हाय दोस्तो, मैं सतेन्द्र दिल्ली से हूँ, मैं बीकॉम का स्टूडेंट हूँ और साथ में एक पार्ट टाइम जॉब करता हूँ।
मैं अपने बारे में बता दूँ.. मैं 19 साल का हूँ.. ज्यादा स्मार्ट तो नहीं हूँ.. लेकिन मेरा लंड एक ख़ास किस्म का है.. जो किसी भी भाभी आंटी लड़की को खुश कर सकता है।
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और यह मेरी पहली और सच्ची कहानी है.. जो मैं आप लोगों से शेयर कर रहा हूँ। अगर थोड़ी बहुत गलती हो जाए.. तो माफ़ करना।
बात उस समय की है.. जब मैं कानपुर गया था.. गर्मियों का टाइम था। मैं रोज सुबह सैर पर जाया करता था।
सैर तो एक बहाना था.. वैसे लड़कियां और आंटी देखने जाता था।
पहले ही दिन मुझे पार्क में एक स्वीट सी लड़की दिखी.. उसका फिगर कमाल का था.. लगभग 32-28-32 का फिगर रहा होगा। वो शादी-शुदा थी.. उसकी उम्र लगभग 24 साल की होगी। वो अकेली पार्क में आती थी।
पहला दिन तो ऐसा ही गया.. दूसरे दिन मैं उसके पीछे-पीछे घूमने लगा। पीछे से मैं उसकी मटकती गांड को देखता। वो रोज टाइट पैंट पहन कर आती थी।
दो-तीन दिन तो मैं ऐसे ही ताड़ता रहा। उसने ये बात नोटिस की लेकिन कुछ नहीं बोली।
वो हर दिन एक उदास चेहरा लेकर आती थी।
फिर एक दिन मैंने हिम्मत करके उससे बात की- हाय!
वो- हाय..
मैं- मैं सतेन्द्र..
वो- मैं सोनी..
फिर उसने मुझसे कहा- मैं आपको कुछ दिनों से नोटिस कर रही हूँ।
मैंने कहा- मैं इतना भी हैंडसम नहीं हूँ।
तो वो हँस दी.. यार क्या क्यूट सी स्माइल थी।
मैंने कहा- आपके नाम जैसे आपका स्माइल भी बहुत सेक्सी है।
तो उसने मुझसे पूछा- पहले आपको देखा नहीं.. यहाँ पर नए हो।
मैंने कहा- हाँ.. नया हूँ और आप?
सोनी- मैं 2 साल से यहाँ हूँ.. शादी के बाद से।
मैं- ओह्ह आप मैरिड.. पर लगती नहीं है आप।
बातों बातों में पता चला कि शादी के बाद से खुद से कुछ कर नहीं पाई.. इसलिए उदास रहती है।
मैंने उसके हसबैंड के बारे में पूछा.. तो उसने बताया कि वो बहुत बोरिंग किस्म के इंसान हैं और काफी बाहर रहते हैं।
मुझे तो यह सुनकर बहुत खुशी मिली कि चलो इसका पति बाहर है.. तो इसे चोदने का मौका मिलेगा।
फिर उसने मुझसे कहा- मैं भी घर पर अकेली हूँ.. अपना काम खत्म करके शाम को फ़ोन करो.. मिलते हैं।
उसने अपना नंबर दे दिया।
मुझे तो ग्रीन सिग्नल मिल रहा था। उसके बाद हम दोनों पार्क से आ गए।
फिर दो बजे मैंने मेरा काम खत्म करके जानबूझ कर उसको फ़ोन किया कि कहीं बाहर लंच पर चलते हैं।
उसने कहा- घर पर बना लिया है.. क्यों न तुम मेरे घर आ जाओ।
मैंने पूछा तो उसने अपना पता बता दिया।
मैं तो बहुत खुश था। मैं अगले 30 मिनट में उसके घर के पास आया। उसका फ्लैट तीसरी मंजिल पर था।
मेरे दरवाजे खटखटाने से पहले उसने दरवाजा खोल दिया।
मेरी आँखें खुली रह गईं.. उसने एक फ्रॉक नुमा ड्रेस पहना था.. जो घुटनों के ऊपर था।
मुझे उसके गोरे-गोरे घुटने दिख रहे थे।
सोनी- अन्दर आओ ना।
मैं- हां.. क्यों नहीं।
अन्दर आकर मैंने कहा- सेक्सी दिख रही हो.. माफ़ करना कहने से रोक नहीं पाया।
सोनी- ज्यादा मजाक मत करो.. खाना ठंडा हो जाएगा.. जल्दी खा लेते हैं।
मैं- मैं मजाक नहीं कर रहा हूँ।