हेलो दोस्तों, मेरा नाम विराज है. मेरी आगे 23 है, और इस साइट पर ये मेरी पहली स्टोरी है. होप आपको पसंद आएगी. अपने बारे में बतौ तो मैं देल्ही से हू, और मैं और मेरा दोनो 5.8 है. मैं रेग्युलर जिम करता हू जिसकी वजह से मेरी बॉडी बिल्कुल फिट है.
अपनी पहचान को गुप्त रखते हुए सीधा कहानी पर आता हू. ये कहानी तब की है, जब मैं नॉइदा में जॉब करता था. आक्च्युयली वो मेरी पहली जॉब थी, और मेरी आगे उस टाइम (19) थी. मेरे दोस्त ने मुझे जॉब का रेफरेन्स दिया था, तो मैने इंटरव्यू क्लियर किया और ह्र ने मुझे नेक्स्ट दे जॉब पे आने के लिए बोले दिया.
नेक्स्ट दे मैने अपनी बिके ली, और मैं अपनी न्यू जॉब के लिए निकल गया. क्यूंकी मेरा फर्स्ट दे था, तो मैं अपनी न्यू जॉब के लिए बहुत एग्ज़ाइटेड था.
फर्स्ट दे मुझे एंप्लायी ईद कार्ड मिला, और मुझे वर्क से रिलेटेड सारी जानकारी दी गयी, और कंप्यूटर पर बिता दिया. मेरा वर्क दाता वॅलिडेशन का था.
मुझे एक्स्सेल में दाता प्रवाइड होता था. उसमे करेक्षन और बाकी सब काम होता था. मेरी डेस्क के रिघ्त में मुझे वाहा एक लड़की दिखी जो मेरी तरफ ही बार-बार देख रही थी. पर पता नही क्यूँ पास आ कर कुछ बोल नही रही थी. मुझे लगा कोई एंप्लायी होगी, और शायद क्यूंकी मेरी न्यू जाय्निंग थी, तो इसलिए देख रही होगी. तो मैने नज़र अंदाज़ कर दिया.
कुछ देर बाद ह्र वाहा आती है, जिसका नाम शोभा (नामे चेंज्ड) था. उसने मुझसे पूछा.
शोभा: विराज तुम्हे काम सब समझा दिया ना क्या करना है, कैसे करना है?
मे: जी माँ, मुझे ट्रैनिंग मिल गयी है, और काम भी समझ आ गया है.
शोभा: गुड, कोई प्राब्लम हो तो तुम सिमरन से पूच लेना.
मे: सिमरन, कों?
शोभा: क्यूँ, तुम मिले नही सिमरन से?
और फिर उसने सिमरन को आवाज़ दी.
शोभा: सिमरन इधर आना.
सिमरन आई और शोभा (ह्र) ने मुझे समझाया: ये तुम्हारी सीनियर है और तुम्हे सिमरन के अंडर वर्क करना है, जो ये बोले वही करना है. सिमरन तुम्हे बाकी का काम समझा देगी.
और फिर वो वाहा से जाने लगी.
जाते-जाते उसने मेरे कान में कहा: अगर कोई प्राब्लम हो तो मैं मेरे कॅबिन में मिलूंगी.
तभी वाहा खड़ी सिमरन मेरी तरफ देख रही थी, और मेरी उस पर नज़र गयी. वो वही थी, जो मुझे डोर से खड़ी बार-बार देख रही थी. मैने अब उसकी तरफ ध्यान से देखा तो देखता ही रह गया. उसकी आँखों में देखने से ऐसा लगा की जैसे खा जाना चाहती है मुझे. उसका फिगर बहुत कातिलाना था, 32-28-32 के लगभग होगा, जैसा मुझे पहली नज़र में लगा.
उसने टाइट जीन और उपर सूट पहन रखा था. मैने सिमरन से कहा-
मे: माँ बताइए मुझे क्या करना है?
सिमरन: अभी क्या कर रहे हो?
मे: अभी तो जो (ह्र) माँ ने समझाया था बस उसे ही चेक कर रहा हू.
सिमरन: ओक, मैं तुमको मैल कर रही हू, और तुम मुझे करेक्षन करके सेंड कर देना. कब तक कर दोगे?
मे: माँ कितनी शीट्स है?
सिमरन: फिलहाल तो 3 शीट्स पेंडिंग है?
मे: ओक मैं लंच तक कंप्लीट कर दूँगा.
सिमरन: इतना जल्दी कैसे करोगे, बाकी लोग तो पूरा दिन लगा देते है? तुम्हारे हाथो में क्या मोटर फिट है?
मे: ऐसा ही समझ लो आप.
सिमरन ने एक स्माइल दी, और फिर जाने लगी.
जाते जाते उसने कहा: मुझे सिमरन बोलो, माँ नही.
मैने ओक बोला, और वो वाहा से चली गयी. जब मेरे पास उनकी मैल आई तो मैने दाता चेक किया. बहुत ज़्यादा बड़ा काम नही था, तो मैने सीरीयस हो कर काम शुरू किया, और लंच तक कंप्लीट भी कर दिया. वैसे मेरी टाइपिंग स्पीड अची थी, तो मैने लंच में काम ख़तम करके माँ (सिमरन) को मैल कर दी. फिर मैं लंच करने के लिए नीचे गया.
आक्च्युयली मेरा फर्स्ट दे था तो मैं घर से लंच लेकर नही गया. मुझे तोड़ा सा अजीब लगा तो मैने सोचा पहले वाहा कंफर्टबल हो जौ, तब ले जौंगा. क्या पता वाहा लोग कहा और कैसे खाते होंगे. मुझे अंजान लोगों के सामने लंच करना तोड़ा कंफर्टबल नही लगता इसलिए.
मैं ऑफीस से बाहर निकला, तो आस-पास देखने लगा की कुछ खाने-पीने की चीज़ मिल जाए वेग-बिरयानी, वेग-ताली जैसा कुछ. पर उस जगह आस-पास कुछ ऐसा नही था, बस कंपनीज़ ही थी रोड के दोनो साइड. मुझे लगा आज भूखा ही रहना पड़ेगा लगता है.
फिर मैं अपनी डेस्क पर वापस आ गया, तो मैने देखा की मेरी डेस्क पर सिमरन बैठी थी. उसने मुझे आता हुआ देखा तो साइड वाली चेर पे बैठने का इशारा किया. मैं साइड वाली चेर पर बैठ गया और अपनी बॉटल से पानी पीने लगा. मुझे काफ़ी प्यास लगी थी तो पूरी बॉटल पी गया. सिमरन अपना लंच बॉक्स खोल रही थी, और मुझे मेरे बाग की तरफ इशारा किया.
मे: क्या?
सिमरन: अपना लंच बॉक्स निकालो.
मे: वो मैं आज घर से लंच नही लाया.
सिमरन: क्यूँ, तुम्हे भूख नही लगती? तभी इतने कमज़ोर दिखते हो.
मे: क्या सच में इतना कमज़ोर दिखता हू?
और मेरा मूह उतार गया.
सिमरन: मज़ाक में बोला मैने. तुम तो बॉडीबिल्डर हो पुर.
और फिर मेरी तरफ देखने लगी, और पूछा-
सिमरन: लंच क्यूँ नही लाए?
मे: आज जल्दी-जल्दी के चक्कर में लंच बॉक्स रखना ही भूल गया.
सिमरन: कोई नही, तुम मेरे साथ मेरे लंच से खा लो.
मे: अरे योउ शुवर?
सिमरन: हा-हा क्यूँ नही. वैसे भी मैं अकेले ही लंच करती हू. टीम के सारे लोग नीचे कॅफेटीरिया में जेया कर लंच करते है. वाहा बहुत भीड़ हो जाती है, मैं इसलिए यही अकेले लंच कर लेती हू.
और ये कह कर उसने अपना लंच मेरी तरफ पास किया. फिर हम दोनो ने एक साथ लंच करने लगे. उसने मेरे बारे में पूछा की मैं कहा रहता हू और बाकी सब. अभी तक हमारी कॉन्वर्सेशन बहुत नॉर्मल चल रही थी. मैं उसके लंच बॉक्स से रोटी ले रहा था, और मेरा हाथ उसके हाथ से टच हुए तो उसने मेरी तरफ बहुत अलग नज़र से देखा. मैने उसे सॉरी बोला, तो उसने बोला कोई बात नही, लो खाओ.
लंच खाने के बाद कुछ टाइम बचा था लंच पीरियड ख़तम होने में. तो मैं भी उसके बारे में पूछने लगा. उसके बताया की वो वही पास में रहती थी. उसका घर (होमे टाउन) उत्तराखंड था, और वो यहा एक रूम रेंट पे लेकर रह रही थी, और इस कंपनी में 2 साल से थी.
जब इतनी बात हुई मैने पूछा: सिमरन आप मॅरीड हो?
उसने पूछा: क्या लगता है मुझे देख कर?
मैने कहा: आप सिंगल हो मतलब?
उसने ह्म कहा. लंच ओवर हो गया और हम दोबारा काम करने लगे, क्यूंकी मेरा फर्स्ट दे था तो मैं कुछ ज़्यादा ही काम में ध्यान दे रहा था. मुझे पता ही नही मेरी लाइन में जो एंप्लायी बैठे थे, वो जेया चुके थे, और सामने से सिमरन ने आ कर बोला-
सिमरन: तुमने बताया नही आज यही सोने वाले हो.
मैने कहा: अर्रे नही, मुझे पता ही नही चला सारे लोग कब चले गये.
उसने कहा: क्यूँ ऐसा क्या देख रहे थे, जो तुम्हे होश ही नही? मैने मज़ाक में बोल दिया: आपको देख रहा था.
वो हासणे लगी, और फिर बोली: चलो अब वरना ऑफीस बंद हो जाएगा, और यही रह जाओगे.
फिर हम दोनो साथ में नीचे आए. मैं पार्किंग साइड चला गया, जहा मेरी बिके खड़ी थी, और वो मैं गाते की तरफ चली गयी. मैं बिके लेकर मैं गाते से बाहर निकला तो मैने देखा सिमरन रोड के दूसरी तरफ अकेली खड़ी थी. शायद ऑटो की वेट कर रही होगी. मैं वाहा से चला गया.
तोड़ा डोर जेया कर मुझे याद आया की मुझे तो अपनी कंपनी का नाम ही याद नही था. कल भूल गया तो? ये सोच कर, फिर वापस आ कर मैं गाते पे कंपनी के नाम और अड्रेस की एक फोटो अपने फोन में ली. मेरी नज़र रोड की दूसरी साइड गयी तो सिमरन अभी भी वही खड़ी थी, और रोड अब बिल्कुल सुनसान हो चुकी थी.
मैं बिके घुमा कर रोड के दूसरी साइड गया, और उसके पास जेया कर बिके रोकी. वो मुझे देख कर चौंक गयी. शायद घबरा गयी. मैने हेलमट उतरा, उसने मुझे देखा, और सर पर धीरे से एक मारा, और बोली-
सिमरन: दर्रा क्यूँ रहे हो मुझे?
मैने पूछा: आप गयी नही, किसी का वेट कर रही हो?
उसने कहा: हा यार ऑटो वाला कोई आ ही नही रहा.
मैने बताया: मैं रोड से पोलीस वालो ने इधर का रास्ता ऑटो वालो के लिए बंद किया हुआ है. शायद कोई बात हो गयी होगी.
वो परेशन हो गयी और दूसरी साइड चली गयी. मैने मिरर में देखा वो सीधा चलती जेया रही थी. फिर मैने उसे आवाज़ मारी-
मे: सिमरन.
वो रुकी.
मैं बिके उसके पास ले कर गया और बोला: आओ बैठो.
उसने माना किया: नही तुम क्यूँ परेशन हो रहे हो? मैं चली जौंगी. 15 मिनिट का ही रास्ता है.
मैने कहा: कोई बात नही तुम बैठो.
मेरे फोर्स करने पे वो बैठ गयी.
मैने बोला: मुझे रास्ता बताती रहना.
उसने ओक बोला और हम चल दिए बिके से. उसके घर जाने में 10 मिनिट लगे, और मैने उसे ड्रॉप किया, और वो जाने लगी. जाते-जाते उसने थॅंक्स बोला.
मैने बोला: कल लंच तोड़ा ज़्यादा लेके आना.
उसने स्माइल दी और चली गयी. उसके जाने के बाद मैने उसका घर ध्यान से देखा. 3 फ्लोर का बहुत बड़ा घर था. वो 2न्ड फ्लोर पे रहती थी. फिर मैं वाहा से चला गया. फिर मैं अपने घर पहुँचा, और रात को डिन्नर करने के बाद सोने के लिए अपने रूम में चला गया. मैने अपना फोन चार्जिंग से निकाला, तो एक अननोन नंबर से टेक्स्ट मेसेज आया हुआ था.
उसमे लिखा था: कल लंच में क्या खाओगे?
मैं साँझ गया की ग़मे स्टार्ट हो गयी थी. वैसे मैं बहुत ही शरीफ हू, पर मौके पर चौका लगान जानता हू.
मैने लिखा: जो आप लाओगी वही ख़ौँगा.
उसने लिखा: ह्म, पर क्या?
मैने लिखे: इतना तो वाइफ नही पूछती जितना आप पूच रहे हो? उसने स्माइल वाली एमोजी भेजी.
मैने लिखा: मुझे राजमा चावल बहुत पसंद है.
उसने फिर स्माइल वाली एमोजी भेजी, और इतनी बात करके मैं सो गया.
थॅंक्स दोस्तों जीतने लोगों ने लास्ट तक मेरी स्टोरी पढ़ी. दोस्तों होप आपको मेरी स्टोरी पढ़ कर कुछ मज़ा आया होगा. नेक्स्ट पार्ट मैं लिख रहा हू, जल्दी उपलोआड करूँगा.