बीवी की माँ के साथ पहली सुहागरात

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विक्की है और में ग्वालियर का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 25 साल है। मेरा लंड 5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है। दोस्तों आप सभी की तरह मैंने भी पर बहुत सारी सेक्सी कहानियों के मज़े लिए है, क्योंकि मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है। दोस्तों आज में आप सभी के सामने अपने जीवन की एक सच्ची घटना को सुनाने जा रहा हूँ जिसको पढ़कर आप सभी को बड़ा मज़ा आएगा। दोस्तों मैंने आज तक किसी के साथ सेक्स नहीं किया था और उसकी वजह यह थी कि मेरा सोचना यह था कि जो मज़ा बीवी के साथ सेक्स करने में है वो किसी और के साथ कहाँ है? और इसलिए मैंने अब तक बस मुठ मारकर ही अपना काम चलाता रहा। फिर कुछ समय बाद मेरी शादी हो गई और अब में आप सभी को मेरी पहली चुदाई की कहानी वो सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ जिसके बाद मेरा जीवन बिल्कुल ही बदल गया। दोस्तों मेरी शादी एक नेहा नाम की बहुत सुंदर लड़की के साथ हुई और मेरी पत्नी नेहा बहुत गोरी उसका व्यहवार बहुत अच्छा होने के साथ ही वो खुले विचारों की लड़की है, लेकिन वो एक ऐसे परिवार से है, जहाँ पर लड़कियों को कोई आज़ादी नहीं है और ना ही उन्हे बाहर की दुनियां का कुछ दिखाया जाता हैं और ना ही कहीं पर अकेले जाने दिया जाता है।

दोस्तों उसके घर में उसकी एक बड़ी बहन एक छोटी बहन और एक उसका छोटा भाई भी है और उसके माता पिता उसके चाचा चाची के साथ ही रहते है। दोस्तों मेरी पहली रात मतलब की सुहागरात बहुत ही खराब रही, क्योंकि में जैसे ही उसके कपड़े खोलने लगा, उसने मुझे रोक दिया, क्योंकि वो सेक्स के बारे में नहीं जानती थी। अब मुझे उसकी इस हरकत की वजह से बड़ा गुस्सा आया क्योंकि हर एक मर्द चाहता है कि उसकी पत्नी उसके साथ बड़े ही प्यार से अपनी पहली चुदाई के मज़े ले। फिर भी में वो सब सह गया मैंने मन ही मन में सोचा कि में उसको प्यार से समझा दूंगा। फिर तीन दिन के बाद हम दोनों के लिए मेरे ससुराल से बुलावा आया और में बहुत गुस्से में वहां पर चला गया और खाना खाने के करीब आधे घंटे बाद जब घर में हम दोनों अकेले ही बैठे हुए थे उस समय मेरी पत्नी अपनी पड़ोस वाली शेली के साथ बाजार किसी काम से हम दोनों को घर में अकेला छोड़कर चली गई। फिर जैसे ही मेरी सासूजी मुझसे बातें करने लगी, तब मैंने उनको हमारी पहली रात वाला वो पूरा किस्सा सुनाकर अपने मन की भड़ास को निकाल दिया। फिर वो मेरे मुहं से सभी बातें सुनकर बिल्कुल दंग रह गयी और वो अपनी बेटी की उस हरकत की वजह से बहुत ही चकित थी इसलिए उनके मुहं से एक भी शब्द बाहर नहीं निकला।

दोस्तों मेरी सासूजी की उम्र करीब 40 साल है और वो अब बड़े ही प्यार से मुझसे बातें कर रही थी। फिर मैंने उनको पूरी तरह खुलकर जब यह पूरी बात बताई तब वो सुनकर पहले थोड़ी सी घबरा गई, लेकिन फिर बाद में वो हंसने लगी। दोस्तों मुझे उनके इस व्यहवार पर बहुत ही गुस्सा आने लगा था और फिर उन्होंने मुझे थोड़ा सा रुकने के लिए कहा और वो उठकर चली गई। उसके बाद वो थोड़ी देर बाद वापस आ गई, लेकिन दोस्तों अब वो नज़ारा बिल्कुल बदल चुका था। अब उन्होंने अपनी साड़ी को उतारकर एक मेक्सी को पहन लिया था और मेरी सासूजी का गोरा रंग उसमे बहुत ही खिल रहा था और उनके वो बूब्स जिनकी आकार 36-38-40 है। अब उनके वो बड़े आकार के बूब्स उभरकर साफ साफ दिखाई दे रहे थे और उनकी मेक्सी का गला ज्यादा बड़ा होने की वजह से उसमे से उनकी अंदर की काली ब्रा भी मुझे साफ नज़र आ रही थी। अब उस कमरे में सिर्फ़ में और मेरी सासूजी ही थी, उन्होंने धीरे से अपना एक हाथ मेरी तरफ बढ़ा दिया और वो मेरे पास आकर बैठ गयी। फिर उन्होंने मेरा हाथ अपने हाथ में लिया और वो मुझसे बड़े ही प्यार से कहने लगी कि जाने भी दो ना बेटा, वो अभी नई कली है, अभी तक उसने किसी से अपनी चुदाई के वो मस्त मज़े नहीं लिए है ना इसलिए वो लंड का असली मज़ा क्या होता है यह बात नहीं जानती है।

अब तुम इसके बारे में बिल्कुल भी चिंता ना करो, क्योंकि में उसको सब कुछ बहुत अच्छे से समझा दूंगी। दोस्तों में उनकी इस तरह से पूरी खुली बातें सुनकर एकदम दंग रह गया और फिर उन्होंने एक बार फिर मुझसे पूछा क्या तुमने पहले कभी किसी को चोदा है? मैंने कहा कि नहीं केवल मैंने अब तक मुठ मारकर अपना काम चलाया है। अब वो पूछने लगी किसके नाम से तुमने मज़े लिए? मैंने उनको कहा कि बहुत सी लड़कियों और औरतों का नाम उनके बारे में सोचकर मैंने यह काम किया। दोस्तों मुझे लगा था कि वो अब शायद मेरे मुहं से यह बात सुनकर नाराज़ हो जाएगी, लेकिन वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर पहले से ज्यादा खुश हो गयी और अब उनकी आँखों में मुझे एक अजीब सा नशा दिखाई दे रहा था। अब उन्होंने मुझे अपने और भी पास बुलाकर मेरा एक हाथ पकड़कर अपनी जांघ पर रखा और फिर वो मुझसे पूछने लगी क्यों तुम्हारे लंड का आकार क्या है? अब तक में भी बहुत मस्ती में आ गया था इसलिए मुझे बिल्कुल भी डर या शरम नहीं थी और फिर मैंने तुरंत ही कहा कि 5 इंच। अब वो मेरे मुहं से यह जवाब सुनकर कहने लगी कि मुझे तुम्हारी इस बात पर विश्वास नहीं होता, तुम मुझसे झूठ कह रहे हो। तभी मैंने उनका हाथ अपने हाथ में लेकर सीधे अपने खड़े लंड पर रख दिया।

दोस्तों इतनी देर से अपनी सासूजी की उन सेक्सी बातों को सुन सुनकर मेरा लंड तनकर खड़ा हो चुका था। फिर उन्होंने जैसे ही मेरे लंड को अपने हाथ से छूकर महसूस किया और उसी समय मेरे पूरे शरीर में एक अलग सा नशा छाने लगा था। फिर उनके हाथ को जैसे ही मेरे खड़े लंड का अहसास हुआ उसके कुछ देर बाद उन्होंने होश में आकर तुरंत ही अपना हाथ झटके से पीछे कर लिया। अब मैंने उनको पूछा कि क्यों क्या हुआ? तभी वो घबराकर कहने लगी अरे यह तो सही में बहुत ही बड़ा है ऊईई माँ और एक बार फिर से मैंने उनका हाथ लेकर अपने लंड पर रख दिया और धीरे से दबा भी दिया, जिसकी वजह से उनको बहुत ही मस्त मज़ा आया। फिर उसी समय उन्होंने भी मेरा एक हाथ अपने बूब्स पर रख दिया और वो मुझसे कहने लगी लो तुम इनको दबाओ तुम्हे कुछ अच्छा महसूस होगा। दोस्तों मैंने उसी समय महसूस किया कि उनके वो बूब्स बहुत ही सख़्त हो चुके थे और थोड़ी देर तक हम दोनों के बीच बस यही दबाने का काम चलता रहा। अब मैंने उनकी मेक्सी के हुक को खोल दिए और उन्होंने भी मेरी पेंट की चैन को खोल दिया और वो मेरे लंड को और में उनके बूब्स को दबाकर मज़े करने लगे थे, लेकिन अब मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं गया और मैंने उनकी मेक्सी को झट से पूरा उतार दिया।

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अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी क्योंकि उन्होंने मेक्सी के अंदर पेटीकोट नहीं पहन रखा था। अब में उनके नंगे गोरे कामुक बदन को एकदम चकित होकर घूरकर देखने लगा, दोस्तों उनके दोनों बूब्स आम के आकार के बड़े एकदम गोलमटोल थे और वो बड़े ही कड़क नज़र आ रहे थे और उन्होंने भी जोश में आकर मेरे कपड़े उतार दिए। अब में भी उनके सामने सिर्फ़ अंडरवियर में था और उस अंडरवियर से मेरा 5 इंच का लंड खड़ा होकर उनको अपने दर्शन दे रहा था। दोस्तों उनकी नज़र उस पर से हट ही नहीं रही थी, वो एकदम चकित होकर मेरे लंड को लगातार घूरकर देख रही थी और वैसे उनकी जांघे भी बहुत गोरी गदराई हुई और मस्त दिखाई दे रही थी। अब मैंने उनकी ब्रा का भी खोलना चाहा, लेकिन तभी वो मेरे हाथ को पकड़कर मुझसे कहने लगी में खुद ही निकाल देती हूँ और तुम्हे इतनी मेहनत करने की जरूरत नहीं है। अब मैंने उनसे कहा कि नहीं में अपने आप ही कर लूँगा। दोस्तों क्योंकि अब मेरे शैतान दिमाग में एक बड़ा ही अजीब सा विचार आने लगा था। अब मैंने उनको कहा कि आप मेरी अंडरवियर को उतार दो, लेकिन हाथ से नहीं बल्कि अपने मुहं से आपको यह काम करना होगा। दोस्तों उनको मेरे मुहं से यह बात सुनकर बड़ा ही अचम्भा लगा और इसलिए वो बड़ी ही चकित होकर मेरी तरफ देखने लगी थी।

अब में उनके सामने उठकर खड़ा हो गया और फिर मैंने उनका मुहं मेरी नाभि पर रख लिया और फिर वो धीरे से मेरी अंडरवियर को अपने दांतों में पकड़कर उसको नीचे की तरफ सरकाने लगी थी और उन्होंने मेरे देखते ही देखते अंडरवियर को पूरा नीचे कर दिया। फिर जिसकी वजह से तुरंत ही मेरा तनकर खड़ा लंड उनके सामने आकर उनकी चूत को सलामी देने लगा था। दोस्तों हम दोनों को इस काम को शुरू करने से पहले ही एक अजीब सा आनंद मिलने लगा, जिसकी वजह से मेरे साथ उनका भी चेहरा ख़ुशी से चमक उठा था और वो पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी। अब वो खुश होकर मुझसे कहने लगी कि मुझे आज तक इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया, में तुम्हे बता नहीं सकती कि इस समय में क्या महसूस कर रही हूँ? अब मैंने आगे बढ़कर अपने खड़े लंड को उनके नरम गुलाबी होंठो के पास अपने लाकर होंठो को छुकर महसूस किया। दोस्तों पहले तो उन्होंने लंड को मुहं में लेकर चूसने से साफ मना किया और फिर मेरे कहने पर वो शुरू हो गयी और अब वो मेरे लंड को आईसक्रीम की तरह चूस रही थी और मेरे लंड का बड़ा मज़ा ले रही थी।

दोस्तों मेरा लंड अब उनकी चुदाई करने के लिए एकदम तैयार हो चुका था। मेरा लंड बहुत जोश में था और वो अब अंदर जाने के लिए अपना ठिकाना खोज रहा था। फिर मैंने उनको नीचे ज़मीन पर उल्टा लेटने के लिए कहा और कहा कि अब आप देखो कि में तुम्हारी ब्रा को कैसे उतारता हूँ? अब में उनकी पीठ पर बैठ गया और में अपना तना हुआ लंड उनकी पीठ पर रगड़ने लगा था और फिर मैंने उनकी ब्रा के हुक में अपने लंड को फंसाकर में उसको निकालने की कोशिश करने लगा, लेकिन उनकी ब्रा बहुत ही टाईट होने की वजह मुझे अब कुछ दर्द तकलीफ़ हो रही थी। फिर मेरे लंड का स्पर्श अपनी पीठ पर पाकर वो तो मेरी दीवानी हो चुकी थी और फिर मैंने अपने लंड को ब्रा के हुक में फंसाकर एक ऐसा झटक दिया कि उनकी ब्रा का हुक टूट गया। अब वो मेरे लंड की ताक़त को देखकर एकदम दंग रह गयी और फिर मैंने उनकी पेंटी को भी उतार दिया और देखा कि उनकी चूत बिल्कुल साफ बहुत चिकनी थी और चूत के गुलाबी होंठो को देखकर मेरा मन खुशी से भर गया और जैसे ही मैंने उनकी चूत में अपनी एक उंगली को डाला। अब वो तड़पने लगी थी और उनके मुहं से आह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ की आवाज निकलनी शुरू हो चुकी थी, दोस्तों मैंने महसूस किया कि वो पूरी तरह गरम होकर मस्त हो चुकी थी।

अब उनसे भी रहा नहीं गया और उन्होंने तुरंत ही मेरा लंड अपने हाथों में लेकर टोपा अपनी चूत के मुहं पर रख लिया और वो अपनी चूत के दाने को लंड से सहलाने लगी। दोस्तों में उस समय नीचे ज़मीन पर लेटा हुआ था और अब वो मेरे ऊपर चढ़कर बैठी थी और कुछ देर बाद उन्होंने अपनी खुली गीली चूत को मेरे लंड पर रखकर एक ज़ोर का झटका दे दिया, लेकिन मेरा लंड तो उनकी चूत के मुहं पर ही अटक गया। अब वो मस्ती में पागल होकर अपनी तरफ से पूरी कोशिश करने लगी और वो लगातार ऊपर से झटके दे रही थी, लेकिन फिर भी मेरा लंड उनकी चूत के अंदर जाने का नाम ही नहीं ले रहा था। अब मैंने उनकी तरफ हंसकर देख और उनको कहा कि छोड़ो यह सब तुमसे नहीं होगा और फिर मैंने पलटी मार दी जिसकी वजह से वो अब नीचे और में उनके ऊपर आ गया था। अब मैंने उनके दोनों पैरों को अपने कंधो पर रख लिया, जिसकी वजह से उनकी खुली हुई चुदाई के लिए तैयार चूत अब मेरे लंड के सामने आ गई। फिर मैंने अपने पूरे जोश के साथ अपने लंड को चूत के खुले मुहं पर रखकर एक तेज करारा झटका मार दिया, जिसकी वजह से मेरा आधा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया, लेकिन इस जोरदार झटके की वजह से उनकी आँखो में पानी भर आया और वो दर्द की वजह से बड़ी ज़ोर से चिल्लाने लगी।

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अब वो सिसकियाँ लेते हुए मुझसे कहने लगी, ऊफ्फ्फ्फ़ प्लीज छोड़ दो ऊउईईईई माँ में मर जाउंगी आह्ह्ह्ह तुम्हारा लंड नहीं जानवर का खूंटा है। अब मैंने उनको कहा कि यह तो अभी शुरुआत है इसके आगे आगे तुम देखो तुम्हारे साथ होता है क्या? दोस्तों यह बात सुनकर अब उनकी आँखों में मुझे वो डर एकदम साफ दिखाई दे रहा था। अब मैंने फिर कुछ देर धक्के देना बंद करके थोड़ा उसको संभालकर में अपने हाथों से उसके बूब्स को ज़ोर से दबाने और मसलने था, जिसकी वजह से वो थोड़ा अच्छा महसूस करने के साथ शांत होकर मज़े लेने लगी थी। फिर में कुछ देर बाद उनके निप्पल को अपने मुहं में लेकर दांतों के बीच में लेकर काटने लगा और वो एक बार फिर से जोश में आकर मेरे लंड को खाने के लिए तैयार हो गई। अब मैंने अपना पूरा लंड बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का झटका मार दिया, जिसकी वजह से अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत को फाड़कर उसके अंदर चला गया और वो ज़ोर से चिल्ला पड़ी नहीं आह्ह्ह्ह ऊउईईई अब बस करो, वरना तुम तो आज मेरी चूत को फाड़ ही डालोगे, लेकिन मैंने उनकी किसी भी बात की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया और अब में अपने लंड को उनकी चूत के अंदर बाहर करने लगा।

दोस्तों कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि अब उनका वो दर्द खुशी में बदल चुका था। अब वो भी पूरे चाव के साथ मेरा लंड को अपनी चूत के अंदर लेने लगी थी। अब दोस्तों उसका जोश देखकर मेरी भी धक्के देने की रफ़्तार पहले से ज्यादा तेज़ हो चुकी थी। में भी अपने पूरे जोश में उनको धक्के देने लगा था। फिर थोड़ी ही देर के बाद वो झड़ गयी, जिसकी वजह से उनका जोश पानी निकलने के साथ ही ठंडा होता चला गया, लेकिन में अब भी पूरे ताव में था। अब मैंने अपने लंड को चूत से बाहर निकाल लिया और उनके मुहं में डाल दिया, जिसको वो बड़े मज़े से चूसने लगी, लेकिन मेरे मन में तो अब कुछ और करने की इच्छा थी। अब मैंने उनको नीचे लेटाया और लंड को एक ज़ोर से धक्का दे दिया जिसकी वजह से मेरा लंड उनके गले तक चला गया और वो सिर्फ तड़प रही थी। अब में अपने लंड को उनके मुहं में ही अंदर बाहर करने लगा, जिसकी वजह से कुछ देर बाद वो एक बार फिर से गरम हो गयी और मेरा लंड दोबारा खाने के लिए तैयार हो गयी। फिर मैंने अपनी पोज़िशन को बदल लिया और मैंने तुरंत उनको कुतिया की तरह अपने घुटनों पर खड़े होने को कहा और एक बार फिर से में अपने लंड को उनकी चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगा। तभी मेरी नज़र उनकी गांड पर चली गई, जिसको देखकर मेरी नियत खराब हो गई में ललचाने लगा था।

फिर उसी समय मैंने तुरंत अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाल लिया और गांड के छेद पर रख दिया, लेकिन वो अब घबराकर मना करने लगी। अब मैंने उनको बड़े प्यार से समझाकर अपने लंड पर बहुत सारा तेल लगा लिया और उनकी गांड के छेद में भी मैंने बहुत सारा तेल लगाकर दोनों को बिल्कुल चिकना कर लिया और फिर मैंने पास पड़े कपड़े से उनके दोनों हाथों को पलंग से बांध दिए और फिर अपना निशाना लगाकर मैंने एक ज़ोर का झटका लगा दिया, जिसकी वजह से मेरा आधा लंड उनकी गांड के अंदर चला गया। दोस्तों वो अब मुझे अपने से दूर हटाने लंड को अपनी गांड से वापस बाहर निकालने के लिए छटपटा रही, लेकिन दोनों हाथ बंधे होने की वजह से वो वैसे ही चखकर तड़पती रही। दोस्तों मेरे ऊपर उसके चिल्लाने मचलने की वजह से बिल्कुल भी फर्क नहीं हो रहा था, मेरा लंड तो अब पहले से भी ज्यादा जोश में आकर झटके देने लगा था। फिर मैंने कुछ देर बाद अपना पूरा लंड उसकी गांड से बाहर निकालकर एक ऐसा ज़ोर का झटका मारा कि अब मेरा पूरा लंड उनकी गांड को फाड़ता हुआ जबरदस्ती अंदर चला गया। दोस्तों अब उनकी गांड से खून भी निकल आया था और वो पागलों की तरह दर्द से मचल रही थी।

फिर मैंने ज़ोर से झटके मारने शुरू कर दिए और कुछ देर बाद वो भी पूरी तरह मस्ती में आकर मेरा साथ देने लगी थी। वो मेरे पूरे लंड को बड़े आराम से खुश होकर अपनी गांड में लेने लगी और मेरे हर एक धक्के के साथ वो अपनी गांड को भी आगे पीछे करके मेरा साथ दे रही थी। दोस्तों करीब एक घंटे तक मैंने उनकी गांड मारी और इस बीच वो तीन बार झड़ चुकी थी और जब में झड़ने वाला था, तब मैंने अपना लंड उनकी गांड से बाहर निकालकर उनके मुहं में डाल दिया। अब वो एक बार फिर से मेरे लंड को चूसने लगी और फिर मैंने कुछ देर धक्के देने के बाद अपना पूरा वीर्य उनके मुहं में निकाल दिया और वो मेरे लंड का पूरा पानी बड़े चाव के साथ चाटकर चूसकर पी गयी। फिर हम दोनों ने कुछ देर खेलने के बाद अपने कपड़े वापस पहन लिए और उसके बाद मैंने उनसे पूछा क्यों कैसा लगा मेरे साथ यह सब करके? वो कहने लगी कि यह भी बहुत अच्छा हुआ कि तुमने मेरी बेटी को अब तक नहीं चोदा वरना वो तो इस चुदाई के बाद मर ही जाती और जब तक वो लंड लेने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हो जाती तब तक तुम मेरे घर में आकर मेरे साथ ही अपनी सुहागरात मना लिया करो। मेरे राजा आज तुमने पहली बार चुदाई के असली मज़े दिए है, जिसके लिए में अब तक बहुत तरस रही थी।

दोस्तों में तो उनके मुहं से यह बात सुनकर एकदम खुश हो गया था और यह थी मेरी सच्ची चुदाई की कहानी, जिसके बाद मेरा यह जीवन बड़ी खुशी से बीतने लगा और में एक साथ इतनी सारी खुशियों को पाकर पागल हो चुका था और अब मुझे चुदाई करने के लिए सोचना नहीं पढ़ता और में जब भी इच्छा होती उनकी चुदाई करके अपने लंड को शांत कर लेता हूँ ।।



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