ऑफीस कॉलीग्स के साथ मूवी के बाद चुदाई की कहानी

नमस्कार प्रिया पाठकों, मैं आपकी तर्की विन्नी. मेरे पुरानी कहानियाँ मेरे स्वाभाव, मेरी तारक और मेरी सेक्सी फिगर को आचे से बयान करते है. स्विट्ज़र्लॅंड सीरीस के बाद एक बार फिर आपके सामने लेकर आई हू एक आप-बीती रोमांचक कहानी.

ये बात 2016 की है. मेरी न्क्र में नयी जॉब पोस्टिंग हुई थी. दोस्तों मेरा नेचर काफ़ी मिलनसार है, इसीलिए मैं नयी जगह पर भी अपने दोस्त जल्दी बना लेती हू. यहा पर भी मैने आते ही सब का मॅन मो लिया था. मेरे कॉलीग्स में मेरा एक अछा नया फ्रेंड सर्कल बन गया था, और तो और मेरे बॉसस भी मेरी पर्फॉर्मेन्स और मेरे नेचर से काफ़ी प्रभावित थे.

मेरे सीनियर्स में मेरे टीम लीडर जिग्नेश और असिस्टेंट टेमा लीडर भावेश दोनो गुजराती थे, और उनसे मेरी एक अची अलग ही बॉनडिंग बन गयी थी. अक्सर शाम की छाई पे हम लोग कॅंटीन में इकट्ठे हो कर काफ़ी सारी गप्पे मारा करते थे.

वो दिखने में काफ़ी सीधे थे, बुत बड़े शरारती थे. अक्सर नों-वेग जोक्स किया करते थे, और मेरा रिक्षन लेने के लिए उत्सुक रहते थे. मैं भी कभी खुल के हस्स देती थी तो कभी होंठ दबा लेती थी.

एक बार की बात है. एक सॅटर्डे शाम को हम लोगों का मोविए देखने का प्लान बना. काई दीनो से कुछ रोमांचक नही हुआ था, तो वर्कलोड कम होगा ऐसा सोच कर मैने भी हा कर दी. तो डिसाइड हुआ की लाते नाइट मोविए देखने के बाद नाइट आउट करेंगे.

हम लोग शाम 8 बजे माल पहुँचे. मैने बेबी पिंक कलर का क्रॉप टॉप और डेनिम कॅप्री पहनी थी. बाल खुले थे जो की मेरी ब्रा स्ट्रॅप तक आ रहे थे. मैने बढ़िया सा पर्फ्यूम लगाया और मरून शेड लिपस्टिक लगाई.

वो दोनो भी त-शर्ट और जीन्स में आए थे. माल पहुँच कर केपर सोंस मोविए की टिकेट्स लेली. मोविए 11:00 बजे की थी तो हम लोग यू ही जाके कॉफी शॉप में बैठ गये और रात का प्लान डिसकस करने लगे.

अचानक भावेश को शरारत सूझी और वो मुझसे पूछने लगा-

भावेश: विन्नी रात को हम लोग तुम्हारे यहा पर जाएँगे. तो वाहा का क्या अरेंज्मेंट है?

बॉस को इंप्रेस करने के लिए मैने भी कह दिया: जो आप बोलो.

मुझे कहा पता था की उसके मॅन में क्या था. पर जब उसने जिग्नेश को आँख मारी तो मैं समझ गयी की आज तो रज़िया गुणडो में फ़ासस गयी. मेरे लिए ये कों सी नयी बात थी.

यहा तक की मुझे तो अजनाबीयों के साथ एक अलग कंफर्ट फील होता था. नएपन और अड्वेंचर अलग, और बाद में कोई चीक-चीक नही. लेकिन मैं भोली बनी रही. मौका देख कर कुछ बात करते हुए वो जान-बूझ कर मेरे हाथ को छूटा, तो कभी साइड होने के लिए मेरी जाँघ पे हाथ रख देता.

यू तो फ्रॅंक होते हुए काई बार ऐसे च्छुआ था. बुत आज उसके इरादे कुछ और ही कह रहे थे. यही हाल जिग्नेश का था. मैने भी कोई ऐतराज़ नही जताया.

हम मोविए हॉल पहुँचे. लास्ट रो की रेक्लीनेर सीट्स बुक थी. पिक्चर को लगे कुछ समय हो गया था, इसलिए आखरी रो में ज़डा चहल-पहल नही थी. जिग्नेश पॉपकॉर्न और कोल्डद्रिंक लेने गया. तब तक भावेश और मैं अपनी सीट्स पर बैठ गये.

भावेश मुझसे कहने लगा: विन्नी तुमको बुरा तो नही लगा मैने तुम्हे टच किया तो?

मैने नज़रे नीचे कर ली, और बोली: नो इश्यूस.

भावेश: वैसे तुम्हारे बाय्फ्रेंड को बुरा नही लगता की तुम लड़कों के साथ मोविए जाती हो?

विन्नी: मेरा ब्फ नही है. मुझे दोस्तों के साथ घूमना पसंद है.

भावेश: तुमने कभी सेक्स किया है?

विन्नी (मॅन ही मॅन उसके इरादे भाँपते हुए): कुछ पुराने किससे रहे है मेरी लाइफ में.

ये कहते हुए उसने मेरा हाथ पकड़ लिया.

भावेश: वैसे तुम आज बहुत सेक्सी लग रही हो.

विन्नी: ये क्या कर रहे हो?

भावेश: अपने सीनियर को माना करोगी?

अब ये कह लीजिए की जॉब के दर्र के मारे, लेकिन असलियत तो ये थी की मैं सोच रही थी की 3 लोगों में मैं अकेली, तो होगा कैसे. इतने में मोविए स्टार्ट हो गयी और अंधेरा हो गया.

धीरे से हम दोनो के होंठ जेया मिले और उसने मेरे होंठो को धीरे से महसूस करते हुए चूसना शुरू कर दिया. साल भर बाद किसी के होंठ चूसने में जो मज़ा आ रहा था, मैं बता नही सकती.

मैं भी सब भूल के उसका साथ देने लगी. हम दोनो इतने मदहोश हो गये थे, की भूल बैठे की तीसरा भी साथ आया था.

इतने में जिग्नेश आ गया और भावेश पीछे हॅट गया. जिग्नेश आके मेरे दाहिने तरफ बैठ गया और मैं बीच में पॉपकॉर्न लेके बैठ गयी. मुझे पता नही था, लेकिन वो भी इतनी देर से सब गौर से देख रहा था और उसने आते हुए हमे किस करते भी देख लिया था.

मोविए स्टार्ट हुई. दोनो के हाथ आ कर जब पॉपकॉर्न के डिब्बे में पड़ते थे, तो ऐसा लगता था जैसे मेरी छूट पे पहुँचने का रास्ता ढूँढ रहे हो. जिग्नेश तोड़ा शर्मिला था, लेकिन आज वो हाथ आए मौके को जाने नही देने वाला था. जान कर पॉपकॉर्न मेरी गोदी में गिरा कर उसको ढूँढने की कोशिश कर रहा था.

इधर भावेश ने मेरे गले में हाथ डाल दिया और मुझे अपनी तरफ खीच लिया. धीरे से मेरे बालों में नाक घुसा के सूंघने लगा. मुझे पता लग गया था आज मेरी चुदाई बहुत जाम कर होगी.

इधर जिग्नेश जो मौका ढूंड रहा था, उसने पॉपकॉर्न बकेट के बीच में उंगली से च्छेद कर दिया, और मेरी जीन्स पे अपना हाथ रख दिया. पहले हाफ में ऐसे ही च्चेड़-चाढ़ चलती रही.

इंटर्वल में मैने तोड़ा अपने को संभाला. मैं रेस्टरूम गयी, लिपस्टिक दोबारा लगाई, बाल सही किए, और शीशे में देख कर खुद को आँख मारी. “आज डबल धमाका होगा विन्नी! क्या किस्मत पाई है तूने!.”

इधर दोनो ने वॉशरूम में सलाह कर ली और वापस आते ही जैसे मुझ पर टूट पड़े. मैने अपना मूह जैसे ही कोल्डद्रिंक सीप करने को बढ़ाया, तो भावेश ने मेरे मूह को पकड़ कर अपनी तरफ कर लिया और मुझे पागलों की तरह किस करने लगा. जिग्नेश ने भी मेरी कमर में हाथ डाला और मेरी कमर में चिकोटी काटने लगा.

मैं सकपका गयी. जैसे फौज का हमला हो गया हो. मैं कुछ बोलने लायक नही रही. फिर जिग्नेश से मेरी छूट पे अपना हाथ जीन्स के उपर से ही सहलाना चालू कर दिया.

मेरे होंठ भावेश चूस रहा था. जिग्नेश ने अपने हाथ छूट पर से हटा कर मेरे क्रॉप टॉप के नीचे से दोनो तरह से घुसा दिए, और मेरे बुबो को पीसने लगा. और मेरी पीठ में अपने दाँत गाड़ाने लगा. होंठ, चूचे, छूट, सब पानी छ्चोढ़ रहे थे, और ऐसा लग ही नही रहा था की हम लोग मोविए हॉल में थे. लेकिन पूरी तरह से मज़े नही ले पा रहे थे.

अब किसी से रहा नही जेया रहा था. सेकेंड हाफ की मोविए बीच में ही छ्चोढ़ कर हम लोग पार्किंग में आ गये. भावेश ने गाड़ी स्टार्ट की, और मैं और जिग्नेस पीछे बैठ गये. जिग्नेश अब मेरे बुबो पे दोनो हाथ रख मुझे मसालने और किस करने लगा. भावेश गाड़ी चलाने लगा. वो दोनो रूम्मटेस थे और दोनो का ताल-मेल ज़बरदस्त था. इसलिए मुझे और भी मज़ा आने वाला था.

हम लोग उनके घर पहुँचे. रात को एक बाज रहा था. पूरी गली सुनसान थी. भावेश ने उतार कर मेरा दरवाज़ा खोला, और मुझे खींच कर बाहों में उठा लिया. जिग्नेश ने दरवाज़ा खोला और वो लोग मुझे सीधे बेडरूम में ले गये.

दोस्तों सच काहु तो इस कहानी में मेरे आपे में कम ही रह गया था. आयेज क्या हुआ दोस्तों ये जानने के लिए पढ़ते रहिए. अगला भाग जल्द ही आएगा. कहानी कैसी लगी इसके लिए विन्निसेन0@गमाल.कॉम पर मैल करके ज़रूर बताईएएगा.

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