें खाने को दौड़ता. सेक्स में हम ठंडे हो गए तो और भी खालीपन लगता. मैं और मेरे पति बहुत कोशिश करते मगर सेक्स को लेकर कोई उत्तेजना नहीं आती हम दोनों में. महीने में एकाध बार ही कोई इच्छा होती.

हमारी बिल्डिंग में दो मंजिले थी और हर मंजिल पर दो फ्लेट थे. एक दिन हमारे सामने वाले खाली फ्लेट में सामान आता दिखाई दिया. मैंने बाद में दरवाजे से बाहर देखा तो एक जवान लड़की दिखी. उसने बताया कि वो यहाँ रहने आई है. उसकी शादी हो चुकी है मगर उसके पति विदेश में नौकरी करते हैं. साल भर बाद उसे भी बुला लेंगे. उसका नाम बेला था. बेला बेहद खुबसूरत और छरहरी थी. ख़ूबसूरत तो मैं भी बहुत थी मगर दिल में यही था कि अब मेरी उमर हो गई है. इसी कारण खुद की सुन्दरता नहीं दिखाई देती थी मुझे.
मेरी और बेला की दोस्ती हो गई. मेरे पति शेखर भी खुश हुए कि मेरा दिल लगने लगेगा. हम दोनों रोज शाम की चाय एक साथ लेती और फिर शेखर के आने तक गपें लगाती.

एक दूजे की पसंद ना पसंद तक जल्दी ही हम दोनों को पता चल गई. कुछ दिनों में हम और आपस में खुलकर बाते करने लगी. फिर एक दिन मेरे मुंह से यह सब भी निकल गया हमारी सेक्स लाइफ के बारे में. बेला ने हैरानी से कहा ” आप दोनों इतने ख़ूबसूरत हो फिर ऐसा क्यूँ?” मैंने सब कुछ डीटेल में बता दिया उसे. बेला उस दिन चुपचाप चली गई;

दो दिन बाद बेला मेरे साथ चाय पीते पीते मुझ से हम दोनों के सेक्स के सभी तरीके पूछे जो हम अपनाते थे. मैं पहले झिझकी मगर बाद में सब बता दिया. बेला कुछ देर तक सोचती रही और बाद में बोली ” भाभी , मैं आपको वो सब बातें बताउंगी जिस से आपकी सेक्स लाइफ फिर से रंगीन और जावानो जैसी हो जायेगी. हम कल से शुरुवात करेंगे.” मैं बेला के जाने के बाद सोचती रही कि आखिर वो क्या बताएगी. सारी रात मैं अगले दिन की राह में सोई नहीं.
दोपहर को बेला ने मुझे अपने घर बुलाया . मैं बेला के बेडरूम में पहली बार गई आज. बेला के बेडरूम में एक कोने में कुछ किताबें रखी हुई थी जो सेक्स रे रिलेटेड ही थी.सभी के कवर पर मर्द और उरतें कम से कम कपड़ों में लिपटे दिख रहे थे.. पलंग पर लाल रंग की चद्दर बिछी हुई थी.

बेला ने कहा ” भाभी , मेरे नसीब में सेक्स पूरे एक साल बाद आयेगा. मैं इन किताबों से ही काम चलाती हूँ. बेला ने एक किताब ली और मुझे अपने पास बिठाकर उसके पन्ने पलटने लगी. एक पन्ने पर कोई लेख था. बेला ने कहा ” भाभी, सबसे पहले हम इसी लेख से शुरू करते हैं. इसमें एक दूसरे को उत्तेजित करना सिखाया गया है.” मं उन तस्वीरों को देखने लगी और साथ ही उस लेख को भी पढने लगी. फोटो देखते हुए कुछ अजीब सा लगा मगर फिर सब शांत हो गया. मुझमे कोई उत्तेजना नहीं आई जैसा बेला ने कहा था. मैंने बेला को सब कहा . बेला मेरे एकदम पास बैठी हुई थी.

बेला ने मेरे गले में अपने हाथ डाले और मेरे गालों से अपने गाल टच करते हुए बोली ” आप इतनी ठंडी कैसे हो भाभी. इन फोटो को देखने के बाद तो मैं तकिया दबाकर और अपनी टांगों को आपस में रगड़कर सोती हूँ.” मैं कुछ ना बोली. क्यूंकि बोलने जैसा कुछ था ही नहीं. बेला ने अचानक मेरे गालों को चूमा और बोली ” भाभी सेक्स के लिए गरम होना सीखो जैसा आप पहले होती थी.” बेला का मेरे गाल चूमना मुझे थोड़ी सिहरन दे गया.

अगले दो दिन मेरा बेला से मिलना नहीं हो सका क्यूंकि मेरे घर कोई रिश्तेदार आये हुए थे. तीसरे दिन मैं खुद ही चाय बनाकर बेला के घर चली गई. बेला और हम चाय पीने लगे. बेला बोली ” भाभी , मैंने कुछ सोचा है आपके लिए. कल रात मैंने टीवी पर एक अंग्रेजी फिल्म देखी थी . उसमे ऐसी औरतों को गरम होना बताया गया था जैसा आपका केस हैं. इस से आप भी फिर से सेक्स के लिए फ्रेश होना और गरम होना सीख जाओगी और मेरा भी अकेलापन कुछ हद तक पूरा हो जाय्गेया. ” मैंने चौंक कर उस की तरफ देखा कि ये क्या कहना चाहती है. बेला ने मेरी तरफ मुस्कुराकर देखा और बोली ” भाभी, इस तरह से भोली और ठंडी रहोगी तो कैसे आगे बढ़ेगी गाडी बिस्तर में मजा करने की. आओ हम शुरुवात करते हैं.”

बेला ने मुझे अपनी बाहों में भरा और बोली ” आप ये समझो कि मैं आपके वो हूँ और हम सेक्स की शुरुवात कर रहे हैं. ओके रेडी.” मैं मुस्कुराई और शर्मा गई. बेला ने मुझे अपनी बाहों में और जोर से जकड़ा और बोली ” डार्लिंग इतना भी क्या शरमाना मुझ से. मेरी जान तुम तो आज मुझे कहीं का नहीं रखोगी इतना गज़ब ढा रही हो” मैं दूर होने लगी तो बेला ने मुझे अलग किया और बोली ” भाभी, ऐसे कपडे नहीं पहनना है आपको रात को. आप छोटे छोटे कपडे पहना करो. जैसे एकदम छोटा स्कर्ट , स्पोर्ट्स ब्रा. वैसे सबसे सेक्सी टॉप ट्यूब टॉप होता है. मर्द एकदम से पिघल जाते हैं ट्यूब टॉप में महिला को देखकर. रुकिए मैं आपको ये दोनों ही लाकर पहनाती हूँ.” बेला ने मुझे एक बहुत ही छोटा सक्र्त पहना दिया और ऊपर एक गोल कपड़ा जिसे उसने ट्यूब टॉप जहा पहना दिया.

मैंने जब खुद को आईने में देखा तो हैरान रह गई. मैं एकदम अलग लग रही थी. बेला ने अब खुद अपनी लम्बी कमीज उतारकर एक स्लीवलेस बनियान पहन ली और एक हाल्फ पेंट पहन लिया और मुझे फिर से बाहों में भर लिया और बोली ” डार्लिंग इतना भी क्या शरमाना मुझ से. मेरी जान तुम तो आज मुझे कहीं का नहीं रखोगी इतना गज़ब ढा रही हो.. इस हॉट स्कर्ट और ट्यूब टॉप में तुम किसी कातिल हसीना से कम नहीं लग रही हो. ऐसा लग रहा है जैसे मेरे सामने रसमलाई है और मैं बहुत ही भूखा हूँ.” मैं हंस पड़ी. तभी बेला ने मेरे गाल पर एक लंबा चुम्बन लिया. मैं सरसरा उठी. बेला ने मुझे और कसकर अपनी बाहों में जकड लिया और ट्यूब टॉप के कारण नंगे कन्धों और गले को हौले हौले चूमने लगी. बेला के नाजुक होंठ मेरे ऊपर असर करने लगे. बेला बोली ” ऐसे ही शुरुवात होती है भाभी. कम से कम कपडे किसी भी मर्द की नीयत ख़राब कर सकते हैं.

मैं बेला की इस बात को मन ही मन मान गई कि मैं अब रात को ऐसे ही कपडे पहनूंगी. मैं बार बार आईने में खुद को देखती तो हैरान हो जाती. मेरी नंगी गोरी टांगें बहुत सेक्सी दिख रही थी. उस पर से मेरा स्तनों के ऊपर का नंगा बदन और कंधे किसी अंग्रेजी फिल्म की हीरोइन से कम नहीं बता रहे थे. मैंने अपने आपको कभी ऐसा महसूस नहीं किया था जैसा आ कर रही थी. ये सब बेला का कमाल था. मैं थोड़ी देर बाद घर लौट आई. बेला ने मुझसे कहा ” हम लगातार ये ट्रेनिंग जरी रखेंगे भाभी.”

रात को मैंने बेला के दिए वे दोनों कपडे पहन लिए और चद्दर ओढ़कर लेट गई. शेखर आये और मुझे चद्दर ओढा देखकर बोले ” गर्मी के मौसम में तुमने चद्दर ओढ़ रखी है” मैंने शरारत से मुस्कुराकर कहा ” तुम ही हटा दो अगर गर्मी है तो” शेखर थोड़ा रुके और फिर उन्होंने चद्दर खिंच कर दूर हटा दी. उन्होंने जैसे ही मुझे शोर्ट स्कर्ट और टीब टॉप में देखा उनकी आँखें फटी की फटी रह गई. मेरा आधा खुला हुआ गोरा चिकना बदन , मेरे ट्यूब टॉप के नीचे छुपे हुए स्तन जो अपनी गोलाई के कारण किसी बहुत बड़े रसगुल्लों की तरह नज़र आ रहे थे. मैंने अपनी टांगों को यहाँ वहाँ बेला के सिखाये अनुसार फैलाना शुरू किया. शेखर की आँखों से मुझे यह लगने लगा कि उनकी नीयत शायद कुछ कुछ डोल रही है. उन्होंने मुस्कुराकर कहा ”

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ये नया अवतार कैसे ” मैंने कहा ” मैं वो ही हूँ, बस थोडा बहक गई हूँ” शेखर ने आगे बढ़कर मुझे बैठाया और फिर बाहों में भर लिया. मैंने तुरंत अपने गाल शेखर के आगे कर दिए. शेख ने उन्हें चूमा. एक बार नहीं बार बार चूमा. मैंने मन ही मन बेला को धन्यवाद् किया. अब मैंने शेखर के गाल चूम लिए. इन चुम्बनों का हम दोनों पर थोडा असर हुआ. मैंने अब शेखर की टी शर्ट उतार दी और शोर्ट भी उतार दिया. शेखर मुझे लेकर अपने लिपटा कर मेरे खुले कन्धों को बेतहाशा चूमने लगे.

मुझे नशा आने लगा था. मैंने धीरे से ट्यूब टॉप बेला के बताये अनुसार नीचे खिंच लिया. मेरे स्तनों का उपरी गोल हिस्सा थोड़ा सा बाहर झाँकने लगा. शेखर ने एक ललचाई नज़र मुझ पर डाली और उन गोलाइयों को इतना जोर से चूमा कि मेरा सीना गीला कर दिया. हम दोनों इसी चुम्बनों के दौर से मदहोश हो गए. एक लम्बे अरसे के बाद आज हम दोनों को इतना नशा आया था. करीब आधे घंटे के बाद शेखर मुझे अपनी बाहों में भरकर पलंग में लेट गए और मेरी गर्दन के नीचे और खुले हुए सीने को काफी देर तक चूमते रहे. मुझे बहुत अच्छा लगा मगर मैं पता नहीं क्यूँ शेखर को चूम नहीं पाई और खुद को ही चुमवाती रही. मैंने मन ही मन तय किया कि कल बेला से इसके बारे में बात करुँगी.

अगले दिन दोपहर के खाने के बाद ही मैं बेला के घर चली गई. बेला मेरे चेहरे से समझ गई कि कोई खुश खबर है. मिने बेला को बीती रात की सब बात बता दी. बेला बहुत खुश हो गई. मैंने बेला को अपनी कमजोरी बताई . बेला ने कहा ” भाभी, इसका इलाज भी मेरे पास है. आज मैं वो ही बताने वाली हूँ.” मैं खुश हो गई.
बेला ने और मैंने कल वाले ही कपडे पहन लिए. बेला ने मुझे बाहों में लिया और बोली ” भाभी ऐसे सूखे होंठों को कौन चूमेगा. आओ मैं आपको कुछ बताती हूँ.” बेला ने अपने पर्स में से लिपस्टिक निकाला और गहरे लाल रंग से मेरे होंठों को रंग दिया मगर बाद में साफ़ कर दिया और कहा ” लिपस्टिक के साथ चुम्बन मैं कल बताउंगी.” ..

उसने मुझे फिर बाहों में लिया और मेरे होंठों के एकदम करीब अपने होंठ लाते हुए बोली ” स्वीट डार्लिंग, इन होंठों में ना जाने कितना गुलाब का जूस भरा हुआ है मैं नहीं जानता. अगर तुम अपने इन दोनों प्यालों को मेरे हवाले कर दो तो मेरी सब प्यास बुझ जायेगी” मैंने बेला से कहा ” मगर बेला, मैं काँप जाती हूँ शुरू से ही जब शेखर मेरे होंठ चूमा करते थे. पता नहीं ऐसा क्यूँ होता है. मुझे लगता है मेरी सांस बंद हो जाएगी.” बेला बोली ” भाभी, ऐसा कई के साथ होता है. इसका इलाज है पहले एक दूजे के होंठ को अपने होंठ से सिर्फ छूना और धीरे धीरे सहलाना. कुछ देर ऐसा करने के बाद फिर होंठों को होंठों पर रख दो. फिर धीरे धीरे होंठों से होंठों को थोड़ा दबाव और हटा लो. फिर दबाव बनाओ और फिर हटाओ. ऐसा करने से नशा बढ़ने लगेगा.

बाद में एक दूसरे को कसकर बाहों में जकड़कर अपने अपने होंठों को पूरा फैला दो. इसके बाद धीरे धीरे आगे बढ़कर होंठों को होंठों से मिला दो और फिर चूमना शुरू कर दो. पांच सेकण्ड के बाद फिर होंठ दूर ले जाओ. पांच सेकण्ड रुको और फिर ऐसा ही चूमो. इस तरह ऐसा नशा आयेगा कि फिर इसके बाद ये पांच सेकण्ड एक मिनट में बदल जाएगा. भाभी असली नशा सेक्स का फ्रेंच किस यानि होंठों से होंठों के चुम्बनों से ही आता है. आप जितना होंठों से होंठों को चुमोगी ना उतना ही आपको उत्तेजना आएगी और आपको ऐसा लगेगा कि आपके बीतर कोई तरंग उठ रही है और आपके नीचले हिस्से में जल्दी ही कुछ बहने लगेगा.” मैं बेला की बातें सुनकर मन ही मन रात के लिए योजना बनाने लगी.

मैंने अब खुद ही अपने होंठ बेला के सामने फैला दिए. बेला ने जैसा बताया था . हम दोनों ने पहले एक दूजे के होंठों को छुआ, फिर थोड़ा सहलाया, फिर दबाव बढाया और बाद में धीरे धीरे थोड़ी थोड़ी देर के लिए चूमना शुरू किया रुक रूककर. बेला ने कहा वैसे ही मुझे नशा आने लगा. मेरे मुंह से आह, और सी सी की मीठी सी आवाज आने लगी. ऐसी ही आवाज बेला के मुंह से भी आने लगी. मैंने और बेला ने होंठों के चुम्बनों का यह दौर करीब दस मिनट तक जारी रखा. मुझे इतना नशा आ गया कि मैं बेला की बाहों में झूम गई. बेला मुझे पलंगपर लिटाकर मेरी बाजु में लेट गई. मेरी धड़कन बेकाबू थी. शरीर पसीने पसीने हो रहा था. बेला ने मुझे अपनी बाहों में पकड़ा और मेरे गाल चूमकर बोली ” आराम कर लो भाभी . इसे नशा कहते हैं सेक्स का.” मैं मन ही मन बेला का बार बार शुक्रिया कर रही थी जिसने मुझे और शेखर को एक नयी सेक्स की सिंदगी दी थी.

बेला ने कहा ” भाभी, कल मैं और अलग अलग तरीके बतलाऊंगी चुम्बनों के. कल आप एक नयी दुनिया में खुद को महसूस करोगी तमाम अलग अलग चुम्बनों के करने के बाद.” इतना कहकर बेला ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रखे और एक ही पल में मेरे होंठों को एकदम गीला कर दिया. बेला ने जैसा कहा था इस चुम्बन से मुझे ऐसा लगा जैसे सच में मेरे अन्दर एक गीलापन हो रहा है.

मैंने सोचने लगी कि मैं जो सीख रही हूँ बेला से वो तो ठीक है मगर बेला के साथ जो मैं कर रही हूँ वो कोई गलत तो नहीं है. मैंने बेला से ये पूछ ही लिया. बेला ने जवाब दिया ” भाभी इसमें कुछ भी गलत नहीं है. दो औरतो का ऐसा करना स्वाभाविक प्रक्रिया है. कामसूत्र में भी लिखा गया है कि एक महिला को अगर सेक्स के बारे में कुछ सीखना हो तो अपनी किसी रिश्तेदार महिला या सहेली से सीखना चाहिए और आपस में दोहराना भी चाहिए. जब कामसूत्र जैसा ग्रन्थ जो कि हजारो साल पहले लिखा गया था, भी ऐसा कहता है तो इसमें गलत कैसे हो सकता है. इतिहास में भी ऐसी कई घटनाएं लिखी गई है अलग अलग किताबों में कि राजा महाराजा अक्सर एक साथ दो दो औरतो को लेकर सोते थे. अपने पति के विदेशो में जाने के बाद कई औरतें अपनी सेक्स की भूख इसी तरह अपनी किसी महिला मित्र या रिश्तेद्र के साथ बरसो से मिटाती आई है. आप इतना मत सोचो कि ये गलत है. आप तो बस अपने जिस्म को जो अच्छा लग रहा है वो करती जाओ.” बेला के जवाब के बाद मेर मन हल्का हो गया.

रात को एक बार फिर मैंने ट्यूब टॉप और हॉट शोर्ट में थी. मैंने बेला से सखा गे चुम्बनों का तरीका शेखर के साथ अपनाया. मैंने शेखर के होंठों को अपने होंठों से उसी तरह से शुरू किया और थोड़ी देर के बाद मेरे और शेखर के होंठों आपस में मिल चुके थे और हम दोनों रुक रूककर एक दुसरे के होंठों का रस पी रहे थे. शेखर जबर्दस्त नशे में आ गए और करीब दो घंटों तक मुझे नहीं छोड़ा. शेखर ने मेरे सारे जिस्म को बहुत गर्मी से चूमा. शेखर जब भी मेरी गर्दन के नीचे के हिस्से को और मेरे कन्धों को चूमते तो मुझे बुत मजा आता. जैसा बेला ने कहा मैं शेखर से कहती जाती ” और गरम चुम्बन दो मुझे शेखर डार्लिंग. मेरी गरदन को भिगो दो तुम. मेरे कन्धों में जितना रस भरा है वो सारी मिठास तुम पी लो आज.” शेखर पर और नशा आ जाता और वो और गर्मी से मुझे चूमने लग जाते.

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बेला ने आज मेरी इस रात को एक तरह से दूसरी सुहागरात जैसा कर दिया था. मुझे अब कल का इंतज़ार था अजब बेला मुझे अलग अलग चुम्बन सिखानेवाली थी.

अगले दिन जब मैं बेला से मिली तो शेखर और मेरे बीच की रात भर की मस्ती उसे बता दी. बेला ने मुझे बाहों में लिया और बोली ” भाभी जान, दो दिन की ट्रेनिंग में आपकी रातें तो रंगीन हो गई है. क्या क्या गुल खिल रहे हैं मजा आ गया सुनकर ही.” बेला ने अपने बेडरूम में मुझे ले जाकर कुछ नए कपडे पहनने के लिए दिए. बेला ने कहा ” भाभी ये तू पीस बिकनी है. एकदम छोटी ब्रा जिसे पहनने के बाद मेरे बूब आधे बाहर ही दिख रहे थे. मुझे बहुत शर्म महसूस हुई मगर बेला ने हौसला बढ़ाया. मिने जब पेंटी पहनी तो मैं खुद को आईने में नहीं देख सकी. मेरे पीछे का हिस्सा करीब पूरा दिखने लगा था और आगे केवल मेरा ख़ास हिस्सा ही छुपा हुआ था.

बाकी सब कुछ खुला था. मेरे उस हिस्से पर बाल थे इसलिए वे बाहर झाँकने लगे. बेला बोली ” भाभी ये बाल सब हम कल हटा देंगे फिर देखना आप कैसा दिखती हो.” मैं अन्दर ही अन्दर शरमा रही थी इन कपड़ों में. मगर बेला ने मेरा साहस बढाए रखा. अब बेला खुद यही बिकनी पहनकर आई. बेला दुबली पतली थी इसलिए वो किसी सेक्स की देवी से कम नहीं लग रही थी.
बेला और मैं एक बार फिर एक दुसरे से चिपक कर खड़ी थी. बेला ने एक अंगूर का गुच्छा लिया और उसमे से एक अंगूर खुद के मुंह में आधा डाला और मेरी तरफ अपना मुंह बढ़ा दिया. मैंने उस आधे अंगूर को अपने होंठों से दबा दिया.

बेला ने उस अंगूर को मेरे मुंह में धकेल दिया . इसके पहले कि मैं उसे चबाने का सोचती बेला ने मुझसे मेरा मुंह खोलने को कहा. मैंने मुंह खोला तो बेला ने उस अंगूर को अपनी जीभ को मेरे मुंह में डालकर अपने मुंह में वापस ले लिया. मुझे यह अच्छा लगा. दो तीन बार हम दोनों ने ऐसा किया, बाद में बेला ने अंगूर को चबाया और मेरे मुंह में डाल दिया. मैंने उसे थोडा और चबाया और बेला के मुंह में डाल दिया. इस तरह हम दोनों काफी देर तक एक एक साथ साथ अंगूर खाती रही.

इसके बाद बेला ने फ्रिज से आइसक्रीम निकाली और हम दोनों सोफे पर आमने सामने आपस में एकदम करीब आकर बैठ गई. बेला ने आइसक्रीम एक चम्मच से मेरे मुंह में डाली और एक चम्मच अपने मुंह में डाली और मेरे साथ होंठों का चुम्बन शुरू कर दिया. बेला कुछ ज्यादा उत्तेजित हो गई और मुझे बाहों में पकड़कर सोफे पर ही लेट गई और मेरे साथ होंठों को चूमना जारी रखा. मैंने बेला के मुंह से आती आह , उई, और सी सी की आवाजों से यह अंदाजा लगाया कि वो इतने दिनों से अकेली सो रही है इसलिए उसकी आज यह हालत हो रही है. इसलिए मैंने भी बेला की इस हरकत को रोका नहीं. बेला कुछ बेकाबू हो गई और वो मुझे लगातार पकड़कर हर जगह मुझे चूमने लगी. फिर एकाएक बेला ने मुझ से अलग होते हुए कहा ” माफ़ करना भाभी, मुझे आज सुबह से राकेश की बहुत याद रही थी इसलिए ऐसा हो गया.” मैंने बेला को कहा ” इसमें क्या माफ़ी. ऐसा हो जाता है जब किसी की याद आती है तो.”

रात को मैंने शेखर के साथ अंगूर वाला किस किया. शेखर ने बहुत जोश और गर्मी के साथ मेरे साथ इस चुम्बन को काफी देर तक किया. शेखर बाद में इतना उत्तेजित हो गए कि उन्होंने एक एक कर मेरी साडी , ब्लाउज, पेटीकोट और ब्रा को खोलकर दूर फेंका और मेरे साथ पलंग में आ गए. शेखर ने मेरे होंठों को अपने होंठों से मिलाया और हम दोनों बहुत उत्तेजित होने लगे. मेरा जननांग अन्दर से तड़पने लगा. मैंने शेखर के लिंग को अपने हाथ से पकड़ा और अपने अन्दर डाल दिया. कुछ ही देर के बाद मैं और शेखर किसी दूसरी दुनिया में उड़ रहे थे. शेखर ने आज बरसों बाद मुझे सारी रात नहीं सोने दिया. आज की रात मैं और शेखर अपनी बरसों की भूख मिटाने में कामयाब हो गए थे. इसका सारा श्रेय बेला को था.

अब अगले आठ दस दिन बेला ने मुझे कुछ नया तो नहीं सिखाया मगर लगातार हम दोनों सेक्स को लेकर बाते करती और रात को शेखर के साथ सेक्स के बारे में बेला को बताती. बेला भी अपने पति राकेश के साथ सेक्स की सब घटनाएं बताती रहती. इस कहने सुनने के बीच कई बार हम दोनों एक दूसरे को बाहों में ले लेती. आपस में चूम लेती. कभी गाल तो कभी होंठों चूम लेती. कभी बेला के कहने पर कई बार हम दोनों बहुत ही कम कपड़ों में एक साथ बिस्तर में लेट जाती और सेक्सी बातें करती. दोपहर से कब शाम हो जाती पता ही नहीं चलता था. शेखर भी बहुत खुश रहने लगे थे. वे अब घर आते ही कई बार मुझे अचानक पकड़ लेटे और चुम्बनों की बरसात कर देते. मैं भी वैसा ही जवाब देती. हमरी जिंदगी जैसे बीस साल पीछे चली गई थी. बहुत अच्छा लगने लगा था. बेला भी मेरी राह देखती दोपहर को. वो मेरे जाते ही मुझ से लिपट जाती और नमस्ते की जगह एक होंठों का लंबा चुम्बन लेती.

बेला मुझे नए नए तरीके बताती सेक्स और ड्रेस के और मैं उन्हें अपनाते हुए शेखर के साथ खूब मज़े ले रही थी. एक दिन बेला के बताये अनुसार मैंने एक पतले कपडे की पारदर्शी चुन्नी ली, उसे गीला किया और फिर अपने जिस्म के सभी कपडे उतारकर उस चुन्नी को लप्रेट लिया और शेखर के सामने आ गई. मेरा शरीर का एक एक हिस्सा उस गीली चुन्नी में से झाँक रहा था क्यूंकि चुन्नी गीली होने की वजह से मेरे जिस्म पर चिपक गई थी. मेरे शरीर की सभी गोलाईयां दिख रही थी. शेखर पागल हो उठे. उन्होंने मुझे इतना चूमा कि मेरी सांस फूल गई. शेखर ने चुन्नी को युहीं रहने दिया और मेरी टाँगें पकड़कर फैला दी और मेरे ऊपर लेट गए और अगले ही पल उनका लिंग मेरे जननांग में घुस रहा था. आज हम दोनों का मूड बहुत ही जवान हो गया था. आखिर में शेखर ने पिचकारी मेरे भीतर छोड़ दी. मैं थक कर चूर हो गई थी. शेखर मुझे पकड़कर मेरे होंठों को अपने होंठों से मिलाकर सो गए.

एक दिन बेला की तबियत खराब हो गई. उसे तेज बुखार आ गया. मैं बेला के घर सारा दिन उसके पास बैठी रही. रात को जब वो सो गई तब घर आ गई. शेखर को जब पता चला तो उन्होंने कहा कि कल की रात अगर बेला की तबियत बराबर ना हो तो मैं उसी के घर सो जाऊ. बेला की तबियत कुछ ठीक हुई मगर मैंने शेखर के कहे अनुसार बेला को कह दिया कि मैं आज की रात तुम्हारे यहाँ रह जाउंगी. बेला खुश हो गई.

रात को मैं और बेला एक ही पलंग पर सोई. कुछ देर बाद बेला मेरे करीब आकर मुझसे सटकर लेट गई. मैंने बेला के सर पर हाथ फेरना शुरू किया. बेला ने मेरे हाथ पकड़ लिए. वो मुझ से लिपट गई. मैंने प्यार से बेला को गालों पर एक चुम्बन दे दिया. बेला ने वापस ऐसा ही जवाब दिया. मेरी जिंदगी में बाहर लानेवाली बेला के लिए मेरे मन में बहुत प्यार आने ् लगा. मैंने बेला के होंठों को धीरे से चूम लिया. बेला ने अब मेरे होंठों को चूमा. इसके बाद यह दौर आगे बढ़ने लगा. हम दोनों एक दूजे को गालों, होंठों, गरदन के नीचे यहाँ वहाँ चूमने लगे. बेला ने खुद के उर मेरे सारे कपडे उतार दिए. हम दोनों अचानक ही उत्तेजित हो गई. हमारी साँसे तेज चलने लगी. हम दोनों बार बार एक दूजे को और अधिक जोर से खुद की तरफ खींचने लगी, दबाने लगी. इस बीच हम दोनों बार बार होंठों से एक दूजे को चूमे जा रहे थे.



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