ऑफीस सेक्स स्टोरी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, की जिस लड़की को मैं स्कूल में लीके करता था, उसका मुझे इंटरव्यू लेना था. फिर मैने उसकी चुदाई का प्लान शुरू किया, और हर जगह उसकी हेल्प करने लगा. आयेज बढ़ते है-
अब मैं उसे इग्नोर करने लगा. अब जब दूसरे एंप्लायीस उसे काम को लेकर दांता करते, मैं उसे सॉल्व नही करता. मैं बोल देता मैं बिज़ी हू. उसे मैं बाहर भी लेकर नही गया था पिछले 2 हफ्ते से. उसने भी ये चीज़े देखी, और मुझसे बात करनी चाही. पर मैने ताल दिया.
ऐसे करते-करते 2 हफ्ते और बीट गये. अब 2 दिन बाद मेरा बर्तडे था, तो मैने सब को पार्टी में बुलाया, बस ऋतु को छ्चोढ़ के. उसे इस बात का बुरा लगा, और मैं ये जानता भी था. लेकिन मेरा प्लान था की मेरे बर्तडे वाले दिन पर मैं केक नही उसकी छूट और उसके माममे ख़ौँगा.
अब मेरे बर्तडे वाला दिन आ गया. सब लोग शाम में मेरी पार्टी पर थे. तभी ऋतु का कॉल आया मेरे पास. मैने जान-बूझ कर नही उठाया. तभी उसने दोबारा कॉल किया. मैने फिर नही उठाया. उसके बाद उसने मुझे मेसेज किया तो मैने देखा की वो रोते-रोते बोल रही थी, की वो मुझसे नफ़रत करती थी.
अब लोहा गरम हो चुका था. मैं पार्टी छ्चोढ़ के तुरंत उसके घर गया, और डोरबेल बजाई. उसने जब दरवाज़ा खोला, तो मुझे देख के दरवाज़ा बंद करने लगी. पर मैने दरवाज़ा पकड़ लिया, और उसे अंदर लेके गया.
वो मेरी छ्चाटी पर मारने लगी, और बोलने लगी: तुम क्यूँ आए हो?
तभी मैने उसके चेहरे को पकड़ा, और उसकी आँखों में देखा. उसने अपनी आँखें शरम से नीचे कर ली. फिर मैने उसके होंठो पर अपने होंठ हल्के से रख दिए. जैसे ही वो मेरे होंठो को अपने होंठो से पकड़ने वाली थी, मैने अपने होंठ पीछे कर लिए, और उसे छेड़ने लगा.
उसने भी मेरा सिर पकड़ के मुझे किस करना चाहा. पर मैं उसे करने नही दिया. फिर उसने तड़प के बोला, की वो मुझसे प्यार करने लगी थी, और बस मेरे साथ ही रहना चाहती थी, उसपे अब बस मेरा हक था. और वो फिर से मेरी तरफ किस करने आई.
मैं तो बस यही सुनना चाहता था. दोस्तों अब मैं उसे अपनी रांड़ बना के ही रहूँगा. अब मैने उसे अपनी बाहों में भर लिया, और उसके मम्मो और अपनी छ्चाटी की रगड़ान को महसूस करने लगा. आए हाए! क्या फीलिंग थी वो दोस्तों.
अब मैं उसे किस करने के लिए उसके होंठो के पास अपने होंठो को ले गया, और उसके गुलाब जैसे होंठो को अपने होंठो से दबोच लिया. मैं उसके होंठो पर लगे लीप बां के फ्लेवर को चखने लगा. कभी मैं उसके उपर वाले होंठ को चूमता, तो कभी उसके नीचे वाले होंठ को मूह में भर लेता.
कभी वो अपनी जीभ मेरे मूह में देती, तो कभी मैं उसकी जीभ को चूस लेता. ऐसे ही हम एक-दूसरे को किस करते रहे, जब तक हमारी साँसे ख़तम नही हो गयी. जब हम एक-दूसरे से अलग हुए, तब हम दोनो की साँसे तेज़ हो गयी थी, और हम दोनो गहरी साँसे ले रहे थे.
अब वो मुझे बड़ी प्यार भारी नज़रों से देख रहा थी, और मेरे मॅन में बस उसके लिए हवस भारी थी. मैं फिर उसे बेडरूम की तरफ लेके जेया रहा था, और वो मुझे बोल रही थी की बर्तडे केक मंगाएगी वो मेरे लिए.
मैने उसे कहा: आज मेरा मॅन केक से नही भरेगा और मुझे कुछ और खाना है.
और मैने उसकी तरफ हवस भारी आँखों से देखा. वो समझ गयी और शरमाने लगी. बेडरूम में पहुँचने के बाद मैने उसे बेड पर लिटा दिया, और मैं उसके होंठ चूमने लगा. इस बार मैने अपने हाथो को खुला छ्चोढ़ रखा था, जो की उसके शरीर के कर हिस्से को महसूस कर रहे थे.
मेरा एक हाथ उसके मम्मो पर था, और दूसरा हाथ कभी उसकी कमर, कभी उसकी मोटी गांद पर, कभी उसकी टाँगों के बीच के उभार पर था. अब मैं उसे किस करते-करते उसके गले पर आ गया था, और मैं उसके गले को चूम रहा था. बीच-बीच में काट भी रहा था, और प्यार की निशानी दे रहा था (लोवे बाइट्स).
उसके गले पर किस करने से वो बहुत उत्तेजित हो गयी थी, और मेरे सिर पर अपना हाथ घुमा रही थी. वो बार-बार मेरा नाम लेके मुझे ई लोवे योउ बोल रही थी. वो बोल रही थी की मेरे बिना वो नही रह सकती थी. मेरे बिना मॅर जाएगी, वो ऐसा बोल रही थी.
अब उसके गले को मैने पूरा गीला कर दिया था चूम के. उसके बाद मैने उसकी त-शर्ट के अंदर हाथ डाला, और उसकी ब्रा को उपर करके उसके मुलायम मम्मो को महसूस किया. क्या बतौ दोस्तों, वो माममे मेरे हाथ में ऐसे लग रहे थे मानो मैने मुलायम रयी पकड़ी हो.
मुझसे रहा नही गया, और मैने उसकी त-शर्ट और ब्रा उतार के फेंक दिए, और अब वो मेरे सामने उपर से पूरी नंगी हो गयी थी. वो अपने हाथो से अपने मम्मो को च्छुपाने की नाकाम कोशिश कर रही थी, पर मैं उसके हाथो को हटा कर अपने मूह से उसके डाए साइड के माममे पर किस किया.
फिर मैने उसके निपल को अपने मूह में भर लिया और जीभ के साथ च्चेड़खनी करने लगा. कभी-कभी तो अपने दांतो से हल्का सा काट भी लेता, और उसके मूह से हल्की सी आ की आवाज़ निकल जाती, जो की मेरी उत्तेजना को और बढ़ा देती.
फिर मैं उसके मम्मो को ज़ोर-ज़ोर से मसालने लगता, चूसने लगता, चाटने लगता, और काटने भी लगता. उसके दोनो मम्मो को मैने लाल कर दिया था, और उसकी आ आ की आवाज़ थी की मुझे रुकने ही नही दे रही थी. मुझमे और उत्तेजना भर दे रही थी.
फिर धीरे से मैने अपना हाथ उसकी शॉर्ट्स में डाला, और महसूस किया की उसकी पनटी पूरी गीली हो चुकी थी. तभी जैसे ही मैने उसकी तरफ देखा, उसने अपने मूह को अपने हाथो से धक लिया शरम के कारण. मैं भी इस बात पर मुस्कुरा दिया.
अब धीरे से मैने उसकी शॉर्ट्स और गीली पनटी उतरी, और उसकी छूट को देखने लगा. क्या मस्त छूट थी दोस्तों, हल्की गुलाबी छूट, उसपे हल्के-हल्के बाल के रोए. मैने तुरंत उसकी छूट को अपनी जीभ से छाता, और मानो मेरी जीभ के छूने मात्रा से उसके अंदर करेंट दौड़ गया हो. उसका शरीर अकड़ सा गया, और उसके मूह से आ की वो उत्तेजना भारी आवाज़ फिर निकालने लगी, और मुझे और उत्तेजित करने लगी.
मैने भी देर ना करते हुए अपने आप को पूरा बेकाबू कर दिया, और उसकी छूट को चाटने लगा. वो मेरे सिर को पकड़ के अपनी छूट में दबाने लगी, और मेरा नाम ज़ोर-ज़ोर से लेने लगी-
ऋतु: राहुल, ओह राहुल, मेरे राहुल, मैं बस तुम्हे एयाया. आ आ आआ आआ धीरे करो आ राहुल बस अया. आआ राहुल, नही राहुल, रूको. मुझसे बर्दाश्त नही हो रहा. मैं पागल हो जौंगी राहुल. तुमको मेरी कसम राहुल रूको एयेए.
पर उस वक़्त तो मानो मेरे उपर कोई भूत सवार था. मैं रुकने की जगह अपने डाए हाथ की दो उंगली उसकी छूट में डाल दिया, और ज़ोर-ज़ोर से अंदर-बाहर करने लगा. उसकी छूट बहुत टाइट थी. लगता है अपने एक्स-बाय्फ्रेंड से बहुत कम चूड़ी थी. ये बात मुझे पता लगते ही मेरे अंदर का जानवर मेरे पर हावी हो गया, और मैं बिना रुके ऐसे ही करता रहा. 2 मिनिट के अंदर उसकी छूट ने पानी छोढ़ दिया. मैं उसका सारा पानी पी गया.
जैसे ही मैने अपना सिर उठा कर उसे देखा. वो वैसे ही मेरी तरफ बढ़ी, और मुझे किस करने लगी. मेरे होंठो को वो काटने लगी. अब मानो उसके अंदर भी हवस भर गयी हो.
फिर वो तुरंत बेड से नीचे उतरी, और मेरी पंत को खोलने लगी, जहाँ मेरा शेर तंबू फाड़ने के लिए रेडी था. उसने मेरा 7 इंच का शेर देखा और घबरा कर चौंक गयी.
फिर वो बोली: राहुल तुम्हारा तो बहुत बड़ा है. मेरे एक्स का तो बहुत छ्होटा था.
मैने कहा: टाइम वेस्ट मत कर और मूह में ले इसे.
उसने भी टाइम ना वेस्ट करते हुए मेरे लंड को मूह में लिया, और अपने पुर गले तक लेके चली गयी. मैं तो उसके इस रूप को देख कर पूरा हैरान हो गया था. उसने मेरी और देखा, और हल्का सा मुस्कुराते हुए आँख मारी, और वापस से मेरे लंड की तरफ देखने लगी. फिर उसे अपने मूह के अंदर-बाहर करने लगी.
मुझे ऐसा लग रहा था, मानो मैने अपने लंड को एक हल्की गीली गरम जगह पर रखा है, जहाँ पर कोई चीज़ उसे चाट रही हो, और उसे आराम दे रही हो. जी हा दोस्तों ये उसकी जीभ थी. वो मेरे लंड को मूह के अंदर रख के अपनी जीभ से चाट रही थी, और मेरे अंडकोष हो अपने हाथो से सहला रही थी.
उसकी ये नज़ाकत देख के मेरे मूह से भी आ आ की आवाज़ निकल गयी, और 5 मिनिट के अंदर मैं उसके के मूह में झाड़ गया. उसने मेरे वीर्या को एक बूँद भी वेस्ट नही होने दिया, और सारा का सारा पी गयी. अब वो खड़ी हुई और मेरे गले आ लगी. उसके माममे मेरी छ्चाटी से चिपक के रग़ाद खाने लगे, और उसने फिर मुझे किस करना स्टार्ट कर दिया.
अब इसके आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में कंटिन्यू होगी दोस्तों. जहाँ मैं ऋतु की छूट और फिर गांद छोड़ूँगा, और दोस्तों नेक्स्ट स्टोरी में आपको एक सर्प्राइज़ भी मिलेगा.