ही फ्रेंड्स, मेरा नाम पूजा है. मैं हिमाचल प्रदेश की रहने वाली हू. मेरी उमर 32 साल है, और मैं शादी-शुदा हू. हाइट मेरी 5’7″ है, और रंग मेरा गोरा है. फिगर मेरा 36-32-38 है. अब आप लोग खुद ही अंदाज़ा लगा सकते है, की इस फिगर और हाइट के साथ मैं कितनी खूबसूरत लगती होंगी.
लेकिन खूबसूरती का फ़ायदा तब होता है, जब उसकी प्रशंसा करने वाला कोई हो. और एक औरत की खूबसूरती की प्रशंसा उसको छोड़ कर, और उसको आनंद की चरम सीमा पर पहुँचा कर की जाती है.
जब भी मैं घर से बाहर निकलती हू, तो हर मर्द मुझे गंदी नज़र से देखता है. वो मुझे आँखों ही आँखों में छोड़ने लगते है. लेकिन एक मेरे हज़्बेंड है, जिनके पास इतना अछा माल, जिसके लोग सपने देखते है, है. लेकिन फिर भी वो मुझे मज़ा नही देते.
मेरी शादी के कुछ वक़्त बाद ही मुझे पता चल गया था की मेरे हज़्बेंड सेक्स के इतने शौकीन नही है. पहले-पहले तो मैं फिंगरिंग करके खुद को शांत कर लेती थी. लेकिन फिर फिंगरिंग करके संतुष्टि मिलनी बंद हो गयी. अब मुझे समझ नही आ रहा था की मैं क्या करती.
हमारे घर के सामने वाले घर में भी एक हज़्बेंड, वाइफ और उनके बच्चे रहते है. वाइफ का नाम सोनम है, और वो भी बहुत खूबसूरत है. उन दोनो के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता था, और सोनम का हज़्बेंड उसको पीट भी देता था.
एक दिन ऐसे ही उनके घर में पहले लड़ाई हुई, और फिर सोनम मार खा कर घर के गाते के साथ नीचे बैठ कर रो रही थी. उसके हज़्बेंड ने उसको घर से बाहर निकाल दिया था. मैं अपने घर में अकेली थी. जब मैने सोनम को बाहर बैठे देखा, तो मुझे उस पर तरस आ गया.
मैं गयी उसके पास, और उसको अपने साथ ले आई. उस वक़्त सोनम ने पाजामी सूट पहना हुआ था, जो उसकी बॉडी पर पूरा टाइट था, और उसका पूरा फिगर सॉफ पता चल रहा था. मैने उसको सोफा पर बिताया, और उसको पानी दिया. जब मैने उसको पानी दिया, तो मेरी नज़र उसकी क्लीवेज पर गयी.
पता नही मुझे क्या हुआ, लेकिन मुझे उसकी गर्दन और क्लीवेज देख कर उसको किस करने का मॅन कर रहा था. उसका गाल हल्का लाल हुआ पड़ा था. शायद उसको थप्पड़ पड़ा था, मैने पूछा नही. फिर मैने उससे बात शुरू की. मैने उससे पूछा-
मैं: क्या प्राब्लम चल रही है तुम्हारे घर में? तुम्हारे बीच बार-बार लड़ाई क्यूँ होती है, और तुम्हारा हज़्बेंड तुम्हे मारता क्यूँ है?
सोनम: दीदी मेरे हज़्बेंड का किसी और लड़की के साथ चक्कर चल रहा है. वो उसके साथ गुलचछरे उड़ाते है, और मुझे देखते तक भी नही. जब मैं बोलती हू, तो हमारी लड़ाई हो जाती है, और फिर वो मुझ पर हाथ भी उठाते है.
उसकी ये बात सुन कर मैं समझ गयी, की वो भी असंतुष्ट थी मेरी तरह. फराक बस ये था की वो अपने पति को बोल देती थी, जिसकी वजह से झगड़े होते थे, और मैने कभी अपने पति को बोला ही नही.
उसकी बात पूरी होने के बाद मैं खुद को कंट्रोल नही कर पाई. मैने सोचा यही मौका था, अगर कुछ करना था तो. ये सोच कर मैं आयेज बढ़ी, और अपने होंठ उसके होंठो के साथ चिपका दिया. मेरे इस अचानक हमले को वो समझ नही पाई.
पहले कुछ सेकेंड्स तो वो बस बिना कोई रेस्पॉन्स देते हुए बैठी रही. फिर उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया. मैं समझ गयी थी की मेरा अंदाज़ा बिल्कुल ठीक था, और वो भी असंतुष्ट थी मेरी तरह.
धीरे-धीरे हमर किस वाइल्ड होती गयी, और हम दोनो एक-दूसरे के बूब्स दबाने लगे. क्या मस्त सॉफ्ट बूब्स थे उसके, दबाने में बहुत मज़ा आ रहा था. वो भी मेरे बूब्स को ज़ोरदार तरीके से दबा रही थी.
किस करते और बूब्स दबाते हुए हमने एक-दूसरे के उपर के कपड़े निकाल दिए, और अब आधी नंगी एक-दूसरे को चूम रही थी. वो मेरा एक बूब दबाते हुए दूसरे का निपल चूस रही थी. इसमे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, और मैं उसके सर को अपने बूब्स में दबाती हुई सहला रही थी.
कुछ देर उसने मेरे बूब्स चूज़. अब मेरी बारी थी. मैने उसके दोनो बूब्स को चूस-चूस कर लाल कर दिया. अब हम दोनो खड़ी हुई, और फिरसे वाइल्ड किस करने लगी. किस करते-करते हम दोनो एक-दूसरे के चूतड़ दबा रही थी. धीरे-धीरे हम दोनो ने एक-दूसरे को नीचे से भी नंगा कर दिया. अब दो प्यास से भारी छूटे एक-दूसरे के सामने थी.
उसकी छूट पर हल्के बाल थे, और मेरी छूट बिल्कुल चिकनी थी. छूट देखते ही वो अपने घुटनो पर बैठ गयी, और मेरी छूट पर मूह लगा कर चाटने लगी. मैं हमेशा से अपने पति से अपनी छूट चटवाना चाहती थी. लेकिन उन्होने ऐसा कुछ नही किया.
लेकिन आज पहली बार अपनी छूट चटवा कर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. एक औरत होने के नाते वो ये आचे से जानती थी, की औरत को किस तरह की चटाई चाहिए. वो बिल्कुल वैसे ही चाट रही थी, जिससे मुझे चरम सुख मिल गया.
फिर कुछ देर में मैं उसके मूह पर ही झाड़ गयी. उसने मेरा पानी अपने मूह में लिया, और फिर खड़ी होके मुझे किस करने लगी. इससे मुझे भी अपने माल का टेस्ट चखने को मिल गया. फिर मैं अपने घुटनो पर बैठ गयी, और उसकी छूट को चाटने लगी.
वो भी सेक्स के लिए तड़प रही थी, और उसने मेरे सर को अपनी छूट में दबा दिया. मैं पुर जोश से उसकी छूट चूस रही थी. तकरीबन 15 मिनिट मैने आचे से उसकी छूट को छोड़ा, दाने को रगड़ा और चूसा, छूट को मसला. फिर वो आ आ करते हुए झाड़ गयी.
उसके बाद हम दोनो बेड पर लेट गये. हमारी साँसे चढ़ि हुई थी. वो मुझे बोली-
सोनम: मुझे इतना सुख कभी नही मिला.
मैं: कोई नही, आज के बाद मैं हू ना तुम्हे सुख देने के लिए.
सोनम: मैं आपके साथ रहना चाहती हू.
मैं: रहना तो मैं भी चाहती हू. लेकिन समाज हमारा रिश्ता स्वीकार नही करेगा. लेकिन एक-दूसरे के साथ तो हम कभी भी मज़ा कर सकते है. पड़ोसी होने का कुछ तो फ़ायदा लेना चाहिए.
उस दिन के बाद से हमारा हर तीसरे दिन सेक्स होने लगा.
थे एंड.