पापा से चुदवा लिया मैंने

मैं घर में अकेली चड्डी उतारकर अपनी चूत में उँगली पेलकर मजा ले रही थी जिससे जब पापा का मोटा लण्ड चूत में जाए तो दर्द न हो।

उमेश के आने पर सोचा कि जब तक पापा नहीं आते तब तक क्यों ना इसी से एक बार चुदवाकर मजा लिया जाए। यही सोचकर दरवाजा खोल दिया।

मैंने जैसे ही दरवाजा खोला उमेश फ़ौरन अन्दर आया और मुझे देखकर खुश हो मेरी चूचियों को पकड़कर बोला, ‘हाय रानी बड़ा अच्छा मौका है।’

मैं उसकी हरकत पर सनसना गई। उसने मेरी चूचियों को छोड़कर पलटकर दरवाजा बंद कर दिया और मुझे अपनी गोद में उठा लिया और मेरी चूचियों को मसलते हुए मेरे होंठों को चूसने लगा और बोला।

‘हाय रानी तुम्हारी चूचियाँ तो बहुत टाइट हैं।’

‘हाय बहुत तड़पाया है तुमने, आज जरूर चोदूंगा।’

‘हाय भगवान छोड़ो पापा आ जाएंगे।’

‘डरो नहीं मेरी जान बहुत जल्दी से चोद लूँगा।’

‘मेरा लण्ड मोटा नहीं है दर्द नहीं होगा।’

वो मेरी गांड सहला बोला, ‘हाय चड्डी नहीं पहनी है, यह तो बहुत अच्छा है।’

मैं तो अपने पापा से चुदवाने के जुगाड़ में ही नंगी बैठी थी पर यह तो एक सुनहरा मौका मिला गया था। मैं पापा से चुदवाने के लिए पहले से ही गर्म थी।

जब उमेश मेरी चूचियों और गालो को मसलने लगा तो मैं पापा से पहले उमेश से मजा लेने को तैयार हो गई।

उसकी छेड़ छाड में मजा आ रहा था। मेरी चूत पापा का लण्ड खाने को बेताब हो गई थी।

मैं अपनी कमर लचकाती बोली, ‘हाय उमेश जो करना हो जल्दी से कर लो कहीं पापा ना आ जाए।’

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मैं पागल होती बोली, तो उमेश मेरा इशारा पा कर मुझे बेड पर लिटा अपना पैंट उतारने लगा।

नंगा हो बोला, ‘रानी बड़ा मजा आएगा।’

‘तुम एकदम तैयार माल हो। देखो मेरा लण्ड छोटा है ना।’

उसने मेरा हाथ अपने लण्ड पर रखा तो मैं उसके 4 इंच के खड़े लण्ड को पकड़ मस्त हो गई। इसका तो पापा से आधा था।

मैं उसका लण्ड सहलाती बोली, ‘हाय राम जो करना है जल्दी से कर लो।’

उमेश के लण्ड पकड़ते ही मेरा बदन तड़पने लगा। पहले मैं डर रही थी पर लण्ड पकड़ मचल उठी। मेरे कहने पर वो मेरी टांगों के बीच आया और मेरी कसी कुंवारी चूत पर अपना छोटा लण्ड रख धक्का मारा।

सुपाड़ा कुछ अन्दर गया। फिर 3-4 धक्के मारकर पूरा अन्दर पेल दिया।

कुछ देर बाद उसने धीरे धीरे चोदते हुए पूछा, ‘मेरी जान दर्द तो नहीं हो रहा है। मजा आ रहा है ना’

‘हाय मारो धक्के मजा आ रहा है।’ मेरी बात सुन वो तेज़ी से धक्के मारने लगा।

मैं उससे चुदवाते हुए मस्त हो रही थी।

उसकी चुदाई मुझे जन्नत की सैर करा रही थी। मैं नीचे से गांड उचकाती सिसयाते हुए बोली।

‘हाय उमेश जोर जोर से चोदो तुम्हारा लण्ड छोटा है।’

‘जरा ताक़त से चोदो राजा।’ मेरी बात सुन उमेश जोर जोर से चोदने लगा। उसका छोटा लण्ड सटासट मेरी चूत में आ जा रहा था।

मैं पहली बार चुद रही थी इसलिए उमेश के छोटे लण्ड से भी बहुत मजा आ रहा था। वो इसी तरह चोदते हुए मुझे जन्नत का मजा देने लगा।

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10 मिनट के बाद वो मेरी चूचियों पर लुढ़क गया और कुत्ते की तरह हांफने लगा। उसके लण्ड से गरम-गरम पानी मेरी चूत में गिरने लगा। मैं पहली बार चुदी थी और पहली बार चूत में लण्ड की मलाई गिरी थी इसलिए मजे से भर मैं

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