नींद में लड़के के आंटी को चोदने की कहानी

नीता को रोहित ने मेरे सामने ही छोड़ा था. फिर रोहित अपने रूम में रेस्ट करने चला गया. मैने रूम लॉक किया, और लाइट ओं कर दी. नीता बेड पर एक-दूं नंगी लेती हुई थी. खुद को नंगी देख कर उसको शरम आई तो उसने तकिया आयेज कर लिया.

मिताली: कैसे लगा बॉय?

नीता: ऑश मी गोद मिताली, यार आज तक ऐसे कभी नही चूड़ी मैं तो. यार चुड़वते हुए भी तक गयी. बुत वो बॉय बिल्कुल भी नही तका. बहुत मेहनत की उसने यार.

मिताली: ऑश मज़ा आया या नही?

नीता: 3-4 बार आया यार. बेटा बन कर खूब चुदाई की उसने. यार सब को ऐसा ही बेटा मिलना चाहिए.

मिताली: ह्म, कुछ बुरा तो नही लगा?

नीता: सच बोलू तो बेटा बोल कर छुड़वा रही थी, तो उस बॉय को तो मैने देखा नही था. तो ये इमॅजिन करने लगी की मेरा बेटा अभिषेक ही मुझे छोड़ रहा था. सच में बेटे के बारे में सोच कर बहुत अछा लगा.

मिताली: हा यार ये फीलिंग आती है. मुझे लगता है की रोहित उपर चढ़ गया है. बुत सच में बिटो से ये सब नही कर सकते. बेटा तो अपनी रेस्पेक्ट करता है.

नीता: ह्म, बुत यार मों बेटे की चुदाई होती मस्त है आज पता चला. सच में हब्बी की जगह बेटा ही मज़े दे तो बेटा ही ठीक रहेगा.

मिताली: एक बात है, हज़्बेंड उतना मज़ा नही देता जितना जवान बेटा देता है.

नीता: ऑश अभी तक मज़ा फील हो रहा है. यार बस इसी को सेट रखो. आज से अपने दोनो का यही बेटा है.

मिताली: यार ये स्टडी करता है. तो डेली तो नही छोड़ेगा अपने को. बुत है सेफ, और ठुकाई भी मस्त करता है.

नीता: यार ये बेटा तो रोज़ रात को मिले तो मज़ा आ जाए.

मिताली: श तेरे बूब खूब चूज़ है उसने. ये देख लाल हो रखे है. ये निशान देख.

नीता: ऑश कोई बात नही यार, कोई तो लाइफ में आया जो बूब्स की कदर करने वाला बना.

मिताली: यार तू च्छूपा क्यूँ रही है. अब तो दोनो साथ में ही बेटे की घोड़ियान बनेंगे.

मैने ऐसे बोल कर उसके बूब्स दबा दिए. फिर उसके लिप्स को किस कर दिया, तो उसको अछा लगा. मेरा एक हाथ उसकी गांद पर था.

नीता: अब तुम्हारा क्या इरादा है?

फिर हम दोनो हस्स पड़ी. रात काफ़ी हो गयी थी.

मिताली: चलो अब सो जाओ. बेटे का मूड बनेगा तो फिर आके छोड़ लेगा. अभी तो बहुत चूड़ी हो तुम.

नीता: हा यार पहली बार किसी ने पानी निकाला है ऐसे. चुड़वते-चुड़वते पहली बार ताकि हू. ज़्यादा देर तक घोड़ी बन रखी थी ना.

हम दोनो बात करते-करते सो गयी. सुबा करीब 4 बजे रोहित फिर रूम में आया. फिर उसने मेरे बूब्स दबाए तो मेरी आँख खुल गयी. उसने इशारा किया की नीता को छोड़नी है. उसने उसके बूब्स चूसने शुरू किए, और फिर छूट छोड़नी शुरू की. थोड़ी देर चुदाई के बाद नीता जाग गयी.

नीता की आ आ सुन कर पता चला की वो अभी आधी नींद में थी. थोड़ी देर बाद रोहित ने ज़ोर-ज़ोर से छोड़नी शुरू की तो नीता साथ देने लगी.

रोहित नीता के उपर लेता हुआ था. उसके गाल चूस्टे हुए शॉट मारे जेया रहा था. रूम में अभी अंधेरा था. रोहित ने नीचे हिरनी की तरह लेती हुई थी नीता. बस वो छूट में मज़े लेने के लिए नीचे लेती हुई थी.

नीता: ऑश यार, तूने तो नींद में ही मारनी शुरू कर दी बेटा.

मिताली: काफ़ी टाइम से चुड रही है तू. जाग अब आई है.

रोहित: ह्म आअहह मों.

नीता: ऑश मुझे तो तेरे ही सपने आ रहे थे, की तू तेरे पापा के रूम में मुझे उठा कर अपने रूम में ले आया. तू बहुत देर से पापा के सोने का वेट कर रहा था, और पापा के सोते ही मुझे अपने रूम में छोड़नी शुरू कर दी. ओह

मिताली: फिर क्या हुआ?

नीता: ऑश बस इसके पापा रूम में सोए रहे और बेटा मुझे पेलने लगा. मुझे बहुत मज़ा आने लगा. बेटा बोला की अब तू मेरी रंडी है. उसने छोड़ी और अब आँख खुली तो सपना सच हो गया. ऑश मी गोद यार हब्बी से च्छूप-च्छूप कर बेटे से छुड़वाने में बहुत मज़ा आता है.

मिताली: ह्म, हब्बी से च्छूप कर बेटे को डोगी तो मज़ा तो आएगा ही. जवान बेटे से जो सुख मिलता है वो घरवाले नही दे पाते.

नीता: उई माआ, ऑश बेटे अपनी मों के लिए तूने बहुत मेहनत की है. बेटे तेरी तो फन हो गयी मैं. ऊओ तेरा लंड भी मस्त है अभी तो और लंबा होगा.

नीता लगातार मरवा रही थी. मैं बेटे पर हाथ फेरने लगी तो पता चला बेटा अभी भी उपर लेट कर ही छोड़ रहा था.

मिताली: आज वाली पार्टी कैसी रही नीता डार्लिंग?

नीता: ऑश ये पार्टी तो कभी नही भूलूंगी. तुम दोनो नही होते तो मुझे इतना मज़ा कभी नही आता. मिताली यार ये बॉय कहा मिल गया था तुमको? ये तो हम दोनो को ही निहाल कर रहा है. ऑश इतनी कम आगे में क्या मस्त चूस्टा और छोड़ता है.

मिताली: मों के लिए ऐसा ही बेटा होना चाहिए.

नीता: सपने में देखा की मेरा बेटा अभी किचन में मेरे पीछे-पीछे घूम रहा था. फिर उसके रूम में गयी तो उसने वही पकड़ कर छोड़ी मुझे. फिर रात को हब्बी के सोने के बाद. ऑश यार, ऐसे सच में हो जाए तो क्या कहने.

मिताली: तू बस टेन्षन मत ले. ये भी हो जाएगा. तेरा बेटा हो या मेरा, दोनो ही आचे है. उनको भी एक मौका देना चाहिए.

नीता: ऑश अब तो मैं चुड़े बिना नही रह सकती. तुम बस उनको कैसे भी पत्ता लो. रोहित से भी मुझे कोई प्राब्लम नही होगी. अभी भी चलेगा. बस वो हम दोनो के साथ सेट हो जाए.

रोहित ने नीता को घोड़ी बना लिया.

नीता: ऑश घोड़ी बन कर बहुत मज़ा आता है.

मैं नीता की पीठ पर हाथ फेरने लगी. रोहित ने उसकी कमर पकड़ कर छोड़नी शुरू कर दी.

नीता: ऑश यार इस पोज़िशन में बूब बहुत हिलते है. ऑश मज़ा भी बहुत आता है.

मैने उसके बूब्स पकड़े तो बूब्स बहुत हिल रहे थे.

मिताली: अर्रे यार ज़्यादा हीले तो बोल देना. बेटा बूब्स पकड़ कर छोड़ लेगा.

नीता: बेटे को सब पता है. सब इस्पे छ्चोढ़ दिया मैने. आहह ऊवू बेटे तेरी मों चुड रही है. ऑश जो काम तेरे बाप को करना चाहिए वो बेटा कर रहा है. लोवे योउ डार्लिंग.

मिताली: श, चुड़वते टाइम तू बहुत सेक्सी आवाज़ निकालती है नीता.

नीता: ऑश मुझे तो नही पता बस मज़ा आता है तो आवाज़ भी बदल जाती होगी. चुड़वते टाइम खुल कर बोलने से मज़ा बहुत आता है. चुदाई की फीलिंग तभी आती है जब कोई रोक-टोक ना हो.

रोहित ने उसके बूब्स पकड़ कर छोड़नी शुरू की. लंड छूट को पेल रहा था. लगातार आवाज़ आ रही थी. रोहित और नीता दोनो एक-दूसरे के मज़े ले रहे थे.

नीता: उउउईए चुड गयी यार छूट मेरी. ऑश बेटा आहह तेरी मम्मी चुड गयी यार. श कम मी सोन, योउ अरे रियली मों फकर. फक मे बेबी फक युवर बिच. श, छोड़ तेरी मा की छूट. छोड़ ले मेरे शेर, छोड़ छोड़ मेरे राजा.

रोहित: ओह साली कुटिया.

नीता: आआहह तेरे बाप को पता नही चलना चाहिए. तू मेरा शेर है. श, मॅर गयी यार.

रोहित ज़ोर-ज़ोर से नीता को छोड़ रहा था. नीता की गांद पर शॉट मारने से फटत-फटत फाटाक की आवाज़ आ रही थी.

नीता की सेक्सी आवाज़ से पता चल गया की नीता बस झड़ने वाली थी. थोड़ी ही देर में नीता एक-दूं चुप हो गयी.

रोहित ने भी थोड़ी ही देर में नीता की छूट में पानी छ्चोढ़ दिया. फिर रोहित ने मुझे पकड़ा और किस किया. फिर धीरे से बोला-

रोहित: थॅंक्स यार.

नीता को छोड़ कर फिर वो बाहर चला गया. मैने थोड़ी देर बाद लाइट जलाई, तो नीता बेड पर एक-दूं नंगी लेती हुई थी. उसके फेस पर चुदाई की खुशी सॉफ दिख रही थी. फिर वो मेरी तरफ देख कर बोली.

नीता: पानी दो यार. ये बेटा तो बहुत बड़ा फकर है. इसका फेस दिखाओ यार. मुझे अब कोई शर्म नही. बस इसकी मों बन कर ही रहूंगी.

नीता एक ही साँस में पानी पी गयी. फिर थोड़ी देर आराम करते हुए बोली.

नीता: श मिताली, इतनी ज़ोर से कभी नि चूड़ी यार. आज पता चला की रियल चुदाई क्या होती है.

मिताली: ह्म.

नीता: वो बॉय का नाम तो बताओ यार. जब मों बोल कर छोड़ा तो लगा सच में मेरा बेटा ही उपर चढ़ कर मुझे छोड़ रहा है.

मिताली: वो बॉय तो चला गया. उसको रूम पर जाना था. बुत तेरे लिए ये बॉय ही फिक्स कर देती हू.

नीता: ऑश यार, एक बार देख लेती तो. यार किस करने का मूड था उसको. बहुत मेहनत की है उसने. यार अब तो खुद का बेटा भी हब्बी नज़र आएगा मुझे.

मिताली: कोई बात नही उसको भी ट्राइ कर लेना.

थोड़ी देर बाद सुबा होने वाली थी. नीता वॉशरूम चली गयी और अपनी ड्रेस पहन कर तैयार हो गयी. मैं छाई ले आई. हम दोनो ने छाई पी ली. नीता आराम से बैठी हुई थी, और अपने लंबे बाल सेट कर रही थी.

मिताली: उसने तेरे बूब चूज़ थे तो तोड़ा ध्यान रखना. किसी को बीते दिखा मत देना.

नीता: नही यार. हब्बी तो देखता भी नही. कोई दर्र वाली बात नही. बाहर से तो नही दिख रहे. अब तू देख कर बता. कही से चूड़ी हुई तो नही लग रही?

हम डॉनी हासणे लगी. नीता को थोड़ी देर बाद मैं घर छ्चोढ़ आई. जो भी हाउसवाइफ अपना एक्सपीरियेन्स शेर करना चाहे, तो ज़रूर मैल करे.

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