कहानी शुरू करने से पहले मैं पूजा भाभी के बारे में बता डू. पूजा भाभी शादी शुदा है, उनकी उमर 27 साल है, और मैं 25 साल का हू. पूजा भाभी का गोरा रंग और भरा बदन देख कर हर मर्द उन्हे छोड़ना चाहता था.
उनके बड़े-बड़े माममे, पतली कमर, और गांद देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था. उनका पति उन्हे खुश नही रख पाता था, और ये बात सब को पता थी. हर मर्द मौका ढूँढते थे उनसे बात-चीत करने का.
हम तो पड़ोसी थे, तो हमारे बीच अची ख़ासी दोस्ती हो गयी थी. और वो हमेशा से मेरे साथ डबल मीनिंग वाली बातें करती थी. पर ये बात कोई नही जानता था. हम दोनो पड़ोसी एक-दूसरे की मदद हमेशा करते थे.
डिसेंबर महीने में मेरे सारे परिवार वाले शादी में गये थे 10 दिन के लिए. मैं नही जेया सका क्यूंकी मुझे छुट्टी नही मिली थी. तो मेरी मम्मी ने मुझे फोन पे बताया था की उन्होने पूजा भाभी को घर की चाबियाँ भी दी थी, और मेरा रात का खाना भी भाभी के घर पे था.
मैं ऑफीस से जल्दी आ गया, और पूजा भाभी के घर पे अपनी चाबी माँगने गया. उन्हे देखते ही मेरे आँखें डांग रह गयी. वो पीछे घूम कर नीचे बैठी हुई थी, और वो थोड़ी झुकी हुई थी, तो उनकी त-शर्ट उपर हो गयी, और मुझे उनकी गांद के दर्शन हो गये. फिर मैने आवाज़ मारी-
मे: भाभी, मेरे घर की चाबी देना.
भाभी चाबी लेकर आई, और मुझसे कहा: वापस आना, मुझे तुमसे कुछ बात करनी है.
मैं घर पे चला गया, और कपड़े चेंज कर लिए. मैने वाइट त-शर्ट और ब्लॅक कलर की शॉर्ट्स पहनी हुई थी. फिर मैं भाभी के घर पे गया, और उन्हे बोला-
मे: बताओ भाभी, क्या बात करनी थी?
भाभी: बताती हू, पर वादा करो झूठ नही बोलॉगे.
मे: आप बोलिए तो सही.
भाभी: तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मे: नही, पर आप ये क्यूँ पूच रही है?
भाभी: देखो सच बोलो, तुम्हारी गर्लफ्रेंड है या नही?
मे: साची भाभी नही है, और अगर होती भी तो क्या?
भाभी: मैं मान ही नही सकती तुम जैसे हॅंडसम लड़के की कोई गर्लफ्रेंड नही है.
मे: आपकी कसम नही है. पर बताओ तो मुझे आप क्यूँ पूच रहे हो ये सब?
भाभी: सच बतौ तो मैं तुम्हे बहुत पसंद करती हू, और मुझे तुम्हारे साथ सेक्स भी करना है. इतना ही नही, मैं तुम्हे सोचते हुए अपने आप को उंगली करती हू.
मैं कुछ कर पाता, या बोल पाता, उससे पहले ही भाभी मेरे नज़दीक आई, और मेरे गाल पकड़ कर मेरे होंठो को चूमने लगी. वो मुझे बहुत तेज़ी से, पागलों की तरह चूम रही थी. उसने मेरे होंठ भी छबाए, और मैं भी साथ दे रहा था.
पर अचानक से मैने चुम्मि तोड़ी और कहा: भाभी ये ग़लत है. हम ये सब नही कर सकते. आपके पति को या मेरे परिवार में किसी को पता चल गया तो?
भाभी मेरे पास आ कर बोली: मेरे पति को पता है की मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है, और अगर तुम किसी को बताओगे नही तो वैसे भी नही पता चलने वाला है. और ऐसा मौका बार बार नही मिलेगा.
तुम्हारे परिवार वाले 10 दिन के लिए बाहर गये हुए है. हम दोनो एक-दूसरे के साथ बहुत मज़े करेगे. प्लीज़ मुझे एक बार छोड़ो, और फिर आयेज तुम्हारी मर्ज़ी, की तुम्हे मेरे साथ सेक्स करना है या नही.
इस बार मैं माना नही कर पाया, और मैने उनके होंठो पे अपने होंठ रखे और चूसना शुरू किया. हम दोनो एक-दूसरे को ऐसे चूम रहे थे, जैसे हम बहुत सालों बाद मिल रहे हो. हम दोनो एक-दूसरे में बहुत खो चुके थे, और चूमते-चूमते अपना बदन एक-दूसरे पे रग़ाद रहे थे.
फिर 5 मिनिट बाद भाभी ने अपने होंठ हटाए और कहा: चलो अंदर बेड पे चलते है. फिर हम दोनो अंदर गये, और भाभी ने मुझे बेड पर फेंका, और मेरे उपर चढ़ कर मेरे होंठ चूसना शुरू किया. इस बार वो अपनी जीभ मेरे मूह के अंदर डाल रही थी, और उसको अंदर-बाहर कर रही थी.
फिर भाभी ने अपनी जीभ बाहर निकली और मैने भी अपनी जीभ बाहर निकली, और भाभी मेरी जीभ को उनकी जीभ से चाट रही थी. थोड़ी देर ऐसा करने के बाद भाभी ने मेरी त-शर्ट निकली, और फिरसे चूमना शुरू किया.
अब भाभी ने मेरे हाथ उनके हाथ में फ़ससा लिए थे, और वो मेरे गले को चूम रही थी, और साथ में छाती को भी छत रही थी. फिर उन्होने वापस मेरे होंठ को चूसना शुरू किया. उन्हे मेरे साथ ये सब करते देख मुझे बहुत अछा लग रहा था.
फिर भाभी ने मेरे कान के पास आके कहा: मुझे तुम्हारे बदन का हर एक हिस्सा चाटना है.
इतना बोलते ही भाभी ने मेरे कान को चाटना शुरू किया, और मेरे पुर मूह पे अपनी जीभ फेरी. फिर वो थोड़ी नीचे आई, और मेरे दोनो बगल की खुश्बू सूंघने लगी, और बारी-बारी से उन्हे चाटने लगी. मुझे तो मानो स्वर्ग मिल गया. मेरी बगल चाटने के बाद वो और नीचे गयी, और मेरे पेट को चाटने लगी.
फिर वो तोड़ा और नीचे गयी, और मेरे लंड को मेरे शॉर्ट्स के उपर से ही हिलने लगी, और मुझे हवस भारी नज़रों से देखने लगी.
फिर वो कहने लगी: आज मुझे अपनी रांड़ बना लो. मैं इस लंड को कब से देखना चाहती थी.
इतना बोलते ही भाभी ने मेरी शॉर्ट्स नीचे कर दी, और मेरी झाँत चाटने लगी. फिर भाभी ने मेरा लंड अपने हाथ में लिया, और कहा-
भाभी: इतना बड़ा लंड मैने आज तक नही देखा. और आज मैं इससे चूड़ने वाली हू. आज तो मज़ा आ जाएगा.
और वो लंड हिलने लगी. करीब 5-7 मिनिट लंड हिलने के बाद भाभी ने मेरे लंड पे थूका, और उससे चूसने लगी. मेरा लंड बड़ा होने की वजह से भाभी उससे पूरा नही ले पा रही थी.
पर वो फिर भी कोशिश कर रही थी, और धीरे-धीरे मेरे लंड को मूह में ले रही थी. फिर थोड़ी देर बाद भाभी खड़ी हुई, और उन्होने अपने सारे कपड़े उतारे और नंगी हो गयी. नंगी हो कर भाभी मुझे बोली-
भाभी: जान मुझे देख कर अपने हाथ से मूठ मारो ना. मैं तुम्हे मूठ मारते हुए देखना चाहती हू.
मे: जैसे आप बोलो भाभी.
और मैने मूठ मारनी शुरू कर दी. मैं उनका नाम लेकर मूठ मार रहा था, और भाभी उसको अपने फोन में रेकॉर्ड कर रही थी.
करीब 2 मिनिट बाद भाभी ने रुकने बोला और नीचे बैठ के मेरे लंड की मूठ मारने लगी. मेरे लंड को हिलाते वक़्त भाभी ने मेरे टटटे पे थूक लगाई, और उन्हे चूसना शुरू किया. भाभी बारी-बारी से मेरे दोनो टटटे चूस रही थी, और साथ में लंड भी हिला रही थी.
मैने भी अपनी दोनो टांगे उपर कर दी थी, ताकि वो और आचे से चूस सके. फिर भाभी ने मेरे टटटे चूसने बंद किए, और लंड को हिलाते हुए बोली-
भाभी: जान तुम्हारी गांद चाटनी है, ऐसे ही रहो.
मे: क्या?
भाभी: हा, मैने कहा था ना मुझे तुम्हारे बदन का हर हिस्सा चाटना है.
फिर भाभी ने मेरी गांद के च्छेद पर थूक लगाया, और उसको चाटने लगी. ये सब मेरे लिए नया था, पर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. भाभी उनकी जीभ मेरी गांद के च्छेद के अंदर-बाहर करने लगी, और साथ ही मेरे लंड को हिलने लगी.
फिर उन्होने अपने एक हाथ की उंगली मेरी गांद की च्छेद के अंदर डाली, और उसको अंदर-बाहर करना शुरू किया. भाभी मेरी गांद भी चाट रही थी और उंगली भी कर रही थी. ये सब करीब 10 मिनिट चला, और फिर भाभी ने मुझे मुड़ने के लिए कहा.
मैं बेड पे उल्टा लेट गया, और भाभी ने मेरे टांगे चूसनी शुरू की. फिर उन्होने मेरी जांघें भी छाती, और फिरसे मेरी गांद पे थूक लगा कर उसको फिर से चाटना शुरू किया. इस बार उन्होने मेरी गांद की चुम्मि ली, और मेरी पीठ को चाट-ती हुई मेरे उपर आ कर सो गयी.
उपर आने के बाद उन्होने मुझे अपना मूह मोड़ने को कहा, और मेरे होंठो को चूमना शुरू किया. फिर मैं पूरा मूड कर भाभी के उपर आ गया, और उन्हे चूमने लगा, और एक हाथ से उनकी छूट में उंगली भी करने लगा. भाभी की छूट बहुत गीली हो चुकी थी.
फिर मैने उनके माममे चूसना और दबाना शुरू किया, और करीब 10 मिनिट उनके माममे के साथ खेलने के बाद मैं और नीचे गया, और उनकी जागें सहलाने लगा. फिर मैने उनकी पूरी टांगे फैला दी. अब मेरे सामने भाभी की गुलाबी रंग की और बिना बाल वाली छूट थी.
भाभी की छूट को देख कर मेरे में और जोश आ गया, और मैने उनकी छूट पे थूकना शुरू किया, और साथ ही में अपनी जीभ भाभी की छूट के उपर फिरा रहा था. मैने अपनी एक उंगली भाभी की छूट में डाली, और उंगली भी करने लगा. मेरी इस हरकत की वजह से वो चिल्ला उठी-
भाभी: आहह जान, ऐसे ही करते रहो. आ, बहुत मज़ा आ रहा है. आ, और तेज़ करो, आ और तेज़.
करीब 5 मिनिट भाभी की छूट चाटने के बाद, भाभी बोली: जान मैं झड़ने वाली हू. आ ऐसे ही करते रहो, आ और तेज़, आ.
ऐसा बोलते ही भाभी मेरे मूह पे झाड़ गयी, और फिर मैं उपर उठा और भाभी के होंठ चूसना शुरू किया. साथ ही भाभी मेरा लंड हिला रही थी.
फिर भाभी ने कहा: अब और ना तड़पाव मेरी छूट को जान. अब अपना हथियार डाल दो मेरे अंदर, और बना लो मुझे अपनी रांड़.
भाभी की ये सब बातें सुन कर मुझे और जोश आ रहा था, और मैं उनको और कस्स के चूमने लगा. मैने भाभी को घुटनो पर बिताया, और मैं बेड पे खड़ा हो गया और अपना लंड भाभी के मूह में डाला, और उनके मूह को छोड़ना चालू किया.
मैं बहुत तेज़ी से उनके मूह में धक्के दे रहा था, जिसकी वजह से उनकी आँखों से आँसू आ गये. फिर मैने अपना लंड बाहर निकाला, और भाभी को पूछा-
मे: भाभी मज़ा आया?
भाभी: तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी थी. पर तुम्हारे लिए कुछ भी. तुम जो चाहो कर सकते हो.
फिर मैने भाभी को कुटिया बनाया, और उनके पीछे जाके उनकी गांद पे थप्पड़ मारना शुरू किया. भाभी दर्द में भी मज़े ले रही थी, और कह रही थी-
भाभी: आ, और मारो, आ मेरी गांद लाल कर दो. तुम्हारी उंगलियों के निशान मुझे अपनी गांद पे चाहिए. आ और तेज़, आ, आ बना लो मुझे अपनी रंडी.
फिर मैने भाभी की छूट पे और अपने लंड पे थूका, और अपने लंड को उनकी छूट पे रगड़ने लगा, जिससे भाभी काँप उठी, और गरम होने लगी. उनकी छूट तो वैसे भी गीली हो चुकी थी. फिर मैने धीरे से एक धक्का मारा, और मेरे लंड का सूपड़ा भाभी की छूट में चला गया, और भाभी को दर्द होने लगा.
भाभी कहने लगी: आहह बाहर निकालो. आ, बहुत दर्द हो रहा है. हाए इतना बड़ा लंड आ बाहर निकालो आ.
पर मैने एक ना सुनी, और एक और धक्का मारा, तो इस बार मेरा लंड और तोड़ा अंदर चला गया. भाभी और दर्द महसूस करने लगी, और मुझे गाली देने लगी,
भाभी: आ निकाल इसको मदारचोड़. बहुत दर्द हो रहा है.
मे: चुप रंडी, तुझे ही चाहिए था ना मेरा लंड? अब तू रुक.
भाभी: जान, ऐसे ही बोलते रहो, आ मज़ा आ रहा है.
मे: तो गाली क्यूँ दी?
भाभी: ऐसे ही तुम्हे उकसाने के लिए. ताकि तुम और तेज़ मुझे छोड़ सको.
मे: अछा ये बात है तो लो.
फिर मैने एक धक्का और मारा जिससे पूरा लंड अंदर चला गया. पर इस बार मैने अपने होंठ भाभी के होंठो पे रख दिए थे, और उन्हे पहले से ही चूमने लगा था, ताकि वो चिल्ला ना पाए. फिर मैने ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने शुरू किए, और भाभी भी पुर मज़े ले रही थी.
कुछ 2-3 धक्को के बाद भाभी ने कहा-
भाभी: जान, मेरा निकालने वाला है. आ ऐसे ही करते रहो, आ जान, आ बहुत मज़ा आ रहा है तुम्हारी कुटिया बन कर. आ मैं गयी, आ.
और इतना बोलते ही भाभी मेरे लंड पे झाड़ गयी. फिर मैने अपना लंड बाहर निकाला, और भाभी के सामने जाके खड़ा हो गया.
भाभी समझदार थी. उन्होने मेरा लंड अपने मूह में लिया, और उनका लगा हुआ रस्स पूरा सॉफ कर दिया, और फिर खड़ी हो कर मुझे चूमने लगी. करीब 2-3 मिनिट चूमने के बाद भाभी ने मुझे बेड पे फेंका, और मेरे उपर आ गयी.
भाभी मेरे लंड के उपर अपनी छूट सेट करते हुए बैठ गयी, और खुद ही धक्के देने लगी, और मेरी छाती पे अपने उंगलिया फेरने लगी. मैं भी भाभी के माममे दबा रहा था. भाभी धीरे-धीरे धक्के लगाने लगी थी, जिससे हम दोनो को मज़ा आ रहा था.
थोड़ी देर ऐसा चलने के बाद मैने भाभी को अपनी तरफ खीचा और उनके होंठ चूमते हुए उनकी छूट में तेज़ रफ़्तार से धक्के मारने लगा.
मेरी रफ़्तार बहुत तेज़ होने के कारण भाभी एक और बार झड़ने वाली थी, पर मैं रुका नही, और मैने धक्के ज़ोर-ज़ोर से देना शुरू किया.
क्यूंकी मैं भाभी के होंठ चूम रहा था, तो भाभी बिना बोले ही मेरे लंड पे झाड़ गयी, और मेरे बगल में आके सो गयी. भाभी की साँसे भी अब बहुत तेज़ हो चुकी थी, और इतनी डुमदार चुदाई के बाद हमे पसीना भी आ रहा था.
मेरा लंड तो अब भी खड़ा था, तो मुझमे तो और जोश आ रहा था. पर भाभी की छूट का हाल बुरा होगआया था. इस बार उनकी छूट से खून भी निकला था. भाभी मेरी तेराफ मूडी और बोली-
भाभी: जान, तुम्हारा कब निकलेगा? मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
मे: जान तुम्हारे उपर है. तुम कब निकालना चाहो.
फिर भाभी ने मेरा लंड अपने हाथ मे लिया और ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगी और मुझे चूमने लगी. करीब 5 मिनिट बाद मैने होंठ अलग करते हुए कहा-
मे: भाभी, मेरा निकालने वाला है. मूह में डालना है आपके.
भाभी: हा जान, क्यू नही. मुझे भी तुम्हारा पानी पीना है.
फिर भाभी घुटनो के बाल बैठ गयी और मेरे लंड को अपने मूह में लेकर हिलने लगी. इस बार भाभी बहुत ज़ोर से मेरा लंड हिला रही थी, और मुझे भी बहुत अछा लग रहा था. करीब 1-2 मिनिट के बाद मैं भाभी के मूह में झाड़ गया.
भाभी मेरा पूरा वीर्या पी गयी, और फिर उसने मेरे लंड पे लगे हुए वीर्या को भी सॉफ किया, और मेरी बगल में आके सो गयी. वो पूछने लगी-
भाभी: बताओ जान, कैसा लगा मुझे अपनी रांड़ बना कर?
मे: भाभी, आप जिस तरह से चुड्ती हो, मुझे नही लगता कोई और ऐसा सुख दे पाएगा. शुक्रिया जान मुझे मौका देने के लिए.
भाभी: इसमे शुक्रिया कैसा? दोनो को मज़ा आया.
मे: हा बात तो सही है.
फिर भाभी बोली: बातरूम में चलो. अपन एक दूसरे के पसीने को सॉफ करते है.
भाभी ने मेरा लंड अपने हाथ में लिया, और मेरे आयेज-आयेज चलने लगी, और हम बातरूम में पहुच के एक-दूसरे को सॉफ करने लगे. हम एक-दूसरे को अची तरह से सॉफ कर चुके थे, तो भाभी ने मुझे चूमते हुए कहा-
भाभी: ऐसा सुख आज तक नही मिला मुझे. मुझे हर रात तुम्हारा लंड छाईए. चाहे फिर मुझे कुछ भी करना पड़े.
फिर मैने भी भाभी को कहा: मुझे भी आपकी छूट चाहिए. बहुत मज़ा आता है मुझे इससे दर्द देने में.
फिर भाभी मुझे चूम कर बाहर जेया रही थी. मुझे ज़ोर की मूट लगी थी, तो मैने भाभी से कहा-
मे: आप जाओ, मैं मूट के आता हू.
तो भाभी ने कहा-
भाभी: जान मुझे तुम्हारा मूट पीना है.
मे: नही भाभी, ये सब नही. बहुत गंदा लगता है.
भाभी: कुछ नही होता है. ये सब चीज़े हम उनके साथ ही करते है, जिससे हम प्यार करते है. और मैं तुमसे बहुत प्यार करती हू. तुम जब बोलो तब तुम्हारा मूट पीने राज़ी हो जौंगी.
फिर भाभी नीचे बैठी और उसने मेरा लंड अपने हाथ में लेकर ज़ोर से हिलना शुरू किया, और मेरे खड़े लंड को अपने मूह में लेते हुए कहा-
भाभी: जान मेरे मूह में मूतना. मुझे तुम्हारे मूट की प्यास लगी है.
फिर मैने भाभी की मूह में लंड डाला, और पूरा का पूरा मूट उनके मूह में दे दिया. भाभी मेरे मूट को ऐसे पी रही थी, मानो जैसे बरसो की प्यासी हो. मेरे लंड के सूपदे को फिरसे अपनी जीभ से सॉफ करके खड़ी हो गयी, और मूह धो कर मुझे बोली-
भाभी: बहुत गरम मूट है जान तुम्हारा बहुत मज़ा आया पी कर इसको. चलो अब तुम भी अपने घर जाओ, और मेरे पति आने के बाद अपन साथ में खाना खाते है. और हा, आज रात यही रुकना. मुझे तुम्हारा लंड अपनी गांद में चाहिए.
और इतना बोलते ही मैं निकल गया. दरवाज़े के पास पहुँचा ही था, की भाभी ने मुझे फिरसे चूमा, और 5 मिनिट चूमने के बाद भाभी ने होंठ हटाए, और मुझे बाइ बोल कर खाना बनाने में व्यस्त हो गयी.
तो ये थी मेरी कहानी. उमीद करता हू आप सब को पसंद आई हो. अगले पार्ट में आपको बतौँगा की कैसे मैने उनके पति के सामने उनकी गांद मारी.