नेपाल में भाभी की चुदाई

मैं धीरे धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा। मेरे दोनों हाथ उसकी चूचियों पर थे और मेरा मुँह कभी उसके निप्पल तो कभी उसके होंठ पर चल रहा था। मेरे होंठ, हाथ और लंड की स्पीड धीरे धीरे बढ़ाने लगा। वो मुझे पुरी तरह साथ दे रही थी और बीच बीच में सिसकारी भरकर मुझे भींच लेती थी। मेरी लंड की स्पीड बढ़ती गयी और उसकी चूत से इतना पानी निकल रहा था कि पूरा कमरा फच फच की आवाज़ से गूंज रहा था। मैं दनादन उसकी चूत में लंड डाल रहा था। इतने में ही उसकी चूत से ढेर सारा पानी निकला और वो सिकुड़ गयी। मैं भी झड़ने वाला था तो अपना लंड चूत से निकालकर उसके मुँह में दे दिया। उसने मेरे लंड के सुपाड़े को अपने दातों से दबाव देकर चूसने लगी और वो लंड को जड़ तक चूस रही थी। थोड़ी देर बाद मेरे लंड से ढेर सारा सफ़ेद वीर्य निकला जो वो चाव से चाटने लगी। हम दोनों पलंग पर बैठ कर बातें करने लगे। मैं बोला “भाभी कैसी रही चुदाई” तो वो बोली आपका लंड तो बहुत बड़ा है, मेरे मियां का लंड तो इससे आधा भी नहीं है और जब वो चोदने आते हैं तो मैं अभी तैयार भी नहीं होती हूं और उसका लंड झड़ जाता है। देवरजी तुम में बहुत दम है और अब जब चाहो मुझे चोद सकते हो। मैंने पूछा “भाभी आपके दो बच्चे हैं लेकिन आपकी चूचियां तो बहुत सख्त हैं” तो वो बोली मैं रोज योगा करती हूं इसलिये मेरा शरीर दुरुस्त है। मैं उसकी चूचियां दबा रहा था और वो मेरी छाती पर हाथ फेर रही थी। धीरे धीरे उसका हाथ मैंने अपने लंड पर पाया और वो उसे उठाने की कोशिश कर रही थी। मैं भी उसकी चूचियां दबाता रहा था तो कभी उसके निप्पल को मुँह में ले के चूसता था। मैंने उसके मुँह में अपनी जीभ से खेलना शुरु किया जिसमें उसने मेरा पूरा साथ दिया। मैं उसकी जीभ चाट रहा था और वो मेरी। उसका मुँह मेरे मुँह से सटा हुआ था और उसके दोनों हाथ लंड को सहला रहे थे ।

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