पड़ोस की वर्जिन लड़की की चुदाई की हॉट कहानी

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम रितेश है, और मैं वडोदरा सिटी (गुजरात ) से हू. ये मेरी पहली सेक्स स्टोरी है. पढ़ने के बाद आपको मेरी स्टोरी कैसी लगी ये मैल करे



मेरी आगे 20 यियर्ज़ है. मैं एक मल्टिनॅशनल कंपनी में जॉब करता हू. मेरे घर के बाजू में एक न्यू फॅमिली रेंट पर रहने आई थी. अंकल सुरेश, उनकी आगे 44 यियर्ज़ थी. उनकी वाइफ की आगे 40 यियर्ज़ थी. उनकी एक लड़की थी, जो अभी 1स्ट्रीट एअर में पढ़ रही थी. उसका नामे प्रतिमा था.

प्रतिमा उसके नाम के हिसाब से बहुत सुंदर थी. उसके गुलाबी होंठ, सीने पे नयी जवानी के खिले हुए दो आम, और फिगर तो भगवान ने उसको बहुत अछा दिया था 24-28-30 का. उसके फिगर उसके उपर चार चाँद लगा रहा था. अब मैं स्टोरी पर आता हू.

मैं अपने कमरे में बैठा हुआ मोबाइल पर देसी कहानी.कॉम ओपन करके मा-बेटा की चुदाई की कहानिया पढ़ रहा था. इससे मेरा लंड टाइट हो गया था. दोपहर के करीब 2:30 बजे होंगे, की मेरे घर की बेल बाजी.

एक-दूं से बेल बजने की वजह से मुझे बहुत गुस्सा आया की इतनी अची मा-बेटा सेक्स स्टोरी पढ़ रहा था, पता नही कों बेवकूफ़ दोपहर को आ गया. फिर मैने जल्दी से मोबाइल बंद किया, और दरवाज़ा खोलने के लिए गया.

दरवाज़ा खोलते ही मेरी नज़र सामने खड़ी लड़की पर पड़ी. वाउ, क्या बाला की खूबसूरत लड़की थी. उसको देख कर मेरा लंड मेरी पंत में ही सलामी देने लगा. मैने अपने आप पे कंट्रोल करके उस लड़की को पूछा-

मैं: बोलो क्या काम है?

उसने कहा: हेलो सिर, हम आपके बाजू वाले फ्लॅट में न्यू रेंट पर रहने आए है. हमारे घर का समान तोड़ा ज़्यादा है, तो क्या आप हमारा समान हमारे घर में रखने के लिए हेल्प करोगे?

मैने हा कहा, और उनका समान उनके घर में पहुँचा दिया. अंकल और आंटी ने मुझे थॅंक्स कहा. फिर मैं अपने कमरे में आ गया, और उसे लड़की (प्रतिमा) को याद करके बातरूम में जेया कर मूठ मारने लगा.

नेक्स्ट दे मैं जॉब के लिए जेया रहा था, तो सुरेश अंकल ने मुझे उनके घर पर बुलाया जहा डाइनिंग टेबल पर वो सब नाश्ता कर रहे थे. मैं उनके बुलावे पर गया, और टेबल पर बैठ कर नाश्ता करने लगा. मैं तो बस प्रतिमा को ही देखे जेया रहा था. वो भी मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी. और आप तो जानते ही होंगे, की हस्सी तो फ़ससी.

फिर मैं नाश्ता करके अंकल आंटी को थॅंक्स बोल के जॉब पर चला गया. रात को जब मैं घर लौटा, तो मैने देखा प्रतिमा मेरे फ्लॅट के बाहर खड़ी थी. मैं अपने रूम पर गया, और उसको पूछा-

मैं: क्या हुआ, तुम क्यूँ मेरे रूम के बाहर खड़ी हो?

प्रतिमा: आपका नामे क्या है?

मैने कहा: रितेश.

प्रतिमा: नाइस नामे.

मैने थॅंक्स कहा और कहा: तुम्हारा नामे भी बहुत सुंदर है, प्रतिमा.

उसने भी मुझे थॅंक्स कहा. फिर मैने प्रतिमा से कहा-

मैं: बोलो कोई काम था?

प्रतिमा: हा, क्या आपको मेद्स आता है?

मैं: हा मैं पोस्ट ग्रॅजुयेट हू. मुझे सारे सब्जेक्ट आते है.

प्रतिमा: रितेश, क्या है की मैं मेद्स सब्जेक्ट में मैं थोड़ी वीक हू. इसलिए मुझे मेद्स तोड़ा कम समझ में आता है. मेरे कुछ क्वेस्चन्स सॉल्व नही हो रहे. क्या तुम मेरी हेल्प करोगे इन्हे सॉल्व करने में?

मैने कहा: हा मैं आपकी हेल्प करूँगा. पर आपको मेरे रूम में आना होगा.

उसने हा कहा, और हम मेरे कमरे में गये. प्रतिमा मेरे कमरे में मेरे सामने बैठी थी, जिससे उसके मौसम्बी जैसे बूब्स मेरे को बहुत करीब से दिख रहे थे. उसने वाइट कलर का टॉप और ब्लू कलर की स्कर्ट पहन रखी थी. वो बहुत हॉट लग रही थी, जिसे देख कर मेरा लंड मेरी पंत में ही खड़ा हो गया.

फिर मैं तोड़ा फ्रेश होके बेड पर आया, और प्रतिमा को मेद्स के क्वेस्चन सॉल्व करने में हेल्प करने लगा. प्रतिमा बार-बार नीचे झुक कर लिख रही थी, जिससे उसके बूब्स की क्लीवेज मुझे सॉफ-सॉफ दिख रही थी.

मॅन तो कर रहा था की अभी उसको पकड़ कर उसका सारा दूध पी लू, और उसको छोड़ डू. पर मैने अपने आप पे कंट्रोल किया. 3 घंटे पढ़ने के बाद मैने उसके सारे क्वेस्चन्स सॉल्व कर दिए. उसने मुझे थॅंक्स कहा, और कल फिर अवँगी ये बोल कर वो अपने घर चली गयी.

उसके जाने के बाद मैने देसी कहानी अप खोला, और सेक्स स्टोरी पढ़ के उसके नाम की 2 बार मूठ मारी. रात को सोते वक़्त मैने सोचा की कोई प्लान करके प्रतिमा को छोड़ने का सेट करता हू. मैने सोचा, की कल से उसके साथ मीठी-मीठी बात करूँगा, और इस मछली को अपने जाल में फ़सौंगा.

प्रतिमा रोज मेरे रूम पर आती थी. मैं उसको शाम को डेली 3 घंटे पढ़ता था. और उसके भरे जिस्म का मैं रोज़ मज़ा लेता था. अब उसके मा और पापा को भी मुझ पर ट्रस्ट हो गया था. वो डेली उसको मेरे पास 3 घंटे पढ़ने के लिए भेज देते थे.

आज सनडे था, तो मेरी जॉब पर छुट्टी थी. तो मैं घर पर ही था. मैं सुबा उठा, छाई-नाश्ता किया, और अपने कमरे में जाके देसी कहानी पर सेक्स स्टोरी पढ़ने लगा. मुझे स्टोरी पड़ते कोई आधा घंटा हुआ था, तो डोरबेल बाज गयी.

मैने जाके दरवाजा खोला तो सामने प्रतिमा थी. उसने मुझे गुड मॉर्निंग कहा और सीधे मेरे बेडरूम की तरफ जाने लगी. मैने दरवाज़ा बाँध किया, और दरवाज़ा लॉक कर दिया. फिर मैने प्रतिमा से पूछा-

मैं: क्या हुआ, आज सुबा-सुबा ही पढ़ने चली आई?

उसने कहा: मेरे मम्मी पापा आज मेरे गाओं में शादी है, वाहा गये है. वो रात को आएँगे. उन्होने मुझे बोला है तुम रितेश के पास आज पूरा दिन आचे से पढ़ाई करना, और जब तक हम नही आते तुम रितेश के घर पर ही रहना.

प्रतिमा की ये बात सुन के मेरा दिल खुशी से उछाल पड़ा, और मेरा लंड उसकी ये बात सुन के मेरी पंत में ही सलामी देने लगा. मेरे दिल ने कहा, की आज प्रतिमा को छोड़ने का अछा मौका था. आज मैं प्रतिमा की छूट की सील तोड़ने वाला था.

मैने प्रतिमा से कहा: मैं तुम्हे पढ़ाई तो रोज़ सिखाता ही हू, आज मैं तुम्हे एक न्यू चॅप्टर पढ़ौँगा.

प्रतिमा ने कहा: कों सा चॅप्टर?

मैने कहा: सेक्स का चॅप्टर.

मेरी ये बात सुन कर प्रतिमा एक-दूं से दर्र गयी, जैसे उसको कोई झटका लगा हो. वो बेड से उठ कर मुझसे डोर खड़ी हो गयी.

उसने कहा: नही मुझे शरम आती है. प्लीज़ ऐसी गंदी बात मत करो.

मैने उसको कहा: अर्रे ये तो एक बहुत अछा चॅप्टर है. इसमे शरमाने वाली क्या बात है?

प्रतिमा: नही, मुझे दर्र लग रहा है. मुझे कोई ऐसा चॅप्टर नही पढ़ना. अगर मेरे मम्मी पापा को पता चला, तो वो मुझे बहुत मारेंगे.

मैने प्रतिमा का हाथ पकड़ कर फिरसे उसको बेड पर बिताया. फिर मैने उसके मूह को अपने हाथ से उपर उठाया, और उसको कहा-

मैं: प्रतिमा मेरी बात सुनो. क्या तुम्हे मुझ पर भरोसा नही है?

उसने कहा: नही रितेश मुझे तुम पर पूरा भरोसा है. पर अगर किसी को पता चल गया, तो समाज में हमारी बहुत बदनामी होगी.

मैने उसको कहा: ये बात सिर्फ़ हम दोनो के बीच रहेगी. मैं किसी को कभी कुछ नही कहूँगा, तुम्हारी कसम.

ये कहते वक़्त मैने अपना रिघ्त हॅंड उसके माथे पर रख दिया.

उसने कहा: नही रितेश, मुझे तुम पर ट्रस्ट है. पर अगर कुछ गड़बड़ हो गयी तो?

मैने सोचा वो चुदाई के लिए राज़ी थी, पर उसको सिर्फ़ दर्र था कुछ होने का.

मैने बोला: कुछ नही होगा मेरा विश्वास करो.

उसने कहा: ठीक है, मैं ये सेक्स वाला चॅप्टर पढ़ने के लिए रेडी हू, ई लोवे योउ रितेश.

ये बोल कर प्रतिमा ज़ोर से मुझसे चिपक गयी. मेरी खुशी का ठिकाना नही रहा. मैने प्रतिमा को ज़ोरो से अपने सीने पे चिपका लिया, और उसके मूह को अपने मूह में लेके उसको ज़ोरो से किस करना चालू कर दिया.

प्रतिमा भी ज़ोरो से मेरा किस्सिंग में साथ दे रही थी. मैने उसको पुर ज़ोर से जाकड़ रखा था. हम दोनो 20 मिनिट तक एक-दूसरे को किस्सिंग करते रहे. फिर मैने किस छ्चोढ़ के प्रतिमा को बेड से नीचे खड़ा कर दिया, और उसकी आँखों में देख कर कहा-

मैं: प्रतिमा, ई लोवे योउ.

उसने कहा: रितेश, ई लोवे योउ टू.

फिर मैने उसको फिरसे हग किया, और मैने उसको मेरे सामने खड़ा कर दिया. उसके बाद मैने उसकी ड्रेस के उपर से ही उसके दोनो बूब्स को दबाना चालू कर दिया. उसके मूह से आ आह श श मम्मी करके सिसकियाँ निकल रही थी.

दोनो माममे उसके छ्होटे संतरे की तरह थे, जिनको मैं बहुत प्यार से प्रेस कर रहा था. और नीचे मेरा लंड ज़ोरो से उछाल रहा था. 10 मिनिट तक उसके संतरे कपड़े के उपर से निचोढ़ने के बाद, मैने उसके दोनो पैरों को पकड़ कर प्रतिमा को अपनी गोद में उठा लिया, औट बेड पर पटक दिया.

फिर मैने उसको कहा: अपनी ड्रेस उतरो.

उसने जल्दी से बेड में खड़े होके अपनी ड्रेस निकाल दी. उसने वाइट कलर की ब्रा पहनी हुई थी. ब्रा के उपर से उसके छ्होटे-छ्होटे बूब्स दिखाई दे रहे थे.

फिर मैने कहा: ये ब्रा भी उतार दो.

वो तोड़ा शर्मा रही थी. उसने अपना चेहरा अपने दोनो हाथो में च्छूपा लिया. फिर मैने अपने दोनो हाथो से उसकी ब्रा निकाल दी.

वाउ! क्या बूब्स थे उसके, एक-दूं वाइट, और उसपे छ्होटे-छ्होटे बाल थे. मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था, तो मैने अपने दोनो हाथो से उसके बूब्स दबाने चालू कर दिए. 10 मिनिट के बाद मैने उसको बेड पर लिटा दिया.

अब मैने उसके बूब्स को अपने मूह में लेके चूसना चालू कर दिया. मुझे जो स्वर्ग की प्राप्ति हो रही थी, उसको मैं शब्दो में बयान नही कर सकता. 20 मिनिट दोनो बूब्स चूसने के बाद मैने प्रतिमा की स्कर्ट और पनटी भी निकाल दी.

अब मेरे सामने एक वर्जिन छूट थी, जिसको मैं आज अपने लंड से काली से फूल बनाने वाला था. एक-दूं वाइट कलर की छूट जिसपे जवानी के थोड़े भूरे-भूरे बाल थे.

मैने प्रतिमा से कहा: तुम्हारी छूट बहुत सुंदर है. आज मैं तुम्हारी सील तोड़ूँगा.

फिर मैने प्रतिमा से कहा: तुम बेड से नीचे अपने घुटनो पर बैठ जाओ.

वो तुरंत नीचे अपने घुटनो के बाल बैठ गयी. फिर मैने अपना लंड बाहर निकाला, जिसे देख कर प्रतिमा थोड़ी दर्र गयी.

मैने कहा: दररो मत, कुछ नही होगा. मेरे लंड को अपने मूह में लो और चूसो.

उसने मेरा लंड पकड़ कर अपने मूह में डालना चाहा, पर मेरा लंड तोड़ा मोटा है, जिसकी वजह मेरे लंड का सिर्फ़ टोपा ही उसके मूह में गया. फिर वो धीरे-धीरे मेरे लंड को चूसने लगी.

5 मिनिट बाद मैने अपने दोनो हाथो से उसका माता (हेड) पकड़ा, और तोड़ा दबाव देते हुए अपने लंड को उसके मूह में ज़ोर-ज़ोर से डालने लगा. मेरा आधा लंड उसके मूह में जाते ही वो ह्म ह्म की आवाज़ करने लगी.

मैने उसका सिर दोनो हाथो में पकड़ लिया, और ज़ोरो से उसके मूह को छोड़ने लगा. मेरा लंड उसके गले तक जेया रहा था. 10 मिनिट ज़ोर-ज़ोर से उसके मूह को छोड़ने के बाद, मैं उसके मूह में ही झाड़ गया. मेरे लंड से निकले हुए वीर्या से उसका पूरा मूह भर गया, और उसके मूह से बाहर आने लगा.

उसको साँस लेने में तकलीफ़ हो रही थी. फिर उसने वॉशरूम में जाके अपना मूह सॉफ किया. थोड़ी देर में वो ठीक हो गयी.

अब मैने प्रतिमा को बेड पर लिटा दिया, और उसकी छूट पर अपना मूह लगा दिया. फिर मैं उसकी छूट चाटने लगा. उसके मूह से आह आहह की आवाज़े आ रही थी, और वो बोली-

प्रतिमा: रितेश मुझे गुदगुदी हो रही है. करीब 10 मिनिट तक मैने छूट को चाट-चाट कर लाल कर दिया. फिर प्रतिमा की छूट से बहुत सारा जूस निकला, जिसको मैं चाट चाट कर पी गया.

थोड़ी देर रुकने के बाद मैने प्रतिमा से कहा: अब मैं तुम्हारी छूट में अपना लंड डालूँगा. इससे तुम्हे तोड़ा दर्द होगा.

उसने कहा: रितेश प्लीज़ धीरे-धीरे करना मेरा फर्स्ट टाइम है.

मैने कहा: दररो मत, मैं एक-दूं धीरे-धीरे से करूँगा.

फिर मैने टेबल पर पड़ी वॅसलीन की डिब्बी उठाई, और प्रतिमा की छूट में अंदर आचे से लगा दी. उसके बाद मैने अपने लंड को उसकी छूट पर सेट किया, और एक ज़ोर का झटका मारा. इससे मेरा 1 इंच लंड प्रतिमा की छूट में अंदर चला गया. इसके साथ प्रतिमा ज़ोर से चिल्लाई-

प्रतिमा: ऊहह मा, बहुत दर्द हो रहा है रितेश. प्लीज़ अपना लंड बाहर निकालो.

मैने कहा: बस थोड़ी देर, फिर दर्द कम हो जाएगा.

ये कहते हुए मैने फिरसे एक-दूसरा झटका मारा, जिससे मेरा लंड 2 इंच उसकी छूट में घुस गया. वो ज़ोरो से चिल्लाई-

प्रतिमा: आअहह ऑश मॅर गयी रितेश, प्लीज़ मुझे छोड़ दो.

प्रतिमा की आँखों में आँसू आ गये थे. अब मैने प्रतिमा को ज़ोरो से पकड़ा, और पूरी ताक़त से एक ज़ोरदार शॉट मारा. इससे मेरा लंड उसकी छूट को फाड़ता हुआ अंदर चला गया. वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई-

प्रतिमा: ऊ आहह ऑश, मॅर गयी.

प्रतिमा की सील टूट गयी थी. उसकी छूट से बहुत सारा खून निकल रहा था. वो मेरे लंड को झेल नही पा रही थी. फिर मैं थोड़ी देर रुक गया, और उसके माथे पर किस करने लगा.

मैं: बस हो गया डार्लिंग. मेरा लंड तुम्हारी छूट में घुस गया है. अब तुम्हे दर्द नही होगा.

फिर थोड़ी देर मैं उसके उपर लेता रहा. उसके बाद मैने धीरे-धीरे उसकी छूट में झटके मारने चालू किए. वो आ अफ कर रही थी. थोड़ी देर धीरे-धीरे करने बाद मैने उसकी कमर को अपने दोनो हाथो से पकड़ लिए.

अब मैं एक जानवर की तरह बेरेहमी से उसको छोड़ने लगा. वो ज़ोर से चिल्लाए जेया रही थी. उसकी छूट से पानी निकल गया था. लेकिन मैं उसको छोड़ रहा था. 10 मिनिट ज़ोर से छोड़ने के बाद मैं उसकी छूट में ही झाड़ गया. फिर मैं उसके उपर ही सो गया.

मेरे लंड के रस्स से उसकी छ्होटी सी छूट भर गयी थी. मेरे लंड का जूस उसकी छूट में से बाहर आ रहा था. फिर हम दोनो ऐसे ही सो गये.

इस तरह मैने प्रतिमा की ज़ोरदार चुदाई की. ये सिर्फ़ फर्स्ट पार्ट है. अगला पार्ट मैं बाद में लिखूंगा. आपको मेरी ये स्टोरी कैसी लगी मुझे मैल करके बताए. और किसी लड़की, भाभी, आंटी को मेरे से बात करनी है, तो आप मुझे मैल करे. मेरी ई’द है

आपकी बात सीक्रेट रहेगी 100%. आपकी मेल्स का इंतेज़ार रहेगा. बाइ-बाइ.

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