दोस्त की नौकरानी रूपा की चुदाई

ही, मेरा नाम अर्जुन है और मेरी उमर 23 साल है. मैं अभी कुँवारा हूँ और मैं दिखने मे काफ़ी हॅंडसम हूँ. मुझे लड़कियो को चोदने मे बहोत ज़्यादा मज़ा आता है और यही सचाई है की आज मैं आपके लिए अपनी एक साची और बहोत अछी कहानी ले कर आया हूँ.

पर कहानी से पहले मैं आप सब का हाल पूछना चाहता हूँ क्योकि मुझे बहोत समये हो गया है. वैसे मैं इतना तो जनता ही हूँ की आप मुझे बहोत याद करते होंगे और लंड और चूत तो अपना पानी निकालने के लिए मेरी कहानियो का बेसब्री से इंतेज़ार करते होंगे.

चलो अब मैं आपका समये बिना गवाए आपको सबको अपनी कहानी पर ले कर चलता हूँ.

मेरा नाम तो आप जान ही चुके हो और अब मैं आपको बता दूँ की मैं देल्ही मे रहता हूँ और मेरा कंप्यूटर का खुद का बिज़्नेस है. मैं कंप्यूटर की मार्केटिंग करता हूँ और रेपेरिंग का भी काम करता हूँ.

एक दिन मैं अपनी शॉप पर ही था और तभी मुझे अपने दोस्त का फोन आया और उसने मुझसे कहा की उसका कंप्यूटर खराब हो गया है तो ठीक करने के लिए आजा. तब मैं उसकी बात सुन कर उसके घर की और चल पड़ा.

थोड़ी ही देर बाद मैं उसके घर पहुँच गया और जब अंदर गया तो मैने देखा की वो अकेला ही था. उसके अकेले होने पर मैने उससे पूछा तो उसने मुझे बताया की उसकी बेहेन तो अपनी फ्रेंड साथ घूमने छुट्टियो पर गई हुई है. और मम्मी अपने भाई के घर गयी हुई है.

ये सुन कर मैं कंप्यूटर को ठीक करने लग गया और हम दोनो आचे से बड़ी मस्ती करने लग गये और साथ साथ बाते भी मरने लग गये. मुझे उसके कंप्यूटर को ठीक करने मे कम से कम 3 घंटे लगने थे तो तभी मेरा दोस्त बोला की मुझे मम्मी को लेने जाना पड़ेगा.

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मैं उसकी बात सुन कर बोला की कब तक आएगा तो वो बोला की टाइम लग जाएगा और जब तेरा काम ख़तम हो जाए तो लॉक लगा कर चाबी साथ ही ले जाना. अभी उसने इतना कहा ही था की तभी उनके घर उनकी नोकारानी आ गई.

वो दिखने मे ग़रीब परिवार की थी और उनर उसकी लग भाग 19 या 20 साल की थी पर उसका फिगर बहोत ही कमाल का था. जेसे ही वो मेरे सामने आई तो मैं तो उसका फिगर देखता ही रह गया और तब मेरे मान मे उसको चोदने के ख्याल आने लग गये.

थोड़ी ही देर बाद मेरा दोस्त चला गया तो घर पर सिर्फ़ मैं और वो नोकारानी थी जिसका नाम रूपा था. मैं अपने काम मे लगा हुआ था और वो अपने काम मे लगी हुई थी पर मेरा मान उसको चोदने का कर रहा था. मेरा ध्यान कंप्यूटर की जगह उस पर था और मोके की तलाश मे था.

तभी वो मेरे कमरे मे आई और मैने उससे चाय बनाने को कहा और ये भी कह दिया की खुद की भी बना लो तो वो मेरी बात सुन कर वाहा से चली गई. फिर करीब 5 मिनिट बाद वो आई और फिर चाय भी साथ ले आई.

मैने उसके हाथ से चाय का कप लिया और पीने लग गया. तब मैने उससे कहा की चाय मे मीठा कम है तो मैने उसे टेस्ट करने को कहा तो वो बोली की ठीक है. तो अब मैं फिर से पीने लग गया और फिर ख़तम कर दी.

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वो मेरे कमरे से जाने ही लगी थी की तभी मैने उसे रोका और दरवाजा बंद करके कुण्डी लगा दी. और फिर उसकी सलवार खोलकर उसकी चूत पर जीब रख डाली. वो मेरे यह सब करने से घबरा गई और मुझे पीछे करने लग गई और ज़ोर ज़ोर्से चिल्लाने लग गई पर उसके चिल्लाने का कोई फायदा नही हुआ क्योकि उसकी आवाज़ बाहर नही जा सकती थी.

फिर मैने उसकी चूत मे जीब डाल दिया जिससे वो अब शांत हो गई और सिसकारिया भरने लग गई. अब मैने कोई देर ना करते हुए उसे बिस्तर पर लेटया और उसके सारे कपड़े उतार डाले और खुद भी नंगा हो गया.

रूपा के नंगे होते ही मैने उसके बूब्स को मूह मे भर लिया और खूब आछे से चूसने लग गया. मुझे ऐसे करने मे बहोत मज़ा आरहा था. और फिर मैने उसके उपर 69 की पोज़िशन ली और उसे लंड को चूसने को कहा. पर वो मुझे माना करने लग गयइ.

पर मैने उसके मूह मे ज़बरदस्ती लंड डाल दिया जिसको वो बाद मे चूसने लग गयइ और फिर मैने उसकी चूत को अपनी जीब से आछे चाटना शुरू कर दिया. मैं ये करी जा रा था और वो अब आछे से गरम हुई जा रही थी.

अब जब इतनी देर तक चूसने के बाद मैने लंड को उसके मूह से निकाला और उसकी चूत पर रख कर पहले तो रगड़ने लग गया. फिर मैने कोई परवाह ना करते हुए उसकी चूत मे ज़ोर से लंड दे डाला.

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