जवान नौकर से चूड़ी शादी-शुदा औरत की स्टोरी

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम गीता है. मैं पुणे में रहती हू, और एक अमीर घर की बहू हू. मेरी उमर 32 साल है, और मेरा फिगर 38-30-40 है. रंग मेरा दूध जैसा गोरा है, और नैन-नक्श कामुक है.

अब मैं अपनी फॅमिली के बारे में बताती हू. मेरी फॅमिली में, मैं, मेरे हज़्बेंड, और ससुर है. मेरी सास का स्वरगवस हो चुका है. इनके अलावा एक देवर-देवरानी भी थे, जो सेपरेट हो चुके है. मेरा एक बेटा है, जो 3 साल का है.

ये कहानी 6 महीने पहले की है. मेरी शादी को 6 साल हो गये थे, और शुरू-शुरू के कुछ महीने छ्चोढ़ कर मुझे चुदाई में संतुष्टि नही मिली थी. इतने सालों से मैं तड़प रही थी, और मेरे अंदर का रस्स बाहर आना चाहता था.

फिर मुझे चरम-सुख पाने का मौका मिल गया. हमारे घर में एक देवी नाम की औरत काफ़ी वक़्त से काम कर रही थी. वो कोई 42-43 साल की थी. 6 महीने पहले उसकी तबीयत खराब हो गयी. थोड़े दिन मेडिसिन लेने के बाद भी जब वो ठीक नही हुई, तो उसने गाओं जाने का डिसाइड किया.

अब दिक्कत ये थी की हमारे घर का काम कों करेगा. उसने गाओं जाके अपने बेटे को हमारे घर भेज दिया. उसका बेटा 19 साल का जवान लड़का था. उसकी हाइट 5’11” थी, और रंग सावला था. देखने में पूरा मर्द लगता था, लेकिन था एक-दूं भोला-भला. नाम उसका कमाल था.

जब मैने उसको पहली बार देखा, तो मुझे कुछ-कुछ होने लगा. शायद मेरी छूट मुझे कुछ कहने की कोशिश कर रही थी. लेकिन मैं अपनी छूट की पुकार को समझ नही पाई. फिर कुछ दिन ऐसे ही निकल गये.

कुछ दीनो बाद कुछ ऐसा हुआ, जिसने सब कुछ बदल कर रख दिया. हमारे घर में 3 फ्लोर है. ग्राउंड फ्लोर पर गाड़ियाँ खड़ी होती है, और उसके साथ ही नौकर का रूम है. बातरूम आंड टाय्लेट अलग से है. फर्स्ट फ्लोर पर मैं रहती हू, जहा 3 रूम्स, हॉल, किचन, और बातरूम है. टॉप फ्लोर पर देवर-देवरानी रहते थे, तो वो अब खाली है.

तो हुआ यू, की मेरे बातरूम में पानी नही आ रहा था. मैने काफ़ी ट्राइ किया, लेकिन पानी नही आया. फिर मैने सोचा क्यूँ ना नीचे जाके नहा लिया जाए. ये सोच कर मैने कपड़े लिए, और नीचे वाले बातरूम में नहाने चल पड़ी.

नीचे पहुँच के मैने जैसे ही बातरूम का दरवाज़ा खोला, तो कमाल अंदर नहा रहा था. वो दूसरी तरफ मूह करके खड़ा था, और शवर चल रहा था. पूरा नंगा था वो, और उसको ऐसे देख कर मेरे बदन में करेंट दौड़ने लगा.

पहले मैने सोचा दरवाज़ा बंद करके वापस चली जौ. लेकिन फिर मेरा उसका लंड देखने का मॅन होने लगा, तो मैं वही खड़ी रही. अगले 1 मिनिट में वो घूमा, और उसका साँप जैसा लंड मेरे सामने था. उसका लंड पूरा खड़ा था, और कम से कम 8 इंच का लग रहा था.

उसके काले चॉक्लेट जैसे लंड को देख कर मेरे मूह में पानी आ गया. दिल कर रहा था की उसी वक़्त अंदर जाके उसका लंड मूह में डाल लू. लेकिन मैं सीधे-सीधे ऐसा कर नही सकती थी, क्यूंकी कमाल बहुत शरीफ और भोला था. अब मुझे उससे चूड़ने का प्लान बनाना था.

2 दिन बाद दोपहर के वक़्त मैने कमाल को अपने कमरे में बुलाया. दोपहर में हमारे घर में कोई नही होता है. जब वो आया तो मैं स्टूल पर चढ़ि हुई थी, और आल्मिराह के उपर से कुछ उतारने का ड्रामा कर रही थी.

मैने लेगैंग्स और त-शर्ट पहनी हुई थी ब्लॅक कलर की जिसमे मैं बहुत सेक्सी लग रही थी. जब कमाल आया तो मैने उसको कहा-

मैं: कमाल ये उपर से उतार नही रहा, तो क्या तुम मुझे उठा कर मेरी हेल्प कर दोगे?

कमाल: मालकिन मैं उतार देता हू. मेरी हाइट आपसे ज़्यादा है.

मैं: नही, ये मेरा प्राइवेट समान है. तुमसे नही उतरवा सकती. मैं ही उतरुँगी. तुम बताओ उठा लोगे के नही?

कमाल: उठा लूँगा मालकिन.

फिर उसने मेरी जांघें पकड़ ली, और मुझे उठाने लगा. अब उसका मूह मेरी छूट के बिल्कुल पास था, और वो मेरी खुश्बू महसूस कर सकता था. मैने जब नीचे देखा, तो उसने मूह साइड में कर रखा था.

फिर मैने जान-बूझ कर आल्मिराह के सहारे खुद को धक्का दिया. उससे मैं और वो दोनो मेरे बिस्तर पर गिर गये. अब वो बेड पर सीधा लेता था, और मैं उसके उपर थी. मेरे होंठ उसके होंठ के करीब थे. मेरे बूब्स उसकी छाती पर दबे हुए थे, और मेरी जांघें उसकी जांघों पर थी.

हम दोनो की साँसे टकरा रही थी. कमाल और मैं एक-दूसरे की आँखों में देख रहे थे. मुझे उसका लंड खड़ा होता हुआ अपनी जांघों पर महसूस हो रहा था. मुझे लगा यही सही वक़्त था. और मैने अपने होंठो को उसके होंठो के साथ चिपका दिया, और उसके होंठ चूसने लगी.

कुछ सेकेंड्स तो उसने कोई रेस्पॉन्स नही दिया. लेकिन फिर मेरा साथ देने लगा. बहुत मज़ा आ रहा था. एक जवान मर्द की किस में जो दूं होता है, उसको हर सेक्स की भूखी औरत समझ सकती है. 5 मिनिट की किस के बाद मैने उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए. अगले ही पल वो बिल्कुल नंगा था मेरे सामने.

उसका बड़ा मोटा लंड देखते ही मैं झपट पड़ी, और उसको मूह में डाल लिया. अब मैं ज़ोर-ज़ोर से उसका लंड चूस रही थी, और वो आ आ कर रहा था. 5 मिनिट बाद अचानक से वाइल्ड हो गया, और मेरे मूह में धक्के देने लगा.

वो अपना पूरा लंड मेरे मूह में गले तक घुसा रहा था. फिर उसने मुझे नीचे किया, और मेरे उपर आ गया. मैने झट से अपनी त-शर्ट उतार दी, और अपनी क्लीवेज में उसका मूह डाल लिया. वो पागलों की तरह मेरी क्लीवेज चाटने लगा.

फिर मैने अपनी ब्रा निकाल दी, और उससे अपने बूब्स चुसवाने लग गयी. वो ज़ोर-ज़ोर से खींच कर मेरे निपल्स चूस रहा था. इतने वक़्त बाद निपल्स चुस्वा कर मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.

फिर वो खुद ही मेरा जिस्म चाट-ते हुए नीचे गया, और मेरी लेगैंग्स और पनटी उतार दी. मेरी सेक्सी छूट देख कर उसके मूह में पानी आने लगा. उसने अपना मूह मेरी जांघों में डाला, और मेरी छूट चाटने लगा.

इतना सुकून मिल रहा था मुझे की मैं बता नही सकती. कुछ देर छूट चटवाने के बाद मैने उसको छोड़ने को कहा. फिर वो मेरी जांघों के बीच आया, और अपना लंड फाटाक से मेरी छूट में घुसा दिया. इतने बड़े लंड से मेरी जान निकल गयी.

मुझे दर्द में देख कर जब वो लंड बाहर निकालने को हुआ, तो मैने उसको माना कर दिया. फिर वो लंड अंदर-बाहर करने लगा. मुझे दर्द भरा मज़ा आ रहा था. कुछ देर में मेरा दर्द कम हुआ, तो मैने उसकी गांद पर हाथ रख कर उसको तेज़ी से छोड़ने को कहा.

फिर वो मुझे घोड़े की रफ़्तार से छोड़ने लगा, और मैं आ आ करती रही. 20 मिनिट चली हमारी इस चुदाई में उसने मुझे स्वर्ग दिखा दिया, और अपना माल मेरे अंदर ही निकाल दिया.

दोस्तों कैसी लगी आपको मेरी कहानी कॉमेंट करके ज़रूर बताना.

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