पति के सामने साली की चुदाई जीजू से

मनोज ने उसके दूसरे हाथ को दीपक की शॉर्ट्स के ऊपर रख दिया जो डिम्पल ने खुद ही अंदर कर लिया और दीपक का मोटा लंड अब उसके काबू में था।

अब दीपक और मनोज उसके मम्मे चूस रहे थे और डिम्पल के दोनों हाथों में एक एक लंड था।
मनोज ने अब उसका मम्मा छोड़ा और नीचे होकर डिम्पल की शॉर्ट्स उतार दी और उसकी चूत में अपनी जीभ दे दी।

डिम्पल की चूत तो पानी छोड़ रही थी, अब डिम्पल ज्यादा कसमसाने लगी और दीपक के होठों से उसने अपने होंठ मिला दिए।
डिम्पल दीपक के लंड को जोर से मसल रही थी और दीपक भी बेचैन हो रहा था। डिम्पल ने दीपक के लंड को अपने ओर खींचा तो दीपक बैठ गया और अपना लंड डिम्पल के मुँह में दे दिया।

डिम्पल लपर लपर करके उसका लंड चूसने लगी।
मनोज ने अब अपने कपड़े उतार फेंके थे और अब उसने डिम्पल की टांगें चौड़ी की और अपना लंड घुसेड़ दिया उसकी चूत में!

डिम्पल के मुँह में दीपक का लंड था तो चूत में मनोज का!

मनोज अपनी स्पीड बढ़ाये जा रहा था और एक झटके में ही उसने डिम्पल की चूत में अपना माल भर दिया।
डिम्पल ने पास रखे टॉवल से अपनी चूत साफ़ की, मनोज वाशरूम में चला गया।

दीपक बिना देर किये सीधा डिम्पल की चूत में घुस गया, दीपक का लंड मनोज के लंड से मोटा था और नई चूत और नए लंड का मिलन था… डिम्पल ने भी सारी शर्म ताक पर रख कर अपना टॉप उतार फेंकी और दीपक को भी नंगा कर लिया।

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दीपक ने डिम्पल के दोनों एड़ियों को ऊपर किया और अपना मूसल जोर जोर से डिम्पल की चूत में करने लगा। डिम्पल चिल्लाने लगी- जीजू मजा आ गया! और जोर से करो! उम्म्ह… अहह… हय… याह… हाय मुक्ता को कितना मजा आता होगा। जीजू आप ऐसे ही आते रहा करो और अपनी साली चुदाई किया करो।
दीपक ने अब डिम्पल को घोड़ी बनाया, पीछे से घुस गया उसकी चूत में और अपने हाथों से उसके मम्मे मसलने लगा।

मनोज भी वाशरूम से बाहर आ गया था और मजा लेकर चुदाई देख रहा था। डिम्पल ने उसको बुलाया और उसका लंड मुँह में ले लिया।

दीपक के धक्के बढ़ गए थे और एक धमाके से उसने भी डिम्पल की चूत में सारा माल छोड़ दिया।

डिम्पल भागी वाशरूम में, पीछे पीछे दीपक भी आ गया।
अब मनोज भी अंदर ही आ गया, डिम्पल ने बाथटब में खड़े होकर शावर खोल लिया। दीपक और मनोज भी उससे चिपट गए।
पानी की गर्म फुहार और नीचे फनफनाते हुए लंड और लपलपाती चूत… एक बार फिर गुत्थम गुत्था हो गई।

हालाँकि लंड अभी खड़े नहीं हो पाए थे पर फिर भी चूत में तो घुस ही गए थे।
नहा कर तीनों नंगे ही चिपट कर सो गए।

रात को तीन चार बजे करीब दीपक ने डिम्पल की चूत पर एक बार फिर धावा बोल दिया। मनोज तो खर्राटे ले रहा था।

डिम्पल अबकी बार दीपक के ऊपर चढ़ कर बैठ गई और अपने हाथ से उसका लंड अपनी चूत में घुसा लिया और जोर जोर से उछल उछल कर चुदाई करने लगी।अब दीपक ने उसको नीचे पलटा और वापिस उसके ऊपर चढ़ कर चुदाई करी और उसके ऊपर ही इसे लेट गया कि उसका वजन डिम्पल पर ना पड़े।
उसने अपना सारा माल डिम्पल की चूत में खाली कर दिया।

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पौंछने के लिए वो उठना चाह रहा था पर डिम्पल ने उसे चिपटा लिया और अलग नहीं होने दिया।
बड़ी मुश्किल से दीपक ने अपने को छुड़ाया, वाश रूम जाकर अपने को साफ़ किया और डिम्पल के पास आकर सो गया।

अगले दो दिन उन लोगों ने जम कर चुदाई की… मनोज के मन की पूरी हो गई थी और डिम्पल को भी दो दो लंड से चुदने का मजा मिल गया था।
दीपक आज जा रहा था और अब उसके भी मन में थी कि काश मुक्ता भी एक बार मनोज से ऐसे ही चुद ले।

उसने मनोज से यह बात कही तो मनोज बोला- दीपक, यह तो मेरा मन था इसलिए हो गया और डिम्पल भी तुमसे खुली हुई थी, इसलिए उसे भी कोई परेशानी नहीं हुई। पर मुक्ता को ये अच्छा नहीं लगेगा और जो प्यार हम दोनों परिवारों का है, शायद वो खतरे में पड़ जाए, इसलिए यह खेल यहीं तक ठीक है और आगे भी होगा या नहीं पता नहीं क्योंकि डिम्पल ने यह वादा लिया था कि बार केवल इसी बार…

दोस्तो, कैसी लगी आपको यह कहानी… यह एक सच्चा वाकिया है और दीपक और मनोज के परिवार आज हंसी ख़ुशी से रह रहे हैं जैसे कुछ हुआ ही न हो।
किसी भी ऐसी रिलेशनशिप को एक मुकाम पर रोक देना हमेशा हितकर होगा। यह मनोज ने साबित किया।

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