पास होने के लिए करवाई तबाद-तोड़ चुदाई

ही मैं रोहित. मैने आपको बताया कैसे मेरे कॉलेज प्रोफेसर ने मुझे अपनी रंडी बना के घर के हर कोने में छोड़ा, और कैसे मेरी सील सचिन और सागर भैया ने तोड़ी.

आज मैं बतौँगी कैसे प्रोफेसर सिर ने मुझे कॉलेज ट्रस्टी और प्रिन्सिपल से भी चुडवाया. जिसके बाद मेरी ज़िंदगी बदल गयी, जिसकी वजह से मैने लग्षूरीयस लाइफ जीना शुरू किया. जो आज भी मेरे क्लाइंट्स है, मुझे लग्षूरीयस लाइफ देते है, और पैसे देते है.

ये मेरी सॅकी सेक्स कहानी है, कोई एंटरटेनमेंट के लिए नही लिखी है, कसम से. तो चलो बहुत हुआ, और सेक्स स्टोरी पर आती हू.

प्रोफेसर के साथ मैं 6 मंत से रह रही थी. बुत उनकी वजह से पढ़ाई पर बिल्कुल ध्यान नही दिया था, क्यूंकी कॉलेज के बाद उनके घर के सारे काम, और फिर सिर के अलग नखरे. मैने सिर को रिक्वेस्ट की-

मैं: सिर प्लीज़ मुझे एग्ज़ॅम्स के लिए हेल्प कर दो. मैं फैल हो जौंगी तो घर वालो को क्या बोलॉगे, की आपके यहा रह कर भी फैल हो गयी.

सिर बोले: मैं कर दूँगा, बुत तुम्हे मेरी तरह और 2 लोगों को खुश करना पड़ेगा, कॉलेज के ट्रस्टी और प्रिन्सिपल. तभी कुछ हो सकता है.

मैने कहा: ठीक है मैं कर दूँगी जैसे वो बोलेंगे.

उसके बाद एक वेआकेंड पर ट्रस्टी सिर हमारे घर डिन्नर के लिए आए. उनकी आगे 40 से 50 के बीच होगी, बुत वो फिट आंड फाइन थे. उनका नाम मोहन था. उस रात मैं भी रेड सारे, मॅचिंग ब्लाउस, कान में बालियां, पायल डाल कर तैयार हुई थी. सिर तो बस मुझे ही घूरे जेया रहे थे.

फिर मैने सब के लिए खाना लगाया और खाना खाने बैठ गयी. तभी मोहन सिर बस मुझे पैर से च्चेड़ रहे थे. जैसे-तैसे मैने खाना खाया, और बर्तन ढोने चली गयी. तब तक वो दोनो ड्रिंक कर रहे थे.

कुछ देर बाद प्रोफेसर सिर ने मुझे बुलाया. मैं बाहर गयी, देखा तो मोहन सिर बहुत पी चुके थे, और प्रोफेसर बाहर जेया रहे थे.

उन्होने लाहा: सिर का ख़याल रखना आचे से, तभी तुम्हारा काम होगा.

इतना कह कर वो जाने लगे, और मैने दरवाज़ा बंद किया. फिर जैसे ही किचन की तरफ जेया रही थी, मोहन सिर ने मुझे वही दीवार से सता दिया, और पागलों की तरह मुझे पीछे से चूमने लगे नेक पर, बॅक पर, और काटने लगे. मैं मदहोशी से अहह उंह जैसी सिसकारियाँ लेने लगी.

मैं सिर से कह रही थी: 5 मिनिट डेजिए प्लीज़, बर्तन धो लू. फिर आप जो चाहे कर सकते है.

बुत सिर सुन ही नही रहे थे. वो बस मुझे नोचने में लगे थे. उन्होने मुझे घुमाया, और ज़ोर-ज़ोर से लिप्स पर किस करने लगे, काटने लगे, मेरी आवाज़ भी नही निकल रही थी. 20 मिनिट तक हम किस करते रहे.

जब उन्होने मुझे छ्चोढा, तब तक तो मेरी सारी पूरी खुल चुकी थी, और मैं बस ब्लाउस और पेटिकोट में थी. सिर मेरे बूब्स दबाने लगे उपर से ही, और मेरा ब्लाउस सीधा फाड़ दिया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

मैं: आह सिर आहह प्लीज़ आराम से कीजिए ना.

तभी सिर बोले: बेबी सिर नही मोहन कहो. मैं आशिक़ हू तुम्हारा, कोई सिर नही.

और मुझे उठा के सीधा बातरूम में ले जेया कर उतार दिया, और खुद नंगे हो गये. फिर मुझे बातरूम में ही शवर के नीचे वापस चूमने लगे. मेरे बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से चूसने काटने लगे. मेरी पूरी बॉडी पर उनके दांतो के निशान बन चुके थे.

फिर सिर ने मुझे नीचे बिताया, और अपनी अंडरवेर मेरे मूह से उतारने को बोले. मैने वैसे ही किया. उनका लंड तो कम से कम 9 इंच का था. वो भी काला. जैसे ही मैने उसको मूह में लिया, सिर सिसकारियाँ लेने लगे-

सिर: आ आह बेबी क्या चूस्टी हो. ऐसे मज़े तो मेरे बीवी भी नही देती.

मैं ऐसे ही उन्हे खुश करने में लगी थी. तभी सिर ने मुझे उठाया, और वही शवर के नीचे झुका कर मेरा पेटिकोट बिना निकले ऐसे ही उपर करके मेरी गांद को दबाने लगे. अचानक उन्होने मेरी गांद में अपना मूह डाल दिया, और चाटने लगे. मैं पागल हो गयी बोली-

मैं: आहह मोहन आह, बहुत मज़ा आ रहा है. प्लीज़ छातो ना. तुम जो बोलॉगे मैं करूँगी.

10 मिनिट चाटने के बाद मुझे वही शवर के नीचे ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगे. मैं इतना बड़ा लंड से नही पाई, और चिल्लाई-

मैं: आहह मम्मी, मॅर गयी अहह. बेबी छ्चोढ़ दो प्लीज़.

सिर सुने ही नही, और उन्होने मेरे बाल पकड़े जो थोड़े बड़े थे, और पीछे खींचा, और ज़ोर-ज़ोर से शॉट मारने लगे.

मैं बस अहह ह किए जेया रही थी. तभी सिर ने मुझे पीछे खींचा, और किस करने लगे. अब मैं चिल्ला भी नही पाई, बस उम्म्म अम्म्म्म अम्म्म्म ऐसी आवाज़े निकाल रही थी. हमारी और छाप-छाप पानी की आवाज़ो से बातरूम गूँज रहा था.

सिर मुझे 40 मिनिट तक छोड़ते रहे, जब तक वो मेरे अंदर कम नही कर देते. जैसे ही सिर को लगा की उनका हो गया, उन्होने मुझे छ्चोढ़ दिया, और मेरे मूह को छोड़ने लगे, और मेरे मूह में ही सारा माल छ्चोढ़ दिया. फिर मेरे उपर सस्यू करने लगे.

ये सब से मुझे बहुत अलग फील हो रहा था, बुत क्या करती मजबूरी थी, करना पड़ा. उसके बाद सिर ने मुझे साबुन लगा कर नहलाया. उसके बाद मुझे उठाया, और वैसे ही गीले पेटिकोट में मुझे बेड पर डाल दिया. मैं पेटिकोट निकालना चाहती थी, बुत उन्होने माना किया. फिर क्या करती?

जैसे ही मुझे बेड पर डाला, वो मेरे उपर आ गये, और फिरसे चूमने लगे. मेरे दोनो होंठो से खून निकल रहा था. मैं बस उम्म्म्म उम्म्म किए जेया रही थी. उसके बाद सिर ने मेरी टांगे उठाई और आव देखा ना ताव, और सीधा मेरी गांद में लंड डाल दिया.

सिर बिना तेल या लूबे लगाए ही मुझे छोड़ रहे थे, जिस वजह से मुझे ज़्यादा दर्द हो रहा था. मैं बस ह मोहन अहह उम्म्म्म प्लीज़ धीरे करो ना बेबी, ऐसे ही किए जेया रही थी. उस पोज़िशन में उन्होने मुझे 20 मिनिट छोड़ा, और फिर गॅलरी में ले गये.

मैने कहा: प्लीज़ सिर, यहा नही प्लीज़.

बुत कुछ बोल पाती तब तक तो मेरी गांद में उनका लंड जेया चुका था. फिर वो वही पर बिना सोचे मेरी गांद मारने लगे. मैं पूरी नंगी थी, बस पेटिकोट था कमर पर. वो सिर निकालना ही नही चाहते थे. वाहा भी सिर ने मुझे कुटिया कॉवगिरल बना के छोड़ा, और 30 मिनिट के बाद मेरे अंदर ही झाड़ गये. मैं तक चुकी थी.

मैने कहा: प्लीज़ बेबी, अभी सुबह कर लेना. जान निकल जाएगी मेरी. तुम बहुत बेरहम हो.

फिर सिर बेड पर मुझे हग करके सो गये. 1 घंटा मैं सोई होंगी, तभी वापस सिर मूड में आ गये, और बिना कुछ बोले मेरी गांद में लंड डाल दिया, और मुझे धीरे-धीरे छोड़ने लगे.

बुत उनका इतना बड़ा था की मैं जाग गयी. मैने उनको रोका, बुत वो फिर बहरे हो गये, और सोते-सोते ही मुझे छोड़ने लगे. अभी भी पेटिकोट में ही थी मैं. 20 मिनिट छोड़ने के बाद अचानक सिर रुक गये, और गांद में लंड डाले हुए ही मुझे पकड़े थे.

मैं इतनी तक गयी थी, की कब सोई पता ही नही चला. सुबह रोज़ की आदत की वजह से 6 बजे नींद खुली. तब भी सिर का लंड मेरी गांद में था. सिर गहरी नींद में थे, जैसे-तैसे में उठी, नहाई, और दोनो के लिए छाई बनाई, और रात के बर्तन धो दिए. उसके बाद छाई लेकर बेडरूम में आ गयी, और सिर को उठाया. जैसे ही सिर उठे उन्होने मुझे हग किया, और फिर किस करने लगे.

मैने कहा: प्लीज़ बेबी, छोढ़ दो ना, छाई पी लो, ठंडी हो जाएगी.

तो उन्होने कहा: तुम पहले.

और छाई का कप उठा कर मुझे अपने हाथो से पिलाने लगे. मैने थोड़ी सी छाई पी, और तभी सिर ने ग्लास नीचे रखा. अभी छाई मूह में ही थी, फिर भी मेरे होंठ छूने लगे, और मेरे मूह की छाई खुद पीने लगे. मैं तो जैसे दीवानी हो गयी.

फिर वापस सिर मुझे बातरूम ले गये और बातरूम में नहाते-नहाते 1 बार और छोड़ा बेरेहमी से 30 मीं तक. मैने बहुत माना किया, बुत वो कहा मानने वाले थे. वो बस मेरी लेने में लगे थे, और मैं ह मोहन बेबी ह ह किए जेया रही थी. 20 मिनिट छोड़ने के बाद मैं बातरूम से बाहर आई, और सिर अंदर नहा रहे थे.

मैने चेंज किया, तोड़ा मेकप किया जो उन्होने खराब किया था, और फिर एक निघट्य डाल के किचन में गयी. वो तैयार हो कर बाहर आए, तब तक प्रोफेसर भी आ चुके थे. बुत सिर ने मुझे बेडरूम में बुलाया.

मैने उनको बोला: प्लीज़ अभी नही सिर. फिर करेंगे.

वो बोले उन्होने बातें करनी थी बस अंदर आने के बाद: सच में तुम बहुत सेक्सी और सुंदर हो. ऐसा मज़ा मैने पहले कभी नही किया.

और उन्होने मेरे हाथो में 10000 दिए और कहा: शॉपिंग कर लो, नेक्स्ट वीकेंड गोआ जाना है हमे. और तुम आ रही हो.

मैने बस हा कर दी और कहा: तीक है.

फिर सिर बाहर चले गये, और प्रोफेसर से बातें करके चले गये. उसके बाद प्रोफेसर बेडरूम में आए और कहा-

प्रोफेसर: सिर तो तुम्हारे दीवाने हो गये है. उन्होने मेरा प्रमोशन करने का वादा भी किया है.

मुझे उन्होने थॅंक योउ कहा और बोले: आज रात भी प्रिन्सिपल का ऐसे ही ख़याल रखना. फिर तुम्हारा काम पक्का हो जाएगा.

मैने कहा: जब पास प्रिन्सिपल करवाने वाले थे, तो ट्रस्टी सिर से क्यूँ चुडवाया आपने?

उनकी इस हरकत से मुझे गुस्सा आया, बुत मैने कुछ नही कहा. अभी उस रात प्रिन्सिपल मुझे कहा ले गया, और कैसे चोदा, मैं अगली कहानी में बताती हू.

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