मैं कमर झटकते बोली, ‘हाय पापा मेरी चूत फ़टट गई। निकालो मुझे नहीं चुदवाना।’
पापा अपना लण्ड पेलते हुए मेरे गाल चाट रहे थे। पापा मेरे गाल चाट बोले, ‘बेटी रो मत अब तो पूरा चला गया।’
‘हर लड़की को पहली बार दर्द होता है फिर मजा आता है।’कुछ देर बाद मेरा कराहना बंद हुआ तो पापा धीरे धीरे चोदने लगे।
पापा का कसा कसा लण्ड आ जा रहा था। अब सच ही मजा आ रहा था। अब जब पापा ऊपर से धक्का लगाते तो मैं नीचे से गांड उछालती। उमेश तो केवल ऊपर से रगड़ कर चोदकर चला गया था। असली चुदाई तो पापा कर रहे थे।
पापा ने लण्ड पूरा अन्दर तक पेल दिया था। पापा का लण्ड उमेश से बहुत मजेदार था। जब पापा शॉट लगाते तो सुपाड़ा मेरी बच्चेदानी तक जाता। मुझे जन्नत के मजे से भी अधिक मजा मिल रहा था।
तभी पापा ने पूछा, ‘बेटी अब दर्द तो नहीं हो रही है।’
‘हाय पापा अब तो बहुत मजा आ रहा है। आहहहछ पापा और जोर जोर से चोदिये पापा।’
इसी तरह 20 मिनट बाद पापा के लण्ड से गरम गरम मलाईदार पानी मेरी चूत में गिरने लगा। जब पापा का पानी मेरी चूत में गिरा तो मैं पापा से चिपक गई और मेरी चूत भी फलफलाकर झड़ने लगी।
हम दोनों साथ ही झड़ रहे थे। पापा ने फिर मुझे रात भर चोदा।
सुबह 12 बजे सोकर उठे तो मैंने पापा से कहा, ‘पापा आज फिर चोदेंगे’
‘अरे मेरी जान अब मैं बेटीचोद बन गया हूँ। अब तो रोज ही चोदूँगा।’
‘अब तू मेरी दूसरी बीवी है पर पापा जब मम्मी आ जाएंगी तो?’
‘मेरी जान उसे तो बस एक बार चोद दूंगा और वो ठंडी हो जाएगी फिर तेरे कमरे में आ जाया करूंगा।’
मैं फिर पापा के साथ रोज सुहागरात मनाने लगी। ‘शायद कोई आ रहा हैं मैं बाद में स्टोरी लिखूंगी बाकी मुझे मेल करना कैसी लगी स्टोरी।’