पापा के साथ बढ़ती नज़दीकिया

हेलो दोस्तो…. पिछले पार्ट में अपने पधा की कैसे मैने और मेरे छोटे भाई कार्तिक ने मिल कर पापा को फादर’स दे पर सर्प्राइज़ दिया और फादर’स दे मनाया. उसके बाद कैसे मैं पापा के सामने कपड़े चेंज करते हुए नंगी हो गयी और पापा को फादर’स दे गिफ्ट दिया.

अब आयेज…..

पापा को फादर’स दे गिफ्ट देने के बाद यूयेसेस रात जब मैं सोने के लिए बेड पर लेती. तभी थोड़ी देर में पापा का स्मस आया.

पापा (स्मस) – थॅंकआइयू सो मच नीलम बेटा.. ये मेरी लाइफ का सबसे बेस्ट गिफ्ट है. तुम बहुत जयदा सुंदर हो.

मैं (स्मस) – इट्स ओके पापा… लेकिन पापा अब मैने आपकी बात मानी. आप जो चाहते थे मैने आपके लिए किया. अब प्रॉमिस करो की अब कभी ऐसा कुछ नही होगा आपके और मेरे बीच. और कभी मुझसे ऐसा कुछ नही माँगॉगे.

पापा (स्मस) – ई प्रॉमिस बेटा. अब कभी ऐसा कुछ नही माँगूंगा. और थॅंकआइयू सो मच.. मैं काफ़ी दीनो से प्रेशन था लेकिन आज मैं बहुत खुश हू.

मैं (स्मस) – ई नो पापा… मैं आपकी बेटी हू. मैं साँझ सकती हू. अपने मुझे अपनी प्रेशानि बताई की मम्मी और आपके बीच अब कुछ भी नही होता. इषली मैने आपके लिए ये सब किया. बस आप खुश रहा करो पापा. मम्मी और आपके बीच सब जल्दी ही ठीक हो जाएगा.

पापा (स्मस) – हॅम नीलम बेटा. मैं भी यही चाहता हू की सब ठीक हो जाए. लेकिन बेटा मेरे शादी से पहले के दिन सिर्फ़ तुम ही मुझे दे सकती हो तुम्हारी मम्मी नही. आज मैने तुम्हे देखा तो मैं बस देखता ही रह गया. तुम तो अपनी मम्मी से भी बहुत जयदा सुंदर हो. मुझे तो आज पता चला की मेरी बेटी इतनी जयदा खूबसूरत है.

मैं (स्मस) – ओके पापा जी. आप भी बहुत आचे हो. मैं गोद से प्रेयर करूँगी. जल्दी ही सब ठीक हो जाएगा मम्मी आपको पहले की तरह बहुत प्यार करेगी.

पापा (स्मस) – हॅम… अछा नीलम बेटा बुरा ना मानो तो एक बात बोलू..??

मैं (स्मस) – हंजी पापा… बोलीई..

पापा (स्मस) – मैं तुमसे बात कर रहा हू तो अभी भी मेरी आँखो के आयेज वोही सब सीन आ रहा है. जैसे मैने आज तुम्हे बिना क्लोद्स के देखा. तुम्हारी खूबसूरती देखी. क्या तुम मुझे ऐसे बिना कपड़ो के देखना चाहोगी.?

पापा का ये स्मस पढ़ कर मैं हड़बड़ा सी गयी. की मैं बात को यहीं ख़त्म करना चाहती हू और पापा हैं की बात को और आयेज बदाना चाहते हैं.

मैने पापा को स्मस किया…..

मैं (स्मस) – पापा… आप ये क्या बोल रहे हो… मैने आपको अभी कहा और अपने प्रॉमिस भी किया. की अब ऐसा कुछ कभी नही होगा हमारे बीच. और आप मेरे पापा हो मैं आपको ऐसे बिना कपड़ो के नही देख सकती.

पापा (स्मस) – नीलम बेटा… मैने भी तो तुम्हे देखा तो तुम मुझे क्यू नही देख सकती..??

मैं (स्मस) – पापा क्यूकी आप प्रेशन हो रहे थे इषली मैने आपकी बात मानी. और अपने पहले भी मुझे अचंक होटेल में देख ही लिया था. इषली मैने दुबारा आपको आखरी बार दिखा दिया. मैं आपको बिना कपड़ो के नही देख सकती.

पापा (स्मस) – क्यू बेटा… अब तो हमारा ब्फ गफ़ के जैसा रीलेशन है. ब्फ गफ़ में ये सब चलता है.

पापा बार बार ज़िद करने लगे. इषली मैने बात को घूमने की सोची और पापा की हन में हन कर दी और पापा को स्मस किया.

मैं (स्मस) – पापा.. आप ये सब क्या बोल रहे हो. मैं आपकी बेटी हू. अछा चलो ठीक है लेकिन जब मैं कहूँगी तब बीटीये दूँगी.

पापा (स्मस) – ओके मी डियर…

मैं (स्मस) (मज़े लेते हुए) – अछा पापा.. मैने आपकी बात मानी. अब आप भी बताओ मुझे की यूयेसेस दिन जब मैं आपके रूम में सफाई करने के लिए जब अचंक आई थी तब आप अपने मोबाइल में क्या देख रहे थे.

पापा (स्मस) – कब??

मैं (स्मस) (मज़े लेते हुए) – अचाा जीिीइ…. अब कब… बतौ मैं आपको… जब आप यूयेसेस दिन एक हाथ में फोन ले कर कुछ देख रहे थे और आपका दूसरा हाथ आपके लोवर के अंदर था हहेहहे.

पापा (स्मस) – अचााअ ओह… कुछ नही तब तो मैं बस ऐसे ही. कुछ भी तो नही देख रहा था.

मैं (स्मस) – अछा झूटीई हो आप… मैने आपकी बात मानी अब आप भी सच सच बताओ की क्या देख रहे थे अपने मोबाइल में यूयेसेस दिन.?

पापा (स्मस) – कुछ नही बेटा बोला तो… अछा मुझ पर विश्वास नही है तो कल सुबा मेरा फोन खुद ही चेक क्र लेना. कुछ है ही नही मेरे फोन में.

मैं (स्मस) – ओके ठीक है कल दिखा देना अपना फोन मैं खुद ही देख लूँगी की आप क्या देख रहे थे यूयेसेस टाइम अपने मोबाइल में.

पापा और मुझे बात करते करते सुबा के 4 बाज गये और टाइम का पता ही नही चला.

मैं (स्मस) – पापा अब मुझे बहुत तेज नींद आ रही है. सुबा के 4 बाज गये हैं. मैं अब सो रही हू पापा. आप भी सो जाओ थोड़ी देर. आज आपको ऑफीस नही जाना क्या.??

पापा (स्मस) – आज सनडे है पागल… ओके नीलम बेटा.. तुम सो जाओ मैं भी सो ही रहा हू… गुड नाइट बेटा. ई लोवे उ

मैं (स्मस) – ओके पापा.. गुड नाइट. ई लोवे उ टू पापाआ.

पूरी रात पापा और मैं सुबा 4 बजे तक बात करते करते अब आराम से सो गये.

अगले दिन सुबा सनडे था. सनडे को घर में सभी ही 10 – 11 बजे तक आराम से उठ’ते है. तो मैं भी आराम से सुबा 11 बजे उठी.

मैं बेड से उठी फिर घर की सफाई वगेरा करी और नहाने चली गयी. उसके बाद हम सब ने ब्रेकफास्ट किया.

घर के काम सॉफ सफाई कर के और खाना खाने के बाद मैं बेड पर बेती थी तो मुझे एक दूं से ध्यान आया की आज पापा ने मुझे अपना फोन दिखना था.

पापा मम्मी छोटा भाई हम सभी ही रूम में बेते बाते कर रहे थे. और सनडे को हम बाहर कहीं ना कहीं घूमने जाते हैं तो घूमने का प्लान वगेरा बना रहे थे.

कल रात जो हुआ उसके बाद तो मेरी आँखे पापा से मिलाई ही नही जा रही थी. मैं तो उनसे बात तक नही कर पा रही थी.

सभी घूमने का प्लान ब्ना रहे थे तो मैं अपना फोन चलाने लगी. तो मैने सोचा की पापा को स्मस कर के उनका फोन मांगती हू. क्यूकी मेरी पापा से सामने बात करने की बिल्कुल भी हिम्मत नही हो रही रही.

तो मैने पापा को स्मस किया.

मैं (स्मस) – पापा… आज आप अपना फोन मुझे दिखाने वेल थे. अभी तक नही दिखाया अपने.

पापा ने अपना फोन देखा और फिर मेरे तरफ देखा और फिर मेरे स्मस का रिप्लाइ किया.

पापा (स्मस) – नीलम बेटा. मेरे फोन में कुछ भी नही है. सब खाली है.

मैं (स्मस) – मुझे नही पता पापा. मुझे बस देखना है. अपने प्रॉमिस किया था.

पापा (स्मस) – अछा बाबा. शाम को घूमने जाएँगे सभी तब गद्दी में चेक कर लेना मेरा फोन बेटा.

मैं (स्मस) – ओके पापा जी….

मुझे पूरा यकीन था की कुछ ना कुछ तो पापा के मोबाइल में ज़रूर होगा. क्यूकी यूयेसेस दिन जब पापा अपने लोवर में हाथ डाल के अपना लंड पकड़ के आयेज पीछे कर रहे थे. तब अपने फोन में ही कुछ देख कर अपना लंड ज़ोर ज़ोर से हिला रहे थे.

आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट्स में जारी रहेगी…

यह कहानी भी पड़े  भाभी की चूत और गांद का बजा बजाया


error: Content is protected !!