पड़ोस की भाभी को उसके ही घर पर चोदा

मेरी बहन की शादी के बाद मैं अकेला सा हो गया था। जो मजा मुझे अपनी बहन को चोद कर आता था, वो मजा गर्लफ्रेंड को चोदने में नहीं मिलता था। पर लंड की भूख तो चूत में जाने के बाद ही खत्म होती है।

एक दिन हमारे घर के साथ वाले मकान में एक भाभी रहने को आ गई। भाभी का नाम सुमन है, और उसकी बेटी का नाम अन्वी। सुमन की उम्र 32 साल, भरा हुआ बदन, चूचे 38″ के, कमर 34″ की, और गांड 40″ की है। जब चलती है तब सुमन की गांड बहुत हिलती है।

अन्वी की उम्र 7 साल है। सुमन को देख कर मुझे उसको चोदने की इच्छा होने लगी। और लंड भी तड़पने लगा। मैंने कभी इतनी मोटी औरत को चोदा नहीं था। तो थोड़ा डर भी लग रहा था। पर मैंने अपना दिमाग लगाया, और सुमन की बेटी से बात करने और खेलने लगा।

सुमन भी अन्वी को मेरे साथ खेलने से नहीं रोकती थी। सुमन को जब भी बाहर जाना होता था, तब अन्वी मेरे पास ही रहती थी। मैं अब सुमन के घर पर भी जाकर अन्वी से खेलने लगा। सुमन भी अब मेरे साथ खुल कर बात करने लगी ।

जब भी मैं सुमन के घर से अपने घर आता तो बाथरूम में जाकर अपने लंड को हिला कर शांत करता। एक दिन मैं सुमन के घर पर गया। अन्वी कमरे के अंदर खेल रही थी, तो मैं भी अन्वी के साथ खेलने लगा। कुछ देर बाद मेरी आंखे खुली की खुली रह गई। सुमन बाथरूम से बाहर आई। सुमन पूरी नंगी थी, ‌और उसके दोनों चूचे लटक रहे थे।

सुमन की चूत एक दम से साफ थी। शायद अभी ही सुमन चूत साफ करके आई थी। सुमन भी मुझे सामने देख कर चौंक गई। मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था। शायद सुमन को भी मेरा खड़ा लंड दिख गया।

सुमन फिर एक दम से दूसरे कमरे की तरफ भागने लगी। अन्वी खेल में व्यस्त थी, तो मैं भी सुमन के पीछे हो लिया। मैं दूसरे कमरे के अंदर चला गया। सुमन सलवार पहनने लगी हुई थी। मैंने अंदर जाते ही सुमन की नंगी पीठ पर अपने होंठ लगा दिये।

सुमन आगे की तरफ हो गई पर मैंने हिम्मत करके सुमन को अपनी बाहों में भर लिया और किस्मत से मेरे हाथों में सुमन के दोनों चूचे आ गए। मैं सुमन को गले से चूमने लगा। मैंने अकसर पढ़ा था मोटी औरत को चुदाई के लिए जल्दी तैयार करना हो तो उसके कान को अच्छे से चूमना चाहिए।

फिर मैं सुमन के कान को चूमने लगा, और उसके चूचों को दबाने लगा। सुमन पहले मुझे अपने से दूर करने की कोशिश करती रही। पर जैसे ही मैंने सुमन के कान को चूसना शुरु किया,‌ सुमन की सांस तेज होने लगी। मैं काफी देर तक सुमन को चूमता रहा। फिर मैंने सुमन की सलवार भी नीचे कर दी।

सुमन को मैंने खींच कर बैड पर लिटा दिया। अब मैं भी पूरा नंगा हो गया। सुमन के चेहरे पर चमक आ गई मेरे लंड को देख कर। मैंने देर ना करते हुए सुमन की चूत पर मुँह लगा दिया, और चूत चाटने लगा। मैं चूत के दाने को जीभ से सहलाने लगा तो सुमन मेरे सर को अपनी चूत में दबाने लगी।

काफी देर बाद सुमन की चूत ने पानी छोड़ दिया जो मैं चाट कर पी गया। सुमन अब शांत हो गई, पर मेरा लंड तो सुमन की चूत में जाने को तड़प रहा था। तो मैंने भी देर ना करते हुए सुमन के बड़े-बड़े चूचों को मुंह में भर कर चूसने लगा। फिर मैंने अपने लंड को सुमन की चूत के मुंह पर लगाया, और एक झटका दिया।

सुमन के मुंह से हल्की चीख निकल गई। मैंने सुमन के चूचों से मुंह से निकाला और सुमन के होंठों पर होंठ रख दिए, और फिर से एक ओर झटका दिया। लंड सुमन की चूत फाड़ता हुआ अंदर चला गया।

सुमन दर्द से तड़प उठी, पर मैं सुमन के दर्द की परवाह किए बिना लंड को चूत के अन्दर डाल कर ही माना।

सुमन का मुंह लाल हो गया था। मैं धीरे-धीरे लंड को चूत में आगे-पीछे करने लगा। कुछ देर बाद सुमन ने अपनी बांहों में मुझे जकड़ लिया। मैं समझ गया अब सुमन चुदाई के लिए पूरी तैयार थी।

मैं सुमन की चूत को बहुत जोर से चोदने लगा। सुमन भी मेरे हर धक्के का जवाब अपनी गांड उठा कर देने लगी। मैं अपने दोनों हाथ से सुमन के बड़े चूचों को दबा रहा था, और चूत में लंड पेलने लगा। सुमन एक बार फिर से झड़ गई। अब चूत में लंड जाने की आवाज कमरे में साफ सुनाई देने लगी।

हम दोनों की चुदाई की आवाज सुन कर अन्वी अंदर आ गई। सुमन अन्वी को देख कर डर गई तो मैं अन्वी को बोला-

मैं: अन्वी जल्दी से अपनी गेम खत्म करो, नहीं तो मैं तुम्हारे साथ नहीं खेलूंगा। मैं मम्मी के साथ अपनी गेम खत्म करके आता हूं। अब तुम जाओ।

अन्वी मेरी बात सुन कर कमरे से बाहर चली गई। सुमन का दिल बहुत जोर से धड़क रहा था, जो मुझे साफ पता चल रहा था। तो मैंने सुमन के होंठो को चूमना शुरु कर दिया। अब मैं चूत में लंड बहुत जोर-जोर से डालने लगा। सुमन मुझे बोलने लगी-

सुमन: जल्दी करो, अन्वी फिर आ जाएगी।

मैं अब बहुत तेज गति से सुमन की चूत चोदने लगा कुछ देर बाद मेरा भी निकल गया मैंने अपना सारा पानी सुमन की चूत में निकाल दिया। और सुमन को चूमने लगा सुमन भी मुझे चूमने लगी। फिर हम दोनों अलग हुए सुमन ने अपनी चूत को साफ किया।

मैं नंगा ही अन्वी को अंदर से देखने गया। अन्वी सो गई थी बाहर ही गेम खेलते हुए। सुमन अपने कपड़े पहनने ही लगी थी। मैंने फिर से सुमन को पकड़ लिया और चूमने लगा तो सुमन बोली अब कभी बाद में कर लेना अन्वी आ गई तो मुश्किल हो जाएगी।

मैं सुमन को नंगी ही पकड़ कर बाहर ले आया और अन्वी की तरफ इशारा करते हुए बोला देख सो गई है। सुमन की जान में जान आ गई। मैंने भी देर ना करते हुए सुमन के हाथ में अपना लंड दे दिया सुमन मेरा लंड हिलाने लगी। मैं सुमन को बोला अब मुंह में लेकर चुसो ना तब यह खड़ा होगा।

सुमन बोली अंदर चलो पर मैं नहीं माना और सोफे पर बैठ गया। सुमन अब सोफे के नीचे बैठ गई और सुमन ने मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया सुमन के मुँह में लंड जाते ही मेरा लंड फिर से खडा होने लग गया। सुमन मेरे पूरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी कुछ देर बाद मेरा पूरा लंड एक दम टाईट हो गया।

मैंने सुमन को अंदर चलने का इशारा किया फिर हम दोनों अंदर आ गए। मैंने अंदर आते ही सुमन को घोड़ी बनने को बोला। सुमन घोड़ी बन गई मैंने फिर से सुमन की चूत में लंड डाल दिया और सुमन की कमर पकड़ कर चुदाई शुरु कर दी। सुमन मेरे हर झटके से आगे होने लगी।

मैं सुमन की चूत चोदते हुए बोला: सुमन तेरी गांड मुझे बिना लंड लिए हुए लग रही है। क्या मस्त उभरी हुई तेरी गांड है।

तो सुमन बोली: हां, मेरे पति मेरी चूत ही चोदते हैं और तेरा लंड भी मेरे पति के लंड से बड़ा है। आज तेरे साथ चुदाई करके मुझे बहुत मजा आ रहा है।

सुमन की बात सुन कर मैं सुमन की चूत में लंड बहुत तेज-तेज डालने लगा। और बीच-बीच में सुमन के लटकते हुए चूचों को जोर से दबा देता। सुमन भी चुदाई में पूरा साथ दे रही थी मेरा। कुछ देर बाद मेरे लंड ने फिर से सुमन की चूत को अपने पानी से भर दिया।

अब सुमन ने मेरे लंड को मुँह में डाल कर साफ कर दिया। फिर हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए। मैं अपने घर आ गया। कैसी लगी मेरी कहानी जरूर बताना।

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