ऑफीस की शादी-शुदा रंडी की चुदाई कहानी

दोस्तों आज ही मैं आपको मेरी दूसरी कहानी शेर करने जेया रहा हू. कुछ ग़लती हो जाए तो माफ़ कर देना. मैं इंडोरे का रहने वाला हू. कोई और भी इंडोरे का हो तो मुझसे कॉंटॅक्ट करे. ये कहानी पिछले साल की है.

मैं 28 साल का हू, और मेरी हाइट 5’4″ है. मैं एक कंपनी में काम करता हू, और मेरी बॉडी ठीक तक है. वाहा मेरी अर्पिता नाम की एक ट्रेनर थी, और उसकी उमर 30-32 साल की थी. उसको कोई बच्चा नही था, और उसका पति सरकारी जॉब में था.

वो उससे काफ़ी डोर रहता था. अर्पिता का पति बाहर गया हुआ था. उसको अब एक नये मकान की ज़रूरत थी, और वो रेंट पर रहती थी. हमारे पड़ोस में एक मकान नया बना था. जब अर्पिता ने मुझसे मकान के बारे में पूछा तो मैने उसे उस मकान के बारे में बता दिया. उसी दिन अर्पिता घर आई और मैने उसको मकान दिखा दिया.

अर्पिता को मकान काफ़ी पसंद आया और रेंट भी ठीक था. इसलिए अर्पिता ने मकान मलिक को 1 तारीक़ से आने के लिए कह दिया और अड्वान्स दे दिया. ऑगस्ट की 1 तारीक़ को अर्पिता अपने समान के साथ उस मकान में शिफ्ट हो गयी.

दोस्तों अब यहा से मेरी असली कहानी शुरू होती है. अर्पिता ने हमारे पड़ोस में आने के बाद मेरी मा से दोस्ती कर ली थी. अब वो हुंसे मिलती रहती थी, और मेरे यहा आना-जाना लगा रहता था.

मैं और अर्पिता उसके घर पर अकेले रह कर काम की बातें किया करते थे. पहले ही दिन जब मैं उसके घर गया तो मैने देखा की उसने लूस कमीज़ और घग्रा पहन रखा था. उसने ब्रा भी पहनी थी, और कमीज़ का गला भी खुला था.

अर्पिता के साथ काम करना शुरू कर दिया, और बीच-बीच में वो अपने बूब्स को अपने हाथ से दबा दे रही थी. उसके बड़े-बड़े बूब्स जैसे बाहर आने को मचल रहे थे. उसकी ये हरकत देख कर मुझे मस्ती सी आ रही थी. मेरा मॅन कर रहा था, की अभी जेया कर मैं उसके बूब्स को मसल डू.

पर मैं हिम्मत नही कर पा रहा था. मेरा कुवरा लंड पूरा खड़ा हो गया था. अब वो मेरी पंत को फाड़ कर बाहर आने को तैयार था. पर मैं अर्पिता से कुछ कह नही पा रहा था.

करीब 2 घंटे बाद अर्पिता बोली: यश तुम अब घर जाओ, और अपने घर वालो से पूछो की तुम यहा मेरे साथ सो सकते हो या नही?

मैं: ठीक है अर्पिता.

जब मैं जाने लगा तो अर्पिता बोली: तुम रूको, मैं ही पूच कर आती हू.

ये कह कर अर्पिता ना अपना कमीज़ मेरे सामने खोल दिया और वो धीरे से बोली: इतना सब करने के बाद इसने कुछ नही किया, पता नही रात को क्या करेगा.

फिर अर्पिता ने अपनी ब्रा पहनी, और मुझसे उसके हुक्स लगवाए. जब मैं उनके हुक लगा रहा था, तब मेरे मूह से आहह की आवाज़ निकल गयी.

अर्पिता: यश अगर तुम मेरी बात मानोगे तो इससे भी ज़्यादा मज़ा तुम्हे आएगा. तुम बस मेरा वेट करो, मैं अभी आती हू.

अर्पिता ने सारी पहनी और वो मेरे घर चली गयी. करीब 20 मिनिट के बाद वो वापस आई और मेरा पाजामा और कमीज़ साथ में ले आई.

अर्पिता: यश तेरी मा ने तो सिर्फ़ पाजामा ही दिया था, और वो बोल रही थी, की यश सिर्फ़ रात को बनियान में सोता है. पर मैं उनसे तेरी शर्ट भी ले आई, ताकि उनको शक ना हो की मैने रात भर तेरे साथ क्या किया है.

फिर अर्पिता ने अपनी सारी उतार दी, और वो ब्लाउस और पेटिकोट में आ गयी. मेरा लंड अब काफ़ी बड़ा हो गया, और अब मैने हिम्मत करके कहा.

मैं: अर्पिता एक बात बोलू? आप जब मेरे सामने कपड़े चेंज करती हो, तो मुझे ऐसा लगता है की मैं आपका आदमी हू.

अर्पिता: तो फिर तुम मुझे अपनी औरत की तरह उसे करो ना.

फिर मैने हिम्मत करके उनकी बूब्स को पकड़ लिया, और मेरा 7 इंच का लंड उनकी कमर पर लग रहा था. मैं उनकी गर्दन पर किस कर रहा था, इससे अर्पिता सिसकियाँ भर रही थी.

अर्पिता: आहह आहह यश प्लीज़ और ज़ोर से करो ना.

मैने अब उनके बूब्स को और ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया. उसने अपनी कमर का पूरा दबाव मेरे लंड पर डाल दिया. मैने अर्पिता के ब्लाउस को उपर करके उनके बूब्स को नंगा कर दिया, और मैं उन्हे आचे से दबाने लग गया.

अब मेरा एक हाथ उनकी सॉफ चटा-छत टाइट छूट पर चला गया. उनकी टाइट छूट एक-दूं गीली थी. फिर अर्पिता ने मेरे लंड को बाहर निकाल दिया, और वो बोली-

अर्पिता: ये तो गढ़े जैसा मोटा और लंबा है. आज तो ये मेरी टाइट छूट ही फाड़ देगा.

ये कह कर उन्होने मेरे लंड को अपने मूह में भर लिया. मैं बहुत एग्ज़ाइटेड था, इसलिए मैं उनके मूह में बहुत जल्दी झाड़ गया.

मैं ज़ोर-ज़ोर से आहह आ कर रहा था, और अर्पिता ने मेरे लंड का पानी पी कर हसना शुरू कर दिया था. वो मेरे लंड को अब अपने होंठो पर रगड़ने लग गयी थी. इतने में मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया. अब अर्पिता पूरी नंगी हो गयी थी. उसने मुझे भी नंगा कर दिया. फिर अर्पिता मुझे बेड पर ले गयी.

मैं उसका गुलाम बन कर उसका एक-एक कहना मान रहा था. बेड पर उसने मुझे अपने बूब्स चूसने को कहा. तो मैं उसके बूब्स को चूसने लग गया, और वो मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर हिलने लग गयी.

2 मिनिट बाद मेरा लंड खड़ा हो गया. फिर अर्पिता ने अपनी दोनो टांगे मेरे कंधे पर रखी, और उसने मेरा लंड अपनी गरम छूट में ले लिया. मेरा लंड जब उसकी गरम टाइट छूट में गया, तो मुझे ऐसा लगा जैसे वो किसी गरम भट्टी में चला गया हो. मेरे लंड के अंदर जाते ही वो छीलाने लग गयी.

फिर वो बोली: आहह आहह उई मा यश मज़ा आ रहा है. अब मुझे ज़ोर-ज़ोर से छोड़ो.

मैं अब अपनी ट्रेनर अर्पिता की टाइट छूट को छोड़ रहा था. मेरा लंड काफ़ी टाइट था, और वो पसीने में भर गयी थी, और ज़ोर-ज़ोर से अहः अहः कर रही थी.

मेरी एक ही चुदाई में वो 2 बार झाड़ चुकी थी, और फिर मैं उसकी छूट में झाड़ गया. फिर हम दोनो तक कर लेट गये. इसी तरह उसने रात को 4 बार चुदाई करी. मैं अभी भी उनके साथ मज़े ले रहा हू.

मुझे उमीद है आपको भी मेरी ये कहानी पढ़ कर मज़ा आया होगा.

अगर आपको मेरी स्टोरी अची लगी हो, तो याष्ठिर्ड1@गमाल.कॉम पे एमाइल करके बताए. और कोई लड़की या भाभी इंडोरे में मुझसे मिलना चाहती हो तो भी बताए.

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