हेलो गाइस, बेहन की चुदाई कहानी का नेक्स्ट पार्ट शुरू कर रहा हू.
तो मैने शिखा को कॉल करके बोला: रेडी रहना, मैं 30 मिनिट में आ रहा हू. आज ऐसे बाजौंगा की याद रखोगी अपना ये बर्तडे. और वही ब्लॅक मिडी ड्रेस पहनना जो उस दिन एंगेज्मेंट में पहनी थी.
शिखा ने ओक बोला और फोन कट कर दिया. मैने फिर टॅबलेट खाई, और उस नीग्रो को सब समझा दिया की कैसे करेंगे. फिर शिखा के फ्लॅट की तरफ चल दिया. बेल बजाई तो शिखा ने गाते खोला, और मैं उसे देखता ही रह गया भाइयों. एक-दूं काम देवी लग रही थी.
मैने कभी उसे ऐसे देखा ही नही था. मैं तो हर टाइम उसे पाजामे में ही देखता था, और छोड़ कर निकल लेता था. पर आज देखा उसे फुल तैयार, तो मा कसम बवाल दिख रही थी. बाल कर्ल किए हुए, डार्क ब्राइट रेड लिपस्टिक, गोरा-गोरा मेकप, काजल, लोंग चैन टाइप इयररिंग्स, और वो मिडी ड्रेस उसकी गांद के जस्ट नीचे, और बूब्स के जस्ट उपर ख़तम हो रही थी. इससे बूब्स एक-दूं बॉल शेप में दिख रहे थे. उपर से क़यामत लग रही थी हाइ हील्स डाल के.
शिखा: क्या हुआ भैया? अब देखते ही रहोगे या अंदर भी आओगे?
विवेक: अंदर आने के लिए तो खड़ा करके लाया हू पहले से ही.
शिखा: सस्सह! कोई सुन लेगा यार. अब अंदर चलो.
उसने मुझे कोल्लेर पकड़ कर अंदर खींच लिया, और डोर लॉक करने लगी. मैने उसका हाथ पकड़ा और घुमा कर अपनी तरफ किया. फिर गालों पर एक किस कर दिया.
विवेक: हाए मेरी जान, तू तो आज काम देवी लग रही है.
उसने समझा मैं रोमॅंटिक हो रहा था, पर मैं तो बस उसे डोर लॉक करने से रोकने के लिए कर रहा था जो भी कर रहा था.
शिखा: अछा जी, काम देवी! तो फिर काम शुरू करो ना भैया.
मैं सामने वाले सोफा पर बैठ गया, और उसको अपने पास आने का इशारा किया. वो आने लगी.
विवेक: नही ऐसे नही, बे मी स्लेव टुडे. घुटनो पर चल कर आ, और माँग तुझे जो चाहिए.
शिखा: ओह अछा जी, तो आज भैया को रॉल्प्ले करना है. ठीक है भाई, बर्तडे मेरा और गिफ्ट आपका, सही है!
फिर वो घुटनो पर बैठी और मेरी तरफ चल कर आई. उसके बूब्स लटक रहे थे और गांद उपर दिख रही थी. मेरी तो हालत खराब हो रही थी. मॅन में आया की सेयेल नीग्रो को कॉल करके माना कर डू और अकेले ही शिखा को छोड़ू, और उसकी जवानी को भोग़ू आज.
वो मेरे पास आई, और मेरे पैरों को फैलाया, और ज़िप खोलने लगी. पर मैने हाथ पकड़ लिया.
विवेक: ऐसे आसानी से नही. भीख माँग, गिड़गिदा इसके लिए.
शिखा: ओह प्लीज़ भैया, अब ये सब भी करोगे क्या? अछा ठीक है. भैया प्लीज़ मुझे ये लंड डेडॉ, मुझे बहुत प्यास लगी है. इसे मेरे मूह में डालो, और मेरी प्यास बुझा दो ना.
ऐसे कहते हुए उसने मेरी ज़िप खोली, और तन्ना हुआ लंड पकड़ कर खींच लिया.
शिखा: हाए मदारचोड़, कितना तड़पाता है तू.
शिखा ने गुपप से पूरा लंड मूह में भर लिया, और राहत भारी साँस ली, जैसे सच में बहुत तड़प के बाद कोई चीज़ मिली हो. फिर फुल लेंग्थ अंदर-बाहर करके चूसने लगी.
विवेक: उम्म्म शिखा साली मदारचोड़, तेरे जैसी ब्लोवजोब कोई नही देता यार. दीवाना हू मैं तेरी इस अदा का, फक चूस साली.
मैने शिखा का मूह छोड़ना शुरू कर दिया, और वो आज फुल सपोर्ट दे रही थी मूह टाइट और लूस कर-कर के. अफ यार बता नही सकता कितना मज़ा आ रहा था. शिखा मेरा लंड चूस रही थी, और बीच-बीच में सुपरा चाट रही थी. फिर मैने बाग में से ब्लाइंडफोल्ड निकाला और उसकी आँखों पर बाँध दिया. वो एक-दूं एग्ज़ाइटेड हो गयी
शिखा: क्या बात है भैया. मेरे बर्तडे पर अपने लिए फुल तायारी करके आए हो.
विवेक: मेरी जान ये सब तो तेरे मज़े के लिए है. बस देखती जेया.
फिर उसे गोद में उठाया, और बेडरूम में ले गया, और घोड़ी बना कर बिता दिया. उसके बाद बाग से लोशन की बॉटल निकली, और उसकी ड्रेस गांद से थोड़ी उपर करदी, जिससे उसका गांद का च्छेद दिखने लगे. फिर गांद और छूट दोनो होल्स पर लोशन की मालिश करके आचे से गरम कर दिया उसे, और दोनो होल्स आचे से गीले कर दिए.
शिखा: बस-बस भैया, अब पेल दो ना. नही तो मॅर जौंगी तड़प कर. प्लीज़ फक मे भैया, और आज फुल ताबड़तोड़ छोड़ो, की मेरी छूट और गांद चरमरा जाए. मा छोड़ दो आज बस.
इतने में नीग्रो आ गया अंदर और सीधा आवाज़ सुन कर बेडरूम की तरफ आया. वो शिखा को देख कर स्माइल करने लगा, और लंड को पकड़ कर रगड़ने लगा पंत के उपर से ही. फिर उसने एक हॅंड्कफ दिया निकल कर. मुझे भी आइडिया अछा लगा तो मैने शिखा के हाथो को पीच्चे करके हॅंडकफ्स लगा दिए.
फिर उसने अपना जीन्स उतरा, और मुझे समझ आ गया की आज तो शिखा की सच में मा चूड़ने वाली थी, और मैने ग़लती कर दी थी. उसका लंड सच में गढ़े के लंड जैसा था, मोटा और लंबा. कम से कम 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा. काला सांड़ सला बहुत खुश हो रहा था शिखा को देख कर. मैने उसे इशारा किया की मैं शिखा को छोड़ना शुरू करता हू, फिर तू आ जाना जाय्न करने को.
शिखा: भैया अब डालो ना यार प्लीज़, कितना तड़पावगे?
मैने शिखा की छूट पर लंड रखा पीछे से, और एक झटके में उतार दिया पूरा.
शिखा: आहह फक, कितना सुकून है भैया आपके लंड में.
मैने उस नीग्रो की तरफ देखा तो वो यार आवरेज के आक्षन में हाथ हिला रहा था, जैसे मुझे बोल रहा हो की धक्के में मज़ा नही आया. मेरी झाँते सुलग गयी यार. मैने फिर लंड निकाला, और अबकी बार और ज़ोर लगा कर पेला लंड.
शिखा: आआहह माआ आ, ऐसे ही.
अब नीग्रो ने आचे का इशारा किया. फिर मैने शिखा को पीछे से गोद में उठाया, और लंड एक शॉट में गांद में पेल दिया. अब मैने नीग्रो की तरफ देखा और शिखा के पैर खोल कर उसे छोड़ने को बुलाया. उसने लंड को आचे से हिलाया और तोड़ा लोशन डाल कर लंड आचे से गीला किया. मेरी फटत रही थी की शिखा कैसे रिक्ट करेगी.
शिखा: ह्म छोड़ो ना भैया, खड़े क्यूँ हो? गोद में लेकर फक मे. आह मॅर गयी, आ मेरी छूट आह फटत गयी.
शिखा रोने लगी और झटपटा रही थी. उस नीग्रो ने मुझे पीछे पुश करके दीवार से चिपका दिया उसको. अब मैं दीवार से लगा था. शिखा मेरी गोद में थी, और वो आयेज खड़ा था. हम दोनो का लंड शिखा की गांद और छूट में था, और शिखा मम्मी-मम्मी करके चिल्ला रही थी. वो अपना चेहरा इधर-उधर घुमा कर तड़प रही थी.
मैने नीचे से हाथ उसकी छूट की तरफ किया, तो उस नीग्रो के लंड पर हाथ लगा. बहनचोड़, अभी तो आधा ही डाला था उसने, और शिखा को मूमी की याद आ गयी थी. फिर उसने शिखा के कंधे पकड़े और मेरी तरफ दबा दिया, जिससे शिखा एक-दूं मुझसे चिपक गयी.
एक हाथ से उसने शिखा का मूह बंद कर दिया, और उससे चिपक कर पुर दूं से दूसरा धक्का दिया, और पूरा लंड पेल दिया. शिखा बहुत तेज़ चिल्लाई, मगर उसकी आवाज़ वहीं घहू घहू करके ख़तम हो गयी.
शिखा: भैया प्लीज़, मुझे नही चूड़ना.
उस नीग्रो ने शिखा के होंठो पर एक उंगली घुमाई, और फिर टूट पड़ा उसके होंठो पे. शिखा मूह भी नही हटा पा रही थी, क्यूंकी उसने पकड़ रखा था. मैने नीचे से धक्के लगाने शुरू किए, तो मेरी कमर पकड़ कर मुझे रोक दिया सेयेल ने. फिर किस तोड़ कर अलग हुआ तो शिखा ने ज़ोर-ज़ोर से साँस ली. फिर उसने शिखा की मिडी पकड़ी बूब्स के उपर से, और नीचे खींच दी, और बूब्स खोल दिए.
शिखा: भैया क्यूँ कर रहे हो आप ऐसा? कों है ये जानवर? और आप ऐसे कैसे मुझे किसी से भी छुड़वा रहे हो?
विवेक: बस तोड़ा बर्दाश्त कर मेरी जान. अभी मज़ा आने लगेगा. यही है तेरा बर्तडे गिफ्ट, एक नया ताज़ा लंड. हॅपी बर्तडे मेरी जान. ये है जोसेफ, तेरा नया गुलाम, तेरा नया छोड़ू. जोसेफ ‘ही’ बोलो शिखा को.
जोसेफ: हॅपी बर्तडे शिखा (और वो शिखा को दर्द में देख कर हासणे लगा).
फिर उसने ऐसे ही आधा लंड बाहर निकाल कर एक झटके में पेल दिया, और करीब 5 मिनिट तक ऐसे ही झटके देता रहा. वो शिखा के छूट की मा छोड़ता रहा.
शिखा: भैया, आ दर्द हो रहा है.
जोसेफ से 5-6 मिनिट चूड़ने के बाद ही शिखा की छूट ने रस्स छ्चोढ़ दिया तो जोसेफ झट से ज़मीन पर बैठ गया, और शिखा की पूरी छूट उसने मूह में भर ली. वो उसका सारा रस्स पी गया, और फिर ज़ोर-ज़ोर से छूट चूसने लगा.
विवेक: जोसेफ लेट’स टके हेर तो थे बेडरूम.
जोसेफ खड़ा हुआ, और उसने शिखा को अपनी गोद में उठा लिया.
जोसेफ: फर्स्ट लेट में फक हेर हियर (पहले मुझे इसे यहीं छोड़ लेने दो).
उसने शिखा को मुझसे चिपका कर लंड पेलना शुरू किया.
शिखा: आ आ मॅर गयी आ.
जोसेफ ने शिखा को किस करना शुरू किया हर जगह, और हर जगह बीते करते जेया रहा था, नेक पर, गाल पर, चेस्ट पर, बूब्स पर. अब उसके साथ मैं भी लंड पेलने लगा गांद में.
मैने शिखा की गांद पकड़ी और जोसेफ ने उसको थाइस से पकड़ रखा था. दोनो को अची ग्रिप मिल रही थी, और दोनो पेलने लगे.
विवेक: एस फक हेर जोसेफ.
शिखा: आह आह.
शिखा ने जोसेफ की नेक को काट लिया, और वो फिर और स्पीड से छोड़ने लगा. झुक कर वो शिखा के दूध को मूह में भर कर दाँत से काट लिया, और दूसरे दूध पर मारने लगा. 10 मिनिट तक शिखा को वही खड़े-खड़े पेला हम दोनो ने आयेज-पीछे से. शिखा की छूट ने फिरसे रस्स छ्चोढ़ दिया.
इस बार जोसेफ ने मुट्ठी में भर लिया रस्स और शिखा के मूह पर लगा दिया, उसके बूब्स पर लगा दिया, और फिर पूरी तरह अपनी गोद में लेकर मुझे डोर हटा कर शिखा को बेड पर लिटाया. अब मैं खड़ा था, और जोसेफ शिखा के उपर झुका था, और उसके मूह को उसके बूब्स को चाट कर चूस कर सॉफ कर रहा था. मेरा लंड तंन गया ये देख कर.
जोसेफ ने शिखा की टाँगें हवा में उठाई, और लंड एक ही झटके में पेल दिया पूरा. शिखा जो बेसूध पड़ी थी बेड पर, झटका लगने से एक-दूं आधी उठ गयी बेड से, और चिल्लाते हुए फिरसे लेट गयी. अब जोसेफ ने शिखा के पैरों को अपने कमर पर लपेटा, और उसकी कमर को कस्स कर पकड़ा, और शिखा को छोड़ना शुरू किया.
वो लंड झटके के साथ पेलता, और फिर धीरे से निकालता. फिर झटके से पेलता स्पीड में, और धीरे से निकालता. शिखा हर झटके पर सिर उपर उठती और इधर-उधर पटकती. मैं उसके सिर की तरफ गया, और उसके मूह में लंड डाल कर छोड़ने लगा. उसकी हालत बुरी थी.
मैने फिर उसकी पट्टी को हटता दिया. पर शिखा ने आँखें नही खोली, और बंद किए रही, और सिसकियाँ भारती रही. जोसेफ के हर झटके पर शिखा मूह बहुत टाइट्ली बंद कर लेती थी, और झटके बर्दाश्त कर रही थी.
शिखा एक बार फिर झाड़ गयी, मगर जोसेफ नही रुका और उसने फुल स्पीड में शिखा को पेलना शुरू कर दिया. शिखा के बूब्स उपर-नीचे डाए-बाए उछाल रहे थे. अब उसमे बिल्कुल जान नही बची थी.
करीब 20 मिनिट तक और छोड़ा जोसेफ ने शिखा की छूट को, और फिर झाड़ गया उसकी छूट में. मैं देख कर डांग रह गया, इतना माल निकला उसके लोड से की शिखा की छूट से बाहर बहने लगा. पर उसके लंड से निकलते ही जेया रहा था. मेरा लंड अभी भी खड़ा था. मैने उसकी छूट जो जोसेफ के माल से भारी थी, उसमे लंड डाला और एक झटके में पेल दिया.
शिखा ने अपने होंठ दांतो से दबाए. मैने फुल स्पीड में छोड़ना शुरू किया. शिखा बस होंठो को दांतो से दबाए और अपना चेहरा इधर-उधर घुमा कर अपने रिक्षन दे रही थी. 10 मिनिट में मैं झाड़ गया