भाभी मई और सेठी साहब
सेठी साहब डिनर के बाद टहलते हुए आये और मेरे दरवाजे में से अंदर झाँक कर उन्होंने मेरा हाल पूछा। फिर वह अपने कमरे में चले गए। मैं फिर नहाने चली गयी। करीब दस बजे से पहले ही भाभी सब को खाना खिला कर, बच्चों को उनके कमरे में सुलाकर, रसोई, डाइनिंग टेबल बगैरह साफसूफ …