भाई ने बहन को गरम करके उसको रंडी बनाया

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम अभिक है. मैं 23 साल का हू. मेरे पापा बंगलोरे में जॉब करते है, और वही रहते है. मेरी मों अरुणिमा, मैं, और मेरी छ्होटी बेहन श्रेया, हम तीनो कोलकाता में रहते है.

मेरी मों बहुत खूबसूरत है. उनकी उमर 48 साल है, रंग गोरा, मोटी गांद, और फिगर सुडौल है लगभग 38-30-38. और मेरी बेहन श्रेया बहुत ही सेक्सी और सुंदर है, रंग गोरा, हाइट 5 फीट 3 इंच, उमर 19 साल, फिगर 34 28 34 है. मेरी बेहन की गांद मेरी मों की तरह रौंद और सुडौल है.

इससे पहले वाली स्टोरी में मैने आपको बताया था की कैसे मैने अपनी मों की चुदाई की. लेकिन ये स्टोरी मेरी मों की नही बल्कि मेरी छ्होटी बेहन श्रेया की है.

एक दिन की बात है, रात काफ़ी हो गयी थी. सब के सोने का समय हो गया था. मेरी बेहन भी अपने रूम में जेया कर सो चुकी थी, और यही वो समय होता है जब मैं अपनी मों की चुदाई कर पाता हू. रोज़ाना की तरह इस दिन भी मैं अपने मों के रूम गया. मों बेड में लेती हुई थी.

मैं मों के बालों को पकड़ कर उन्हे अपना लंड चुसवाने लगा. थोड़ी देर में ही मेरा लंड खड़ा हो गया, और मैं मों की निघट्य उठा कर उन्हे डॉगी स्टाइल में छोड़ने लगा. उनकी चुदाई कर ही रहा था की तभी मेरी छ्होटी बेहन ने विंडो से मुझे और मों को चुदाई करते हुए देख लिया.

वैसे तो विंडो बंद रहता है, लेकिन पता नही उस दिन कैसे खुला रह गया. मेरी बेहन मों के सामने तो नही आई, और विंडो से ही अपने रूम में चली गयी. मैं जल्दी से मों की चुदाई पूरी करके अपनी छ्होटी बेहन के रूम गया ताकि उसे सब समझा साकु, और वो मों से इस बारे में कुछ ना कहे.

मेरे रूम में घुसते ही उसने मुझे दांता की हम लोग ऐसा कैसे कर सकते थे. अपनी मों के साथ सेक्स ग़लत है वग़ैरा-वग़ैरा. तो मैने उसको समझाया-

मैं: तुम अभी छ्होटी हो. तुम्हे पता नही की आज-कल फॉरिन में और इंडिया में ये सब कामन है. और बहुत लोग फॅमिली में सेक्स करते है.

मैने उसे बताया की कैसे मैने मों को एक लड़के के साथ सेक्स करते हुए रंगे हाथो पकड़ा था, और बाद में मुझे समझ आया की दाद के डोर होने के कारण मों की सेक्स नीड्स पूरी नही हो पा रही थी.

तो मुझे मों का सहारा बनना पड़ा. फिर मैने उसे 2-3 इन्सेस्ट सेक्स स्टोरीस डाउनलोड करके मोबाइल में दे दी और बोला-

मैं: तुम इन स्टोरीस को पढ़ो. तुम्हे सब समझ में आ जाएगा.

फिर मैने उसे समझाया की ये सब होता तो है, बुत सबसे सीक्रेट रखा जाता है. दूसरे दिन मैने उसे भाई-बेहन के सेक्स वाली इन्सेस्ट स्टोरी भेजी उसके व्हातसपप में.

उसने कुछ देर बाद रिप्लाइ किया: ची! बहुत गंदा था. शरम करो!

मैने कुछ रिप्लाइ नही किया क्यूंकी ये मेरे लिए एक पॉज़िटिव शुरुआत थी. अगले कुछ दिन तक मैं उसे इन्सेस्ट सेक्स स्टोरीस भेजता रहा. बुत उसने कोई रिप्लाइ नही दिया. फिर एक दिन मैने उसे कोई स्टोरी नही भेजी. उसी दिन रात 11 बजे उसने मुझे मेसेज किया-

श्रेया: क्या बात है, आज कोई स्टोरी नही भेजी?

उसका मेसेज पढ़ते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं समझ गया उसकी भी छूट गरम हो गयी थी. फिर मैं फ़ौरन उसके रूम में गया. मुझे देख कर वो चौंक गयी और पूछी-

श्रेया: इतनी रात को यहा?

मैं बोला: बस नींद नही आ रही थी.

उसके बेड के पास उसकी ब्रा और चड्डी रखी हुई थी. मैं उसी के सामने उसकी चड्डी को उठा कर स्मेल करने लगा. उसने अपनी चड्डी मेरे हाथ से चीन ली, और बोली-

श्रेया: ये क्या कर रहे हो पागल?

फिर मैं उसको बोला: तुम्हारी नीचे वाली सीसी स्मेल बहुत अची है. और हम रियल में स्मेल करना चाहते है.

वो मुझे पागल बोल कर रूम से जाने लगी. मैने उसको हग कर लिया, और मौका मिलते ही उसके बूब्स दबाने लगा. वो मुझसे खुद को चुधने की कोशिश करने लगी. मगर मैने उसको कस्स करके हग कर लिया, और उसके बूब्स दबाने लगा.

मैने उसको बोला: बस एक बार अपना छूट स्मेल करने डेडॉ. मैं फिर कभी कुछ नही माँगूंगा.

वो मुझे बोली: तुम पागल हो गये हो. हम कुछ नही स्मेल करने देंगे.

फिर मैं उसे बार-बार बोलने लगा: प्लीज़ एक बार स्मेल करने दो. प्लीज़ एक बार स्मेल करने दो.

और उसके बूब्स मसालने लगा. वो उम्म उम्म की आवाज़ निकालने लगी. वो भी धीरे-धीरे गरम होने लगी. अट लास्ट वो मान गयी और बोली-

श्रेया: बस एक बार, फिर दोबारा कभी नही. और चड्डी के उपर से ही करना जो भी करना है.

मैं समझ गया की अब ये भी गरम हो गयी थी, और यही मौका था. मैने तुरंत ही हा बोला और उसके ट्राउज़र्स को खोलने लगा. मैने पहले उसकी नाइट पंत को नीचे किया. फिर उसकी चड्डी को भी नीचे कर दिया.

वो रोकने का कोशिश की, मगर रोक नही पाई. मैने चड्डी को नीचे कर अपना पूरा मूह उसकी छूट में घुसा दिया, और जीभ से उसकी छूट को चाटने लगा. वो झटपटाने लगी, और मुझे पीछे धक्का दे कर रोकने की कोशिश करने लगी.

लेकिन मैं उसके दोनो पैरों को कस्स कर पकड़ कर उसकी छूट को चाट-ता रहा. उसकी छूट एक-दूं गुलाबी शेव की हुई थी. लग रहा था कुछ दिन पहले ही शेव की थी. थोड़ी ही देर में वो उम्म्म उम्म्म की आवाज़ निकालने लगी. उसको भी मज़ा आने लगा, और वो अपने दोनो पैर फैला दी. हमने भी मौका देख दोनो उंगलियों से छूट को फैलाया, और पूरी जीभ घुसा-घुसा कर चाटने लगे.

अगले दो मिनिट में वो पूरी आउट ऑफ कंट्रोल हो गयी, और काँपने लगी. वो अपने मूह से आहह आहह की आवाज़ निकालने लगी. मेरा लंड पूरा टाइट हो गया था, और मौका मिलते ही मैने उसकी छूट में अपने लंड को घुसा दिया. बहुत टाइट छूट थी उसकी. इतनी गीली होने के बाद भी लंड नही घुस रहा था. वो दर्द से रोने लगी.

मैं बोला: बस दो मिनिट में दर्द कम हो जाएगा. तोड़ा कंट्रोल करो.

थोड़ी देर में पूरा लंड उसकी छूट में जाने लगा, और उसको मैं पूरी तेज़ी से छोड़ने लगा. वो ज़ोर-ज़ोर से आहह आहह की आवाज़े निकाल रही थी. अब मैं उसके दोनो हाथो को पकड़ उसे तेज़ी से छोड़ रहा था. अब उसे भी मज़ा आने लगा, और वो दोनो टाँगो को फैला कर मुझे सपोर्ट करने लगी.

अगले 10 मिनिट तक उसको रग़ाद के छोड़ते रहा. फिर उसके बाद मैने उसकी छूट के अंदर अपना सारा माल गिरा दिया. उसका बुरा हाल हो गया. उसे बातरूम जाना था, मगर ना तो वो खड़ी हो पा रही थी, ना चल पा रही थी. मैं उसे गोद में उठा कर बातरूम ले गया, और फिर गोद में उठा कर वापस बेड पर लाया.

दूसरे दिन उसने मुझ पर खूब गुस्सा किया और बोली अभी तक उसकी छूट में दर्द था. फिर मैने उसे समझाया की सिर्फ़ फर्स्ट टाइम सेक्स में दर्द होता है, अब नेक्स्ट टाइम से नही होगा. तब वो शांत हुई. कुछ दिन बाद से मैं उसे रोज़ाना छोड़ने लगा, और कुछ ही दीनो में ही हम लोग भाई बेहन से कब गर्लफ्रेंड बाय्फ्रेंड टाइप बन गये, पता ही नही चला.

अब मैं उसे गालियाँ दे कर छोड़ने लगा: साली रांड़, चिनार, एक नंबर की रंडी है तू. तुमको आज रंडी की तरह छोड़ेंगे.

और वो बोलती है: मुझे रंडी की तरह छोड़ो, रंडी बना दो मुझे, छूट फाड़ दो मेरी.

मुझे नही पता मेरी बेहन से मेरा आज क्या रिश्ता है. बुत हम उसे बेहन वाला भी प्यार करते है, और बीवी वाला भी. मैं उसको बेहन कम वाइफ कम रंडी बोलता हू.

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